बिना मेहनत WEIGHT LOSS के 6 तरीके

ज्यादा मोटापा बढऩा किसी के लिए भी एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। अगर आपके साथ भी ये ही समस्या है तो वजन घटाने के ये छ: तरीके अपनाकर आप बिना पसीना बहाए वजन क म कर सकते हैं......

योगा करें -

पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन अच्छा विकल्प है. हर सुबह नियमित रुप से योगा करने पर शरीर पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है. ध्यान रहें योगासनों का चुनाव करते समय पेट की चर्बी घटाने वाले योग को ही चुनें. योग शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से दूर रखता है। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है।

उपवास करें-
हफ्ते में एक दिन उपवास करना शरीर के लाभकारी हो सकता है। अगर आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं. खाने का सामान सामने आते ही खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें. इस दौरान सिर्फ पेय पदार्थों या फलों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो सब्जियों का सलाद या फ्रूट सलाद खा सकते हैं। सलाद शरीर के फायदेमंद होने के साथ वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है।

हल्का भोजन करें- अध्ययनों से पता चलता है, कि वे व्यक्ति जो सुबह के खाने और दोपहर के खाने में कुछ घंटो का अंतर रखते हैं, एक साथ खाने वाले व्यक्तियों की बजाय लगभग 30 प्रतिशत कम कैलोरी का उपभोग करते हैं।अंतराल में खाया गया भोजन हमारे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और भूख को कम करने में मदद करता है। इसलिए एक साथ भारी भोजन के बजाय 5-6 बार में कम भोजन या प्रतिदिन नाश्ते की तरह करना ज्यादा असरदार होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिलेगी।

अपनाएं ये नेचुरल तरीके:-

- करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
- सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है इसलिए ये अधिक खाएं। केला और चीकू न खाएं इनसे मोटापा बढ़ता है।
- एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू,और चम्मच शहद डालकर खाली पेट दो माह तक पीने से मोटापा कम होता है।

- चने की भीगी हुई दाल और शहद मिलाकर रोज खाने से मोटापा कम होता है।

- चाय में पोदिना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।

- मोटापा कम करने के लिए नमक रहित भोजन करना चाहिए।
- रोजाना कच्चा टमाटर, नमक और प्याज साथ खाने से मोटापा कम होने लगता है।
- दही मोटापा कम करने में लाभप्रद होता है।

- तुलसी के पत्तों का रस, शहद और एक कप पानी तीनों को मिलाकर पीने मोटापा घटता है।
- मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक दिन व्रत जरुर रखें और सिर्फ फलों का ही सेवन करें।
-छाछ में काला नमक व अजवाइन मिलाकर पीने से मोटापा कम होने लगता है।

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नींबू-शहद का उपाय, दूर हो जाएगा मोटापा Lemon-honey remedy will remove obesity

वर्तमान समय में अनियमित खान-पान और असंयमित रहन-सहन के कारण अधिकांश व्यक्तियों की प्रमुख समस्या बन गई है मोटापा।
काफी लोग ऐसे हैं जो वजन कम करने के लिए कई प्रयास करते हैं लेकिन उसके बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पाते हैं। यदि प्रयास सही तरीके से नहीं किए जाते हैं जिसकी वजह से मोटापे से निजात नहीं मिल पाती है।

वजन कम करने के लिए योगासन से अच्छा कोई और विकल्प नहीं हैं। योगा से कम समय में ही शरीर को संतुलित किया जा सकता है। यहां जानिए कुछ अन्य उपाय जिनसे आपको जल्द ही अच्छे परिणाम प्राप्त होने लगेंगे।
अधिक कैलोरी वाले खाने का पूर्णत: त्याग करें। शरीर को कम कैलरी मिलेगी तो शरीर पहले से जमा कैलरी का इस्तेमाल करेगा।

यहां दी गई बातों का ध्यान रखने के साथ ही यह उपाय भी करें... प्रतिदिन सुबह-सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ शहद पीने से वजन कम होता है। इससे शरीर में शकर का स्तर भी सही रहता है। चेहरे पर चमक भी आती है।
वजन घटाने के लिए रोज सुबह खाली पेट नींबू-पानी भी ले सकते हैं। जिन लोगों को ठंड या साइनस की परेशानी रहती है वे गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पी सकते हैं।

