वज़न घटाने के नुस्‍खे weight loss tips

हर किसी की चाहत होती है पतला दुबला दिखना। इसलिए वज़न कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाएं जाते है कोई जिम जाता है, तो कोई डाइटिंग करना शुरू कर देता हैं, तो कुछ लोग उपवास रखना शुरू कर देते हैं। लेकिन यदि आप सही मायने में अपना वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको उसके लिए कुछ कारगार नुस्खें अपनाने की जरूरत है। कुछ घरेलू नुस्‍खें भी है जिनको अपनाकर आप अपना वज़न कम कर सकते है। आइये ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे मे हम आपको बताये-

गोभी से वज़न कम
गोभी की सब्जी़ या उसके सूप को अपने भोजन में शामिल कर लें, इससे वज़न कम होता है क्‍योकि इस सब्जी़ में कैलोरी बिलकुल नहीं होती।

हरे सलाद से वज़न कम 
टमाटर और पुदीने की पत्ती युक्त सलाद खाने से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है

पानी से मोटापे पर नियंत्रण
शरीर को अपने कार्य को ठीक प्रकार से करने के लिए खूब पानी की जरूरत होती है। इससे आपका शरीर भी ठीक रहता है और पानी पीने से मोटापे पर भी नियंत्रण रखता है
 गरम पानी से मोटापे पर नियंत्रण
हर बार खाना खाने के बाद गरम पानी पीयें इससे पाचन तंत्र ठीक प्रकार से काम करता है और शरीर मै मौजूद अतिरिक्त वज़न कम होता है

हरी चाय या अदरक की चाय पीने से मोटापा नियंत्रित
हरी चाय या अदरक की चाय पीने से मोटापा नियंत्रित होता है। इसलिए दिन में एक बार हरी चाय या अदरक की चाय ज़रूर पीयें

टमाटर से मोटापा नियंत्रित
सुबह एक टमाटर खाने से कालेस्ट्राल का लेवल ठीक रहता है और शरीर में मौजूद वसा भी कम होती है
गडूची से वसा नियंत्रित
मोटापे को नियंत्रित करने के लिए गडूची एक प्रभावित तरीका है। इससे शरीर मे मौजूद वसा कम होती है

एलोवेरा खाकर वज़न नियंत्रित
एलोवेरा के पत्तों के सेवन से वज़न नियंत्रित होता है। इसलिए एलोवेरा का सेवन रोज़ करना चाहिए। 

सेब साइडर सिरके से वज़न नियंत्रित
सेब साइडर सिरके के सेवन से वज़न नियंत्रित होता है

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मस्‍सों के लिए नुस्‍खे

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मस्‍से के लिए घरेलू उपचार -
  • मस्से को समाप्‍त करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऐसा 8-10 बार करें, ऐसा करने से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा। अगर ज्‍यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी तरीके से जलाकर झड़ा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए।
  • खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकाल लीजिए और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाइए। इस जूस को नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड़ रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक लगभग समाप्‍त हो जाएंगे।
  • मस्‍से को समाप्‍त करने के लिए प्‍याज भी फायदेमंद है। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाने से मस्‍से समाप्‍त होते हैं।
  • बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को रात में मस्सों लगाकर सो जाइए, ऐसा करने से मस्‍से धीरे-धीरे मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं।
  • आलू का प्रयोग करने से भी मस्‍से समाप्‍त होते हैं। आलू को छीलकर काट लीजिए, उसके कटे हुए हिस्‍से को मस्‍सों पर रगडि़ए, ऐसा करने से कुछ दिनों में मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं। 
  • लहसुन की कली को छील लीजिए, उसके बाद उसे काटकर मस्‍सों पर र‍गडि़ए, कुछ दिन बाद मस्‍से सूखकर झड़ जाएंगे।
  • फूल गोभी का रस मिलाने से मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं।
  • रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद मस्‍सों पर शहद लगाइए, इससे मस्‍से खत्‍म हो जाते हैं।
  • मस्‍से वाले हिस्‍से को पाइनेपल के जूस में रखिए, इससे मस्‍से नष्‍ट करने वाले एंजाइम होते हैं।

