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श्रावण मास के आगमन के साथ ही मन में धर्म व अध्यात्म का प्रकाश फैल जाता है। श्रावण मास में सत्संग सुनने का विशेष लाभ मिलता है। यह मास शिव की आराधना के लिए अति उत्तम माना गया है। पुराणों में वर्णित है कि इस मास में सच्चे मन से शिव की आराधना से शिव प्रसन्न होते हैं। इस मास की हर तिथि का भी अपना विशेष महत्व है। विशेष तिथि को शिव का विशेष पूजन- अर्चन करने से सभी सुखों का लाभ मिलता है।
श्रावण कृष्ण दशमी तिथि मां गायत्री को समर्पित है। इस दिन शिव का गायत्री मंत्र द्वारा पूजन करने से अकाल मृत्यु का भय सदैव के लिए समाप्त हो जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन सफेद वस्त्र दान करने से शिव व गायत्री प्रसन्न होते हैं।
श्रावण मास के आगमन के साथ ही मन में धर्म व अध्यात्म का प्रकाश फैल जाता है। श्रावण मास में सत्संग सुनने का विशेष लाभ मिलता है। यह मास शिव की आराधना के लिए अति उत्तम माना गया है। पुराणों में वर्णित है कि इस मास में सच्चे मन से शिव की आराधना से शिव प्रसन्न होते हैं। इस मास की हर तिथि का भी अपना विशेष महत्व है। विशेष तिथि को शिव का विशेष पूजन- अर्चन करने से सभी सुखों का लाभ मिलता है।
श्रावण कृष्ण दशमी तिथि मां गायत्री को समर्पित है। इस दिन शिव का गायत्री मंत्र द्वारा पूजन करने से अकाल मृत्यु का भय सदैव के लिए समाप्त हो जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन सफेद वस्त्र दान करने से शिव व गायत्री प्रसन्न होते हैं।
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