वैज्ञानिक चाय पीने से होने वाले लाभों की खोज में निरंतर लगे हुए हैं। युनाइटेड किंगडम के न्यूकैसल विश्वविद्यालय में किए गए कुछ परीक्षणों से यह पता चला है कि चाय के इस्तेमाल से और उसमें भी खासकर हरी चाय के इस्तेमाल से आपकी स्मरण-शक्ति बढ़ सकती है। साथ ही यह एल्जाइमर की संभावना को भी कम करता है।
इसके पहले शिकागो में किए गए एक अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला गया कि जिन लोगों को अधिक तनाव और सिरदर्द होता था, उन्हें सिर्फ कैफीन के सेवन से ही बहुत अधिक फायदा पहुंचा। उतना ही, जितना कि दर्दनाशक दवा से पहुंचता है।
प्राय: दांतों के ऊपर रंगहीन और खुरदरी-सी परत जम जाती है। इलिनॉइस के एक समूह ने यह भी पता लगाया कि काली चाय में पाया जाने वाला तत्व पॉलीफिनॉल दांतों के ऊपर जमने वाली इस रंगहीन परत को दूर करता है और इसे फिर से बनने से रोकता है।
साथ ही पॉलीफिनॉल दांतों के बीच छेद और गड्ढा करने वाले अम्लों की मात्रा को भी कम करता है।
विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
चाय की चुस्की से सुधारें स्वास्थ्य Improve health by sipping tea
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
वजन घटाने वाले ठंडे पानी से सावधान रहें! Be careful with cold water that causes weight loss!
प्राय: कहा जाता है कि तैरना बहुत अच्छा व्यायाम है और यह सभी दृष्टि से फायदेमंद होता है। तैरना एक पूर्ण व्यायाम है। यद्यपि तैरना बहुत से लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि तैरते समय शरीर को पानी का सहारा मिलता रहता है, जिस वजह से जोड़ों को झटके नहीं लगते। पानी के सहारे की वजह से जोड़ों पर पड़ने वाला प्रभाव कम हो जाता है।
लेकिन यदि आप अपना वजन कम करने के लिए तैर रहे हैं तो ठंडे पानी में तैरना खतरनाक भी हो सकता है।
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में इस संदर्भ में एक शोध किया गया। शोधकर्ताओं ने, कुछ लोगों को, 45 मिनट तक पानी के भीतर सीधे साइकिल पर व्यायाम करने के लिए कहा। पहले पानी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रखा गया और उसके बाद उसे बढ़ाकर 33 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने 45 मिनट तक सिर्फ आराम किया।
हर चरण के बाद वे लोग खाने-पीने की चीजों से भरे हुए कमरे में 45 मिनट तक रहे। उन्हें यह नहीं बताया गया था कि उनकी कैलोरी (ऊर्जा) का हिसाब रखा जा रहा है।
गर्म पानी में व्यायाम करने की तुलना में ठंडे पानी में व्यायाम करने के बाद लोगों ने 44 प्रतिशत अधिक कैलोरी ग्रहण की। और 45 मिनट तक सिर्फ आराम करने के बाद उन्होंने 41 प्रतिशत अधिक कैलरी ग्रहण की।
इस अध्ययन से यह पता चलता है कि शरीर का तापमान, व्यायाम के बाद ग्रहण किए जा रहे भोजन पर गहरा प्रभाव डालता है। शरीर का तापमान कम या ज्यादा होने पर व्यायाम के बाद ग्रहण किए जा रहे भोजन की मात्रा बदल जाती है।
इसके पहले के एक अध्ययन से भी यही बात प्रमाणित होती है, जिसमें यह पाया गया था कि जिन महिलाओं ने वजन कम करने के लिए तैरने का तरीका अपनाया, उन महिलाओं की तुलना में उनका कम वजन घटा, जिन्होंने वजन कम करने के लिए दौड़ने या साइकिल चलाने का तरीका अपनाया।
