विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
अचूक घरेलू नुस्खों द्वारा सेक्स लाइफ को आकर्षक बनाएं
सेक्स शादीशुदा जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए पति-पत्नी के बीच अच्छे सेक्सुअल रिलेशन का होना जरूरी है। कपल्स सरल और अचूक घरेलू नुस्खों द्वारा अपनी सेक्स लाइफ को आकर्षक बना सकते हैं, आइए जानते हैं, कैसे-
* 2-4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में पकाकर खाएं और ऊपर से दूध पीएं। इसके सेवन से शरीर में नई शक्ति आती है।
* 7-7 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, मिश्री और शहद लेकर इसमें 15 ग्राम गाय का घी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
* 50 ग्राम उड़द या उड़द की दाल को पानी में भिगोकर छिल्का निकाल लें, फिर इसे घी में भूनकर दूध, शकर, बादाम, मुनक्का आदि डालकर खीर बनाकर खाएं। इसका नियमित सेवन करने से महिला व पुरुष दोनों का सेक्सुअल पॉवर बढ़ता है। * 10-10 ग्राम शहद, अदरक का रस व प्याज का रस और 5 ग्राम घी- सबको एकसाथ मिलाकर सेवन करने से सेक्सुअल पावर बढ़ता है। इस नुस्खे का इस्तेमाल नियमित रूप से 21 दिन तक सुबह के समय करना चाहिए
बाल काले करने का बाजारु खिजाब न लगाकर स्वयं का देसी जडी-बूटियों में तैय्यार किया हुआ खिजाबप्रयोग करें (1)-पीसे हुए आंवले का चूर्ण पानी में घोल लें और नींबू का रस मिलाऐँ .उसके बाद उसी से बांलो को प्रतिदिन धोऐं ऐसा करने से आपके बाल प्राकृतिक रुप से काला हो जायेगा (2)-आंवलों को पानीमें भिगो लें .सुबह उन आंवलों को उसी पानी में मलकर छान लें .बालों को धोऐं बाल काले और मुलायम हो जायेंगे (3)-एक किलो देसी घी .250 ग्राम मुलहठी एक किलो आंवला का रस मिलाकर हल्की आंच पर पकाऐं .जब पानी सूख जाये सिर्फ घी बच जाये तोउसे छानकर शीशे के मर्तबान में भर लें .इसमिश्रण को खिजाब की तरह बालों में लगाऐं .आप के बाल कुदरती काले हो जायेंगे
1. दो चम्मच धनिया उबालकर सेवन करने से आँव में फौरन लाभ होगा । 2. प्रात: काल बिना कुछ खाए 5दाने मुनक्का खाने से कब्ज दूर होती है । 3. लौंग के तेल की दो-तीन बूँदें चीनी या बतासे के साथ लेने से हैजे में फायदा होता है । 4. एक गिलास गरम पानी में डेढ़ चम्मच शहद गरारे करने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है और आवाज खुल जाती है । 5. शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है । 6. एरंडी के तेल में कपूर मिलाकर सुबह शाम मसूड़ों पर मलें यह प्रयोग मसूड़ों के लिये अत्यंत लाभकारी है। 7. अमरूद के पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर काढ़ा तैयार कीजिये । 8. पत्तियों को इतना उबालिये की उनका रस उस पानी में आ जाए और पानी उबले दूध की तरह गाढ़ा हो जाए । 