21 September 2013

भिंडी तो हर तरह की कमजोरी दूर हो जाएगी

www.goswamirishta.com

महिलाओं की उँगलियों की तरह दिखने वाली फल्लियों की वजह से अँग्रेजी भाषा में इसे लेडीस फ़िंगर भी कहा जाता है हालांकि इसका वानस्पतिक नाम एबेल्मोस्कस एस्कुलेंट्स है। भिंडी अत्यधिक प्रचलित सब्जियों मे से एक है जो घरों के बगीचों से लेकर खेतों में विस्तार से उगाई जाती है। सामान्यत: लोग इसे सिर्फ़ एक सब्जी के तौर पर देखते है लेकिन आदिवासी इलाकों में इसे अनेक रोगों के उपचार हेतु प्रयोग में लाया जाता है।

मध्यप्रदेश के पातालकोट के भुमका (हर्बल जानकार) नपुँसकता दूर करने के लिये पुरुषों को कच्ची भिंडी को चबाने की सलाह देते हैं, ये आदिवासी शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भिंडी को बेहतर मानते हैं।

डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार भिंडी का काढ़ा तैयार कर सिफ़लिस के रोगी को देते है। करीब ५० ग्राम भिंडी को बारीक काटकर 200 मिली पानी में उबाला जाता है और जब यह आधा शेष रहता है तो इसे रोगी को दिया जाता है। एक माह तक लगातार इस काढे को लेने से आराम मिलता है।

भिंडी के बीजों को एकत्र कर सुखाया जाता है और बच्चों को इसका चूर्ण खिलाया जाता है, माना जाता है कि ये बीज प्रोटीनयुक्त होते है और उत्तम स्वास्थ्य के लिये बेहतर हैं। ये बीज टोनिक की तरह कार्य करते हैं।

मधुमेह के रोगियों को भिंडी के बीजों का चुर्ण (5 ग्राम), इलायची (5 ग्राम), दालचीनी की छाल का चुर्ण (3ग्राम) और काली मिर्च (5 दाने) लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए और प्रतिदिन दिन में 3 बार गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। तेजी से फायदा होता है।मधुमेह के रोगियों को भिंडी के बीजों का चुर्ण (5 ग्राम), इलायची (5 ग्राम), दालचीनी की छाल का चुर्ण (3ग्राम) और काली मिर्च (5 दाने) लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए और प्रतिदिन दिन में 3 बार गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। तेजी से फायदा होता है।

मधुमेह के रोगियों को अक्सर भिंडी की अधकची सब्जी का सेवन करते रहना चाहिए। डाँग- गुजरात के हर्बल जानकारों के अनुसार ताजी हरी भिंडी ज्यादा असर करती है।

कुछ इलाकों में भिंडी के कटे हुए सिरों को पीने के पानी में डुबोकर सारी रात रखा जाता है और सवेरे खाली पेट इस पानी का सेवन किया जाता है। छानने के बाद बचे भिंडी के हिस्सों को फेंक दिया जाना चाहिए। माना जाता है कि मधुमेह नियंत्रण के लिए यह एक कारगर उपाय है।

पीलिया, बुखार और सर्दी खाँसी में, बीच से कटी हुयी भिंडी की फल्लियाँ (लगभग 5), निंबू रस (आधा चम्मच), अनार और भुई आँवला की पत्तियाँ (5-5 ग्राम) आदि को 1 गिलास पानी में डुबोकर रात भर के लिये रख देते है। अगली सुबह सारे मिश्रण को अच्छी तरह से पीसकर प्रतिदिन 2 बार लगातार 7 दिनों तक दिया जाता है। हर्बल जानकारों की मानी जाए तो पीलिया जैसा घातक रोग एक सप्ताह में ही नियंत्रित हो जाता है।

आदिवासियों के अनुसार कच्ची भिंडी चबाने से वीर्य और शुक्राणुओं की मात्रा में भी खासी बढोतरी होती है और ये स्वभाव से टॉनिक भी होता है।
Photo
Photo

WEIGHT LOSS के 6 तरीके

www.goswamirishta.com

ज्यादा मोटापा बढऩा किसी के लिए भी एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। अगर आपके साथ भी ये ही समस्या है तो वजन घटाने के ये छ: तरीके अपनाकर आप बिना पसीना बहाए वजन क म कर सकते हैं......