लेकिन यदि आप अपना वजन कम करने के लिए तैर रहे हैं तो ठंडे पानी में तैरना खतरनाक भी हो सकता है।
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में इस संदर्भ में एक शोध किया गया। शोधकर्ताओं ने, कुछ लोगों को, 45 मिनट तक पानी के भीतर सीधे साइकिल पर व्यायाम करने के लिए कहा। पहले पानी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रखा गया और उसके बाद उसे बढ़ाकर 33 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने 45 मिनट तक सिर्फ आराम किया।
हर चरण के बाद वे लोग खाने-पीने की चीजों से भरे हुए कमरे में 45 मिनट तक रहे। उन्हें यह नहीं बताया गया था कि उनकी कैलोरी (ऊर्जा) का हिसाब रखा जा रहा है।
गर्म पानी में व्यायाम करने की तुलना में ठंडे पानी में व्यायाम करने के बाद लोगों ने 44 प्रतिशत अधिक कैलोरी ग्रहण की। और 45 मिनट तक सिर्फ आराम करने के बाद उन्होंने 41 प्रतिशत अधिक कैलरी ग्रहण की।
इस अध्ययन से यह पता चलता है कि शरीर का तापमान, व्यायाम के बाद ग्रहण किए जा रहे भोजन पर गहरा प्रभाव डालता है। शरीर का तापमान कम या ज्यादा होने पर व्यायाम के बाद ग्रहण किए जा रहे भोजन की मात्रा बदल जाती है।
इसके पहले के एक अध्ययन से भी यही बात प्रमाणित होती है, जिसमें यह पाया गया था कि जिन महिलाओं ने वजन कम करने के लिए तैरने का तरीका अपनाया, उन महिलाओं की तुलना में उनका कम वजन घटा, जिन्होंने वजन कम करने के लिए दौड़ने या साइकिल चलाने का तरीका अपनाया।
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
झपकी लीजिए, मस्त रहिए take a nap, stay cool
हममें से बहुतों को हर रोज रात में सात से आठ घंटे सोने की सलाह दी जाती है। और जो लोग दिन में अपने काम के बीच एकाध झपकी ले लेते हैं, उन्हें डर लगता है कि कहीं ऐसा करने से उनकी रात की नींद न खराब हो जाए।
लेकिन अमेरिका के शोधकर्ताओं का कहना है कि दिन में झपकियां लेने से रात की नींद में खलल नहीं पड़ता और न ही रात में नींद आना मुश्किल होता है, बल्कि झपकियां लेने से दिमाग कहीं बेहतर तरीके से काम करता है। इस संबध में अमेरिका में एक शोध किया गया।
शोधकर्ताओं ने करीब 32 वयस्क लोगों को सोचने और याद करने का कुछ काम दिया। तीसरे दिन उन्हें दो से चार बजे दोपहर में थोड़ी देर झपकियां लेने या हल्का सो लेने के लिए कहा गया।
उसके बाद चार दिनों तक उन लोगों ने बिल्कुल झपकी नहीं ली और काम पूरा किया। जिस दिन उन लोगों ने झपकियां ली थीं, उस दिन उनके काम का प्रदर्शन बेहतर रहा। साथ ही साथ दिन में झपकी लेने का कोई भी प्रभाव उनकी रात्रि की नींद पर नहीं पड़ा।
उनकी रात की नींद पहले की तरह ही गहरी और संतुष्टिदायक थी। निद्रा संबंधी गड़बड़ियों के विशेषज्ञ डॉ. थॉमस रॉथ का कहना है, ‘दरअसल जैविक रूप से मनुष्य को 10 घंटे नींद की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर संभव हो तो, आप दिन में भी थोड़ी देर सोने का समय निकालें।
सभी लोग दिन में झपकियां नहीं ले सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि सौभाग्य से यदि आप सप्ताह के अंत में भी, अगर दोपहर में आराम कर सकें तो यह बहुत फायदेमंद होता है।
