सोया , सुआ या शेपू soya, dill or shepu

- इन दिनों हरी पत्तेदार सब्जियों की बहार है. अनेक ताज़ी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक , मेथी , सोया , बथुआ , सरसों मिल रही है.
- आज इनमे से सोया के बारे में जानते है. इसे अंग्रेजी में Dill इस नाम से जाना जाता है.
- इसके पत्ते सौंफ के पौधे की तरह दिखते है. इसके बीज भी सौंफ की तरह ही पर थोड़े बड़े होते है.
- इसके बीजों को बनसौंफ कहा जाता है. मराठी में इन्हें बाळंत सौंफ के नाम से जाना जाता है.
- सद्य प्रसूता महिला को भोजन के बाद अजवाइन और कसे हुए नारियल के साथ बनसौंफ खूब चबा चबा कर खाने को कहा जाता है. इससे वात वृद्धि नहीं होती. दूध अच्छी तरह उतरता है.
- अजवाई-बनसौंफ खाने से डिलीवरी के बाद बहनों का शरीर नहीं फूलता.
- इसकी पत्तेदार हरी सब्जी भी प्रसुती के बाद खिलाई जाती है.
- सर्दियों में मेथी सोया या पालक सोया , मूंग की दाल -सोया ऐसी सब्जियां बाजरे या मक्के की रोटी के साथ बड़े चाव से खाई जाती है.
- कई लोग इसकी चटनी भी बनाते है.
- बनसौंफ स्निग्ध,तीखी, भूख बढाने वाली ,उष्ण, मूत्ररोधक,बुद्धिवर्धक , कफ व वायूनाशक है.
- इसके सेवन से दाह, शूल, नेत्ररोग ,प्यास ,अतिसार आदि का नाश होता है.
- इसकी सब्जी को "आहारीय झाड़ू" कहा जाता है.पेट में रुकावट डालने वाली वायु के निष्कासन का काम यह सब्जी उत्तम प्रकार से करती है.
- पेट में गॅस होना, अजीर्ण, क्षुधामांद्य, कृमी ऐसी अनेक पचन तंत्र की गड़बड़ियों पर यह भाजी गुणकारी होती है.
- उग्र गंध होने से यह कई बार नापसंद की जाती है पर यह बहुत गुणकारी और औषधीय है.
- इसमें अनेक औषधी तेल होते है जिसमे से युगेनॉल तेल रक्‍तशर्करा नियंत्रित करता है.इसलिए यह सब्जी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छी है.
- इसमें मेथी व पालक की तरह "अ', "क' जीवनसत्त्व, फॉलिक ऍसिड व महत्त्वपूर्ण क्षार होते है.
- जिनकी जीवनशैली बैठे बैठे कार्य करने की है उनके लिए यह बहुत अच्छी सब्जी है.कम शारीरिक श्रम के कारण पेट भारी लगना , भूख कम लगना , अफारा , अजीर्ण आदि अनेक समस्याओं का निश्‍चित निदान यह सब्जी है.
- यह अनिद्रा के लिए उपयोगी है.
- उच्च रक्तचाप,गुर्दा रोग, सिर दर्द ,हृदय आदि पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है.
- गंभीर हिचकी, और खांसी के लिए इसका प्रयोग करें.यह बलगम हटाती है.
- अंगराग प्रयोजनों के लिए सोआ लोशन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
- यह आँखों के आसपास की सूजन और जलन को कम करती है.
- इसकी सौंफ को पीसकर कनपटी पर लगाने से लू लगने से होने वाला चक्कर और सिरदर्द शांत होता है.
- इसके पत्तें और जड़ को पीसकर लगाने से गठिया का दर्द और सूजन ठीक होता है.
- इसके पत्तों पर तेल लगाकर गर्म कर बाँधने से फोड़ा जल्दी पककर फूट जाता है.
- इसके पत्तों का काढा गुड के साथ लेने से रुकी हुई या कम माहवारी खुलकर आती है.
- इसकी सौंफ का ठंडा शरबत पिने से पित्त ज्वर शांत होता है.
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Kidney (गुर्दे) को साफ़ करेँ हरे धनिए के साथ Cleanse the kidneys with green coriander


