विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
आसान फंडा: इसे अपना लें तो ओवरवेट नहीं होंगे
आजकल तो हर व्यक्ति फिट और चुस्त-दुरूस्त रहना चाहता है, जिसके कारण वह खासी मेहनत भी करता है लेकिन अगर आप ये फंडा याद रखें तो आप बहुत आसानी से परफेक्ट फिगर पा सकते हैं।कमर पतली करने के लिए सीधे लेट जाइए। हाथ जांघों पर रखें। फिर अपनी टांगे जमीन से छ: से सात इंच ऊपर उठाए। इस व्यायाम में हाथ जमीन को नहीं छुना चाहिए। एक और व्यायाम में पैर सीधे करके पास-पास रखिए। अब कमर पर हाथ रखकर दोंनो पैरों को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास कीजिए।
चार-पांच सैकंड तक पैर उसी तरह रखें। यह दस बार कीजिए। इसी तरह बाएं पैर की दस बार कसरत कीजिए। अधिक से अधिक पैदल चलने से नितंब सुडौल हो जाएंगे। प्रतिदिन हथेली की सहायता से पेट के मांस को नीचे से ऊपर की ओर ले जाना चाहिए। यह क्रिया कम से कम दस मिनट तक करते रहना चाहिए। इस तरह मालिश करने से आपके पेट की मालिश से फालतू चर्बी कम हो जाएगी। इसी तरह कमर और जांघों की चरबी नहीं बढऩे देनी चाहिए।आप अपनी बॉडी से प्यार करें खाने-पीने की सही आदतें डाल लें।
ध्यान रखें कि सही डाइट जल्दी डाइजेस्ट भी होती है, जिससे बॉडी सिस्टम पर एक्स्ट्रा जोर नहीं पड़ता है। आप हर निश्चित अवधि के बाद खाना खाएं, लेकिन ओवर ईटिंग से बचें। आप खाना तो हर चीज चाहती हैं, लेकिन कैलरीज बर्न करने के लिए वर्कआउट नहीं करतीं, तो आपकी सेहत पर इसका बुरा असर भी पड़ सकता है। आप अपना डेली वर्क आउट रिजीम तय कर लें और इसमें सिर से लेकर पैर तक की एक्सरसाइज करें। इससे पूरी बॉडी में ब्लड ठीक से सर्कुलेट होगा। आपके लिए 20 मिनट की एक्सरसाइज भी काफी है। आपकी बॉडी में अच्छे से ब्लड सर्कुलेट हो, दिल स्वस्थ रहे और आप अनुशासन में खाना खाएं, तो आप परफेक्ट बॉडी पा सकती हैं। यानी परफेक्ट बॉडी के लिए महीनों तक भूखा रहने और जी-तोड़ वर्क आउट करने की जरूरत नहीं है।
मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
Feetured Post
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