  • इन नुस्‍खों को आजमाने के बाद भी अगर मस्‍से न समाप्‍त हों तो चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य कीजिए।
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शहद के लाभ benefits of honey

नियमित रूप से शहद का सेवन करने से शरीर को स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। शहद से शरीर स्वस्थ, सुंदर और सुडौल बनता हैं। शहद मोटापा घटाता भी है और शहद मोटापा बढ़ाता भी है। मीठे शहद के गुणों से रोगी व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है। आइए जानें शहद के लाभ के बारे में।

  • शहद में विटामिन ए, बी, सी, पाए जाते हैं। इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, सोडीयम फास्फोरस, आयोडीन भी पाए जाते हैं। इसीलिए प्रतिदिन शहद का सेवन करने से शरीर में शक्ति, स्फर्ति, और ताजगी बनी रहती है और रोगों से लड़ने की शक्ति भी  बढ़ती है।
  • गर्भावस्था के दौरान यदि महिलाएं प्रतिदिन शहद का सेवन करती हैं उनका होने वाला बच्चा अन्य  बच्चों  के मुकाबले मानसिक दृष्टि से अधिक श्रेष्ठ और स्वस्थ होता है।
  • शहद से त्वचा पर निखार लाया जा सकता है इसके लिए गुलाब जल, नींबू और शहद मिलाकर लगाना चाहिए।
  • शहद के औषधीय गुणों के कारण अनेक बीमरियों से छुटाकरा पाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। शहद को खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों को भी शहद से दूर किया जा सकता है।
  • कफ एवं अस्थमा को शहद के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर देने से खाँसी में आराम मिलता है।
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में शहद कारगर है।
  • रक्त  को साफ करने यानी रक्त शुद्धि के लिए भी शहद का सेवन करना चाहिए।
  • दिल को मजबूत करने, हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने और हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है।
  • शहद रोजाना खाने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। दिमागी कमजोरियां दूर होती है।
  • शहद को खाने से चेहरे की झाइयां और मुँहासे दूर हो जाते हैं।
  • गर्मियों के दिनों में रोजाना पानी के साथ शहद के सेवन से पेट हल्का रहता है।
  • पके आम के रस में शहद मिलाकर लेने से पीलिया में लाभ मिलता है।
  • चेहरे की खुश्‍की दूर करने के लिए शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाना चाहिए। इससे चेहरे पर चमक भी आएगी।
  • मोटापा बढ़ाने या शरीर की दुर्बलता दूर करने के लिए रात को बिना चीनी के एक गिलास दूध में शहद डालकर पीने से शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है।
  • रोजाना शहद के सेवन से किडनी और आँत ठीक रहते आती है।
  • शहद को चाय या दूध के साथ लेने से पेट संबंधी संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता हैं।
  • सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने के लिए अदरक का रस और शहद चाटना अच्छा रहता है।
  • कब्ज को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।
  • शहद को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
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गिरते बालों के लिए घरेलू उपचार Home remedies for falling hair