- हमेशा ध्यान रखें, खाने में सब्जियां अधिक से अधिक शामिल करें।

- दिनभर में कम से कम एक बार फल या ज्यूस अवश्य लें।

- हमें रोज कम से कम 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। इससे पेट संबंधी कई बीमारियों पर रोक लगती है।

- खाने में मीठा कम करें।

- आजकल अधिक तेल-मसाले का खाना ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन यह आपका वजन बढ़ाता है। अत: तला खाना कम करेंगे तो अच्छा रहेगा।
रेशायुक्त खाने की चीजें अधिक खाना चाहिए। जैसे विभिन्न प्रकार के अनाज, अंकुरित चना आदि
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दूर होती है सुस्ती, मिलती है ताकत !

नाश्ते में एक कटोरी स्प्राउट्स के सेवन से हम पा सकते हैं पूरे दिन के लिए ऊर्जा और पोषण। दरअसल, स्प्राउट्स में पोषण दोगुना मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इनके सेवन से व्यक्ति ज्यादा ऊर्जावान महसूस करता है। साथ ही इसमें तेल व मसालों की भी जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए और भी लाभप्रद है।

क्या-क्या मिलाएं:-

स्प्राउट्स में कई तरह के अनाज मिलाकर सेवन कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से काला चना, मूंगफली, साबुत मसूर और साबुत मूंग आदि मिलाए जा सकते हैं। इन सभी में भरपूर पोषण होता है, जो व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

एजिंग होती है धीमी:-

स्प्राउट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स जहां एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, वहीं शुद्ध रूप से मिलने वाला प्रोटीन मसल्स को मजबूती और शेप दोनों देता है।

100 गुना ज्यादा एंजाइम्स:-

कच्चे फल और सब्जियों के मुकाबले स्प्राउट्स में एंजाइम्स की मात्रा 100 गुना ज्यादा होती है। एंजाइम्स शरीर के लिए कैटेलिस्ट का काम करते हैं, जो अन्य खाद्य पदार्थो से ज्यादा से ज्यादा विटामिन, मिनरल, फैटी व अमीनो एसिड एक्सट्रैक्ट करने में मदद करते हैं।

विटामिन्स में होती है वृद्धि:-

स्प्राउटेड अनाज में मौजूद विटामिन अपनी ओरिजिनल वैल्यू से 20 गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं। शोध बताते हैं कि मूंग के स्प्राउट में विटामिन बी-1, 285%, विटामिन बी-2, 515% और नियासिन 256% तक बढ़ जाता है।

स्प्राउट्स का फायदा:-
स्प्राउट्स में ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में रहती है, जिससे स्वस्थ रहने के लिए जरूरी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

पकाकर खाने की तुलना में स्प्राउटेड अनाज को कच्च ही खाना चाहिए। पकाने से उसके पोषक तत्व नष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है और स्प्राउट्स खाने का फायदा नहीं होता।

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किचन एक तरह का घरेलू औषधालय

भारतीय आयुर्वेद के अनुसार भारत के हर घर का किचन एक तरह का घरेलू औषधालय है। किचन में रखी कई चीजें जैसे मसाले, खाद्यान्न, फल-सब्जी, शहद, घी-तेल आदि औषधि का काम भी करते हैं। अत: रसोई घर को औषधि का भंडार कहना गलत नहीं होगा। आइए, जानते हैं ऐसे कुछ अनुभूत नुस्खे के बारे मे जो वक्त पड़ने पर बेहद कारगर सिद्ध हो सकते हैं।

- एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर लगाने या हल्के-हल्के मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।
- अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आये हों, तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिला कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है।

- दही में भूरे जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया मिटता है।
- सिरके के साथ जीरा देने से हिचकी बंद हो जाती है।

