20 April 2013

गर्मी का रामबाण शहतूत

www.goswamirishta.com


चूंकि गर्मी में शरीर को पानी की आवश्यकता अधिक होती है, ऐसे में शहतूत रामबाण साबित हो सकता है। इस मौसमी फल में लगभग 91 प्रतिशत पानी की मात्र होती है, इसलिए इसके सेवन से शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है। यह फल पित्त और वातनाशक होता है। इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, कॉपर जैसे माइक्रो न्यूट्रिंएट तत्वों की भरपूर मात्र होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। वेलनेस कंसलटेंट डॉ. शिखा शर्मा कहती हैं कि इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट रक्त शुद्ध करता है। कब्ज की शिकायत या एनीमिया के रोगियों को इसके सेवन से फायदा मिलता है। इतना ही नहीं, यह खाना पचाने में भी सहायक होता है।

बहुपयोगी शहतूत::

शहतूत का सेवन कई तरह से किया जाता है। ज्यादातर लोग इसे अच्छी तरह धोकर उस पर काली मिर्च और नमक लगाकर खाना पसंद करते हैं। कच्चे शहतूत का छौंक लगाकर सब्जी बनाई जाती है। यह सब्जी पेट में होने वाले कई रोगों को दूर करने में कारगर होती है। इसके अलावा आइसक्रीम, जेली, मुरब्बा और अन्य पौष्टिक पदार्थो के उत्पादन में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

दक्षिण भारत का पसंदीदा फल ::

दक्षिण भारत में इसका उत्पादन ज्यादा होने के कारण वहां के लोगों के प्रिय फलों में से एक है। तामिलनाडु की रहने वाली जी. मालती कहती हैं कि शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा, जब हम इसे भोजन की थाली में शामिल न करते हों। शहद जैसा मीठा होने के कारण मैं इसका ज्यादातर इस्तेमाल रात में खाना खाने के बाद स्वीट्स के रूप में करती हूं। कई रोगों में कारगर
शहतूत में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, ग्लूकोज, मिनरल, फाइबर, फॉलिक एसिड आदि जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। ऐसे में यह कई रोगों से निजात दिलाने में कारगर है। उदर रोगों, मस्तिष्क रोगों, डायरिया, उल्टी-दस्त और कैंसर जैसी बीमारियों के दौरान अन्य फलों के अलावा शहतूत का सेवन करने की भी सलाह डॉक्टर देते हैं। इसमें शुगर की मात्र लगभग 30 प्रतिशत होती है, इस कारण मधुमेह के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं।

शरबत शानदार::
शहतूत का फल जितना कारगर है उतना ही गुणकारी है उसका शरबत। यह शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखता है। इसका शरबत बुखार और कफ को कम करता है। पेट के कृमियों को नष्ट कर पाचन शक्ति बढ़ाने के साथ ही रक्त को शुद्ध करने में भी अहम भूमिका निभाता है। गले की खराश और जुकाम ठीक करने के साथ-साथ चिड़चिड़ाहट और सिरदर्द को नियंत्रित करने में भी यह काफी सहायक है। गर्मियों में शहतूत का शरबत आपको लू लगने से बचा सकता है।

औषधीय गुण::
शहतूत की पत्तियां और छाल भी सेहत के लिहाज से काफी उपयोगी हैं। गले की खराश और सूजन के दौरान शहतूत के छाले का काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है। दाद और एक्जिमा रोग में इसके पत्ताें का लेप लगाने से राहत मिलती है। साथ ही पैर की बिवाइयों में शहतूत के बीजों की लुगदी लगाने से लाभ मिलता है।

अन्य उपयोग::
इसका प्रयोग न केवल खाने के लिए बल्कि औद्योगिक और दवा के रूप में भी किया जाता है। रेशम के कीड़े के लार्वा शहतूत की पत्तियों को खाकर ही खुद को पोषित करते हैं। हॉकी स्टिक, क्रिकेट बैट, टेनिस और बैडमिंटन के रैकेट बनाने में शहतूत की लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है। दाजिर्लिंग में तो इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल घर बनाने के लिए भी किया जाता है।
Photo: गर्मी का रामबाण::

