7 November 2011

नहाने के बाद बोलें यह सरस्वती मंत्र..दिमाग चलेगा कम्प्यूटर से भी तेज

शक्ति, धन के साथ विद्या व बुद्धि का बेहतर तालमेल सफलतम जीवन का सूत्र है। जगतजननी दुर्गा के तीन स्वरूपों महाकाली, महालक्ष्मी के संग महासरस्वती की आराधना शक्ति, पवित्रता, वैभव के साथ ज्ञान को जीवन में उतारने का ही संदेश देती है।

जगतजननी दुर्गा का ज्ञान स्वरूप महासरस्वती के रूप में पूजनीय है। महासरस्वती विद्या, ज्ञान, कला व वाणी की अधिष्ठात्री मानी गई है। यही कारण है कि आज के भाग-दौड़ भरे दौर में भी सफल, यशस्वी व प्रतिष्ठित जीवन की कामना पूरी करने के लिए मां सरस्वती का स्मरण बहुत जरूरी हो जाता है।

ज्ञान की कमी से मन व बुद्धि की कमजोरी आलस्य, कर्महीनता व दरिद्रता की ओर धकेलती है। वहीं वाणी व बुद्धि बल तन व धन की कमी को भी पाट देता है। देवी सरस्वती का ध्यान मन, बुद्धि को शक्ति प्रदान करता है। जिसके लिए नवमी, पंचमी, शुक्रवार के अलावा हर रोज स्नान के बाद देवी का शास्त्रों में बताए एक विशेष मंत्र से ध्यान ऐसी ही कामनासिद्धि करने वाला माना गया है।

जानते हैं यह देवी सरस्वती मंत्र व आसान विधि -

- देवी सरस्वती के स्मरण के बेहद आसान तरीकों में सुबह स्नान कर स्वच्छ सफेद वस्त्र पहने, देवी प्रतिमा पर सफेद फूल अर्पित करे, दीप व अगरबत्ती लगाकर नीचे लिखे का मंत्र का श्रद्धा से बुद्धि, यश व सफलता की कामना से स्मरण करें -

सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।

वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
अगर आपकी धर्म और उपासना से जुड़ी कोई जिज्ञासा हो या कोई जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल पर टिप्पणी के साथ नीचे कमेंट बाक्स के जरिए हमें भेजें।

इन शालग्राम शिलाओं को सिर्फ छूने से ही होता ये चमत्कार..!

आज देवउठनी एकादशी है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक यह जगतपालक भगवान विष्णु के शयन से जागने की शुभ घड़ी है। इसी तरह यह तिथि विष्णु स्वरूप शालग्राम व तुलसी विवाह का मंगलकारी अवसर भी है।

पुराण प्रसंग के मुताबिक शंखचूड़ जैसी दानवी शक्तियों से मुक्ति और जगत कल्याण के लिए ही भगवान विष्णु को शालग्राम शिला का स्वरूप प्राप्त हुआ। यही नहीं दानव राज की पत्नी तुलसी ने श्री विष्णु कृपा के साथ देव वृक्ष तुलसी व गण्डकी नदी का रूप प्राप्त किया। इसलिए गण्डकी नदी और उसके आस-पास पाए जानी वाली शालग्राम शिलाएं बहुत ही पुण्यदायी मानी गई है। साथ ही विष्णु और तुलसी का किसी भी स्थान पर होना सुख-समृद्धि देने वाला माना जाता है।

नारायण स्वरूप यही शालग्राम शिलाएं इस पर बनने वाले चक्र के आधार पर विष्णु के अलग-अलग रूप व अवतारों के नाम वाली होती हैं, जो इतनी चमत्कारी भी मानी गई है कि इनकी पूजा ही नहीं बल्कि छूने मात्र से बड़े से बड़े पापों का अंत हो जाता है। जानते हैं कि ऐसी ही विलक्षण शालग्राम शिलाओं का स्वरूप कैसा होता है?

