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इसलिए दादी-नानी के जमाने से चले आ रहे घरेलू नुस्खों और इलाजों का सहारा लेना सुरक्षित है। रसोई घर में रखी कई चीजें जैसे मसाले, खाद्यान्न, फल-सब्जी, शहद, घी-तेल आदि औषधि का काम भी करते हैं। अतः रसोई घर को 'औषधि का भंडार' कहना गलत नहीं होगा।
पेट दर्द- अजवायन, सौंफ और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं। आराम मिलेगा। पेटदर्द गायब हो जाएगा।
सिर दर्द- एक कप दूध में पिसी इलायची डालकर पीने से सिरदर्द ठीक हो जाएगा।
दांत दर्द- एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर लगाने या हलके-हलके मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।
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माइग्रेन- रात में सोने से पहले नाक में गाय के दूध से बने घी की दो-दो बूंदें डालें। इसके अलावा सिर पर गाय के घी की मालिश हलके हाथ से करें।
कब्ज- आंवले का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम गरम पानी के साथ फांक लें। इसके अलावा कच्चे टमाटर खाएं। संतरे का रस प्रतिदिन पिएं। पिसी हुई अजवायन और सौंफ का मिश्रण भोजन के बाद खाएं। रात को सोते समय गुनगुना पानी पीकर सोएं। सुबह उठकर तांबे के पात्र में रातभर से रखा पानी ही पिएं, लाभ मिलेगा।
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