  • बालों का गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए सप्ताह में एक बार अपने बालों की रोज़मेरी ऑयल से मसाज कीजिए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
  • जवाकुसुम की पत्तियों को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए, इस पेस्‍ट को सिर की त्वचा और बालों पर लगाइए, इससे बाल बढ़ते हैं और घने भी होते हैं।
  • बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए बालों को भरपूर पोषण दीजिए। मेंहदी में भरपूर पोषण होता है जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी चाहिए।
  • मेंहदी को अंडे के साथ मिलाकर लगाने से ज्‍यादा फायदा होता है। इससे बाल मजबूत होते हैं और बालों का गिरना बंद हो जाता है।
  • गिरते बालों को रोकने के लिए दही बहुत कारगर घरेलू नुस्‍खा है। दही से बालों को पोषण मिलता है। इसके लिए बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले बालों में दही लगाना चाहिए। जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तो पानी से धो लीजिए।
  • दही में नींबू का रस मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है। नींबू के रस को दही में मिलाकर पेस्‍ट बना लीजिए। नहाने से पहले इस पेस्‍ट को बालों में लगाइए, 30 मिनट बाद बालों को धुल लीजिए। बालों का गिरना कम हो जाएगा।
  • बालों को धोने से एक घंटा पहले बालों में अंडे लगाइए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
  • शहद कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। शहद के प्रयोग से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है। शहद को बालों में लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।
  • दालचीनी भी बालों की समस्या को दूर करने का कारगर उपाय है। दालचीनी और शहद के को मिलाकर बालों में लगाइए। इससे बालों का झड़ना बंद होगा।
  • गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उनका पेस्ट बनाइए। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगाइए और कुछ समय बाद सिर को धो लीजिए। इससे बालों का गिरना कम होगा।

गिरते बालों को झड़ने से रोकने के लिए आपको अपने आहार-योजना पर ध्‍यान रखना चाहिए। खाने-पीने की कमी से भी आपके बाल गिर सकते हैं। तनाव से दूर रहिए, धूम्रपान, एल्कोहल आदि का सेवन ना कीजिए। अगर इन नुस्‍खों के प्रयोग के बाद भी बालों का गिरना बंद न हो तो चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।

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तलाक के कारण

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कोई नहीं चाहता कि उसके वैवाहिक संबंधों में दरार आएं। लेकिन कई कारण ऐसे भी हैं जिनसे तलाक होने की आशंका बनी रहती है। कई बार आपस में एक-दूसरे के विचारों का  ना मिलना, एक-दूसरे की संस्कृति ना मिलना और भी इसी तरह के कारण तलाक के कारण बन जाते हैं। लेकिन इसके अलावा विवाहेत्तर संबंध भी तलाक के कारणों में बहुत महत्वपूर्ण कारण हैं। कई बार फैमिली मुद्दे भी तलाक के कारण हैं। तलाक के समय आपके पास कारणों का स्पष्टीकरण होना जरूरी है जिससे आप उन कारणों का सोल्यूशन ढूंढ सको और कुछ कारबार कदम उठा सकों। आइए जानें तलाक के मुख्य कारण कौन से है जिनसे शादी जैसा पवित्र बंधन टूटने की नौबत तक आ जाती है।
  • कई बार पति-पत्नी आपस में एक-दूसरे का समझ नहीं पाते और स्थितियों से पूरी तरह से वाकिफ नहीं होते और पूरी बात समझें बिना आपस में झगड़ने लगते है। इससे नौबत तलाक तक आ जाती है।
  • पति-पत्नी के रिश्तों में परिवार वालों की बहुत अधिक दखलअंदाजी भी तलाक का एक मुख्य कारण है।
  • विवाहेत्तर संबंध यानी शादी के बाद पति या पत्नी में से किसी एक का अफेयर होने से भी तलाक हो सकता है।
  • शादी से पहले किसी से प्रेम करना और शादी किसी और से होना या फिर जबरन शादी करवाना भी तलाक का कारण है।
  • पति या पत्नी का दोनों में से किसी एक का अच्छे घर से ताल्लुकात होना। यानी एक का बहुत अमीर होना और दूसरे का गरीब होना भी कई बार तलाक का कारण बन जाता है। दरअसल, बात-बात पर झगड़े होने पर दोनों का एक-दूसरे की कमजोरी को गिनाने से भी तलाक हो जाता है।
  • आज के समय में रिश्तों में प्यार ना होना भी तलाक का कारण है। यानी पति या पत्नी का अपने काम में बहुत व्यस्त होने से अपने साथी को पूरा समय ना देने के कारण दोनों के बीच प्यार कम होने लगता है।
  • एक-दूसरे का सम्मान ना करना, एक-दूसरे के काम में हाथ ना बंटाना, या फिर किसी एक का बहुत ज्यादा बीमार रहना भी तलाक का एक कारण बन सकता है।
  • पति द्वारा पत्नी को और पत्नी द्वारा पति को सेक्सुअली खुश ना रख पाना भी तलाक के कारण बन सकते हैं। पति या पत्नी में से किसी को यौन संबंधी भयंकर बीमारी होना या फिर पति का नपुंसक होना। यौन संबंधों का सही सलामत ना चलना।
  • दोनों का एक दूसरे के प्रति अविश्वास होना। यानी दोनों के रिश्ते में अविश्वास हो और दोनों बात-बात पर एक-दूसरे पर भरोसा करने के बजाय शक करते हो तो भी तलाक की नौबत आ सकती है।
  • पति या पत्नी में से किसी एक का लंबे समय तक गंभीर बीमारी का शिकार होना।
  • पत्नी को दहेज के लिए परेशान करना, पत्नी के बच्चे ना हो पाना भी तलाक का कारण बनने की आशंका रहती है।
  • किसी छोटी बात को लेकर झगड़ा होना उसको बढ़ा-चढ़ाकर तूल देना या फिर मार-पीट जैसी नौबत आने पर भी तलाक हो जाते हैं।
  • ऐसे आर बहुत से कारण हैं जिनसे तलाक होने की आशंकाएं रहती हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपके संबंध आपके पार्टनर से अच्छे बने रहें और लंबे समय तक सही चलें तो इसके लिए जरूरी है एक-दूसरे को समझने की और इसके साथ ही जरूरी है कि आप दोनों पक्षों की तरफ से बराबरी का एडजस्टमेंट हो। तभी आप तलाक के कारणों से बच पाएंगे।
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अच्छी पत्नी बनने के 10 तरीकों के बारे में

