विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
जब भी तुलसी में खूब फुल यानी मंजिरी लग जाए तो उन्हें पकने पर तोड़ लेना चाहिए वरना तुलसी के झाड में चीटियाँ और कीड़ें लग जाते है और उसे समाप्त कर देते है . इन पकी हुई मंजिरियों को रख ले . इनमे से काले काले बीज अलग होंगे उसे एकत्र कर ले . यही सब्जा है . अगर आपके घर में नही है तो बाजार में पंसारी या आयुर्वैदिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएंगे
शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है
नपुंसकता:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।
यौन दुर्बलता : 15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें। और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।
मासिक धर्म में अनियमियता:: जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है
गर्भधारण में समस्या:: जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो मासिक आने पर ५-५ ग्राम तुलसी बीज सुबह शाम पानी के साथ ले जब तक मासिक रहे , मासिक ख़त्म होने के बाद माजूफल का चूर्ण १० ग्राम सुबह शाम पानी के साथ ले ३ दिन तक
तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है .
नोट :: तुलसी के बीज,सफेद मुसली और माजूफल का चूर्ण आपको पंसारी की दूकान या आयुर्वैदिक दवाओ कि दूकान से मिल जायेंगे
- नारियल और जैतून के तेल की बराबर मात्रा लेकर इसमें कुछ बूंदे नींबू के रस की मिला ली जाएं और इस मिश्रण से बालों की मालिश लगभग 10 मिनिट तक की जाए और फिर गर्म तौलिए से सिर को 3 मिनिट के लिए ढक लिया जाए, बालों से जुडी समस्याओं में काफी फायदा करता है। - मेथी के बीजों में फॉस्फेट, लेसिथिन और न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन होने से ये कॉड-लिवर ऑयल जैसे पोषक और बल प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बालों की बेहतर सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। बालों में रूसी होने पर मेथी दानों को कुचलकर या ग्राईंडर में पीसकर चूर्ण बनाया जाए। लगभग 3 ग्राम चूर्ण लेकर इसमें पानी मिलाया जाए ताकि पेस्ट तैयार हो जाए। इस पेस्ट को बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें, सप्ताह में 2 से 3 बार ऐसा करने से डेंड्रफ की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था ) "श्री मद्-भगवत गीता" के बारे में-
किसको किसने सुनाई? उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
कब सुनाई? उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
भगवान ने किस दिन गीता सुनाई? उ.- रविवार के दिन।
कोनसी तिथि को? उ.- एकादशी
कहा सुनाई? उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
कितनी देर में सुनाई? उ.- लगभग 45 मिनट में
क्यू सुनाई? उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
कितने अध्याय है? उ.- कुल 18 अध्याय
कितने श्लोक है? उ.- 700 श्लोक
गीता में क्या-क्या बताया गया है? उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना? उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था? उ.- भगवान सूर्यदेव को
गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है? उ.- उपनिषदों में
गीता किस महाग्रंथ का भाग है....? उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
गीता का दूसरा नाम क्या है? उ.- गीतोपनिषद
गीता का सार क्या है? उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
- योग में नाड़ियों की संख्या बहत्तर हजार से ज्यादा बताई गई है और इसका मूल उदगम स्त्रोत नाभिस्थान है।