- खाना खाने को मन नहीं करता। भरपेट नहीं खा सकते।पचता भी नहीं तो धनिया, छोटी इलायची, कालीमिर्च तीनों एक जैसी मात्रा में लें। इन्हें पीस कर छान लें और शीशी में रखें। चौथाई चम्मच घी तथा आधा चम्मच चीनी में आधा चम्मच इस चूर्ण को डालकर खाएं।
- कमजोरी में रात को पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा धनिया भिगो दें। प्रात: छानकर पी लें। कुछ दिन नियमित करें। कमजोरी दूर होगी।

- भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।
- 5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की ज्योति ठीक रहती है।गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है

- अजवाइन, सौंफ और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं। आराम मिलेगा। पेटदर्द गायब हो जाएगा।
-अजवाइन को गर्म करके पतले कपड़े में पोटली बांधकर सूंघने से जुकाम और सर्दी में लाभ होता है।

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बारिश के मौसम में केला खाने के TOP 7 हेल्दी फायदे

बारिश के मौसम में बाजार में आसानी से मिलने वाला केला एक बेहद स्वादिष्ट मौसमी फल है लेकिन केला न सिर्फ स्वाद में अलग और बेहतरीन होता है बल्कि इसे मौसम में खाने के ढेरों फायदे हैं। एक रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं केला खाने के ऐसे ही कुछ खास फायदों के बारे में......

- केला में कैल्शियम पाया जाता हैं। जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता हैं।केले का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती हैं और गैस्ट्रिक की बीमारी को दूर किया जा सकता हैं। केले में घुलनशील फाइबर पेक्टिन होता हैं।

- केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के रिस्क को कम कर के हार्ट अटैक और हाईपरटेंशन की बीमारी को कंट्रोल करता है। यूएस में किसी अन्य फल के मुकाबले केला खाने को ज्यादा कहा जाता है।


- नियमित दो पके केले को 250 ग्राम दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ता हैं और शरीर को शक्ति मिलती हैं। केला में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। जो शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।एनीमिया और अल्सर से ग्रसित लोगों के लिए केला काफी फायदेमंद होता हैं।


- केला पोटैशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता हैं।केला का सेवन करने से तनाव कम हो जाता हैं और मन को शांति मिलती हैं। केले में पोटैशियम, सोडियम, आयरन, विटामिन ए, बी और विटामिन सी पाया जाता हैं।

- केला पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। गैस्ट्रिक की बीमारी वाले लोंगो के लिये केला बहुत प्रभावशाली उपचार है। वे लोग जो ट्रैवेलिंग की तैयारी कर रहें हैं उन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसको दूर करने के लिये वे केले को अपने साथ ले सकते हैं।


- एक शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वे लोग जो डिप्रेशन की बीमारी से पीडि़त थे, वे केला खाने के बाद अच्छा महसूस करते थे। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि केले में प्रोटीन, ट्रायफोटोपन पाया जाता है, जो कि माइंड को रिलैक्स कर देता है


-केला एथलीट लोगो का फेवरेट होता है क्योंकि यह तुरंत एनर्जी प्रदान करता है। वे लोग जो दिन भर भूखे प्यासे रहते हैं, अगर वह केवल केला ही खा लें तो उन्हें अन्य फल के मुकाबले केले से तुरंत एनर्जी मिलेगी।

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गौ माता की रक्षा

आप सब की थोड़ी सी सतर्कता गौ माता की रक्षा कर सकती है
अगर आपके इलाके में गौ तस्करी हो रही है तो कृपया इन नम्बरों पर तुरन्त सूचना दे
गऊ रक्षा दलो के मो. न. ......
राज्स्थन - .09414245251,
पंजा­ब. - 09814284153,
दिल्ली. - 09711195952,
हरियाना . - 08295312050,
गुजरात - 09805467442,
उत्तर प्रदेश - 09897904111,
मध्यप्रदेश - 07552733777,
महाराष्ट्र - 07552733777,
बुंदेलखं­ड - 09621344698,
कर्नाटक - 09886699957,
पश्चिम बंगाल - 09433118551,
हिमांचल - 09816072246,
आंध्र प्रदेश - 09000214000. . ..
अगर कोई सुचना हो तो सम्पर्क करे !!
 
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डेंगू का उपचार

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.....
डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l


यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.