धनिए के एक गुच्छे को पानी से धो ले और इसके पत्तो को तोडकर बारीक-बारीक काट ले और इन्हे एक गिलास पानी में डालकर 10 मिन्ट तक उबाले और छान कर ठण्डा होने के लिए रख दे, अच्छे से ठण्डा होने के बाद इसको पी ले, रोजाना ऐसा करे, कुछ दिन में ही आपके गुर्दे की सफ़ाई हो जाएंगी और सारी गंदगी मूत्र के साथ अपने आप बाहर निकल जाएगी।
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बादाम रोगन के फायदे


बोर्नविटा , कॉम्प्लान आदि पर हज़ारों रुपये खर्च करने की बजाये बादाम रोगन ख़रीदे।
- सोने से पूर्व आँखों के चारों ओर बादाम रोगन की हल्की-हल्की मालिश करने से चेहरे पर निखार आता है और झुर्रियां नहीं पड़ती।
- सिर की खुश्की मिटाने के लिए सिर पर बादाम रोगन की मालिश करें।
- बाल न झड़े, इसके लिए भी सिर पर बादाम रोगन की मालिश करते हैं।
- रात में गाय के गर्म दूध में से चम्मच बादाम रोगन दाल कर पिने से दिमाग तेज़ होता है।
- बादाम रोगन गरम दूध में डाल कर पिने से कब्ज दूर होती है।
- नाक में दो - दो बूंद बादाम रोगन रात में सोते वक्त डालने से आँखों की ज्योति तेज़ होती है।ये नस्य दिमाग भी तेज़ करता है।
- बादाम रोगन के नस्य से सिर दर्द दूर होता है।
- यदि सुनने की शक्ति कम होने का भय हो तो बादाम रोगन की एक-एक बूंद प्रतिदिन डालें।
- आंवले के रस के साथ बादाम तेल की मालिश बालों का झड़ना, असमय सफेद होना, पतला होना और डैंड्रफ रोक सकती है।दो-तीन बूंद बादाम रोगन व एक चम्मच शहद की मालिश रोमकूप खोल चेहरे पर चमक लाती है।
- इसका सेवन तनाव कम करता है।
- ये हार्ट के लिए लाभदायक है।
- सर्दियों में शरीर का तापमान बनाए रखता है।
- छोटे बच्चों के लिए लाभदायक है।
- वजन घटाने में मदद करता है।
- गर्दन में दर्द होने पर इससे मालिश करने पर ठीक हो जाता है।
- इसकी सिर में मालिश करने से नींद अच्छी आती है।
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लौंग के फायदे और घरेलु नुस्खे Benefits and home remedies of cloves


चाहे भोजन का जायका बढ़ाना हो या फिर दर्द से छुटकारा, छोटी सी लौंग को न सिर्फ अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि इसके फायदे भी अनेक हैं। साधारण से सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग के उपचार में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके गुण कुछ ऐसे हैं कि न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि होम्योपैथ व एलोपैथ जैसी चिकित्सा विधाओं में भी बहुत अधिक महत्व आंका जाता है।

भोजन में फायदेमंद
मसाले के रूप में लौंग का इस्तेमाल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रोटीम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसमें विटामिन ए और सी, मैग्नीज और फाइबर भी पाया जाता है।

दर्दनाशक गुण
लौंग एक बेहतरीन नैचुरल पेनकिलर है। इसमें मौजूद यूजेनॉल ऑयल दांतों के दर्द से आराम दिलाने में बहुत लाभदायक है। दांतो में कितना भी दर्द क्यों न हो, लौंग के तेल को उनपर लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषता होती है जिस वजह से अब इसका इस्तेमाल कई तरह के टूथपेस्ट, माउथवाश और क्रीम बनाने में किया जाता है।

