चमत्कारिक औषधि है तुलसी


मितली आने, चक्कर आने, दस्त लगने या उल्टियां होने पर तुलसी के ताजे रस के गिलास में कालीमिर्च डालकर पिला दें। तुलसी के पत्तों का रस बनाने के लिए 10-20 पत्तियों को पानी के साथ सिलबट्टे पर पीस लें। स्वस्थ और सफेद दांत पाने के लिए तुलसी और नीबू के रस को मिलाकर दांतों की मालिश करें। यही रस चेहरे की कांति बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कान का तेज दर्द होने पर इसकी बूंदें रात को सोते समय कान में टपका लें। तुलसी की पत्तियों का एक गिलास रस दिल के लिए टॉनिक का काम करता है। इसे रोज सुबह पीना चाहिए। आंखों के संक्रमण यानी कंजक्टिवाइटिस से निपटने के लिए एक कटोरी में तुलसी की दो-तीन पत्तियां रात को भिगो दें। सुबह इससे आंख धो लें।

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दांत दर्द के लिए कारगर उपचार


10 ग्राम बायविडंग और 10 ग्राम सफेद फिटकरी थोड़ी कूटकर तीन किलो पानी में उबालें। एक किलो बचा रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। तेज दर्द में सुबह तथा रात को इस पानी से कुल्ला करने से दो दिन में ही आराम आ जाता है। कुछ अधिक दिन कुल्ला करने से दाँत पत्थर की तरह मजबूत हो जाते हैं। अमरूद के पत्ते के काढ़े से कुल्ला करने से दांत और दाढ़ की भयानक टीस और दर्द दूर हो जाता है। प्रायः दाढ़ में कीड़ा लगने पर असहय दर्द उठता है। काढ़ा तैयार करने के लिए पतीले में पानी डालकर उसमें अंदाज से अमरूद के पत्ते डालकर इतना उबालें कि पत्तों का सारा रस उस पानी में मिल जाए और वह पानी उबाले हुए दूध की तरह गाढ़ा हो जाए। दांत-दाढ़ दर्द में अदरक का टुकड़ा कुचलकर दर्द वाले दांत के खोखले भाग में रखकर मुंह बंद कर लें और धीरे-धीरे रस चूसते रहें। फौरन राहत महसूस होगी।

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नींबू के 10 घरेलू नुस्खे


शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।

नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।

नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।

नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।

नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।

नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है।

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नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।

नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है।

बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।

10 आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी।

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गेहूं : गुणों का खजाना


सामान्यतः लोग गेहूं को सिर्फ शक्तिदायक खाद्य पदार्थ समझते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि गेहूं औषधीय गुणों से भी भरपूर है।

खांसी- 20 ग्राम गेहूं के दानों में नमक मिलाकर 250 ग्राम पानी में उबाल लें। जब तक की पानी की मात्रा एक तिहाई न रह जाए। इसे गरम-गरम पी लें। लगातार एक हफ्ते तक यह प्रयोग दोहराने से खांसी जल्दी चली जाती है। 

दाहकता- 80 ग्राम गेहूं को रात में पानी में भिगो दें। सुबह उन्हें अच्छी तरह पीसकर छान लें। यदि चाहें तो स्वाद के लिए उसमें थोड़ी सी मिश्री मिला लें। गेहूं के इस रस को पीने से शरीर में उत्पन्न दाहकता (गर्मी) शांत होती है। इससे मूत्र संबंधी रोगों में भी फायदा मिलता है। 

अस्थि भंग- एक मुठ्ठी गेहूं को तवे पर भूनकर पीस लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटने से अस्थि भंग रोग दूर होता है। 

स्मरण शक्ति- गेहूं से बने हरीरा में शक्कर और बादाम मिलाकर पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

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घरेलू नुस्खे, खास आपके लिए

* पसीना अधिक आता हो तो पानी में फिटकरी डालकर स्नान करें। 

* गठिया के लिए कच्चे नारियल का पानी-अदरक का रस या नीबू का रस आधा चम्मच मिलाकर लेना चाहिए। चैरी का रस, पालक-टमाटर का रस फायदा करता है। कुनकुने पानी में नीबू का रस तुलसी सुधा, गेहूं के ज्वारे का रस, सलाद पत्ती का रस पीने से गठिया में राहत मिलती है। 

* यदि नींद न आने की शिकायत है, तो रात्रि में सोते समय तलवों पर सरसों का तेल लगाएं। 

* एक कप गुलाब जल में आधा नीबू निचोड़ लें, इससे सुबह-शाम कुल्ले करने पर मुंह की बदबू दूर होकर मसूड़े व दांत मजबूत होते हैं। 