योगा करें -

पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन अच्छा विकल्प है. हर सुबह नियमित रुप से योगा करने पर शरीर पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है. ध्यान रहें योगासनों का चुनाव करते समय पेट की चर्बी घटाने वाले योग को ही चुनें. योग शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से दूर रखता है। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है।

उपवास करें-
हफ्ते में एक दिन उपवास करना शरीर के लाभकारी हो सकता है। अगर आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं. खाने का सामान सामने आते ही खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें. इस दौरान सिर्फ पेय पदार्थों या फलों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो सब्जियों का सलाद या फ्रूट सलाद खा सकते हैं। सलाद शरीर के फायदेमंद होने के साथ वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है।

हल्का भोजन करें- अध्ययनों से पता चलता है, कि वे व्यक्ति जो सुबह के खाने और दोपहर के खाने में कुछ घंटो का अंतर रखते हैं, एक साथ खाने वाले व्यक्तियों की बजाय लगभग 30 प्रतिशत कम कैलोरी का उपभोग करते हैं।अंतराल में खाया गया भोजन हमारे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और भूख को कम करने में मदद करता है। इसलिए एक साथ भारी भोजन के बजाय 5-6 बार में कम भोजन या प्रतिदिन नाश्ते की तरह करना ज्यादा असरदार होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिलेगी।

अपनाएं ये नेचुरल तरीके:-

- करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
- सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है इसलिए ये अधिक खाएं। केला और चीकू न खाएं इनसे मोटापा बढ़ता है।
- एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू,और चम्मच शहद डालकर खाली पेट दो माह तक पीने से मोटापा कम होता है।

- चने की भीगी हुई दाल और शहद मिलाकर रोज खाने से मोटापा कम होता है।

- चाय में पोदिना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।

- मोटापा कम करने के लिए नमक रहित भोजन करना चाहिए।
- रोजाना कच्चा टमाटर, नमक और प्याज साथ खाने से मोटापा कम होने लगता है।
- दही मोटापा कम करने में लाभप्रद होता है।

- तुलसी के पत्तों का रस, शहद और एक कप पानी तीनों को मिलाकर पीने मोटापा घटता है।
- मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक दिन व्रत जरुर रखें और सिर्फ फलों का ही सेवन करें।
-छाछ में काला नमक व अजवाइन मिलाकर पीने से मोटापा कम होने लगता है।
Photo
Photo

सुस्ती, मिलती है ताकत

www.goswamirishta.com

नाश्ते में एक कटोरी स्प्राउट्स के सेवन से हम पा सकते हैं पूरे दिन के लिए ऊर्जा और पोषण। दरअसल, स्प्राउट्स में पोषण दोगुना मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इनके सेवन से व्यक्ति ज्यादा ऊर्जावान महसूस करता है। साथ ही इसमें तेल व मसालों की भी जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए और भी लाभप्रद है।

क्या-क्या मिलाएं:-

स्प्राउट्स में कई तरह के अनाज मिलाकर सेवन कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से काला चना, मूंगफली, साबुत मसूर और साबुत मूंग आदि मिलाए जा सकते हैं। इन सभी में भरपूर पोषण होता है, जो व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

एजिंग होती है धीमी:-

स्प्राउट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स जहां एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, वहीं शुद्ध रूप से मिलने वाला प्रोटीन मसल्स को मजबूती और शेप दोनों देता है।

100 गुना ज्यादा एंजाइम्स:-

कच्चे फल और सब्जियों के मुकाबले स्प्राउट्स में एंजाइम्स की मात्रा 100 गुना ज्यादा होती है। एंजाइम्स शरीर के लिए कैटेलिस्ट का काम करते हैं, जो अन्य खाद्य पदार्थो से ज्यादा से ज्यादा विटामिन, मिनरल, फैटी व अमीनो एसिड एक्सट्रैक्ट करने में मदद करते हैं।

विटामिन्स में होती है वृद्धि:-

स्प्राउटेड अनाज में मौजूद विटामिन अपनी ओरिजिनल वैल्यू से 20 गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं। शोध बताते हैं कि मूंग के स्प्राउट में विटामिन बी-1, 285%, विटामिन बी-2, 515% और नियासिन 256% तक बढ़ जाता है।

स्प्राउट्स का फायदा:-
स्प्राउट्स में ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में रहती है, जिससे स्वस्थ रहने के लिए जरूरी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