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गुनगुना पानी

इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
- पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है.
- गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है.
- गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभकारी है. - गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है.
- गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
- शाररिक श्रम करने के पहले थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
- गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
- ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
- गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
- सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द चुटकियों में दूर हो जाता है.

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लक्ष्य

किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी ,तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , और जब वो नाचने लगता तो बारिस ज़रूर होती.

कुछ दिनों बाद चार लड़के शहर से गाँव में घूमने आये, जब उन्हें यह बात मालूम हुई की किसी साधू के नाचने से बारिस होती है तो उन्हें यकीन नहीं हुआ .

शहरी पढाई लिखाई के घमंड में उन्होंने गाँव वालों को चुनौती दे दी कि हम भी नाचेंगे तो बारिस होगी और अगर हमारे नाचने से नहीं हुई तो उस साधु के नाचने से भी नहीं होगी.फिर क्याथा अगले दिन सुबह-सुबह ही गाँव वाले उन लड़कों को लेकर साधु की कुटिया पर पहुंचे.

साधु को सारी बात बताई गयी , फिर लड़कों ने नाचना शुरू किया , आधे घंटे बीते और पहला लड़का थक कर बैठ गया पर बादल नहीं दिखे , कुछ देर में दूसरे ने भी यही किया और एक घंटा बीतते-बीतते बाकी दोनों लड़के भी थक कर बैठ गए, पर बारिश नहीं हुई.

अब साधु की बारी थी , उसने नाचना शुरू किया, एक घंटा बीता, बारिश नहीं हुई, साधु नाचता रहा…दो घंटा बीता बारिश नहीं हुई….पर साधु तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था ,धीरे-धीरे शाम ढलने लगी कि तभी बादलों की गड़गडाहत सुनाई दी और ज़ोरों की बारिश होने लगी . लड़केदंग रह गए

और तुरंत साधु से क्षमा मांगी और पूछा-
” बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिस नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी ?”

साधु ने उत्तर दिया – ” जब मैं नाचता हूँ तो दो बातों का ध्यान रखता हूँ , पहली बात मैं ये सोचता हूँ कि अगर मैं नाचूँगा तो बारिस को होना ही पड़ेगा और दूसरी ये कि मैं तब तक नाचूँगा जब तक कि बारिस न हो जाये .”

Friends सफलता पाने वालों में यही गुण विद्यमान होता है वो जिस चीज को करते हैं उसमे उन्हें सफल होने का पूरा यकीन होता है और वे तब तक उस चीज को करते हैं जब तक कि उसमे सफल ना हो जाएं. इसलिए यदि हमें सफलता हांसिल करनी है तो उस साधु की तरह ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होगा.
A village is a Sage, he was the bears when dances. So whenever people need bears town, they go to the Sadhu and request they dined, and when he does the dancing bears of course.

A few days later the four boys in the village from the city when it was known by a sadhu of dancing bears, they sure did not happen.

Boasting never interested in village of urban people who read challenging that we also will the bears and if nexon was not from our dancing over the monk's dancing; then kyatha next day morning only to those with the village boys arrived at the Hermitage of Sage.

Sage noted the whole thing, then started dancing boys, half an hour ago and the first boy sat on the cloud, not tired while the other has followed suit and the rest an hour passing-passing both boys sat tired, not even on the rain.

Now, she started dancing monks turn, an hour elapsed, rain dances, Sage ...Two hours elapsed did not rain .... not only the name of the monk was taking the stay, only gradually began to conduct that evening and hear the rain clouds to be zoron gadgadahat. Ladkedang and immediately sought forgiveness from the monk and asked-"why it happened that Baba bless us from dancing bears and not gotten from the dance?"

Sage replied – "when I'll keep two dances the points, the first thing I wonder if I will be on the bears and other nachunga that I do not nachunga until the bears."