- आधुनिक जीवन-शैली इस प्रकार की है कि भाग-दौड़ के साथ तनाव-दबाव भरे प्रतिस्पर्धापूर्ण वातावरण में काम करते रहने से व्यक्ति का नाभि चक्र निरंतर क्षुब्ध बना रहता है। इससे नाभि अव्यवस्थित हो जाती है। इसके अलावा खेलने के दौरान उछलने-कूदने, असावधानी से दाएँ-बाएँ झुकने, दोनों हाथों से या एक हाथ से अचानक भारी बोझ उठाने, तेजी से सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने, सड़क पर चलते हुए गड्ढे, में अचानक पैर चले जाने या अन्य कारणों से किसी एक पैर पर भार पड़ने या झटका लगने से नाभि इधर-उधर हो जाती है। कुछ लोगों की नाभि अनेक कारणों से बचपन में ही विकारग्रस्त हो जाती है।
- प्रातः खाली पेट ज़मीन पर शवासन में लेतें . फिर अंगूठे के पोर से नाभि में स्पंदन को महसूस करे . अगर यह नाभि में ही है तो सही है . कई बार यह स्पंदन नाभि से थोड़ा हट कर महसूस होता है ; जिसे नाभि टलना या खिसकना कहते है .यह अनुभव है कि आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर तथा स्त्रियों की नाभि दाईं ओर टला करती है।
- नाभि में लंबे समय तक अव्यवस्था चलती रहती है तो उदर विकार के अलावा व्यक्ति के दाँतों, नेत्रों व बालों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है। दाँतों की स्वाभाविक चमक कम होने लगती है। यदाकदा दाँतों में पीड़ा होने लगती है। नेत्रों की सुंदरता व ज्योति क्षीण होने लगती है। बाल असमय सफेद होने लगते हैं।आलस्य, थकान, चिड़चिड़ाहट, काम में मन न लगना, दुश्चिंता, निराशा, अकारण भय जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों की उपस्थिति नाभि चक्र की अव्यवस्था की उपज होती है।
- नाभि स्पंदन से रोग की पहचान का उल्लेख हमें हमारे आयुर्वेद व प्राकृतिक उपचार चिकित्सा पद्धतियों में मिल जाता है। परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए कि हम हमारी अमूल्य धरोहर को न संभाल सके। यदि नाभि का स्पंदन ऊपर की तरफ चल रहा है याने छाती की तरफ तो अग्न्याष्य खराब होने लगता है। इससे फेफड़ों पर गलत प्रभाव होता है। मधुमेह, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं।
- यदि यह स्पंदन नीचे की तरफ चली जाए तो पतले दस्त होने लगते हैं।
- बाईं ओर खिसकने से शीतलता की कमी होने लगती है, सर्दी-जुकाम, खाँसी, कफजनित रोग जल्दी-जल्दी होते हैं।
- दाहिनी तरफ हटने पर लीवर खराब होकर मंदाग्नि हो सकती है। पित्ताधिक्य, एसिड, जलन आदि की शिकायतें होने लगती हैं। इससे सूर्य चक्र निष्प्रभावी हो जाता है। गर्मी-सर्दी का संतुलन शरीर में बिगड़ जाता है। मंदाग्नि, अपच, अफरा जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं।
- यदि नाभि पेट के ऊपर की तरफ आ जाए यानी रीढ़ के विपरीत, तो मोटापा हो जाता है। वायु विकार हो जाता है। यदि नाभि नीचे की ओर (रीढ़ की हड्डी की तरफ) चली जाए तो व्यक्ति कुछ भी खाए, वह दुबला होता चला जाएगा। नाभि के खिसकने से मानसिक एवंआध्यात्मिक क्षमताएँ कम हो जाती हैं।
- नाभि को पाताल लोक भी कहा गया है। कहते हैं मृत्यु के बाद भी प्राण नाभि में छः मिनट तक रहते है।
- यदि नाभि ठीक मध्यमा स्तर के बीच में चलती है तब स्त्रियाँ गर्भधारण योग्य होती हैं। यदि यही मध्यमा स्तर से खिसककर नीचे रीढ़ की तरफ चली जाए तो ऐसी स्त्रियाँ गर्भ धारण नहीं कर सकतीं।
- अकसर यदि नाभि बिलकुल नीचे रीढ़ की तरफ चली जाती है तो फैलोपियन ट्यूब नहीं खुलती और इस कारण स्त्रियाँ गर्भधारण नहीं कर सकतीं। कई वंध्या स्त्रियों पर प्रयोग कर नाभि को मध्यमा स्तर पर लाया गया। इससे वंध्या स्त्रियाँ भी गर्भधारण योग्य हो गईं। कुछ मामलों में उपचार वर्षों से चल रहा था एवं चिकित्सकों ने यह कह दिया था कि यह गर्भधारण नहीं कर सकती किन्तु नाभि-चिकित्सा के जानकारों ने इलाज किया।
- दोनों हथेलियों को आपस में मिलाएं। हथेली के बीच की रेखा मिलने के बाद जो उंगली छोटी हो यानी कि बाएं हाथ की उंगली छोटी है तो बायीं हाथ को कोहनी से ऊपर दाएं हाथ से पकड़ लें। इसके बाद बाएं हाथ की मुट्ठि को कसकर बंद कर हाथ को झटके से कंधे की ओर लाएं। ऐसा ८-१० बार करें। इससे नाभि सेट हो जाएगी।
- पादांगुष्ठनासास्पर्शासन उत्तानपादासन , नौकासन , कन्धरासन , चक्रासन , धनुरासन आदि योगासनों से नाभि सही जगह आ सकती है .