पकाकर खाने की तुलना में स्प्राउटेड अनाज को कच्च ही खाना चाहिए। पकाने से उसके पोषक तत्व नष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है और स्प्राउट्स खाने का फायदा नहीं होता।
Photo
Photo
Photo

आयुर्वेद के अनुसार

www.goswamirishta.com


भारतीय आयुर्वेद के अनुसार भारत के हर घर का किचन एक तरह का घरेलू औषधालय है। किचन में रखी कई चीजें जैसे मसाले, खाद्यान्न, फल-सब्जी, शहद, घी-तेल आदि औषधि का काम भी करते हैं। अत: रसोई घर को औषधि का भंडार कहना गलत नहीं होगा। आइए, जानते हैं ऐसे कुछ अनुभूत नुस्खे के बारे मे जो वक्त पड़ने पर बेहद कारगर सिद्ध हो सकते हैं।

- एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर लगाने या हल्के-हल्के मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।
- अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आये हों, तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिला कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है।

- दही में भूरे जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया मिटता है।
- सिरके के साथ जीरा देने से हिचकी बंद हो जाती है।

- खाना खाने को मन नहीं करता। भरपेट नहीं खा सकते।पचता भी नहीं तो धनिया, छोटी इलायची, कालीमिर्च तीनों एक जैसी मात्रा में लें। इन्हें पीस कर छान लें और शीशी में रखें। चौथाई चम्मच घी तथा आधा चम्मच चीनी में आधा चम्मच इस चूर्ण को डालकर खाएं।
- कमजोरी में रात को पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा धनिया भिगो दें। प्रात: छानकर पी लें। कुछ दिन नियमित करें। कमजोरी दूर होगी।

- भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।
- 5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की ज्योति ठीक रहती है।गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है

- अजवाइन, सौंफ और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं। आराम मिलेगा। पेटदर्द गायब हो जाएगा।
-अजवाइन को गर्म करके पतले कपड़े में पोटली बांधकर सूंघने से जुकाम और सर्दी में लाभ होता है।
(6 photos)
Photo
Photo
Photo

बारिश के मौसम में केला

www.goswamirishta.com

बारिश के मौसम में बाजार में आसानी से मिलने वाला केला एक बेहद स्वादिष्ट मौसमी फल है लेकिन केला न सिर्फ स्वाद में अलग और बेहतरीन होता है बल्कि इसे मौसम में खाने के ढेरों फायदे हैं। एक रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं केला खाने के ऐसे ही कुछ खास फायदों के बारे में......

- केला में कैल्शियम पाया जाता हैं। जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता हैं।केले का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती हैं और गैस्ट्रिक की बीमारी को दूर किया जा सकता हैं। केले में घुलनशील फाइबर पेक्टिन होता हैं।

- केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के रिस्क को कम कर के हार्ट अटैक और हाईपरटेंशन की बीमारी को कंट्रोल करता है। यूएस में किसी अन्य फल के मुकाबले केला खाने को ज्यादा कहा जाता है।


- नियमित दो पके केले को 250 ग्राम दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ता हैं और शरीर को शक्ति मिलती हैं। केला में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। जो शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।एनीमिया और अल्सर से ग्रसित लोगों के लिए केला काफी फायदेमंद होता हैं।


- केला पोटैशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता हैं।केला का सेवन करने से तनाव कम हो जाता हैं और मन को शांति मिलती हैं। केले में पोटैशियम, सोडियम, आयरन, विटामिन ए, बी और विटामिन सी पाया जाता हैं।

- केला पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। गैस्ट्रिक की बीमारी वाले लोंगो के लिये केला बहुत प्रभावशाली उपचार है। वे लोग जो ट्रैवेलिंग की तैयारी कर रहें हैं उन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसको दूर करने के लिये वे केले को अपने साथ ले सकते हैं।


- एक शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वे लोग जो डिप्रेशन की बीमारी से पीडि़त थे, वे केला खाने के बाद अच्छा महसूस करते थे। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि केले में प्रोटीन, ट्रायफोटोपन पाया जाता है, जो कि माइंड को रिलैक्स कर देता है


-केला एथलीट लोगो का फेवरेट होता है क्योंकि यह तुरंत एनर्जी प्रदान करता है। वे लोग जो दिन भर भूखे प्यासे रहते हैं, अगर वह केवल केला ही खा लें तो उन्हें अन्य फल के मुकाबले केले से तुरंत एनर्जी मिलेगी।
Photo: बारिश के मौसम में केला खाने के TOP 7 हेल्दी फायदे
==============================  (संयोगिता सिंह)

बारिश के मौसम में बाजार में आसानी से मिलने वाला केला एक बेहद स्वादिष्ट मौसमी फल है लेकिन केला न सिर्फ स्वाद में अलग और बेहतरीन होता है बल्कि इसे मौसम में खाने के ढेरों फायदे हैं।  एक रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं केला खाने के ऐसे ही कुछ खास फायदों के बारे में......