गठिया में आराम
गठिया रोग में जोड़ों में होने वाले दर्द व सूजन से आराम के लिए भी लौंग बहुत फायदेमंद है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स अधिक मात्रा में पाया जाता है। कई अरोमा एक्सपर्ट गठिया के उपचार के लिए लौंग के तेल की मालिश को तवज्जो देते हैं।

श्वास संबंधी रोगों में आराम
लौंग के तेल का अरोमा इतना सशक्त होता है कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत आराम मिल जाता है।

बेहतरीन एंटीसेप्टिक
लौं व इसके तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे फंगल संक्रमण, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लौंग के तेल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाकर किसी तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।

पाचन में फायदेमंद
भोजन में लौंग का इस्तेमाल कई पाचन संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचाता है। इसमें मौजूद तत्व अपच, उल्टी गैस्ट्रिक, डायरिया आदि समस्याओं से आराम दिलाने में मददगार हैं।

कैंसर
शोधकर्ताओं का मानना है कि लौंग के इस्तेमाल से फेफड़े के कैंसर और त्वचा के कैंसर को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद युजेनॉल नामक तत्व इस दिशा में काफी सहायक है।

अन्य फायदे
इतना ही नहीं, लौंग का सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और रक्त शुद्ध करता है। इसका इस्तेमाल मलेरिया, हैजा जैसे रोगों के उपचार के लिए दवाओं में किया जाता है। डायबिटीज में लौंग के सेवन से ग्लूकोज का स्तर कम होता है। लौंग का तेल पेन किलर के अलावा मच्छरों को भी दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
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निश्चित ही चश्मा उतर जाएगा glasses will definitely come off


ज्यादा टी.वी. देखने लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने या अन्य कारणों से अक्सर देखने में आता है कि कम उम्र के लोगों को भी जल्दी ही मोटे नम्बर का चश्मा चढ़ जाता है। अगर आपको भी चश्मा लगा है तो आपका चश्मा उतर सकता है। नीचे बताए नुस्खों को चालीस दिनों तक प्रयोग में लाएं। निश्चित ही चश्मा उतर जाएगा साथ थी आंखों की रोशनी भी तेज होगी।

सुबह नंगे पैर घास पर मार्निंग वॉक करें।

नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।

बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ और मिश्री तीनों का पावडर बनाकर रोज एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।

त्रिफला के पानी से आंखें धोने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

पैर के तलवों में सरसों का तेल मालिश करने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

सुबह उठते ही मुंह में ठण्डा पानी भरकर मुंह फुलाकर आंखों पर छींटे मारने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
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सब्जियां कैसे धोये ? How to wash vegetables