मत्स्य - कमल के आकार वाली शिला।

कूर्म - नीले रंग, तीन रेखा और बिन्दुओं से अंकित शिला।

ह्ययग्रीव शिला - जिस शिला पर पांच रेखाएं व अंकुश का आकार हो।

नृसिंह - जिस शिला के बीच गदा जैसी रेखा, नाभिचक्र और फैले हुए वक्षस्थल का आकार दिखाई दे।

वामन - छोटी और गोलाकार शिला।

वाराह - विषम आकार व बीच में दो चक्रों के चिन्ह वाली शिला।

कृष्ण - गोलाकार और पीछे की ओर का हिस्सा झुका हुआ हो।

दामोदर - नीले रंग व बीच में भी नीले रंग के च्रकवाली शिला।

अनन्तक - अनेक रंग, रूप व जिस पर नाग जैसे फण अंकित हो।

लक्ष्मीनारायण - दो चक्रों वाली शिला।

इसी प्रकार शंख, गदा, पद्म चिन्हों और चक्र अंकित शालग्राम शिलाएं विष्णु के अनेक नामों से जानी जाती है। जिनकी पूजा हर तरह से मंगल व कल्याण करने वाली मानी जाती है।

पानी पीने के इस तरीके को अपनाकर मोटापे से छुटकारा पाएं हमेशा के लिए

कहते हैं ज्यादा पानी पीने के ढेरों फायदें हैं। चिकित्सक भी ये मानते हैं कि ज्यादा पानी पीने से कई बीमारियां अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं। लेकिन पानी को अगर सही तरी के से और सही तरीके से पीया जाए तो आपको मोटापा कंट्रोल करने में भी अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। हमारे शरीर की आवश्यकता खाना खाने से पहले दो गिलास पानी पीने की आदत न सिर्फ आपके वजन को नियंत्रित करती है, बल्कि लंबे समय तक आपको फिट बनाने के लिए भी कारगर है। एक शोध के अनुसार जिन डाइटर्स ने कैलोरी काउंट के तहत आधार लेने पर ध्यान दिया उनके मुकाबले वैसे डाइटर्स का वजन तेजी से घटा, जिन्होंने खाने से पहले दो गिलास पानी पीने का फंडा अपनाया उनका वजन आसानी से घट गया। पानी वजन घटाने का सबसे सस्ता उपाय है। पानी को कैलोरी फ्री आहार भी माना जा सकता है। पानी कम मात्रा में पानी पीने से शरीर में वसा ऊर्जा के रूप में जलने के बजाय एकत्रित होनी शुरू हो जाती है।

इसका कारण है शरीर में मौजूद वसा का ऊर्जा में परिवर्तन आपके शरीर में मौजूद पानी की मात्रा पर निर्भर करता है। जितना अधिक पानी आप पीएंगे, उतनी ही अधिक वसा आप खर्च कर पाएंगे। वह के समय एक गिलास गुनगुने पानी में दो टीस्पून शहद डालकर पीने से वजन नियंत्रित रहता है। यदि इसमें एक टी स्पून नींबू का ताजा रस डाल दिया जाए तो कहना ही क्या। आप चाहे तो दिन में कई बार इसका सेवन कर सकती है।हर एक घंटे में एक गिलास पानी का सेवन आपके शरीर के लिए चमत्कार कर सकता है । यह आपको भूख का एहसास न कराते हुए कम खाने में आपकी मदद करता है । अधिक मात्रा में ग्रहण किया हुआ पानी शरीर से अवांछित अवशेषों को बाहर निकालता है और पाचन प्रक्रिया में अपना सहयोग देता है।

Feetured Post

ये है सनातन धर्म के संस्कार

  गर्व है हमें #सनातनी #अरुणा_जैन जी पर..अरुणा ने 25 लाख का इनाम ठुकरा दिया पर अंडा नही बनाया. ये सबक है उन लोगों के लिए जो अंडा और मांसाहा...