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  1. अगर आप अपने पति को बदलने या उसकी आदतों में बदलाव लाने की सोच रही हैं तो इस बात को अपने दिलोदिमाग से तुरंत निकाल दें। आप अपने पति को वैसे ही स्वीकार करें जैसा वह स्वाभाविक रूप से है ना कि उसमें बदलाव लाने की कोशिश करें।
  2. आप अपने पति में बदलाव लाने के बजाय अपने ऊपर फोकस करें। यानी यदि आपमें कोई गलत आदते हैं या फिर कोई नेगेटिव चीजें है उसमें बदलावा लाएं।
  3. अच्छी पत्नी बनने के लिए जरूरी है कि कुछ सैक्रीफाइज करना। यानी आप वास्तव में अच्छी बनना चाहती हैं तो अपनी उन आदतों में बदलाव लाएं जिससे दूसरों को हानि होती है या फिर कोई हर्ट होता है जैसे आपके क्रोध से इत्यादि।
  4. अपने पति की जरूरतों का खास ख्याल रखें। अपने पति के सपनों को साकार करने में पूरा-पूरा सहयोग दें आर पति के सपनों को जानें कि वह क्या चाहता है, उसकी ख्वाहिशें क्या हैं।
  5. आप यदि सचमुच अच्छी पत्नी का ख्वाब देखती हैं तो अपने पति की पाजिटिव चीजों का ख्याल रखें। पति की अच्दी बातों पर अधिक फोकस करें।
  6. अच्छी पत्नी बनना किसी अच्छी नौकरी पाने जैसा ही है। ऐसे में आपको कड़ी मेहनत और पति को संतुष्‍ट करने की जरूरत होती है। आपको हा उस काम पर फोकस करना चाहिए जिससे आपके पति का खुशी मिलती है।
  7. घर का माहौल ऐसा बनाएं जो न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके पति के लिए भी कंफर्ट और सुरक्षित हो।
  8. आप कोई भी ऐसा काम न करें जिससे आपको षर्मिंदा होना पड़े। बल्कि आप ऐसे काम करें जिससे आपको अपने ऊपर गर्व महसूस हो।
  9. आप अपनी पाजिटिव चीजों पर अधिक फोकस करें और उसको अधिक से अधिक विकसित करें जिससे आप अच्छी पत्नी बन सकें।
  10. जरूरी नहीं कि आप अच्छी पत्नी बनने के लिए अपने आपको ही भूल जाएं बल्कि आपको अपने आपको को भी उतना ही महत्व देना है जितना आप अपने पति को दे रही हैं। आप इन बातों पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें कि दूसरा कोई आपको क्या कह रहा है।