लेकिन अमेरिका के शोधकर्ताओं का कहना है कि दिन में झपकियां लेने से रात की नींद में खलल नहीं पड़ता और न ही रात में नींद आना मुश्किल होता है, बल्कि झपकियां लेने से दिमाग कहीं बेहतर तरीके से काम करता है। इस संबध में अमेरिका में एक शोध किया गया।
शोधकर्ताओं ने करीब 32 वयस्क लोगों को सोचने और याद करने का कुछ काम दिया। तीसरे दिन उन्हें दो से चार बजे दोपहर में थोड़ी देर झपकियां लेने या हल्का सो लेने के लिए कहा गया।
उसके बाद चार दिनों तक उन लोगों ने बिल्कुल झपकी नहीं ली और काम पूरा किया। जिस दिन उन लोगों ने झपकियां ली थीं, उस दिन उनके काम का प्रदर्शन बेहतर रहा। साथ ही साथ दिन में झपकी लेने का कोई भी प्रभाव उनकी रात्रि की नींद पर नहीं पड़ा।
उनकी रात की नींद पहले की तरह ही गहरी और संतुष्टिदायक थी। निद्रा संबंधी गड़बड़ियों के विशेषज्ञ डॉ. थॉमस रॉथ का कहना है, ‘दरअसल जैविक रूप से मनुष्य को 10 घंटे नींद की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर संभव हो तो, आप दिन में भी थोड़ी देर सोने का समय निकालें।
सभी लोग दिन में झपकियां नहीं ले सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि सौभाग्य से यदि आप सप्ताह के अंत में भी, अगर दोपहर में आराम कर सकें तो यह बहुत फायदेमंद होता है।
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जय श्री राम
सफलतापूर्वक काम निपटाने के तरीके Ways to get things done successfully
जब आपके सिर पर काम का पहाड़ इकट्ठा होने लगता है तो देर रात तक रुककर उन कामों को निपटाने में भी एक किस्म का आनंद मिलता है। इस चीज का भी अपना एक आकर्षण है कि ज्यादा से ज्यादा मेहनत करके काम को पूरा किया जाए। लेकिन आप और आपके स्वास्थ्य के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है।
अमेरिका में किए गए एक शोध के मुताबिक जो लोग काम के लिए अपने सुनिश्चित घंटों से ज्यादा काम करते हैं, उनकी काम से संबंधित दिक्कतें और परेशानियां बढ़ जाती हैं। और जो लोग काम के लिए निश्चित घंटों में ही काम करते हैं, उन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
यहां हम आपको कुछ तरकीबें बता रहे हैं कि कैसे आप काम के निश्चित घंटों से अधिक काम किए बगैर भी अपने काम को समय पर और आसानी से कैसे निबटा सकते हैं। यहां कॉलिन की ‘सबकुछ कार्यालय में ही कैसे करें’ से कुछ युक्तियां सुझाई जा रही हैं :
काम की समझ...
यह सुनिश्चित करने के लिए कि पहले ही चरण में सारा काम अच्छे तरीके से और पूर्णत: समाप्त हो जाए, काम से संबंधित आपकी समझ बिल्कुल सही और सटीक होनी चाहिए।
पहले एक काम खत्म करें...
अगले काम की शुरुआत करने से पूर्व जो काम आपके हाथ में हैं, पहले उसे खत्म करें।
कठिन काम का समय..
यह सोचना छोड़ दीजिए कि अपने हाथों में जिम्मेदारी लेने और कामों का प्रतिनिधित्व करने में सदा अधिक समय लगता है। पूर्ण दायित्व के साथ काम करने के लिए निश्चित समय से अधिक तो काम करना ही पड़ेगा। खासतौर पर अगर किसी काम को कई बार करने की आवश्यकता हो, तब भी कामों को अतिरिक्त समय देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
देखिए कि आप किस समय अपने भीतर सर्वाधिक ऊर्जा महसूस करते हैं। सबसे कठिन काम उसी समय में करें, जब आपके भीतर सबसे ज्यादा ऊर्जा हो।
थोड़ा आराम भी...