 आज कल सब्जियां उगाने की जगह और तरीका ऐसा होता है की सिर्फ्र उसकी मात्रा पर ध्यान जाता है। फिर वे नाले के पानी से सिंची जाए या उस पर ज़हर छिडका जाए इसकी कोई परवाह नहीं करता। ऑर्गेनिक सब्जियां महँगी होती है की आम आदमी उसे खरीद नहीं सकता।
- देश के कृषि मंत्री ने भी इस बात को माना है कि भारत में 67 ऐसे पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल हो रहा है , जो दूसरे देशों में प्रतिबंधित हैं। लेकिन कई सब्जियां ऐसी हैं जिनमें इस जहर से डरने की जरूरत नहीं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि घिया , तोरई , सीताफल , गाजर , शलगम जैसी कई सब्जियां ऐसी हैं , जिनमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है।
- सब्जी का सिर्फ रूप - रंग ना देखे। जिस सब्जी में अच्छी खुशबु है और स्वाद अच्छा है , वही ख़रीदे।अलग अलग सब्जी वाले से खरीद कर देखे और फिर एक को चुने और उसी से लेते रहे।
- अगर गोभी का फूल एकदम सफेद और चमकदार न होकर थोड़ा पीला है तो उसे ही लें।गोभी के फूल में चमक लाने के लिए उसे मेलोथियन में डुबोया जाता है। इसी तरह भिंडी डार्क हरी नहीं हैं तो उसे खरीदें।
- चमकदार फल और सब्जियों के इस्तेमाल से बचें , जैसे टमाटर , बैंगन , भिंडी , सेब।
- कई बार बेबी कॉर्न या बीट रूट में दवाई की महक आती है , ऐसी सब्जी ना ख़रीदे।
- हरी सब्जी को बिन कर पानी में डुबाकर रखे। थोड़ी देर में उसकी मिटटी नीचे बैठ जायेगी। ऊपर ऊपर से सब्जी निकाल ले। ऐसा 3-4 बार जब तक नीचे मिटटी बैठ तब तक धोये।हरी सब्जी की मिटटी रह जाए तो पेट के कीड़ों को जन्म देती है जो कई बार ब्रेन में जमा हो जाते है और मिर्गी जैसी बिमारी को जन्म देते है।
- गाजर , मूली, आलू आदि को पहले धो कर मिटटी निकाल ले। फिर मोटा छिलका निकाल ले और फिर से पानी से धो ले। अब काटे।
- प्याज , लहसून आदि भी धो कर काटे। इससे उनका छिलका भी आसानी से उतरता है।
- हरी मिर्च को धो कर , डंडी निकाल कर रख ले। कभी भी तुरंत इस्तेमाल कर सकते है।
- हरा धनिया हमेशा देशी ही इस्तेमाल करे। जिस धनिये में दूर से ही खुशबु आ रही है , वही अच्छा है।इसे भी बिन कर कई बार पानी से निकाल ले और एक पेपर पर फैला कर सुखा ले। अब ये कभी इस्तेमाल के लिए तैयार है।
- पुदीना भी इसी तरह तैयार कर ले। ये छाया में सुखाकर रख ले।इसका चुरा बना कर कभी भी भेल पूरी या जलजीरा या पानी पूरी के पानी में डाला जा सकता है।
- इसी तरह कढी पत्ते को भी धो कर सुखा के रख ले।
- हरी सब्जी को धोने के बाद एक बड़े सूती दुपट्टे में रखे। पोटली बना कर गोल घुमाए। सारा पानी निकल जाएगा।अब यह सड़ेगा नहीं।
- बर्तन धोने वाले डिटर्जेंट की कुछ बूंदे एक लीटर पानी में मिलाएं और उसमें फल व सब्जी धोने के बाद उन्हें हल्के गुनगुने पानी में धोएं। इससे उन पर लगा वैक्स और कलर हट जाएगा।
- नमक मिले पानी से भी सब्जियों को धोया जा सकता है और कीटाणु मुक्त बनाया जा सकता है।
- बंदगोभी और ऐसी ही दूसरी पत्तेदार सब्जियों के ऊपरी हिस्से के पत्ते जरूर उतार दें।
- फूल गोभी को काटकर नमक और हल्दी के पानी में धो ले।
- सीजनल चीजें खाने से भी नुकसान कम होता है , क्योंकि उनमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है।
- आजकल अधिकतर अधिकतर स्वीट कॉर्न जेनेटिकली मोडिफाईड होता है। यह पोषण ना दे कर खतरनाक बीमारियाँ देता है। इसलिए देशी कॉर्न का ही इस्तेमाल करे।