इन दस तरकीबों को यदि आप ध्यान रखेंगी तो निष्चित रूप से आप एक अच्छी पत्नी कहलाएंगी।

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बवासीर के लिए घरेलू उपचार

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पाइल्‍स के लिए घरेलू नुस्‍खे –
  • खूनी बवासीर में नींबू बीच में से काटकर उसमें लगभग 4-5 ग्राम कत्‍था पीसकर डाल दीजिए। इन दोनों टुकड़ों को रात में छत पर खुला रख दीजिए। सुबह उठकर दोनों टुकड़ों को चूस लीजिए। इस प्रयोग को पांच दिन तक कीजिए। पाइल्‍स में फायदा होता है।  
  • नीम के छिलके सहित निंबौरी के पाउडर को प्रतिदिन 10 ग्राम रोज सुबह रात में रखे पानी के साथ सेवन कीजिए, इससे फायदा होगा। लेकिन यह ध्‍यान रखिए इस नुस्‍खे को अपनाते वक्‍त आपके खाने में देशी घी होना चाहिए।
  • खूनी बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को ताजा मक्खन के साथ लीजिए। इसे लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
  • जीरे को पीसकर मस्‍सों पर लगाने से फायदा मिलता है, इसके साथ ही जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है।
  • पके हुए केले को दो टुकड़ों में काटकर उसपर कत्‍था पीसकर छिड़क दीजिए। इन टुकड़ों को रात में खुले आसमान में रख दीजिए। सुबह उठकर केले के टुकड़ों को खाइए। इस क्रिया को एक हफ्ते तक कीजिए, बवासीर ठीक हो जाएगा।
  • आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की समस्‍या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से फायदा होता है।
  • लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लीजिए। रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।


  • दूध का ताजा मक्‍खन और काला तिल लगभग एक ग्राम, दोनों को मिलकार खाने से फायदा होता है।
  • जंगली गोभी भी बवासीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जंगली गोभी को घी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालकर आठ दिन रोटी के साथ खाइए। इससे बवासीर ठीक होता है।
  • गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर ठीक होता है।
  • हर रोज दही और छाछ खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है और बवासीर में फायदा भी होता है।
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बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका दर्द असहनीय होता है। इन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करके काफी हद तक इससे राहत मिल जाती है। अगर इन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करने के बाद भी बवासीर ठीक न हो तो चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य कीजिए।

देर तक कुर्सी पर बैठना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है। बवासीर दो प्रकार की होती है – खूनी बवासीर और वादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्‍से सुर्ख होते हैं जिसके कारण खून निकलता है जबकि वादी बवासीर में मस्‍से काले होते हैं। बवासीर बेहद तकलीफदेह होती है। आइए हम आपको कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बताते हैं जिसका प्रयोग करके बवासीर और इससे होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है।
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झगड़े से आराम से बच सकते हैं

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दांपत्य बंधन में बंधने के बाद एक समय ऐसा भी आता है जब बात-बात पर पति-पत्नी में झगड़े शुरू हो जाते हैं। व्यक्ति अपने जीवनसाथी से व्यर्थ के झगड़ों में उलझ, अपना जीवन भी तनावमय बना लेता है। शादी के बाद आप अपने जीवन साथी के साथ सुकुन का जीवन व्यतीत कर सकें, अपने जीवनसाथी के सुख-दुख में अपना साथ दे सकें इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें। आइए जानें दांपत्य के झगड़ों से बचने के लिए क्या करें।