- 15 से 25 मि .वायु मुद्रा करने से भी लाभ होता है .
- दो चम्मच पिसी सौंफ, ग़ुड में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज खाने से नाभि का अपनी जगह से खिसकना रुक जाता है।
किशोरावस्था में आप अक्सर उस व्यक्ति की कल्पना करने लगते हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं। यह कोई भी हो सकते हैं,एक लड़का या लड़की, एक मित्र, कोई जिन्हें आप जानते हों, या यहाँ तक की आपके स्कूल के शिक्षक या कोई फिल्म अभिनेता या कोई पॉपस्टार। और आप स्वयं को किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कल्पना करते हुए भी पा सकते हैं जो आपके ही लिंग के हों।
यदि आप अपने आप को किसी ऐसे व्यक्ति के प्यार में पाते हैं जो आपके ही लिंग के हैं और आपको लगता है की आप उनके साथ सेक्स करना चाहते हैं तो सम्भवतः आप समलैंगिक पुरुष या महिला या द्वीलैंगिक हैं।
यदि आप समलैंगिक हैं तो आप अपने ही लिंग के व्यक्ति की आकर्षित ओर होते हैं। समलैंगिक पुरुष अक्सर गे कहलाते हैं और समलैंगिक महिलाएं लेस्बियन। यदि आप पुरुष एवं महिलाओं दोनों की ओर आकर्षित होते हैं तो आप द्वीलैंगिक हैं। और यदि आप विपरीत लिंग वाले लोगों की ओर आकर्षित होते हैं तो आप विषमलैंगिक हैं।
कुछ लोगों के लिए - विशेषकर लड़कियों के लिए - यौनिकता इन सभी पहचानों में से कोई एक या दूसरी नहीं होती है बल्कि वह एक किस्म के पैमाने (स्केल) पर सरकती रहती है। आप अपने आप को समलैंगिक पुरुष या समलैंगिक महिला नहीं मानते हैं फिर भी आप अपने लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षित हो सकते हैं।
यदि आपके बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेन्ड आपके प्रति ईमानदार नहीं हैं तो यह बात आपको सदमा पहुँचाने वाली हो सकती है। यदि एक साथी को यह पता चल जाता है की दूसरे साथी उनके प्रति ईमानदार नहीं हैं तो आमतौर पर यह एक बहुत ही तीव्र, भावनात्मक एवं गुस्से भरे विवाद की ओर अग्रसर होने लगता है।
आप इस रिश्ते का अन्त करने का निश्चय कर सकते हैं। पर आप इस बात पर भी सहमत हो सकते हैं की हालांकि, एक व्यक्ति ने गलती की है पर आप अपने रिश्ते को इतनी एहमियत देते हैं की आप इस रिश्ते में फिर भी रह सकते हैं। ऐसी स्थिति में यह उम्मीद न करें की चीज़ें तुरन्त पहले की तरह सामान्य हो जाएगीं। पुनः विश्वास हासिल करने में थोड़ा समय लगता है।
ईर्ष्या की भावना हर किसी को कभी न कभी ईर्ष्या की भावना होती है, विशेषकर तब जब आप किसी के प्यार में हैं। ईर्ष्या का मुख्य कारण असुरक्षा की भावना है। आप स्वयं के लिए एवं अपने रिश्ते के लिए असुरक्षित महसूस करते हैं। और ईर्ष्या से बर्ताव करते हुए आप दूसरे व्यक्ति को दिखाना चाहते हैं की आप अन्य किसी भी व्यक्ति से ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।