सब्जियां कैसे धोये ?
- आज कल सब्जियां उगाने की जगह और तरीका ऐसा होता है की सिर्फ्र उसकी मात्रा पर ध्यान जाता है। फिर वे नाले के पानी से सिंची जाए या उस पर ज़हर छिडका जाए इसकी कोई परवाह नहीं करता। ऑर्गेनिक सब्जियां महँगी होती है की आम आदमी उसे खरीद नहीं सकता।
- देश के कृषि मंत्री ने भी इस बात को माना है कि भारत में 67 ऐसे पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल हो रहा है , जो दूसरे देशों में प्रतिबंधित हैं। लेकिन कई सब्जियां ऐसी हैं जिनमें इस जहर से डरने की जरूरत नहीं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि घिया , तोरई , सीताफल , गाजर , शलगम जैसी कई सब्जियां ऐसी हैं , जिनमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है।
- सब्जी का सिर्फ रूप - रंग ना देखे। जिस सब्जी में अच्छी खुशबु है और स्वाद अच्छा है , वही ख़रीदे।अलग अलग सब्जी वाले से खरीद कर देखे और फिर एक को चुने और उसी से लेते रहे।
- अगर गोभी का फूल एकदम सफेद और चमकदार न होकर थोड़ा पीला है तो उसे ही लें।गोभी के फूल में चमक लाने के लिए उसे मेलोथियन में डुबोया जाता है। इसी तरह भिंडी डार्क हरी नहीं हैं तो उसे खरीदें।
- चमकदार फल और सब्जियों के इस्तेमाल से बचें , जैसे टमाटर , बैंगन , भिंडी , सेब।
- कई बार बेबी कॉर्न या बीट रूट में दवाई की महक आती है , ऐसी सब्जी ना ख़रीदे।
- हरी सब्जी को बिन कर पानी में डुबाकर रखे। थोड़ी देर में उसकी मिटटी नीचे बैठ जायेगी। ऊपर ऊपर से सब्जी निकाल ले। ऐसा 3-4 बार जब तक नीचे मिटटी बैठ तब तक धोये।हरी सब्जी की मिटटी रह जाए तो पेट के कीड़ों को जन्म देती है जो कई बार ब्रेन में जमा हो जाते है और मिर्गी जैसी बिमारी को जन्म देते है। 
- गाजर , मूली, आलू आदि को पहले धो कर मिटटी निकाल ले। फिर मोटा छिलका निकाल ले और फिर से पानी से धो ले। अब काटे।
- प्याज , लहसून आदि भी धो कर काटे। इससे उनका छिलका भी आसानी से उतरता है।
- हरी मिर्च को धो कर , डंडी निकाल कर रख ले। कभी भी तुरंत इस्तेमाल कर सकते है।
- हरा धनिया हमेशा देशी ही इस्तेमाल करे। जिस धनिये में दूर से ही खुशबु आ रही है , वही अच्छा है।इसे भी बिन कर कई बार पानी से निकाल ले और एक पेपर पर फैला कर सुखा ले। अब ये कभी इस्तेमाल के लिए तैयार है।
- पुदीना भी इसी तरह तैयार कर ले। ये छाया में सुखाकर रख ले।इसका चुरा बना कर कभी भी भेल पूरी या जलजीरा या पानी पूरी के पानी में डाला जा सकता है।
- इसी तरह कढी पत्ते को भी धो कर सुखा के रख ले।
- हरी सब्जी को धोने के बाद एक बड़े सूती दुपट्टे में रखे। पोटली बना कर गोल घुमाए। सारा पानी निकल जाएगा।अब यह सड़ेगा नहीं।
- बर्तन धोने वाले डिटर्जेंट की कुछ बूंदे एक लीटर पानी में मिलाएं और उसमें फल व सब्जी धोने के बाद उन्हें हल्के गुनगुने पानी में धोएं। इससे उन पर लगा वैक्स और कलर हट जाएगा।
- नमक मिले पानी से भी सब्जियों को धोया जा सकता है और कीटाणु मुक्त बनाया जा सकता है।
- बंदगोभी और ऐसी ही दूसरी पत्तेदार सब्जियों के ऊपरी हिस्से के पत्ते जरूर उतार दें।
- फूल गोभी को काटकर नमक और हल्दी के पानी में धो ले।
- सीजनल चीजें खाने से भी नुकसान कम होता है , क्योंकि उनमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है।
- आजकल अधिकतर अधिकतर स्वीट कॉर्न जेनेटिकली मोडिफाईड होता है। यह पोषण ना दे कर खतरनाक बीमारियाँ देता है। इसलिए देशी कॉर्न का ही इस्तेमाल करे।
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पेड़ और आदमी tree and man


