भारत में विविध प्रकार के अचार बनाये जाते हैं ,परन्तु छुहारे का अचार काफी गुणकारी होता है | यह अचार पाचक व रुचिवर्द्धक होता है तथा अपच को दूर करता है | इस अचार भोजन के समय या बाद में खा सकते हैं |
अचार बनाने की विधि -----
एक किलो छुहारे लेकर इन्हें नींबू के रस में 5 दिन तक भिगोकर रखें | जब यह फूल जाएँ तो बीज निकल दें तथा निम्नलिखित मिश्रण छुहारों में भर दें |
अंदर भरने का मिश्रण ----- काली मिर्च
************************ पीपल
दालचीनी
तीनों को १००-१००- ग्राम लें |
सौंठ
कालीजीरी
जीरा
इन तीनों को ५०-५० ग्राम की मात्रा में लें तथा कालानमक ३०० ग्राम और चीनी २ किलो लें , सबको एक साथ पीस लें |
बीज निकले हुए छुहारों में उक्त मिश्रण भर लें | इसे एक कांच के मर्तबान में भर कर ऊपर से निम्बू का रस डाल दें | मर्तबान का ढक्क्न उतारकर उसके मुँह पर कपड़ा बांधकर ४-५ दिन धूप में रखें , अचार तैयार हो जायगा |
अचार बनाने की विधि -----
एक किलो छुहारे लेकर इन्हें नींबू के रस में 5 दिन तक भिगोकर रखें | जब यह फूल जाएँ तो बीज निकल दें तथा निम्नलिखित मिश्रण छुहारों में भर दें |
अंदर भरने का मिश्रण ----- काली मिर्च
************************ पीपल
दालचीनी
तीनों को १००-१००- ग्राम लें |
सौंठ
कालीजीरी
जीरा
इन तीनों को ५०-५० ग्राम की मात्रा में लें तथा कालानमक ३०० ग्राम और चीनी २ किलो लें , सबको एक साथ पीस लें |
बीज निकले हुए छुहारों में उक्त मिश्रण भर लें | इसे एक कांच के मर्तबान में भर कर ऊपर से निम्बू का रस डाल दें | मर्तबान का ढक्क्न उतारकर उसके मुँह पर कपड़ा बांधकर ४-५ दिन धूप में रखें , अचार तैयार हो जायगा |
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