दूसरे व्यक्ति पर हक जताना या पज़ेसिव होना कभी कभी ईर्ष्या बहुत गम्भीर रुप ले लेती है। एक साथी इतनी ईर्ष्या करने लगते हैं की दूसरे साथी को लगता है की वे अब कुछ और कर ही नहीं सकते। केवल एक नज़र या एक शब्द या अन्य किसी व्यक्ति के लिए थोड़ा सा भी ध्यान, ईर्ष्या की चिंगारी को बढ़ा सकता है।
यदि आपको लगता है की आप ऐसा महसूस कर रहे हैं तो अपने साथी से इस बारे में बात करने की कोशिश करें और उन्हें समझाएं की आप ऐसा क्यों महसूस करते हैं। और यदि आपके साथी ईर्ष्या करते हैं तो याद रखें की यह सामान्यतः असुरक्षा की भावना के कारण होता है। पता लगाने की कोशिश करें की किस वज़ह से वे असुरक्षित महसूस करते हैं और उनके मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश करें। इस समस्या का एक ही समाधान है, आपस में बात करना।
रिश्ते का अन्त करना कुछ लोग किसी एक व्यक्ति से रिश्ता बनाते हैं, उनसे शादी करते हैं और सारा जीवन साथ रहते हैं। पर वास्तव में यह एक अप्राकृतिक मानव व्यवहार है। ज़्यादातर रिश्ते एक समय पर आकर खत्म हो जाते हैं।
क्या आप रिश्ते का अन्त करना चाहते हैं ?
अपने साथी को बताने का समय चुनें। उन पर चिल्लाएं नहीं या उनका अपमान न करें। कोशिश करें की आप सारा दोष अपने साथी को न दें - आम तौर पर कहानी के दो पहलू होते हैं, यदि किसी रिश्ते में कोई समस्या होती है, तो और इसमें दोनों साथियों का योगदान होता है। सिर्फ अपने साथी पर उंगली उठाने की बजाय, यह समझाने की कोशिश करें की आपको इस रिश्ते में क्या समस्या है।
क्या किसी और ने आपसे रिश्ता खत्म किया है ?
यदि आप किसी से प्यार करते हैं और वे आपसे रिश्ता खत्म कर लेते हैं तो बहुत बुरा लगता है। आप यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं की सब खत्म हो गया है। आप को दुख लग सकता है या गुस्सा आ सकता है। अस्वीकृत किया जाना दुख देता है। पर यदि आपका रिश्ता खत्म हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है की आप एक व्यक्ति के रुप में असफल हो गए हैं। यह विश्वास करना कठिन लग सकता है पर समय के साथ आप फिर से बेहतर महसूस करने लगेंगें।
प्यार से जुड़ी चिंताएँ
यदि आप अपने रिश्ते को लेकर चिंतित हैं तो इसे अपने तक न रखें। इसके बारे में बात करें, प्राथमिक रुप से अपने साथी से। यदि आप परेशानियों को दिल में बंद कर के रखेंगें, तो आम तौर पर ये और तकलीफ़ दे सकतीं हैं। यदि आपको अपने साथी से बात करने की हिम्मत नहीं पड़ रही है तो किसी ऐसे व्यक्ति को तलाषें जो आपके नज़दीकी हों और आप उन पर विश्वास करते हों - जैसे आपके कोई अच्छे दोस्त, आपके बहन या भाई, माता या पिता।
यदि आप दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं, तो संभवतः आप एक रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं।