दोपहर के खाने के समय अपने कार्यालय के बाहर थोड़े समय के लिए घूम आएं। इससे आपकी ऊर्जा पुन: संगठित हो जाएगी और आपकी उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
अपने काम के लिए समय का बहुत कड़ा और कठोर नियम न बनाएं। ऐसा करने से काम में होने वाली अनपेक्षित देरी को टाला जा सकता है।
अमेरिका में किए गए एक शोध के मुताबिक जो लोग काम के लिए अपने सुनिश्चित घंटों से ज्यादा काम करते हैं, उनकी काम से संबंधित दिक्कतें और परेशानियां बढ़ जाती हैं। और जो लोग काम के लिए निश्चित घंटों में ही काम करते हैं, उन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
यहां हम आपको कुछ तरकीबें बता रहे हैं कि कैसे आप काम के निश्चित घंटों से अधिक काम किए बगैर भी अपने काम को समय पर और आसानी से कैसे निबटा सकते हैं। यहां कॉलिन की ‘सबकुछ कार्यालय में ही कैसे करें’ से कुछ युक्तियां सुझाई जा रही हैं :
काम की समझ...
यह सुनिश्चित करने के लिए कि पहले ही चरण में सारा काम अच्छे तरीके से और पूर्णत: समाप्त हो जाए, काम से संबंधित आपकी समझ बिल्कुल सही और सटीक होनी चाहिए।
पहले एक काम खत्म करें...
अगले काम की शुरुआत करने से पूर्व जो काम आपके हाथ में हैं, पहले उसे खत्म करें।
कठिन काम का समय..
यह सोचना छोड़ दीजिए कि अपने हाथों में जिम्मेदारी लेने और कामों का प्रतिनिधित्व करने में सदा अधिक समय लगता है। पूर्ण दायित्व के साथ काम करने के लिए निश्चित समय से अधिक तो काम करना ही पड़ेगा। खासतौर पर अगर किसी काम को कई बार करने की आवश्यकता हो, तब भी कामों को अतिरिक्त समय देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
देखिए कि आप किस समय अपने भीतर सर्वाधिक ऊर्जा महसूस करते हैं। सबसे कठिन काम उसी समय में करें, जब आपके भीतर सबसे ज्यादा ऊर्जा हो।
थोड़ा आराम भी...
दोपहर के खाने के समय अपने कार्यालय के बाहर थोड़े समय के लिए घूम आएं। इससे आपकी ऊर्जा पुन: संगठित हो जाएगी और आपकी उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
अपने काम के लिए समय का बहुत कड़ा और कठोर नियम न बनाएं। ऐसा करने से काम में होने वाली अनपेक्षित देरी को टाला जा सकता है।
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जय श्री राम
एलर्जी का इलाज है मूंगफली
ऐसे बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, जिन्हें कुछ कड़े छिलके वाली चीजों, जैसे बादाम, अखरोट आदि से एलर्जी होती है। इस एलर्जी के कुछ घातक परिणाम भी हो सकते हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि इस एलर्जी के शिकार बच्चों में से 20 प्रतिशत प्राय: जल्द ही उससे मुक्त भी हो जाते हैं, लेकिन इस बात की पूरी संभावना बनी रहती है कि वे पुन: उस एलर्जी के शिकार हो जाएं।
अब वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि दानों वाले फल, जैसे मूंगफली के सेवन से ऐसी एलर्जी की संभावना को कम किया जा सकता है।
अमेरिका के मैरिलैंड में ‘जॉन हॉपकिंस बाल केंद्र’ के एक अध्ययन में ऐसे 68 बच्चों पर शोध किया गया, जो इस किस्म की एलर्जी के शिकार थे। इस शोध में यह पाया गया कि जो बच्चे निरंतर मूंगफली का सेवन कर रहे थे, उनमें इस तरह की एलर्जी का होना कम हो गया। जबकि अन्य बच्चे, जो कभी-कभी ही ऐसे फलों का सेवन करते थे, उनमें एलर्जी होने की संभावना निरंतर बनी रहती थी।
