18 January 2013

छोटे छोटे निर्णय

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श्रीहरि कहते हैं कभी कभी बहुत छोटे छोटे निर्णय ही

हमारे जीवन को हमेशा के लिए बदल देते हैं,

बहुधा वातावरण में परिवर्तन से कहीं अधिक

व्यक्ति के भीतर ही बदलाव की ज़रूरत होती है |..

श्रीहरि कहते हैं दुनिया बदलने की शुरुआत हमें

उस चेहरे से करनी चाहिए,

जो हमें आईने में नजर आता है,

बदलाव से पूरी मुक्ति मतलब

गलतियों से पूरी मुक्ति है, लेकिन यह तो

अकेली सर्वज्ञता का विशेषाधिकार है।...

श्रीहरि कहते हैं विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है,

कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है,

आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है

और चरित्र से आपके

प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है. ...

श्रीहरि कहते हैं बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रशंसा की जाती है,

धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है,

बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है

लेकिन विश्वास केवल चरित्रवान

व्यक्तियों पर ही किया जाता है,

तुम बर्फ के समान विशुद्ध रहो

और हिम के समान स्थिर तो भी

लोक निन्दा से नहीं बच पाओगे ....
श्रीहरि कहते हैं अच्छी आदतों से शक्ति की बचत होती है,

अवगुण से बर्बादी,

चरित्र एक वृक्ष है, मान एक छाया।

हम हमेशा छाया की सोचते हैं,

लेकिन असलियत तो वृक्ष ही है।

बुद्धि के साथ सरलता, नम्रता तथा

विनय के योग से ही सच्चा चरित्र बनता है|.....
श्रीहरि कहते हैं सुन्दर आचरण, सुन्दर देह से अच्छा है,

जैसे आचरण की तुम दूसरों से अपेक्षा रखते हो,

वैसा ही आचरण तुम दूसरों के प्रति करो |

दूसरों को क्षति पंहुचाकर अपनी

भलाई कि आशा नहीं करनी चाहिए |

चरित्रवान व्यक्ति अपने पद और

शक्ति का अनुचित लाभ नहीं उठाते |

चरित्र आत्मसम्मान की नींव है |
अपने चारित्रिक सुधार का

आर्किटेक्ट खुद को बनना होगा |....

दूसरों के गुण देखता है,

वही महान व्यक्ति बन सकता है,

चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का

ध्येय होनी चाहिए संयम और श्रम मानव के

दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं |

अच्छा स्वभाव, सोंदर्य के अभाव को पूरा कर देता है | ....

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