निसंदेह, यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ रहते हैं। पश्चिमी देशों में यह एक आम बात है की लोग अपनी किशोरावस्था में एवं वयस्क होने पर कई बॉयफ्रेंड एवं गर्लफ्रेन्ड से मिलते हैं जब तक उन्हें ऐसे साथी नहीं मिल जाते जिनके साथ वे रहने का निश्चय कर सकें या शादी कर सकें। दूसरी ओर, दक्षिणी एसिया में, लोगों के बॉयफ्रेंड एवं गर्लफ्रेन्ड होना सामान्य बात नहीं है। यहाँ आप सिर्फ अपने पति या पत्नी के साथ ही रिश्ता रख सकते हैं, आम तौर पर शादी के बाद जो अन्य लोगों द्वारा तय कराई जाती है।
यदि आपके कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेन्ड हैं तो आप शायद ज़्यादा समय एक दूसरे के साथ बातें करते हुए, एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए, एक दूसरे को आलिंगन करते हुए, साथ लेटे हुए, एक दूसरे कोचूमते हुए या शायद सेक्स करते हुए बिताना चाहेंगें।
जब आप प्यार में होते हैं, तब आप अनिश्चय एवं असुरक्षा की भावना महसूस कर सकते हैं। आपके साथी क्या चाहते हैं ? क्या आप डेट कर रहे हैं या आपका रिश्ता स्थिर है या है ही नहीं ? सेक्स के बारे में आप क्या सोचते हैं ? आप कितना आगे तक जाना चाहते हैं और आप यह बात कैसे स्पष्ट रुप से बता पाएंगें ? एक नए रिश्ते में आप दोनों को एक दूसरे को जानना होता है और अपने तरीके से महसूस करना होता है। आप अपना समय लें। यदि अब भी आप इन बातों को लेकर अनिश्चित हैं तो प्रसन्नचित होकर इस बारे में बात करने की कोशिश करें। अक्सर आप पाते हैं की दूसरे व्यक्ति भी वैसे ही सोच रहे होते हैं।
और फिर आता है सेक्स आप एक रिश्ते में हैं - डेट कर रहे हैं, आपका रिश्ता स्थिर है - पर क्या आप सेक्स भी करते हैं ? ज़रुरी तो नहीं है। सेक्स करना तभी शुरु करें जब आप इसके लिए तैयार हों। एक दूसरे को जानें, और पता करें की आपके साथी इस बारे में क्या सोचते हैं। यदि आप सेक्स करना चाहते हैं, तो क्या एक जैसे कारणों के लिए करना चाहते हैं ? कुछ लोग सिर्फ सेक्स का आनन्द प्राप्त करने के लिए सेक्स करते हैं। दुसरे लोग एक प्यार भरे रिश्ते की शुरुआत के लिए सेक्स करते हैं। और कुछ लोग शादी से पहले सेक्स करने में विश्वास ही नहीं रखते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए मेकिंग लव भाग देखें।
विषमलैंगिक, समलैंगिक, द्विलैंगिक
लड़के एवं लड़कियों के बीच रिश्ते होना बहुत ही आम बात है। पर लड़कों का लड़कों के साथ एवं लड़कियों का लड़कियों के साथ भी रिश्ता हो सकता है। और कुछ लोग दोनों लड़कों एवं लड़कियों की तरफ़ आकर्षित होते हैं।
जब आपको प्यार हो जाता है तो आप दिनभर उन्हीं के बारे में सोचते रहते हैं जिनसे आप प्यार करते हैं। आपको लगता है की जो भी वे करते हैं वह अनोखा है। प्यार में होना आपको सातवें आसमान पर होने जैसा एहसास दे सकता है, पर यह आपको धैर्यहीन या अशांतभी बना सकता है।
उस व्यक्ति को मिलकर आपको एक अनजाना अशांत एहसास होता है। आपको पेट में दर्द भी हो सकता है। आप हमेशा मुस्कराते रहते हैं। उन्हें देखकर आप निःशब्द हो जाते हैं या फिर - आप उन्हें प्रभावित करने की कोशिश में बहुत ज़्यादा बोलने लगते हैं। यदि आपको यह सब जाना पहचाना लग रहा है तो सम्भवतः आपको प्यार हो गया है!
