17 January 2014

स्त्री हो या पुरुष ये चार काम होने के बाद नहाना जरूरी है

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वैसे तो हर रोज नहाना अच्छे स्वास्थ्य का रामबाण उपाय है लेकिन कभी-कभी हम कुछ ऐसे काम करते हैं जिनके बाद भी नहाना बहुत जरूरी होता है। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने चार काम ऐसे बताए हैं जिनके बाद व्यक्ति के लिए नहाना बहुत जरूरी है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि...
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि।
तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इसी वजह से स्वास्थ्य के संबंध में कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं। अच्छे खान-पान के साथ ही रहन-सहन और आदतों का भी हमारी सेहत पर प्रभाव पड़ता है। काफी बीमारियां तो केवल नहाने से ही दूर रहती हैं। आचार्य इस श्लोक में चार ऐसे काम बताए हैं जिन्हें करने के बाद अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से नहा लेना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हजामत करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं। अत: इस कार्य के बाद तुरंत नहाना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्वस्थ्य शरीर और चमकदार त्वचा के लिए जरूरी है कि कम से कम सप्ताह में एक बार पूरे शरीर पर तेल मालिश की जानी चाहिए। तेल मालिश के बाद शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मेल बाहर हो जाता है। अत: तेल मालिश के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए। इससे शरीर का समस्त मेल साफ हो जाता है। त्वचा में चमक आती है।

किसी भी पुरुष को स्त्री प्रसंग के बाद भी नहाना चाहिए। इस काम के बाद स्त्री और पुरुष दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं और वे जब तक नहाएंगे नहीं किसी भी धार्मिक कार्य के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार इस प्रसंग के बाद व्यक्ति जब तक नहीं नहाता है तब तक वह चाण्डाल के समान होता है। इस प्रसंग के बाद शरीर की पवित्रता भंग हो जाती है, अत: इस काम के बाद बिना नहाए कहीं नहीं जाना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति किसी मृत इंसान की अंतिम यात्रा में जाता है, शमशान जाता है तो वहां से आने के तुरंत बाद भी नहा लेना चाहिए। शमशान के वातावरण में कई प्रकार के कीटाणु और विषाणु रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। शमशान जाने पर ये कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो यह स्वास्थ्य के हानिकारक हो सकते हैं। अत: वहां से घर आकर तुरंत नहा लेने से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

इस प्रकार आचार्य चाणक्य चार ऐसे काम बताए हैं जिनके बाद नहाना बहुत जरूरी है। ये चार काम हैं जब भी शरीर पर तेल मालिश की जाए, शमशान से आने के बाद, हजामत बनवाने के बाद और स्त्री प्रसंग के बाद स्नान करना अनिवार्य माना गया है।


स्त्री हो या पुरुष ये चार काम होने के बाद नहाना जरूरी है...

वैसे तो हर रोज नहाना अच्छे स्वास्थ्य का रामबाण उपाय है लेकिन कभी-कभी हम कुछ ऐसे काम करते हैं जिनके बाद भी नहाना बहुत जरूरी होता है। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने चार काम ऐसे बताए हैं जिनके बाद व्यक्ति के लिए नहाना बहुत जरूरी है। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि...
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि।
तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इसी वजह से स्वास्थ्य के संबंध में कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं। अच्छे खान-पान के साथ ही रहन-सहन और आदतों का भी हमारी सेहत पर प्रभाव पड़ता है। काफी बीमारियां तो केवल नहाने से ही दूर रहती हैं। आचार्य इस श्लोक में चार ऐसे काम बताए हैं जिन्हें करने के बाद अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से नहा लेना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हजामत करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं। अत: इस कार्य के बाद तुरंत नहाना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्वस्थ्य शरीर और चमकदार त्वचा के लिए जरूरी है कि कम से कम सप्ताह में एक बार पूरे शरीर पर तेल मालिश की जानी चाहिए। तेल मालिश के बाद शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मेल बाहर हो जाता है। अत: तेल मालिश के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए। इससे शरीर का समस्त मेल साफ हो जाता है। त्वचा में चमक आती है।

किसी भी पुरुष को स्त्री प्रसंग के बाद भी नहाना चाहिए। इस काम के बाद स्त्री और पुरुष दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं और वे जब तक नहाएंगे नहीं किसी भी धार्मिक कार्य के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार इस प्रसंग के बाद व्यक्ति जब तक नहीं नहाता है तब तक वह चाण्डाल के समान होता है। इस प्रसंग के बाद शरीर की पवित्रता भंग हो जाती है, अत: इस काम के बाद बिना नहाए कहीं नहीं जाना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति किसी मृत इंसान की अंतिम यात्रा में जाता है, शमशान जाता है तो वहां से आने के तुरंत बाद भी नहा लेना चाहिए। शमशान के वातावरण में कई प्रकार के कीटाणु और विषाणु रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। शमशान जाने पर ये कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो यह स्वास्थ्य के हानिकारक हो सकते हैं। अत: वहां से घर आकर तुरंत नहा लेने से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