चूंकि गर्मी में शरीर को पानी की आवश्यकता अधिक होती है, ऐसे में शहतूत रामबाण साबित हो सकता है। इस मौसमी फल में लगभग 91 प्रतिशत पानी की मात्र होती है, इसलिए इसके सेवन से शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है। यह फल पित्त और वातनाशक होता है। इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, कॉपर जैसे माइक्रो न्यूट्रिंएट तत्वों की भरपूर मात्र होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। वेलनेस कंसलटेंट डॉ. शिखा शर्मा कहती हैं कि इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट रक्त शुद्ध करता है। कब्ज की शिकायत या एनीमिया के रोगियों को इसके सेवन से फायदा मिलता है। इतना ही नहीं, यह खाना पचाने में भी सहायक होता है। 

बहुपयोगी शहतूत::

शहतूत का सेवन कई तरह से किया जाता है। ज्यादातर लोग इसे अच्छी तरह धोकर उस पर काली मिर्च और नमक लगाकर खाना पसंद करते हैं। कच्चे शहतूत का छौंक लगाकर सब्जी बनाई जाती है। यह सब्जी पेट में होने वाले कई रोगों को दूर करने में कारगर होती है। इसके अलावा आइसक्रीम, जेली, मुरब्बा और अन्य पौष्टिक पदार्थो के उत्पादन में इसका इस्तेमाल किया जाता है। 

दक्षिण भारत का पसंदीदा फल ::

दक्षिण भारत में इसका उत्पादन ज्यादा होने के कारण वहां के लोगों के प्रिय फलों में से एक है। तामिलनाडु की रहने वाली जी. मालती कहती हैं कि शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा, जब हम इसे भोजन की थाली में शामिल न करते हों। शहद जैसा मीठा होने के कारण मैं इसका ज्यादातर इस्तेमाल रात में खाना खाने के बाद स्वीट्स के रूप में करती हूं। कई रोगों में कारगर
शहतूत में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, ग्लूकोज, मिनरल, फाइबर, फॉलिक एसिड आदि जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। ऐसे में यह कई रोगों से निजात दिलाने में कारगर है। उदर रोगों, मस्तिष्क रोगों, डायरिया, उल्टी-दस्त और कैंसर जैसी बीमारियों के दौरान अन्य फलों के अलावा शहतूत का सेवन करने की भी सलाह डॉक्टर देते हैं। इसमें शुगर की मात्र लगभग 30 प्रतिशत होती है, इस कारण मधुमेह के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं।

शरबत शानदार::
शहतूत का फल जितना कारगर है उतना ही गुणकारी है उसका शरबत। यह शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखता है। इसका शरबत बुखार और कफ को कम करता है। पेट के कृमियों को नष्ट कर पाचन शक्ति बढ़ाने के साथ ही रक्त को शुद्ध करने में भी अहम भूमिका निभाता है। गले की खराश और जुकाम ठीक करने के साथ-साथ चिड़चिड़ाहट और सिरदर्द को नियंत्रित करने में भी यह काफी सहायक है। गर्मियों में शहतूत का शरबत आपको लू लगने से बचा सकता है। 

औषधीय गुण::
शहतूत की पत्तियां और छाल भी सेहत के लिहाज से काफी उपयोगी हैं। गले की खराश और सूजन के दौरान शहतूत के छाले का काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है। दाद और एक्जिमा रोग में इसके पत्ताें का लेप लगाने से राहत मिलती है। साथ ही पैर की बिवाइयों में शहतूत के बीजों की लुगदी लगाने से लाभ मिलता है।

 अन्य उपयोग::
इसका प्रयोग न केवल खाने के लिए बल्कि औद्योगिक और दवा के रूप में भी किया जाता है। रेशम के कीड़े के लार्वा शहतूत की पत्तियों को खाकर ही खुद को पोषित करते हैं। हॉकी स्टिक, क्रिकेट बैट, टेनिस और बैडमिंटन के रैकेट बनाने में शहतूत की लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है। दाजिर्लिंग में तो इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल घर बनाने के लिए भी किया जाता है।

No comments:

Feetured Post

ये है सनातन धर्म के संस्कार

  गर्व है हमें #सनातनी #अरुणा_जैन जी पर..अरुणा ने 25 लाख का इनाम ठुकरा दिया पर अंडा नही बनाया. ये सबक है उन लोगों के लिए जो अंडा और मांसाहा...