जो दालचीनी, पतली, मुलायम चमकदार, सुगंधित और चबाने परतमतमाहट एवं मिठास उत्पन्न करने वाली हो, वह श्रेष्ठ होती है।दालचीनी की तासीर गर्म होती है।अत: गर्मी के मौसम में इसका कम से कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। दालचीनी का सेवन लम्बे समय तक व लगातार मात्रा में नहीं करना चाहिए।वात-पित्त नाशक, मुंह का सूखना और प्यास को कम करने वाली होती है।दालचीनी की क्रिया श्वसन संस्थान पर अधिक होती है। यह कफ, जुकाम, क्षय (टी.बी) को नष्ट करती है। यह उत्तेजक, दर्दनाशक, स्नायु संस्थान में उत्तेजना लाने वाली,भूख बढ़ाने वाली, पाचक, अरुचि, उल्टी रोकने वाली, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाली, मल को गाढ़ा करने वाली, दस्त बंद करने वाली, बदबूनाशकतथा गैस निकालने वाली होती है। यह मूत्रवर्द्धक, हृदयशक्तिवर्द्ध क, यकृत, उत्तेजक तथा शरीर में स्फूर्ति लेने वाली होती है। यह त्वचा को निखारतीहै तथा खुजली के रोग को दूर करती है।इसकेपत्तों को तेजपत्ता कहते है |दालचीनी के इतने लाभ है की रोज़ ही चाय में या ऐसे हीगर्म पानी से इसका चूर्ण ले लेना चाहिए.इसका चूर्ण घर में रखना चाहिए .
- पालक ठण्डा होता है। पालक में दालचीनी डालने से इसकी ठण्डी प्रकृति बदल जाती है। इसी प्रकार दूसरे ठण्डे पदार्थों की प्रकृति बदल जाती है। इसी प्रकार अन्यशीतल पदार्थों की प्रकृति दालचीनी डालकर बदल सकते हैं।
- यह गर्भवती स्त्री के लिए हानिकारक होती है। गर्भवती स्त्रियों को इसे नहीं लेना चाहिए अथवा कम मात्रा में लेना चाहिए।
- दालचीनी का तेल दर्द, घावों और सूजन को नष्ट करता है। सिर दर्द के लिए यह बहुत ही गुणकारी औषधि होती है।दालचीनी का तेल 1से 4 बूंद तक काम में लेते हैं। दालचीनी का तेल तीक्ष्ण और उग्र होता है। इसलिएइसे आंखों के पास न लगाएं।
- दालचीनी त्वचा के लिये कंडीशनर का कामकरता है। चेहरे पर दालचीनी शहद का पैक लगाये झुर्रियां नही पड़ेगी।
- दालचीनी के लिए वसाब्लॉक की क्षमता है. शरीर में पर्याप्त दालचीनी के साथ, वसा कोशिकाओं को आसानी से नहीं विकसित होगी.दालचीनी के लिएएक वजन घटाने inducer माना जा रहा है क्योंकि यह मुख्य रूप से पाचन तंत्र पर एक सफाई प्रभाव है.
- मसाले बैक्टीरिया, कवक हटाने में मदद कर सकते हैं और पेट और आंतों से परजीवी. इसलिए, खाना बेहतर है .दालचीनी उदार रोगों , अतिसार , ग्रहणी , अफारे ,दस्त,कब्ज , भूख ना लगना,वमन ,पेट दर्द आदि में लाभकारी है .
- दालचीनी में शरीर की रक्त शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता है, जबकि इंसुलिन के उत्पादन में वृद्धि. जब एक नियमित आधार पर एक मधुमेह रोगियों द्वारा लिया,जाए दालचीनी में इंसुलिन जैसे गुण है.यह मसाला इतना शक्तिशाली है कि यह वास्तव में इंसुलिन के लिए एक सस्ता विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सबसे अधिक प्रकार द्वितीय मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिएप्रभावी है. दालचीनीजैव सक्रिय घटक है कि यहाँ तक कि इस रोगकी शुरुआत को रोका जा सकता है.
- दालचीनी ट्राइग्लिसराइड् स को भी कम करती है और शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर.भी कम करती है .
-गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी कापावडर दाल कर पेस्ट बनाएं और बालों में लगाए . एक घंटे बाद सरधो ले . इससे बाल झडनारुक जायेंगे .
- इसका सेवन रोगप्रतिरोधक शक्तिऔर आयु को बढाता है .
- दालचीनी का छोटा टुकडा रोजाना सुबह चबाने से हकलाने मेंलाभ होता है .
- संधिवात में दालचीनी के काढ़े कासेवन करने से लाभ होता है .दालचीनी के चूर्ण को शहद में मिलाकर कर लगाने से दर्द में आराम मिलताहै .
- दालचीनी का तेल या इसका लेप या तेजपत्ते के पत्तों को पीस कर बनाए गए लेप से सर दर्द में आराम मिलता है . —
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