You’ll find inspiration, and good information and sometimes you come across new blog ideas that you could use yourself.
25 December 2012
हर नागरिक का फर्ज
एक बार चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस अपने कुछ शिष्यों के साथ एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। एक जगह वह अचानक रुक गए। यह देख शिष्य हैरत में पड़ गए। कन्फ्यूशियस बोले, 'कहीं कोई रो रहा है।'
इतना कह कर वह रोने की आवाज को लक्ष्य कर चल पड़े। शिष्य भी पीछे चले। कुछ दूर जाकर उन्होंने देखा कि एक स्त्री रो रही है। उन्होंने रोने का कारण पूछा तो स्त्री ने बताया कि इसी स्थान पर उसके पुत्र को एक चीते ने मार डाला। कन्फ्यूशियस ने कहा, 'पर तुम तो अकेली हो। तुम्हारे परिवार के और लोग कहां हैं?' स्त्री ने बताया, 'अब परिवार में है ही कौन। इसी पहाड़ी पर मेरे ससुर और पति को भी चीते ने फाड़ डाला था।' कन्फ्यूशियस ने आश्चर्य से कहा, 'तो तुम इस खतरनाक स्थान को छोड़ क्यों नहीं देती?' स्त्री बोली, 'इसलिए नहीं छोड़ती कि यहां कम से कम किसी अत्याचारी का तो शासन नहीं है। चीते का अंत तो हो ही जाएगा।'
कन्फ्यूशियस ने शिष्यों की ओर देख कर कहा, 'निश्चित रूप से यह स्त्री करुणा और सहानुभूति की पात्र है, लेकिन इसकी बात ने हम लोगों को एक महान सत्य प्रदान किया है। वह यह कि अत्याचारी शासक, एक चीते से अधिक भयंकर होता है। अत्याचारी शासन में रहने से अच्छा है कि किसी पहाड़ी अथवा जंगल में रह लिया जाए, मगर यह कोई समाधान नहीं है। जनता को चाहिए कि वह अत्याचारी शासन का समुचित विरोध करे और सत्ताधारी को सुधरने के लिए विवश करे। इसे हर नागरिक अपना फर्ज समझे।'
Feetured Post
ये है सनातन धर्म के संस्कार
गर्व है हमें #सनातनी #अरुणा_जैन जी पर..अरुणा ने 25 लाख का इनाम ठुकरा दिया पर अंडा नही बनाया. ये सबक है उन लोगों के लिए जो अंडा और मांसाहा...