यदि आप यह जानना चाहते हैं की दूसरे व्यक्ति आपके बारे में क्या सोचते हैं तो आपको अपनी भावनाओं पर भरोसा करना होगा। अक्सर आप यह महसूस कर लेते हैं की दूसरे व्यक्ति आपमें रुचि रखते हैं या नहीं। यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं तो थोड़ी हिम्मत दिखाएं! ऐसे मौकों की तलाश करें जहाँ आपको उनसे बात करने का अवसर मिल सके। आप उन्हें फोन पर संदेश भेज सकते हैं या एम एस एन जैसी किसी इंटरनेट साइट पर उनसे संपर्क कर सकते हैं। यदि आपको लगता है की वे आपके संदेश का जवाब नहीं देना चाह रहे हैं या आपको टालना या आपसे बचना चाह रहें हैं तो इसकी बहुत संभावना है की वे आपकी भावनाओं का प्रत्युत्तर नहीं देगें।
संदेश को पहचानें हालांकि, प्यार के खेल में यह एक अत्यधिक पेचीदा पहेली होती है, यह ध्यान में रखें की कुछ लोग आपसे आकर्षित होने के बाद भी आपसे दूर रहते हैं क्योंकि उन्हें अपनी ही भावनाओं को संभालने का तरीका नहीं पता होता है! या उन्हें यह भी लग सकता है की आपके प्रयास अच्छे लगने पर भी उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। अतः यदि कोई लड़का या लड़की आपके संदेशका तुरन्त जवाब नहीं देते हैं तो तुरन्त ही यह न सोच लें की वे आपमें रुचि नहीं रखते हैं।
दूसरी ओर, यदि आपके दो चार बार संपर्क करने की कोशिश का कोई जवाब न मिले तो आपको संदेश समझ लेना चाहिए। या फिर, उन्हें थोड़ा समय दें। किसी पर दबाव डालने से या उन्हें परेशान करने से वे आपमें ज़्यादा रुचि नहीं दिखाएंगें। हो सकता है इससे कुछ हाथ न लगे, पर धैर्य बनाए रखें, आपके लिए उनकी भावनाओं में बदलाव भी आ सकता है। यदि आपको साफ़ ’ना’ का संदेश मिल जाता है तो अपने जीवन में आगे बढ़ें और उस व्यक्ति को अकेला छोड़ दें।
प्यार दुख देता है कभी कभी प्यार की कहानियों का अंत सुखद होता है पर हमेशा नहीं। हो सकता है आप किसी से प्यार करने लगें पर उनकी भावनाएं आपके लिए वैसी ही न हों। या आपके गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड आपसे संबंध खत्म कर लें। या आप प्यार में तो हैं, पर कुछ परिस्थियों - जैसे पारिवारिक दबाव, जिम्मेदारियों का एहसास, धार्मिक मान्यता, दूसरों द्वारा करवाई गई शादी - के कारण उस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। या आप प्यार तो करते हैं पर कुछ कारणों की वजह से आपको एक दूसरे से काफी समय दूर रहना पड़ रहा है। प्यार सच में बहुत दुख दे सकता है।
यह एक जानी मानी कहावत समझ लीजिए, परन्तु सत्य है। जब दिल टूटता है तो यह विश्वास कर पाना मुश्किल लगता है की आप फिर से पहले जैसा महसूस कर पाएंगें। पर आप ऐसा कर सकेंगें। इसमें थोड़ा समय लगता है। अपना मन कहीं और लगाने की कोशिश करें - कोई खेल खेलें या संगीत सुनें। इसके बारे में अपने किसी अच्छे मित्र से बात करें, अपनी भावनाओं को कविता या गीत के रुप में लिखें। और याद रखें की हर किसी को कभी न कभी प्यार में दर्द मिलता है। यहाँ तक की कक्षा के सबसे लोकप्रिय लड़के एवं लड़कियों को भी।
प्यार और सेक्स बहुत सारे लोग केवल उन्हीं लोगों के साथ सेक्स करते हैं जिनसे उन्हें प्यार होता है या जिन्हें वे प्यार करते हैं। पर प्यार सेक्स के समान नहीं होता और सेक्स प्यार का प्रतिरुप नहीं होता है। आप सेक्स काम प्रवृति के कारण भी कर सकते है, केवल सेक्स का आनन्द लेने के लिए। पर ज़्यादातर लोगों के लिए, उन्हें उन लोगों के साथ सेक्स करने में ज़्यादा गहरा आनन्द मिलता है जिनसे वे प्यार करते हैं।