इस प्रकार आचार्य चाणक्य चार ऐसे काम बताए हैं जिनके बाद नहाना बहुत जरूरी है। ये चार काम हैं जब भी शरीर पर तेल मालिश की जाए, शमशान से आने के बाद, हजामत बनवाने के बाद और स्त्री प्रसंग के बाद स्नान करना अनिवार्य माना गया है।

सोया , सुआ या शेपू

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- इन दिनों हरी पत्तेदार सब्जियों की बहार है. अनेक ताज़ी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक , मेथी , सोया , बथुआ , सरसों मिल रही है.
- आज इनमे से सोया के बारे में जानते है. इसे अंग्रेजी में Dill इस नाम से जाना जाता है.
- इसके पत्ते सौंफ के पौधे की तरह दिखते है. इसके बीज भी सौंफ की तरह ही पर थोड़े बड़े होते है.
- इसके बीजों को बनसौंफ कहा जाता है. मराठी में इन्हें बाळंत सौंफ के नाम से जाना जाता है.
- सद्य प्रसूता महिला को भोजन के बाद अजवाइन और कसे हुए नारियल के साथ बनसौंफ खूब चबा चबा कर खाने को कहा जाता है. इससे वात वृद्धि नहीं होती. दूध अच्छी तरह उतरता है.
- अजवाई-बनसौंफ खाने से डिलीवरी के बाद बहनों का शरीर नहीं फूलता.
- इसकी पत्तेदार हरी सब्जी भी प्रसुती के बाद खिलाई जाती है.
- सर्दियों में मेथी सोया या पालक सोया , मूंग की दाल -सोया ऐसी सब्जियां बाजरे या मक्के की रोटी के साथ बड़े चाव से खाई जाती है.
- कई लोग इसकी चटनी भी बनाते है.
- बनसौंफ स्निग्ध,तीखी, भूख बढाने वाली ,उष्ण, मूत्ररोधक,बुद्धिवर्धक , कफ व वायूनाशक है.
- इसके सेवन से दाह, शूल, नेत्ररोग ,प्यास ,अतिसार आदि का नाश होता है.
- इसकी सब्जी को "आहारीय झाड़ू" कहा जाता है.पेट में रुकावट डालने वाली वायु के निष्कासन का काम यह सब्जी उत्तम प्रकार से करती है.
- पेट में गॅस होना, अजीर्ण, क्षुधामांद्य, कृमी ऐसी अनेक पचन तंत्र की गड़बड़ियों पर यह भाजी गुणकारी होती है.
- उग्र गंध होने से यह कई बार नापसंद की जाती है पर यह बहुत गुणकारी और औषधीय है.
- इसमें अनेक औषधी तेल होते है जिसमे से युगेनॉल तेल रक्‍तशर्करा नियंत्रित करता है.इसलिए यह सब्जी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छी है.
- इसमें मेथी व पालक की तरह "अ', "क' जीवनसत्त्व, फॉलिक ऍसिड व महत्त्वपूर्ण क्षार होते है.
- जिनकी जीवनशैली बैठे बैठे कार्य करने की है उनके लिए यह बहुत अच्छी सब्जी है.कम शारीरिक श्रम के कारण पेट भारी लगना , भूख कम लगना , अफारा , अजीर्ण आदि अनेक समस्याओं का निश्‍चित निदान यह सब्जी है.
- यह अनिद्रा के लिए उपयोगी है.
- उच्च रक्तचाप,गुर्दा रोग, सिर दर्द ,हृदय आदि पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है.
- गंभीर हिचकी, और खांसी के लिए इसका प्रयोग करें.यह बलगम हटाती है.
- अंगराग प्रयोजनों के लिए सोआ लोशन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
- यह आँखों के आसपास की सूजन और जलन को कम करती है.
- इसकी सौंफ को पीसकर कनपटी पर लगाने से लू लगने से होने वाला चक्कर और सिरदर्द शांत होता है.
- इसके पत्तें और जड़ को पीसकर लगाने से गठिया का दर्द और सूजन ठीक होता है.
- इसके पत्तों पर तेल लगाकर गर्म कर बाँधने से फोड़ा जल्दी पककर फूट जाता है.
- इसके पत्तों का काढा गुड के साथ लेने से रुकी हुई या कम माहवारी खुलकर आती है.
- इसकी सौंफ का ठंडा शरबत पिने से पित्त ज्वर शांत होता है.
Photo: सोया , सुआ या शेपू --
- इन दिनों हरी पत्तेदार सब्जियों की बहार है. अनेक ताज़ी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक , मेथी , सोया , बथुआ , सरसों मिल रही है.
- आज इनमे से सोया के बारे में जानते है. इसे अंग्रेजी में Dill इस नाम से जाना जाता है.
