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28 January 2012
स्त्रियों के लक्षण
सनातन धर्म में स्त्री को शक्ति और लक्ष्मी स्वरूपा माना गया है। यही कारण है कि गृहस्थ जीवन की खुशहाली और बदहाली पुरूष ही नहीं स्त्री के श्रेष्ठ आचरण, व्यवहार और चरित्र पर भी निर्भर है। स्त्री परिवार की जिम्मेदारियों की बागडोर संभाल अपने तन के साथ मन और धन के संतुलन व प्रबंधन से शक्ति बन परिवार में खुशियां बनाए रखती है।
इसी तरह हिन्दू धर्म में भी देवी लक्ष्मी ऐश्वर्य, धन और सुख-समृद्धि देने वाली मानी जाती है और यह भी मान्यता है कि वह दरिद्रता पसंद नहीं करती। इसलिए शास्त्रों में भी सांसारिक नजरिए से विवाहित या अविवाहित लक्ष्मी स्वरूपा स्त्री के लिए स्वयं के साथ घर-परिवार को भी बदहाली से बचाने के लिए बोल, व्यवहार से जुड़ी कुछ बुरी बातों से दूर रहने की सीख दी गई है। जिसके लिए दरिद्र बनाने वाली ऐसी स्त्रियों के लक्षण भी उजागर किए गए हैं -
- जो स्त्री हमेशा पति के खिलाफ़ काम करे।
- पति को कटु बोल बोलती है।
- पति को तरह-तरह से दु:ख देती है।
- लज्जाहीन स्त्री, झकडालू, गुस्सैल
- चिढ़चिढ़ी और निर्मम
- पति का घर छोड़कर दूसरे के घर में रहना पसंद करे।
- बड़ों का अपमान करने वाली
- परपुरूष को पसंद करे।
- आलसी और अस्वच्छ रहने वाली
- वाचाल यानी ज्यादा बोलने वाली
- घर का सामान इधर-उधर फेंकने वाली
- अधिक सोने वाली
- घर को अस्त-व्यस्त रखने वाली
- अनजान लोगों से अनावश्यक बात करने वाली
Feetured Post
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