पति-पत्नी 24 घंटे साथ रहते हैं और उनका रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है। ऐसे में तमाम मुद्दों पर असहमति और मतभेद होने की गुजाइंश रहती है। हालांकि दोनों को ही छोटी-छोटी बात पर मतभेद करने से बचना चाहिए।
यदि आपके साथी का स्वभाव तेज है तो आपको अपने साथी को समझते हुए नरमी से पेश आना चाहिए।
हर बात पर तर्क-वितर्क और बहस न करें। कभी-कभी बातें सुनना भी अच्छात रहता है।
यदि पति-पत्नी के बीच एक को बहुत ज्यादा बोलने की आदत है, तो दूसरे को चुपचाप सुन लेना चाहिए।
झगड़ा होने के बावजूद लंबे समय तक बातचीत बंद न करें। लगातार संवाद करते रहें।
पुरानी बातों को लेकर बहस न करें और अतीत को लेकर झगड़ा न करें।
कभी भी तीसरे व्यक्ति के लिए आपस में न झगड़े या फिर किसी के बहकावे में आकर बिना कारण जानें झगड़ा न करें। यदि आपस में झगड़ा है भी तो बाहर के किसी तीसरे व्यक्ति के साथ शेयर न करें।
झगड़े के दौरान एक-दूसरे के परिवार को बीच में न लाएं, इससे झगड़ा अधिक बढ़ने की संभावना रहती है।
एक-दूसरे की कमजोरी का मजाक न उड़ाए और न ही झगड़े में ऐसी बातों को तूल दें। जितनी जल्दी हो सकें झगड़े को खत्म करें या फिर झगड़े का कारण ढूंढ उसका समाधान करें।
आपकी गलती है, तो भी आप माफी मांगने की पहल करें इससे आपके साथी को अच्छा लगेगा और आपके बीच पैदा हुई गलतफहमियां भी दूर होंगी।
एक-दूसरे पर गलत आरोप लगाने से बचें। साथ ही सार्वजनिक तौर पर बिल्कुल न झगड़े।

इन टिप्स को अपनाकर आप झगड़े से आराम से बच सकते हैं साथ ही अपने साथी को अपने करीब ला सकती हैं।
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डायबिटीज से बचने के नुस्खे‍ Tips to avoid diabetes


आधुनिक समय में डायबिटीज यानी मधुमेह एक आम बीमारी बनती जा रही है। मधुमेह रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है।
अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज को अपने डाइट प्लान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज को नियंत्रण करने के कई तरीके हैं। आइए हम मधुमेह रोगियों के लिए कुछ घरेलू उपाय बताते हैं।

मधुमेह के लिए घरेलू उपचार –
10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पावडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इसको लेने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।
औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।

स्टीविया का पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है।
डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
मधुमेह मरीजो को नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते के रस को मिलाकर पीना चाहिए।
चार चम्‍मच आंवले का रस, गुड़मार की पत्ती मिलाकर काढ़ बनाकर पीने मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर सेवन करने से मुधमेह नियंत्रण में रहता है।
मधुमेह के रोगियों को खाने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। अच्छे से चबाकर खाने से भी मधुमेह को नियंत्रण में किया जा सकता है।

मधुमेह रोगियों को नियमित व्यायाम और योगा करना चाहिए।
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रिश्ते निभाने के हुनर

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एक दिन एक महिला ने अपने घर के बाहर तीन संतों को देखा। भीतर आ कर उसने यह बात अपने पति को बताई। पति ने कहा, उनको आदर सहित बुला लाओ। महिला ने बाहर आ कर उन संतों को आमंत्रित किया। संत बोले, हम सब किसी भी घर में एक साथ नहीं जाते। पर क्यों? महिला ने पूछा। उनमें से एक ने कहा, मेरा नाम धन है। फिर दूसरे संतों की ओर इशारा कर के कहा, इन दोनों के नाम सफलता और प्रेम हैं। हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है। आप तय कर लें कि किसे निमंत्रित करना है।