- इसके पत्ते सौंफ के पौधे की तरह दिखते है. इसके बीज भी सौंफ की तरह ही पर थोड़े बड़े होते है.
- इसके बीजों को बनसौंफ कहा जाता है. मराठी में इन्हें बाळंत सौंफ के नाम से जाना जाता है.
- सद्य प्रसूता महिला को भोजन के बाद अजवाइन और कसे हुए नारियल के साथ बनसौंफ खूब चबा चबा कर खाने को कहा जाता है. इससे वात वृद्धि नहीं होती. दूध अच्छी तरह उतरता है.
- अजवाई-बनसौंफ खाने से डिलीवरी के बाद बहनों का शरीर नहीं फूलता. 
- इसकी पत्तेदार हरी सब्जी भी प्रसुती के बाद खिलाई जाती है. 
- सर्दियों में मेथी सोया या पालक सोया , मूंग की दाल -सोया ऐसी सब्जियां बाजरे या मक्के की रोटी के साथ बड़े चाव से खाई जाती है. 
- कई लोग इसकी चटनी भी बनाते है.
- बनसौंफ स्निग्ध,तीखी, भूख बढाने वाली ,उष्ण, मूत्ररोधक,बुद्धिवर्धक , कफ व वायूनाशक है. 
- इसके सेवन से दाह, शूल, नेत्ररोग ,प्यास ,अतिसार आदि का नाश होता है.
- इसकी सब्जी को "आहारीय झाड़ू" कहा जाता है.पेट में रुकावट डालने वाली वायु के निष्कासन का काम यह सब्जी उत्तम प्रकार से करती है. 
- पेट में गॅस होना, अजीर्ण, क्षुधामांद्य, कृमी ऐसी अनेक पचन तंत्र की गड़बड़ियों पर यह भाजी गुणकारी होती है. 
- उग्र गंध होने से यह कई बार नापसंद की जाती है पर यह बहुत गुणकारी और औषधीय है.
- इसमें अनेक औषधी तेल होते है जिसमे से युगेनॉल तेल रक्‍तशर्करा नियंत्रित करता है.इसलिए यह सब्जी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छी है.
- इसमें मेथी व पालक की तरह "अ', "क' जीवनसत्त्व, फॉलिक ऍसिड व महत्त्वपूर्ण क्षार होते है.
- जिनकी जीवनशैली बैठे बैठे कार्य करने की है उनके लिए यह बहुत अच्छी सब्जी है.कम शारीरिक श्रम के कारण पेट भारी लगना , भूख कम लगना , अफारा , अजीर्ण आदि अनेक समस्याओं का निश्‍चित निदान यह सब्जी है.
- यह अनिद्रा के लिए उपयोगी है. 
- उच्च रक्तचाप,गुर्दा रोग, सिर दर्द ,हृदय आदि पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है. 
- गंभीर हिचकी, और खांसी के लिए इसका प्रयोग करें.यह बलगम हटाती है.
- अंगराग प्रयोजनों के लिए सोआ लोशन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
- यह आँखों के आसपास की सूजन और जलन को कम करती है.
- इसकी सौंफ को पीसकर कनपटी पर लगाने से लू लगने से होने वाला चक्कर और सिरदर्द शांत होता है.
- इसके पत्तें और जड़ को पीसकर लगाने से गठिया का दर्द और सूजन ठीक होता है.
- इसके पत्तों पर तेल लगाकर गर्म कर बाँधने से फोड़ा जल्दी पककर फूट जाता है.
- इसके पत्तों का काढा गुड के साथ लेने से रुकी हुई या कम माहवारी खुलकर आती है. 
- इसकी सौंफ का ठंडा शरबत पिने से पित्त ज्वर शांत होता है.

Kidney (गुर्दे) को साफ़ करेँ हरे धनिए के साथ

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धनिए के एक गुच्छे को पानी से धो ले और इसके पत्तो को तोडकर बारीक-बारीक काट ले और इन्हे एक गिलास पानी में डालकर 10 मिन्ट तक उबाले और छान कर ठण्डा होने के लिए रख दे, अच्छे से ठण्डा होने के बाद इसको पी ले, रोजाना ऐसा करे, कुछ दिन में ही आपके गुर्दे की सफ़ाई हो जाएंगी और सारी गंदगी मूत्र के साथ अपने आप बाहर निकल जाएगी।
Photo: Kidney (गुर्दे) को साफ़ करेँ हरे धनिए के साथ::
धनिए के एक गुच्छे को पानी से धो ले और इसके पत्तो को तोडकर बारीक-बारीक काट ले और इन्हे एक गिलास पानी में डालकर 10 मिन्ट तक उबाले और छान कर ठण्डा होने के लिए रख दे, अच्छे से ठण्डा होने के बाद इसको पी ले, रोजाना ऐसा करे, कुछ दिन में ही आपके गुर्दे की सफ़ाई हो जाएंगी और सारी गंदगी मूत्र के साथ अपने आप बाहर निकल जाएगी।

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