9. इस काढ़े को बार-बार कुल्ला कीजिये, इससे भयानक से भयानक दांत का दर्द भी दूर हो जायेगा । 10. हल्दी और दूध गर्म कर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से जुकाम, कफ व शरीर दर्द से राहत मिलती है । 11. जायफल के तेल का फाहा दांत में रखने से दंतक्षय रुक जाता है । और दांत के कीड़े मर जाते है । और दांत की पीड़ा भी शांत होती है । 12. देसी घी को जरा सा गरम करके उसमें चुटकी भर नमक मिलाकर होंठों पर मलें, होंठों का फटना बंद हो जायेगा । 13. जहां खटमल दिखाई दें वहां नारंगी का छिलका कुचलकर रख दें खटमल नौ दो ग्यारह हो जाएंगे । 14. भुने हुये प्याज को पीसकर उसमें जीरे का चूर्ण और मिश्री मिलाकर खाने से लू का प्रकोप नष्ट होता है । 15. मुख की दुर्गंध तथा छाले दूर करने के लिये अनार की छाल पानी में उबाल कर थोड़ी देर मुंह में रखकर गरारे करें । 16. खांसी आने पर अरबी की सब्जी खाएं इससे खांसी को तुरंत आराम मिलेगा| 17. तुलसी के पत्तों का रस चीनी में मिलाकर पीने से दिन में दो-तीन बार प्याज खाने या इमली को भिगो कर उसका पानी पीने से लू नहीं लगती । 18. जले हुये स्थान पर केले का गूदा लगाने से जलन मिटेगी व फफोले नहीं पड़ेगे । 19. कत्था पानी में घोल कर गाढ़ा- गाढ़ा छालों पर लेप करें या गाय के दूध से बने दही में पका केला मिलाकर खाएं, छाले बिल्कुल ठीक हो जाएंगे । 20. गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़ काट देता है । 21. कपूर के चूर्ण को नारियल तेल में मिलाकर रात को सिर में लगायें सुबह किसी अच्छे शैम्पू से सिर धो ले जुएं मर जाएंगे । 22. ततैया काटने पर कटे हुये स्थान पर तुरंत मिट्टी का तेल लगाएं, जलन शांत हो जाएगी । 23. एक चम्मच तुलसह का रस, एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार सेवन करने से कफ तथा खांसी में राहत मिलती है.
श्वेत प्रदर होने पर स्त्री की योनि से सफेद रंग का चिकना स्त्राव पतले या गाढ़े रूप में निकलने लगता है| इस प्रदर में तीक्ष्ण बदबू उत्पन्न होती है| ऐसे में दिमाग कमजोर होकर सिर चकराने लगता है| स्त्री को बड़ी बैचेनी एवं थकान महसूस होती है|कारणखून की कमी, चिन्ता, शोक, भय, सम्मान की कमी, अधिक सम्भोग, भावनात्मक कष्ट, अजीर्ण, कब्ज, मूत्राशय की सूजन आदि कारणों से स्त्रियों को श्वेत प्रदर हो जाता है|
*पहचानयोनि मार्ग से सफेद रंग का पतला-पतला स्त्राव निकलता है| कभी-कभी गाढ़ा लेसदार स्त्राव चिपचिपे श्लेष्मा के साथ निकलने लगता है| इस रोग में भूख नहीं लगती| पेट में भारीपन, सिर दर्द, शरीर में दर्द, उत्साह का खत्म हो जाना, जलन, योनि में खुजली तथा दुर्गंध आने लगती है| स्त्री दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जाती है| शरीर में हड़फूटन पड़ती है तथा कमर में बड़ी तेजी से दर्द होता है|
*नुस्खे.....!