एक बार की बात है एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था| एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था| वह कभी पेड़ की डाली से लटकता कभी फल तोड़ता कभी उछल कूद करता था, सेब का पेड़ भी उस बच्चे से काफ़ी खुश रहता था| कई साल इस तरह बीत गये| अचानक एक दिन बच्चा कहीं चला गया और फिर लौट के नहीं आया, पेड़ ने उसका काफ़ी इंतज़ार किया पर वह नहीं आया| अब तो पेड़ उदास हो गया|

काफ़ी साल बाद वह बच्चा फिर से पेड़ के पास आया पर वह अब कुछ बड़ा हो गया था| पेड़ उसे देखकर काफ़ी खुश हुआ और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा| पर बच्चा उदास होते हुए बोला कि अब वह बड़ा हो गया है अब वह उसके साथ नहीं खेल सकता| बच्चा बोला की अब मुझे खिलोने से खेलना अच्छा लगता है पर मेरे पास खिलोने खरीदने के लिए पैसे नहीं है| पेड़ बोला उदास ना हो तुम मेरे फल तोड़ लो और उन्हें बेच कर खिलोने खरीद लो| बच्चा खुशी खुशी फल तोड़ के ले गया लेकिन वह फिर बहुत दिनों तक वापस नहीं आया| पेड़ बहुत दुखी हुआ|

अचानक बहुत दिनों बाद बच्चा जो अब जवान हो गया था वापस आया, पेड़ बहुत खुश हुआ और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा पर लड़के ने कहा कि वह पेड़ के साथ नहीं खेल सकता अब मुझे कुछ पैसे चाहिए क्यूंकी मुझे अपने बच्चों के लिए घर बनाना है| पेड़ बोला मेरी शाखाएँ बहुत मजबूत हैं तुम इन्हें काट कर ले जाओ और अपना घर बना लो| अब लड़के ने खुशी खुशी सारी शाखाएँ काट डालीं और लेकर चला गया| वह फिर कभी वापस नहीं आया|

बहुत दिनों बात जब वह वापिस आया तो बूढ़ा हो चुका था पेड़ बोला मेरे साथ खेलो पर वह बोला की अब में बूढ़ा हो गया हूँ अब नहीं खेल सकता| पेड़ उदास होते हुए बोला की अब मेरे पास ना फल हैं और ना ही लकड़ी अब में तुम्हारी मदद भी नहीं कर सकता| बूढ़ा बोला की अब उसे कोई सहायता नहीं चाहिए बस एक जगह चाहिए जहाँ वह बाकी जिंदगी आराम से गुजर सके| पेड़ ने उसे अपने जड़ मे पनाह दी और बूढ़ा हमेशा वहीं रहने लगा|
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तुलसी के बीज से यौन समस्याओ का उपचार Treatment of sexual problems with basil seeds


जब भी तुलसी में खूब फुल यानी मंजिरी लग जाए तो उन्हें पकने पर तोड़ लेना चाहिए वरना तुलसी के झाड में चीटियाँ और कीड़ें लग जाते है और उसे समाप्त कर देते है . इन पकी हुई मंजिरियों को रख ले . इनमे से काले काले बीज अलग होंगे उसे एकत्र कर ले . यही सब्जा है . अगर आपके घर में नही है तो बाजार में पंसारी या आयुर्वैदिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएंगे

शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है

नपुंसकता:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।

यौन दुर्बलता : 15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें। और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

मासिक धर्म में अनियमियता:: जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है

गर्भधारण में समस्या:: जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो मासिक आने पर ५-५ ग्राम तुलसी बीज सुबह शाम पानी के साथ ले जब तक मासिक रहे , मासिक ख़त्म होने के बाद माजूफल का चूर्ण १० ग्राम सुबह शाम पानी के साथ ले ३ दिन तक

तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है .


