छाछ (मठ्ठा ,तक्र ) Buttermilk - Maththa, Takra


दही को मथकर छाछ बनाया जाता है | छाछ अनेक शारीरिक दोषों को दूर करता है तथा आहार के रूप में महत्वपूर्ण है | छाछ या मठ्ठा शरीर के विजातीय तत्वों को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता की वृद्धि करता है | गाय के दूध से बानी छाछ सर्वोत्तम होती है | छाछ में घी नहीं होना चाहिए तथा यह खट्टी नहीं होनी चाहिए |
जिन्हे भूख न लगती हो या भोजन न पचता हो,खट्टी-खट्टी डकारें आती हों या पेट फूलता हो उनके लिए छाछ का सेवन अमृत के सामान लाभकारी होता है | छाछ गैस को दूर करती है,अतः मल विकारों और पेट की गैस में छाछ का सेवन लाभकारी होता है | यह पित्तनाशक होती है और रोगी को ठंडक और पोषण देती है |
विभिन्न रोगों में छाछ से उपचार-
१- छाछ में काला नमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है |
२- अपच में छाछ एक सर्वोत्तम औषधि है | गरिष्ठ वस्तुओं को पचाने में भी छाछ बहुत लाभकारी है | छाछ में सेंधानमक,भुना हुआ जीरा तथा काली मिर्च पीसकर , मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण दूर हो जाता है |
३- छाछ में शक्कर और काली मिर्च मिलाकर पीने से पित्त के कारण होने वाला पेट दर्द ठीक हो जाता है |
४- छाछ में नमक डालकर पीने से लू लगने से बचा जा सकता है |
५- एक गिलास छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन पीने से पीलिया में लाभ होता है |
0 0

No comments:

Post a Comment

Thanks to visit this blog, if you like than join us to get in touch continue. Thank You

Feetured Post

सच्चे रिश्तों का सम्मान

 सफल गृहस्थ जिंदगी जी रही प्रिया की जिंदगी में पति आकाश के अलावा करण क्या आया, उसकी पूरी जिंदगी में तूफान आ गया। इसकी कीमत प्रिया ने क्या खो...