अध्ययन से पता चलता है कि इस एलर्जी के शिकार बच्चों में से 20 प्रतिशत प्राय: जल्द ही उससे मुक्त भी हो जाते हैं, लेकिन इस बात की पूरी संभावना बनी रहती है कि वे पुन: उस एलर्जी के शिकार हो जाएं।
अब वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि दानों वाले फल, जैसे मूंगफली के सेवन से ऐसी एलर्जी की संभावना को कम किया जा सकता है।
अमेरिका के मैरिलैंड में ‘जॉन हॉपकिंस बाल केंद्र’ के एक अध्ययन में ऐसे 68 बच्चों पर शोध किया गया, जो इस किस्म की एलर्जी के शिकार थे। इस शोध में यह पाया गया कि जो बच्चे निरंतर मूंगफली का सेवन कर रहे थे, उनमें इस तरह की एलर्जी का होना कम हो गया। जबकि अन्य बच्चे, जो कभी-कभी ही ऐसे फलों का सेवन करते थे, उनमें एलर्जी होने की संभावना निरंतर बनी रहती थी।
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
ज्यादा दोस्त बनाएं, अपनी उम्र बढ़ाएं Make more friends, extend your life
यह तो माना जाता था कि विवाहित लोगों की जिंदगी कुंवारों की तुलना में लंबी होती है। लेकिन क्या दोस्तों के साथ का भी हमारे स्वास्थय पर सकारात्मक असर होता है?
ऑस्ट्रेलिया में इस सम्बंध में एक नया अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के मुताबिक अपने दोस्तों के बीच ज्यादा से ज्यादा रहने से हम ज्यादा लम्बी जिंदगी जीते हैं।
उनके अनुसार, रिश्तेदारों के बीच रहने से हमारी उम्र पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। यह निष्कर्ष, 70 वर्ष से ऊपर के 1,477 लोगों पर, दस साल तक किए गए अध्ययन के बाद निकाला गया है।
इस शोध दल के मुताबिक दोस्त आपके व्यवहार को रिश्तेदारों की तुलना में ज्यादा प्रभावित करते हैं। इससे आपके स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।
स्वस्थ रहना हैं तो आज भी खेलें बचपन के खेल
ऑस्ट्रेलिया में इस सम्बंध में एक नया अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के मुताबिक अपने दोस्तों के बीच ज्यादा से ज्यादा रहने से हम ज्यादा लम्बी जिंदगी जीते हैं।
उनके अनुसार, रिश्तेदारों के बीच रहने से हमारी उम्र पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। यह निष्कर्ष, 70 वर्ष से ऊपर के 1,477 लोगों पर, दस साल तक किए गए अध्ययन के बाद निकाला गया है।
इस शोध दल के मुताबिक दोस्त आपके व्यवहार को रिश्तेदारों की तुलना में ज्यादा प्रभावित करते हैं। इससे आपके स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।
स्वस्थ रहना हैं तो आज भी खेलें बचपन के खेल
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जय श्री राम
करवा चौथ की पौराणिक कथाएं Mythological stories of Karva Chauth
करवा चौथ की पौराणिक कथाएं
करवा चौथ की पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है, जब नीलगिरी पर्वत पर पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने गए। तब किसी कारणवश उन्हें वहीं रूकना पड़ा। उन्हीं दिनों पांडवों पर गहरा संकट आ पड़ा। तब चिंतित व शोकाकुल द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया तथा कृष्ण के दर्शन होने पर पांडवों के कष्टों के निवारण हेतु उपाय पूछा।
तब कृष्ण बोले- हे द्रौपदी! मैं तुम्हारी चिंता एवं संकट का कारण जानता हूं। उसके लिए तुम्हें एक उपाय करना होगा। जल्दी ही कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी आने वाली है, उस दिन तुम पूरे मन से करवा चौथ का व्रत रखना। भगवान शिव, गणेश एवं पार्वती की उपासना करना, तुम्हारे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे तथा सबकुछ ठीक हो जाएगा।