नोट :: तुलसी के बीज,सफेद मुसली और माजूफल का चूर्ण आपको पंसारी की दूकान या आयुर्वैदिक दवाओ कि दूकान से मिल जायेंगे
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सर्दियों में बालों की रुसी से सुरक्षा Protection from dandruff in winter

सर्दियों में बालों की रुसी से सुरक्षा 

- नारियल और जैतून के तेल की बराबर मात्रा लेकर इसमें कुछ बूंदे नींबू के रस की मिला ली जाएं और इस मिश्रण से बालों की मालिश लगभग 10 मिनिट तक की जाए और फिर गर्म तौलिए से सिर को 3 मिनिट के लिए ढक लिया जाए, बालों से जुडी समस्याओं में काफी फायदा करता है।
- मेथी के बीजों में फॉस्फेट, लेसिथिन और न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन होने से ये कॉड-लिवर ऑयल जैसे पोषक और बल प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बालों की बेहतर सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। बालों में रूसी होने पर मेथी दानों को कुचलकर या ग्राईंडर में पीसकर चूर्ण बनाया जाए। लगभग 3 ग्राम चूर्ण लेकर इसमें पानी मिलाया जाए ताकि पेस्ट तैयार हो जाए। इस पेस्ट को बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें, सप्ताह में 2 से 3 बार ऐसा करने से डेंड्रफ की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
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पाँच पाण्डव तथा सौ कौरवों के नाम Names of five Pandavas and hundred Kauravas


पाँच पाण्डव तथा सौ कौरवों के नाम ये थे :–

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -


1. युधिष्ठिर

2. भीम

3. अर्जुन

4. नकुल

5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण

भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु

उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त

पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन

की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव

की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..

कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -

1. दुर्योधन

2. दुःशासन

3. दुःसह

4. दुःशल

5. जलसंघ

6. सम

7. सह

8. विंद

9. अनुविंद

10. दुर्धर्ष

11. सुबाहु

12. दुषप्रधर्षण

13. दुर्मर्षण

14. दुर्मुख

15. दुष्कर्ण

16. विकर्ण

17. शल

18. सत्वान

19. सुलोचन

20. चित्र

21. उपचित्र

22. चित्राक्ष

23. चारुचित्र

24. शरासन

25. दुर्मद

26. दुर्विगाह

27. विवित्सु

28. विकटानन्द

29. ऊर्णनाभ

30. सुनाभ

31. नन्द

32. उपनन्द

33. चित्रबाण

34. चित्रवर्मा

35. सुवर्मा

36. दुर्विमोचन

37. अयोबाहु

38. महाबाहु

39. चित्रांग

40. चित्रकुण्डल

41. भीमवेग

42. भीमबल

43. बालाकि

44. बलवर्धन

45. उग्रायुध

46. सुषेण

47. कुण्डधर

48. महोदर

49. चित्रायुध

50. निषंगी

51. पाशी

52. वृन्दारक

53. दृढ़वर्मा

54. दृढ़क्षत्र

55. सोमकीर्ति

56. अनूदर

57. दढ़संघ

58. जरासंघ

59. सत्यसंघ

60. सद्सुवाक

61. उग्रश्रवा

62. उग्रसेन

63. सेनानी

64. दुष्पराजय

65. अपराजित

66. कुण्डशायी

67. विशालाक्ष

68. दुराधर

69. दृढ़हस्त

70. सुहस्त

71. वातवेग

72. सुवर्च

73. आदित्यकेतु

74. बह्वाशी

75. नागदत्त

76. उग्रशायी

77. कवचि

78. क्रथन

79. कुण्डी

80. भीमविक्र

81. धनुर्धर

82. वीरबाहु

83. अलोलुप

84. अभय

85. दृढ़कर्मा

86. दृढ़रथाश्रय

87. अनाधृष्य

88. कुण्डभेदी

89. विरवि

90. चित्रकुण्डल

91. प्रधम

92. अमाप्रमाथि

93. दीर्घरोमा

94. सुवीर्यवान

95. दीर्घबाहु

96. सुजात

97. कनकध्वज

98. कुण्डाशी

99. विरज

100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन

भी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,

जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
"श्री मद्-भगवत गीता"
के बारे में-

किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। 

कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी 

कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। 

गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण ने- 574
अर्जुन ने- 85 
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.
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