*10 ग्राम मुलहठी तथा 20 ग्राम चीनी - दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| आधा चम्मच चूर्ण सुबह और आधा चम्मच शाम को दूध के साथ सेवन करें|
*सूखे हुए चमेली के पत्ते 4 ग्राम और सफेद फिटकिरी 15 ग्राम - दोनों को खूब महीन पीस लें| इसमें से 2 ग्राम चूर्ण शक्कर में मिलाकर रात के समय फांककर ऊपर से दूध पी लें| इससे श्वेत प्रदर ठीक हो जाता है| जब तक प्रदर न रुके, यह दवा नियमित रूप से लेते रहना चाहिए|
* * पके हुए केले में 1 ग्राम फिटकिरी का चूर्ण भरकर दोपहर के समय उसे खूब चबा-चबाकर खाएं| इससे सफेद प्रकार रुक जाएगा|
*पेट पर ठंडे पानी का कपड़ा 10 मिनट तक रखें| श्वेत प्रदर में यह लाभकारी रहता है|
*अशोक की छाल 50 ग्राम लेकर उसे लगभग 2 किलो पानी में पकाएं| जब पानी आधा किलो की मात्रा में रह जाए तो उसे उतारकर छान लें| ठंडा करके इसमें दूध मिलाकर घूंट-घूंट पिएं| श्वेत प्रदर रोकने की यह अचूक दवा है|
*गुलाब के पांच फूल मिश्री के साथ मिलाकर खिलाएं| ऊपर से गाय का आधा किलो दूध दें|
*अरहर के आठ-दस पत्ते सिल पर पानी द्वारा पीस लें| इसमें थोड़ा-सा सरसों का तेल पकाकर मिलाएं| फिर थोड़ी चीनी डालकर सेवन करें|
*एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ चाटना चाहिए|
*अनार के सूखे छिलके एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से सेवन करें|
*दो चम्मच मूली के पत्तों का रस नित्य पीने से श्वेत प्रदर का रोग ठीक हो जाता है|
*10 ग्राम आंवले का गूदा 2 ग्राम जीरा - दोनों को खरल करके लें|सिंघाड़े के आटे की रोटी पर देशी घी लगाकर कुछ दिनों तक खाएं|
जब भी तुलसी में खूब फुल यानी मंजिरी लग जाए तो उन्हें पकने पर तोड़ लेना चाहिए वरना तुलसी के झाड में चीटियाँ और कीड़ें लग जाते है और उसे समाप्त कर देते है . इन पकी हुई मंजिरियों को रख ले . इनमे से काले काले बीज अलग होंगे उसे एकत्र कर ले . यही सब्जा है . अगर आपके घर में नही है तो बाजार में पंसारी या आयुर्वैदिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएंगे शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी- तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है| नपुंसकता- तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है। मासिक धर्म की अनियमियता- जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है और जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो भी ठीक होती है तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां डाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रिदोषनाशक , क्षुधावर्धक है |
यह देखने में आया है कि नव विवाहित स्त्रियों में 8० प्रतिशत एक साल के अन्दर ही गर्भ धारण करने में कामयाब हो जाती है| यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी बच्चा ना हो तो यह समस्या का विषय हो सकता है , और ऐसे जोड़े को इनफरटाईल समझा जाता हैं.
बच्चा पैदा होने के लिए दम्पती के बीच सम्भोग का होना अनिवार्य है. और इसके दौरान पुरुष का लिंग स्त्री की योनी में प्रविष्ट होकर स्त्री की योनी में शुक्राणु उत्सर्जित करने होंगे , जिससे शुक्राणु गर्भाशय के मुख के पास इकठ्ठा हो जायेगे|. यह प्रक्रिया सेक्स के दौरान स्वत: ही हो जाती है , इसलिए इसकी चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है. इसके आलावा सम्भोग अंडाणु उत्सर्जन के समय के आस-पास होना चाहिए. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे महिलाओं के अंडाशय से अंडे निकलते हैं| अंडाणु उत्सर्जन मासिक धर्म चक्र का भाग होता है, जो कि ऋतू स्राव के चौदहवें दिन, जब रक्त स्राव शुरू हो जाता है तब शुरू होता है. १) बच्चा पैदा करने की योजना करने के लिए सबसे पहिले स्त्री-पुरुष दोनों को अपने प्रजनन अंगों की भली प्रकार चिकित्सकीय जांच कराना चाहिए| प्रजनन अंगों के दोषों का पता लगाकर इलाज कराना चाहिए| बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं में सेक्स के दौरान चरम आल्हाद (orgasm ) होना अनिवार्य नहीं है| दरअसल स्त्री की फेलोपियन नलिका जो कि अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाती है , शुक्राणु को अपने अन्दर खींच लेती है और उसे अंडाणु से मिलाने की कोशिश करती है. और इसके लिए महिलाओं में ओर्गास्म का आना जरूरी नहीं है 2) अंडाणु उत्सर्जन के समय के आस-पास सम्भोग करें- स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चा पैदा करने के लिए स्त्री के अंडाणु अंडाशय से निकलने के 24 घंटे के अन्दर ही निषेचित होने चाहियें. पुरुष के शुक्राणु स्त्री के प्रजनन पथ में 48 से 72 घंटे तक ही जीवित रह सकते हैं. चूँकि बच्चा पैदा करने के लिए आवश्यक भ्रूण अंडाणु और शुक्राणु के मिलन से ही बनता है , इसलिए दंपत्ति को अंडाणु उत्सर्जन के दौरान कम से कम ४८ घंटे में एक बार ज़रूर सम्भोग करना चाहिए और इस दौरान पुरुष को स्त्री के ऊपर होना चाहिए ताकि शुक्राणु के लीकेज की सम्भावना कम हो.| अंडाणु उत्सर्जन का समय कैसे पता करें ? अंडाणु उत्सर्जन का समय पता करने का अर्थ है उस समय का पता करना जब स्त्री के अंडाशय से निषेचन के लिए तैयार अंडाणु निकले| इसे जानने के लिए आपको अपने मासिक-धर्म का अंदाजा होना चाहिए| यह 24 से 40 दिन के बीच हो सकता है.| अब यदि आप को अपने अगले मासिक धर्म होने का अंदाजा है तो आप उससे 12 से 16 दिन पहले का समय पता कर लीजिये , यही आपका अंडाणु उत्सर्जन का समय होगा . उदाहरण के तौर पर यदि मासिक धर्म की शुरुआत 30 तारीख को होनी है तो 14 से 18 तारिख का समय अंडाणु उत्सर्जन का समय होगा. बच्चा पैदा करने के लिए उपयुक्त समय का पता करने का एक और तरीका है स्त्री की योनी से निकलने वाले चिपचिपे तरल को अपने ऊँगली पर लीजिये और उसकी elasticity check कीजिये, जब ये अधिक और देर तक लचीला रहे तो समझ जाइये कि अंडाणु उत्सर्जन हुआ है और अब आप बच्चा पैदा करने के लिए सम्भोग कर सकते हैं. 3) एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं - बच्चा पैदा करने के अवसर बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है कि पति-पत्नी एक स्वस्थ्य- जीवनशैली बनाये रखें. इससे होने वाली संतान भी अच्छी होगी. खाने – पीने में पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें .विटामिन प्राप्त होने से पुरुष-स्त्री दोनों की प्रजनन शक्ति बढती है | रोजाना घूमने और योग करने से भी फायदा होता है. ध्यान देने योग्य है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भ धारण करने के अवसर काफी हद तक घट जाते हैं| 4) तनाव-मुक्त रहने का प्रयास करें: इसमें कोई शक नहीं है कि अत्यधिक तनाव आपके प्रजनन कार्य में बाधा डालेगा. तनाव से कामेच्छा समाप्त हो सकती है , और स्त्रियों में रजस्वला होने की प्रक्रिया में बाधा पड सकती है| एक शांत मन आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव डालता है और आपके गर्भ धारण करने की सम्भावना को बढाता है इसके लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं| 5) अंडकोष को ज्यादा गर्मी से बचाएँ : ध्यान रहे शुक्राणु ज्यादा तापमान में मृत हो सकते हैं. इसीलिए अंडकोष जहाँ शुक्राणु का निर्माण होता है शरीर के बाहर होते हैं ताकि वो ठंडे रह सकें| गरम पानी के टब में न बैठें| जो लोग आग की भट्टी या किसी गरम स्थान पर देर तक काम करते हैं उन्हें सावधान रहने की ज़रुरत है
6) सेक्स के बाद थोड़ी देर आराम करें: सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं की योनी से शुक्राणु के निकलने के अवसर नहीं रहते. इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहना ठीक रहता है.
1) सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है। पुदीने की चाय बनाकर पीने से मोटापा कम होता है। 2) खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा। 3) पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। 4) दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें। 5) छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है। 6) आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं। कमर एकदम पतली हो जाएगी। 7) मोटापा कम नहीं हो रहा हो तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से भूख कम होती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है। 8) दो बड़े चम्मच मूली के रस में शहद मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं। ऐसा करने से 1 माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा। 9) मालती की जड़ को पीसकर शहद मिलाकर खाएं और छाछ पिएं। प्रसव के बाद होने वाले मोटापे में यह रामबाण की तरह काम करता हैै। 10) रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है। 11) ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं। 12) केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है। 13) रोज पत्तागोभी का जूस पिएं। पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है। 14) एक चम्मच पुदीना रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है। 15) सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से वसा में कमी होती है।
फिट और सुडौल दिखने के लिए टाइट ब्रा महिलाओं की पहली पसंद है लेकिन सोते वक्त इन्हें पहनें या नहीं पहनें, यह संशय महिलाओं में बना ही रहता है। अगर आप भी ऐसी ही किसी उधेड़बुन हैं तो सोते वक्त टाइट ब्रा को बाय कहें क्योंकि सेहत के लिहाज से इसके कई नुकसान हैं। सोते समय ब्रा पहनने के नुकसान आप जिस ब्रा का चुनाव करते हैं वह बहुत अधिक टाइट (कसी हुई) और कठोर नहीं होना चाहिए। जब सोते समय ब्रा पहनने की बात होती हैं तो यह आपका व्यक्तिगत चुनाव होता है। कई महिलाओं को सोते समय ब्रा पहनना आरामदायक लगता है जबकि कुछ महिलायें सोते समय ब्रा पहनने के दुष्परिणामों से चिंतित रहती हैं। यदि आप हल्की, नॉन अंडरवायर ब्रा या कैमिसोल स्टाईल पजामा टॉप्स जिसमें इनबिल्ट ब्रा हो, पहनती हैं तो आप आराम से सो सकती है ब्लड सर्कुलेशन नहीं होता सोते समय ब्रा पहनने से रक्त के परिसंचरण में रूकावट आती है। यदि आप इलास्टिक वाली टाइट फिट ब्रा पहनते हैं तो ऐसा होने की संभावना होती है। इसके स्थान पर स्पोर्ट्स ब्रा का विकल्प चुनें जो अधिक आरामदायक होता है। पिग्मेंटटेशन या रंजकता ब्रा के लगातार उपयोग से उस स्थान पर पिगमेंटेशन बढ़ जाता है जहाँ इलास्टिक होता है। सोते समय ब्रा पहनने से यह बढ़ जाता है। सोते समय ब्रा पहनने से होने वाले दुष्परिणामों से बचने के लिए नरम और ढ़ीली ढाली ब्रा पहनें। आरामदायक ब्रा उन महिलाओं के लिए सहायक होती है जो या तो गर्भवती हैं या जो स्तनपान करवाती हैं। नींद मे परेशानी इस बात में कोई संदेह नहीं है कि शांत और अच्छी नींद इस बात पर निर्भर करती है कि सोते समय आप कितने आराम से सोते हैं। यदि आप टाइट ब्रा पहनते हैं तो आप आराम महसूस नहीं करेंगे और इसके कारण निश्चित रूप से ही आपकी नींद ख़राब होगी। सिंथेटिक कपड़े जैसे पॉलिएस्टर या लिनेन से बनी ब्रा के स्थान पर कॉटन से बनी ब्रा पहनें। बेचैनी सोते समय टाइट ब्रा पहनने से त्वचा में जलन हो सकती है तथा इसके कारण आपको रात में बेचैनी भी हो सकती है। इससे नींद के दौरान असुविधा हो सकती है जिसके कारण आपके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसके कारण आपके स्तनों को भी तकलीफ़ हो सकती है। टाइट फिटिंग ब्रा पहनने से त्वचा में जलन हो सकती है। रात के लिए स्पोर्ट्स ब्रा पहनना भी एक अच्छा विकल्प है। थकान महसूस होना सोते वक्त टाइट ब्रा पहनने से रक्त संचार में अवरोध होता है जिससे शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत पड़ती है और थकान अधिक होती है। ऐसे में सुबह उठने के बाद भी थकान और कमजोरी महसूस होती है।