Friends success in those properties to get the thing to do that would exist if he is sure of succeeding and do the thing to not succeed in that. So if we have success like the Sage conquered nature to achieve your goal.
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गुलाब से बने गुलकंद में है कई चमत्कारिक गुण

गुलाब से बने गुलकंद में है कई चमत्कारिक गुण

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गुलाब सिर्फ एक बहुत खुबसूरत फूल ही नहीं है बल्कि यह कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर है। गुलाब की खुश्बु ही नहीं इसके आंतरिक गुण भी उतने ही अच्छे हैं। गुलाब के फूल में कई रोगों के उपचार की भी क्षमता है। नींद न आती हो , मानसिक थकावट हो तो सिरहाने के पास गुलाब रखकर सोएं. फिर देखिए परिणाम। आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुलाब का गुलकंद खाने के फायदों के बारे में ....

1-गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है जो शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है। यह पेट को भी ठंडक पहुंचाता है। गर्मी के दिनों में गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है,जो गर्मी से उत्पन्न थकान, आलस्य, मांसपेशियों का दर्द और जलन आदि कष्टों से बचाता है।

2- गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन के बाद गुलकंद का सेवन भोजन को पचाने के लिए फायदेमंद है और इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं।

3- दिल की बीमारी में अर्जुन की छाल और देसी गुलाब मिलाकर उबालें और पी लें, हृदय की धडकन अधिक हो तो इसकी सूखी पंखुडियां उबालकर पीएं। आँतों में घाव हो तो 100 ग्राम मुलेटी ,50 ग्राम सौंफ ,50 ग्राम गुलाब की पंखुडियाँ तीनों को मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा में लें। इसका 100 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीएं।

4-गर्मी के कारण चेहरे पर उत्पन्न छोटी-छोटी फुं सियाँ (एक्ने) गुलकंद के सेवन से धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं। बच्चों में कृमि कष्ट (पेट में कीड़े) होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक देने से कृमि कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।

5- गुलकंद लेने से पेट के रोग व अल्सर कब्ज आदि समस्याएं खत्म हो जाती हैं। रोजाना चम्मचभर गुलकंद खाने से आँखों की रोशनी ठीक रहती है। गुलकंद के नियमित सेवन से इसके पाचन के बाद बनने वाला रस आँतों के लिए बहुत हितकर होता है। पाचन क्षमता में सुधार, चयापचय क्रिया का नियमन, रक्तशोधन करने के लिए गुलकंद फायदेमंद होता है।

6- गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।

7- गुलकंद में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं और थकान दूर करते हैं। आपकी त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण हैं जो त्वचा की समस्याओं को दूर करते हैं और त्वचा हाइड्रेट रहती है।

Rose is in the many wondrous properties from gulkand

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Made from 1-rose is rose extracts in gulkand body transmits coolness. it prevents the dihaidreshan and rejuvenating the body. It also transmits coolness stomach. summer days gulkand elation a soft tonic, which generated from heat fatigue, laziness, muscle soreness and irritation, etc from the 2-gulkand. suffering vitamin cE & b good volume after gulkand. digest food intake of beneficial to digestion related problems from its intake and remotely. 4-heart disease rose in the bark of Arjun and boil and drink, mixing Indian heart boiled dry pankhudiyan more then its SIP dhadkan. wound up in the intestines, 100 gram mullet , 50 g aniseed, 50 g rose pankhudiyan in all three of its 10 grams 100 grams water. BREW by SIP generated 4-heat face. small phun siyan (ekne) intake be gradually away gulkand. children suffer when the worm (worms in the stomach) in a mixed baividing gulkand-a teaspoon in the morning-evening 15 days from suffer from worm. 5-gulkand from stomach Disease and ulcers constipation etc problems are over chammachbhar every day from eating gulkand eyes light. fix. after its regular intake of gulkand digestive juice that would be prudent for the intestines become. digestive efficiency, metabolic regulation, action beneficial to raktashodhan gulkand. 6-summer season many advantages does gulkand. better hajma and laziness gulkand body away. Temperature controls and constipation too far one morning-evening is the spoon in the gums swelling or blood on eating gulkand come to correct the problem. during the period from eating gulkand stomach pain ulcers of the mouth away in comfort. to eat beneficial gulkand. 7-in good amounts of antioxidants that gulkand body resistant to increase capacity and fatigue to your skin. It is very rewarding. There is property that skin problems and hydrate the skin.(Translated by Bing)

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Feetured Post

नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये

 1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?  जब आप लिफ़्ट में...