- केला में कैल्शियम पाया जाता हैं। जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता हैं।केले का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती हैं और गैस्ट्रिक की बीमारी को दूर किया जा सकता हैं। केले में घुलनशील फाइबर पेक्टिन होता हैं।

- केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के रिस्क को कम कर के हार्ट अटैक और हाईपरटेंशन की बीमारी को कंट्रोल करता है। यूएस में किसी अन्य फल के मुकाबले केला खाने को ज्यादा कहा जाता है।


- नियमित दो पके केले को 250 ग्राम दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ता हैं और शरीर को शक्ति मिलती हैं। केला में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। जो शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।एनीमिया और अल्सर से ग्रसित लोगों के लिए केला काफी फायदेमंद होता हैं।


- केला पोटैशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता हैं।केला का सेवन करने से तनाव कम हो जाता हैं और मन को शांति मिलती हैं। केले में पोटैशियम, सोडियम, आयरन, विटामिन ए, बी और विटामिन सी पाया जाता हैं।

- केला पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। गैस्ट्रिक की बीमारी वाले लोंगो के लिये केला बहुत प्रभावशाली उपचार है। वे लोग जो ट्रैवेलिंग की तैयारी कर रहें हैं उन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसको दूर करने के लिये वे केले को अपने साथ ले सकते हैं।


- एक शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वे लोग जो डिप्रेशन की बीमारी से पीडि़त थे, वे केला खाने के बाद अच्छा महसूस करते थे। यह सिर्फ  इसलिए क्योंकि केले में प्रोटीन, ट्रायफोटोपन पाया जाता है, जो कि माइंड को रिलैक्स कर देता है


-केला एथलीट लोगो का फेवरेट होता है क्योंकि यह तुरंत एनर्जी प्रदान करता है। वे लोग जो दिन भर भूखे प्यासे रहते हैं, अगर वह केवल केला ही खा लें तो उन्हें अन्य फल के मुकाबले केले से तुरंत एनर्जी मिलेगी।

पपीता

www.goswamirishta.com

क्या आप जानते हैं?

* पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन 'ए' प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है।

* सेंधा नमक, जीरा और नीबू का रस मिलाकर पपीते का नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आंतों की सूजन में काफी लाभ होता है।

* बवासीर में प्रतिदिन सुबह खाली पेट पपीता खाएँ, इससे कब्ज दूर होगी। शौच साफ होगा और बवासीर से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि बवासीर का मूल कारण कब्ज ही है।

* यकृत तथा पीलिया के रोग में पपीता अत्यंत लाभकारी है।

* पका हुआ पपीता छील कर खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है। कच्चे पपीते की सब्ज़ी टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है। लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है या इसके लच्छों को कपूरकंद की तरह शकर मे पाग कर भी खाया जाता है।

* पपीते को पेट के लिए तो वरदान माना गया है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता है, मोटापे को नियंत्रित करता है और अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं तो पपीते का रस उसे भी बंद कर देगा। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बना कर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।

* हार्ट की बीमारी
पपीते में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए, सी और ई पाया जाता है. इस ऑक्सीडेंट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं जम पाता, जिससे हार्ट की बीमारी नहीं होती. इसके अलावा इसमें फाइबर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को खून में कंट्रोल कर के रखते हैं.

* कील मुंहासे
सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग होता है. पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहांसे और झांई से बचाव किया जा सकता है. इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है. इस कारण चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिए इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है.

Feetured Post

ये है सनातन धर्म के संस्कार

  गर्व है हमें #सनातनी #अरुणा_जैन जी पर..अरुणा ने 25 लाख का इनाम ठुकरा दिया पर अंडा नही बनाया. ये सबक है उन लोगों के लिए जो अंडा और मांसाहा...