टाईट ब्रा को पहनने से ब्रेस्ट में हवा नहीं लग पाती है और त्वचा में खुजली होती है। कई बार खराब ब्रा को पहनकर सो जाने से रैशेज भी पड़ जाते है। इसलिए हमेशा सही साइज और कॉटन की ब्रा पहनें। सूजन यदि आप नियमित तौर पर टाइट ब्रा का उपयोग करते हैं तो इसके कारण लसिका रूकावट की समस्या आ सकती है। इसके कारण इस रूकावट से जुड़ी हुई अन्य समस्याएं भी आ सकती हैं। इसमें सूजन या स्तन में द्रव पदार्थ का जमा होना आदि समस्या हो सकती है। सोते समय ब्रा पहनने का यह एक गंभीर दुष्परिणाम हो सकता है। कैंसर :- इस बारे में अभी तक कई शोध और अध्ययन हो चुके है। रात में टाईट ब्रा पहनकर न ही सोंए, वरना सही तरीके से रक्त संचार न होने के कारण कैंसर की सेल्स सक्रिय होने में देर नहीं करेगी। शरीर के किसी भी हिस्से में सिस्ट या ल्यूम्पस का बनना स्वाभाविक है और यह कैंसर नहीं होता है। रात में लगातार सालों तक ब्रा पहनने से ऐसी गांठे, स्तनों में बनने का खतरा बढ़ जाता है जो समस्या उत्पन्न कर देती है
मैं काफी दिनों से देख रहा हूँ के लोग बालो कि समसया से काफ़ी परेशान हैं. जैसे की बाल झड़ना या बाल रहना ही ना.... तो उन सबके लिए एक बहुत ही आसान सा उपाय बता रहा हूँ कृपया लाभ उठायें...... कनेर के 60-70 ग्राम पत्ते (लाल या पीली दोनों में से कोई भी या दोनों ही एक साथ ) ले के उन्हें पहले अच्छे से सूखे कपडे से साफ़ कर लें ताकि उनपे जो मिटटी है वो निकल जाये.,. अब एक लीटर सरसों का तेल या नारियल का तेल या जेतून का तेल ले के उसमे पत्ते काट काट के डाल दें. अब तेल को गरम करने के लिए रख दें. जब सारे पत्ते जल कर काले पड़ जाएँ तो उन्हें निकाल कर फेंक दें और तेल को ठण्डा कर के छान लें और किसी बोटल में भर के रख लें..... पर्योग विधि :- रोज़ जहाँ जहाँ पर भी बाल नहीं हैं वहां वहां थोडा सा तेल ले के बस 2 मिनट मालिश करनी है और बस फिर भूल जाएँ अगले दिन तक. ये आप रात को सोते हुए भी लगा सकते हैं और दिन में काम पे जाने से पहले भी... बस एक महीने में आपको असर दिखना शुरू हो जायेगा.. सिर्फ 10 दिन के अन्दर अन्दर बाल झड़ने बंद हो जायेंगे या बहुत ही कम... और नए बाल भी एक महीने तक आने शुरू हो जायेंगे...... नोट : ये उपाय पूरी तरह से tested है.. हमने कम से कम भी 10 लोगो पे इसका सफल परीक्षण किया है. एक औरत के 14 साल से बाल झड़ने बंद नहीं हो रहे थे. इस तेल से मात्र 6 दिन में बाल झड़ने बंद हो गये. 65 साल तक के आदमियों के बाल आते देखे हैं इस प्रयोग से जिनका के हमारे पास data भी पड़ा है.. आप भी लाभ उठायें और अगर किसी को फरक पड़े तो कृपया हमे जरुर बताये... चेतावनी: कनेर के पौधे में जो रस होता है वो बहुत ज़हरीला होता है. तो ये सिर्फ बाहरी प्रयोग के लिए है कोई गलती से भी इसे खाए न.. धन्यवाद ...
मधुमेह के लिए घरेलू उपचार 1. औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है। 2. डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए। 3. मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। 4. स्टीविया का पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है। 5. डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है। 6. मधुमेह मरीजो को नियमित रूप से नीम के चार से पांच पत्तो का सेवन करना चाहिए। 7. चार चम्मच आंवले का रस, गुड़मार की पत्ती मिलाकर काढ़ बनाकर पीने मधुमेह नियंत्रण में रहता है। 8. गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। 9. मधुमेह के रोगियों को खाने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। अच्छे से चबाकर खाने से भी मधुमेह को नियंत्रण में किया जा सकता है। 10. मधुमेह रोगियों को नियमित व्यायाम और योग करना चाहिए।