मधुमालती पेड़ पौधे भगवान की बनाई हुई दवाई की जीवित
फैक्टरियां है . अपने आस पास ही बाग़ बगीचों में नज़र
दौडाएं तो कई लाभदायक जड़ी बूटियाँ मिल जाएंगी .
मधुमालती की बेल कई घरों में लगी होंगी इसके फूल और
पत्तियों का रस मधुमेह के लिए बहुत अच्छा है . इसके
फूलों से आयुर्वेद में वसंत कुसुमाकर रस नाम की दवाई बनाई जाती है . इसकी 2-5 ग्राम की मात्रा लेने से कमजोरी दूर
होती है और हारमोन ठीक हो जाते है . प्रमेह , प्रदर , पेट
दर्द , सर्दी-जुकाम और मासिक धर्म
आदि सभी समस्याओं का यह समाधान है .
प्रमेह या प्रदर में इसके 3-4 ग्राम फूलों का रस मिश्री के
साथ लें . शुगर की बीमारी में करेला , खीरा, टमाटर के साथ मालती के फूल डालकर जूस निकालें और सवेरे खाली पेट
लें . या केवल इसकी 5-7 पत्तियों का रस ही ले लें . वह
भी लाभ करेगा . कमजोरी में भी इसकी पत्तियों और
फूलों का रस ले सकते हैं . पेट दर्द में इसके फूल और
पत्तियों का रस लेने से पाचक रस बनने लगते हैं . यह बच्चे
भी आराम से ले सकते हैं . सर्दी ज़ुकाम के लिए इसकी एक ग्राम फूल पत्ती और एक ग्राम तुलसी का काढ़ा बनाकर
पीयें . यह किसी भी तरह का नुकसान नहीं करता . यह
बहुत सौम्य प्रकृति का पौधा है .
फैक्टरियां है . अपने आस पास ही बाग़ बगीचों में नज़र
दौडाएं तो कई लाभदायक जड़ी बूटियाँ मिल जाएंगी .
मधुमालती की बेल कई घरों में लगी होंगी इसके फूल और
पत्तियों का रस मधुमेह के लिए बहुत अच्छा है . इसके
फूलों से आयुर्वेद में वसंत कुसुमाकर रस नाम की दवाई बनाई जाती है . इसकी 2-5 ग्राम की मात्रा लेने से कमजोरी दूर
होती है और हारमोन ठीक हो जाते है . प्रमेह , प्रदर , पेट
दर्द , सर्दी-जुकाम और मासिक धर्म
आदि सभी समस्याओं का यह समाधान है .
प्रमेह या प्रदर में इसके 3-4 ग्राम फूलों का रस मिश्री के
साथ लें . शुगर की बीमारी में करेला , खीरा, टमाटर के साथ मालती के फूल डालकर जूस निकालें और सवेरे खाली पेट
लें . या केवल इसकी 5-7 पत्तियों का रस ही ले लें . वह
भी लाभ करेगा . कमजोरी में भी इसकी पत्तियों और
फूलों का रस ले सकते हैं . पेट दर्द में इसके फूल और
पत्तियों का रस लेने से पाचक रस बनने लगते हैं . यह बच्चे
भी आराम से ले सकते हैं . सर्दी ज़ुकाम के लिए इसकी एक ग्राम फूल पत्ती और एक ग्राम तुलसी का काढ़ा बनाकर
पीयें . यह किसी भी तरह का नुकसान नहीं करता . यह
बहुत सौम्य प्रकृति का पौधा है .
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