महिला असमंजस में पड़ गई। फिर भीतर जाकर अपने पति को बताया। पति प्रसन्न हो कर बोला, हमें धन को आमंत्रित करना चाहिए। हमारा घर खुशियों से भर जाएगा। पत्नी ने कहा, मुझे लगता है कि हमें सफलता को आमंत्रित करना चाहिए। सफलता के साथ धन भी जुड़ा होता है। उनकी बेटी यह सब सुन रही थी, मुझे लगता है कि हमें प्रेम को ही आमंत्रित करना चाहिए। प्रेम से बढ़ कर कुछ भी नहीं है।



कुछ सोच-विचार के बाद माता-पिता ने उसकी बात मान ली। महिला बाहर गई और पूछा, 'आप में से जिनका नाम प्रेम है, वे कृपया घर में चलें और भोजन ग्रहण करें।' प्रेम घर की ओर बढ़ चले। बाकी के दो संत भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे। महिला ने आश्चर्य से कहा, 'पहले तो कहा कि आपमें से कोई एक ही भीतर आ सकता है। और जब मैं ने सिर्फ प्रेम को ही आमंत्रित किया, तो आप दोनों भी साथ आ रहे हैं।' तब उनमें से एक बोला, 'यदि आपने धन और सफलता में से किसी एक को आमंत्रित किया होता तो केवल वही भीतर जाता। लेकिन आपने प्रेम को आमंत्रित किया है। प्रेम कभी अकेला नहीं जाता। वह जहां-जहां जाता है, हम दोनों यानी धन और सफलता उसके पीछे-पीछे जाते हैं।'

आज की भोगवादी संस्कृति ने इन लोक कथाओं को अर्थहीन बना दिया है। संचार के साधन बहुत विकसित हुए हैं, कितु आपसी बोल-चाल में प्रेम की मिठास न जाने कहां लुप्त होती जा रही है। हर कोई माथे पर बल डाले या मुंह लटकाए मिलता है। हंसते भी हैं तो बनावटी हंसी। पश्चिम की नकल ने जिस नए मध्य वर्ग को जन्म दिया है, वह आगे बढ़ने, सफल होने और धन के पीछे भागने की चाह में अपनी जड़ों से कटता जा रहा है। इसी ने उसकी स्वाभाविकता छीन ली है।

वह हर स्पर्धा में खुद को सबसे आगे रखना चाहता है। हर किसी को अपना प्रतिद्वंदी समझता है और शक की नजर से देखता है। इसीलिए हंसी भी विदा हो गई है। आपसी जुड़ाव, संवेदनशीलता, प्रतिबद्धता और सामाजिक सरोकार सब क्रमश: स्खलित हो रहे हैं। हम सब एक नीरस व्यवस्था के कलपुर्जे बनते जा रहे हैं। हर रिश्ते में कटुता का बोल-बाला है।

हम भूल रहे हैं कि विरोध और टकराव से कुछ नहीं मिलता। परस्पर प्रेम और सामंजस्य ही विकास का प्रतीक है। विरोध और सामंजस्य का सबसे सुंदर उदाहरण हमारा हाथ है। हाथ की चार उंगलियां एक दिशा में है और अंगूठा विरोधी दिशा में है। लेकिन जब उंगलियां और अंगूठा एक दूसरे के पास आते हैं, तो न अंगूठा उंगलियों से लड़ता है न उंगलियां अंगूठे से। दोनों के इसी सामंजस्य से हमारे सारे काम-काज संपन्न होते हैं।

परस्पर प्रेम पूर्वक रिश्ते निभाने के हुनर का एक और जीवंत उदाहरण गृहणियों के हाथ के कंगन और चूड़ियां हैं। गृहणियों के हाथों की शोभा बढ़ाते हुए दोनों एक साथ रहते भी हैं और आपस में टकराते भी हैं। लेकिन उनके टकराव से खनकती हुई मधुर ध्वनि ही निकलती है, कोलाहल नहीं होता। कभी कंगन से टकरा कर चूड़ियों को टूटते नहीं देखा।
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रिश्तों की अहमियत

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