* भोजन के साथ 2 केले प्रतिदिन सेवन करने से भूख में वृद्धि होती है। 

* आंवला भूनकर खाने से खांसी में फौरन राहत मिलती है। 
* 1 चम्मच शुद्ध घी में हींग मिलाकर पीने से पेटदर्द में राहत मिलती
 है।  
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माइग्रेन भगाए, घरेलू उपाय


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सभी जानते हैं कि माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द कितना तकलीफदायक होता है। यह दर्द अचानक ही शुरू होता है और अपने आप ही ठीक भी हो जाता है। हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम और प्यार किसी भी दवा से ज्यादा असर करता है। 

* इस दर्द में अगर सिर, गर्दन और कंधों की मालिश की जाए तो यह इस दर्द से राहत दिलाने बहुत मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए हल्की खुशबू वाले अरोमा तेल का प्रयोग किया जा सकता है। 

* एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। इसके लिए आप बर्फ के टुकड़ों का उपयोग भी कर सकते हैं। 

* कपूर को घी में मिलाकर सिर पर हल्के हाथों से मालिश करें। मक्खन में मिश्री मिलाकर सेवन करें।

* नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।

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अदरक हर मौसम में करें असर


अदरक व सौंठ हर मौसम में, हर घर के रसोई घर में प्रायः रहते ही हैं। इनका उपयोग घरेलू इलाज में किया जा सकता है।

* भोजन से पहले अदरक को चिप्स की तरह बारीक कतर लें। इन चिप्स पर पिसा काला नमक बुरक कर खूब चबा-चबाकर खा लें फिर भोजन करें। इससे अपच दूर होती है, पेट हलका रहता है और भूख खुलती है।

* अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुँह में रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खाँसी ठीक हो जाती है।

* सौंठ को पानी के साथ घिसकर इसके लेप में थोड़ा सा पुराना गुड़ और 5-6 बूंद घी मिलाकर थोड़ा गर्म कर लें। बच्चे को लगने वाले दस्त इससे ठीक हो जाते हैं। ज्यादा दस्त लग रहें हों तो इसमें जायफल घिसकर मिला लें।

* अदरक का टुकड़ा छिलका हटाकर मुंह में रखकर चबाते-चूसते रहें तो लगातार चलने वाली हिचकी बन्द हो जाती है।

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पत्तागोभी : एक लाजवाब औषधि


पायरिया : पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम नित्य खाने से पायरिया व दांतों के अन्य रोगों में लाभ होता है।

बाल गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते प्रतिदिन खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं।

घाव : इसका रस पीने से घाव ठीक होते हैं। इसके रस का आधा गिलास 5 बार पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर इसके रस की पट्टी बांधें।

परिणाम शूल : करमकल्ले का रस पीने से यह रोग ठीक हो जाता है। एक-एक कप तीन बार पिएं। इसके कच्चे पत्ते भी खा सकते हैं। इसका ताजा रस ही लाभ करता है, यह कम से कम दो सप्ताह पिएं।

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चमकदार आंखों के लिए सरल नुस्खे


सुबह उठते ही प्रतिदिन ठंडे पानी से आंखें धोनी चाहिए। अथवा त्रिफला या नीम की पत्ती रात में पानी में भिगो दें, इस पानी को छानकर आंखें धोने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। 

सरसों के तेल से बना काजल लगाने और गुलाबजल का फाहा आंखों पर रखने से आंखें स्वच्छ रहती है। अधिक देर तक पढ़ते-लिखते रहने से आंखें दुखने लगती है। बीच-बीच में अपनी हथेलियों को हल्के से आंखों पर रखें। 

आंखों को बार-बार ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, तिरछा और गोल घुमाकर आंखों का व्यायाम करें। हरी ताजी सब्जियां, गाजर, चुकंदर व दूध से बने पदार्थ घी आदि के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

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अजवाइन एक बहुउपयोगी औषधि


अजवाइन रुचिकारक एवं पाचक होती है। पेट संबंधी अनेक रोगों को दूर करने में सहायक होती है, जैसे- वायु विकार, कृमि, अपच, कब्ज आदि। अजवाइन में स्वास्थ्य सौंदर्य, सुगंध तथा ऊर्जा प्रदान करने वाले तत्व होते हैं। यह बहुत ही उपयोगी होती है।

* बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल पड़ने पर अजवाइन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है।

* अजवाइन मोटापे को कम करने में मदद करती है। अतः रात्रि में एक चम्मच अजवायन एक गिलास पानी में भिगोएं। सुबह छानकर उस पानी में शहद डालकर पीने पर लाभ होता है।

* मसूड़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है।

* अजवाइन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढ़ना बंद हो जाएगा।

* आंतों में कीड़े होने पर अजवाइन के साथ काले नमक का सेवन करने पर काफी लाभ होता है।

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