कृष्ण की आज्ञा का पालन कर द्रोपदी ने वैसा ही करवा चौथ का व्रत किया। तब उसे शीघ्र ही अपने पति के दर्शन हुए और उसकी सारी चिंताएं दूर हो गईं।
जब मां पार्वती द्वारा भगवान शिव से पति की दीर्घायु एवं सुख-संपत्ति की कामना की विधि पूछी तब शिव ने 'करवा चौथ व्रत’ रखने की कथा सुनाई थी। करवा चौथ का व्रत करने के लिए श्रीकृष्ण ने दौपदी को निम्न कथा का उल्लेख किया था।
पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी। उसका पति बूढ़ा और निर्बल था। एक दिन जब वह नदी के किनारे कपड़े धो रहा था तभी अचानक एक मगरमच्छ वहां आया, और धोबी के पैर अपने दांतों में दबाकर यमलोक की ओर ले जाने लगा। वृद्ध पति यह देख घबराया और जब उससे कुछ कहते नहीं बना तो वह करवा..! करवा..! कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
पति की पुकार सुनकर धोबिन करवा वहां पहुंची, तो मगरमच्छ उसके पति को यमलोक पहुंचाने ही वाला था। तब करवा ने मगर को कच्चे धागे से बांध दिया और मगरमच्छ को लेकर यमराज के द्वार पहुंची। उसने यमराज से अपने पति की रक्षा करने की गुहार लगाई और साथ ही यह भी कहा की मगरमच्छ को उसके इस कार्य के लिए कठिन से कठिन दंड देने का आग्रह किया और बोली- हे भगवन्! मगरमच्छ ने मेरे पति के पैर पकड़ लिए है। आप मगरमच्छ को इस अपराध के दंड-स्वरूप नरक भेज दें।
करवा की पुकार सुन यमराज ने कहा- अभी मगर की आयु शेष है, मैं उसे अभी यमलोक नहीं भेज सकता। इस पर करवा ने कहा- अगर आपने मेरे पति को बचाने में मेरी सहायता नहीं कि तो मैं आपको श्राप दूंगी और नष्ट कर दूँगी।
करवा का साहस देख यमराज भी डर गए और मगर को यमपुरी भेज दिया। साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया। तब से कार्तिक कृष्ण की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत का प्रचलन में आया। जिसे इस आधुनिक युग में भी महिलाएं अपने पूरी भक्ति भाव के साथ करती है और भगवान से अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
करवा चौथ की पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है, जब नीलगिरी पर्वत पर पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने गए। तब किसी कारणवश उन्हें वहीं रूकना पड़ा। उन्हीं दिनों पांडवों पर गहरा संकट आ पड़ा। तब चिंतित व शोकाकुल द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया तथा कृष्ण के दर्शन होने पर पांडवों के कष्टों के निवारण हेतु उपाय पूछा।
तब कृष्ण बोले- हे द्रौपदी! मैं तुम्हारी चिंता एवं संकट का कारण जानता हूं। उसके लिए तुम्हें एक उपाय करना होगा। जल्दी ही कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी आने वाली है, उस दिन तुम पूरे मन से करवा चौथ का व्रत रखना। भगवान शिव, गणेश एवं पार्वती की उपासना करना, तुम्हारे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे तथा सबकुछ ठीक हो जाएगा।
कृष्ण की आज्ञा का पालन कर द्रोपदी ने वैसा ही करवा चौथ का व्रत किया। तब उसे शीघ्र ही अपने पति के दर्शन हुए और उसकी सारी चिंताएं दूर हो गईं।
जब मां पार्वती द्वारा भगवान शिव से पति की दीर्घायु एवं सुख-संपत्ति की कामना की विधि पूछी तब शिव ने 'करवा चौथ व्रत’ रखने की कथा सुनाई थी। करवा चौथ का व्रत करने के लिए श्रीकृष्ण ने दौपदी को निम्न कथा का उल्लेख किया था।
पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी। उसका पति बूढ़ा और निर्बल था। एक दिन जब वह नदी के किनारे कपड़े धो रहा था तभी अचानक एक मगरमच्छ वहां आया, और धोबी के पैर अपने दांतों में दबाकर यमलोक की ओर ले जाने लगा। वृद्ध पति यह देख घबराया और जब उससे कुछ कहते नहीं बना तो वह करवा..! करवा..! कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
पति की पुकार सुनकर धोबिन करवा वहां पहुंची, तो मगरमच्छ उसके पति को यमलोक पहुंचाने ही वाला था। तब करवा ने मगर को कच्चे धागे से बांध दिया और मगरमच्छ को लेकर यमराज के द्वार पहुंची। उसने यमराज से अपने पति की रक्षा करने की गुहार लगाई और साथ ही यह भी कहा की मगरमच्छ को उसके इस कार्य के लिए कठिन से कठिन दंड देने का आग्रह किया और बोली- हे भगवन्! मगरमच्छ ने मेरे पति के पैर पकड़ लिए है। आप मगरमच्छ को इस अपराध के दंड-स्वरूप नरक भेज दें।
करवा की पुकार सुन यमराज ने कहा- अभी मगर की आयु शेष है, मैं उसे अभी यमलोक नहीं भेज सकता। इस पर करवा ने कहा- अगर आपने मेरे पति को बचाने में मेरी सहायता नहीं कि तो मैं आपको श्राप दूंगी और नष्ट कर दूँगी।
करवा का साहस देख यमराज भी डर गए और मगर को यमपुरी भेज दिया। साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया। तब से कार्तिक कृष्ण की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत का प्रचलन में आया। जिसे इस आधुनिक युग में भी महिलाएं अपने पूरी भक्ति भाव के साथ करती है और भगवान से अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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जय श्री राम
शिवरात्रि की रात 'ॐ नमः शिवाय' जप Chanting 'Om Namah Shivay' on the night of Shivratri
शिवरात्रि की रात 'ॐ नमः शिवाय' जप
शिवजी का पत्रम-पुष्पम् से पूजन करके मन से मन का संतोष करें, फिर ॐ नमः शिवाय.... ॐ नमः शिवाय.... शांति से जप करते गये। इस जप का बड़ा भारी महत्त्व है। अमुक मंत्र की अमुक प्रकार की रात्रि को शांत अवस्था में, जब वायुवेग न हो आप सौ माला जप करते हैं तो आपको कुछ-न-कुछ दिव्य अनुभव होंगे। अगर वायु-संबंधी बीमारी हैं तो 'बं बं बं बं बं' सवा लाख जप करते हो तो अस्सी प्रकार की वायु-संबंधी बीमारियाँ गायब !
ॐ नमः शिवाय मंत्र तो सब बोलते हैं लेकिन इसका छंद कौन सा है, इसके ऋषि कौन हैं, इसके देवता कौन हैं, इसका बीज क्या है, इसकी शक्ति क्या है, इसका कीलक क्या है – यह मैं बता देता हूँ। अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र। वामदेव ऋषिः। पंक्तिः छंदः। शिवो देवता। ॐ बीजम्। नमः शक्तिः। शिवाय कीलकम्। अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उसी संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी।
पौष्टिक प्रसाद
छुहारा, सूखा नारियल और मिश्री सम मात्रा में मिलाकर २० ग्राम खाएं । इससे शरीर सुडौल होगा, चेहरे पर निखार व सौंदर्य आएगा ।
बल-वीर्य की वृद्धि के लिए
तुलसी के बीज को मिक्सी में घुमा लो और उससे साड़े तीन गुना गुड़ की चाशनी बनाकर उसमे डाल दो । फिर मटर जितनी गोलियां बना लो । २ गोली सुबह दूध के साथ लो । इससे बल-वीर्य बढेगा और यौवन आएगा ।
बाल काले करने के लिए
आंवले के रस के साथ मेहँदी लगाने से बाल काले होते हैं ।
पेट में गैस
काजू को तल के, उसमे काली मिर्च व नमक डालकर रख दिया । जब गैस की तकलीफ हो, २-४ काजू चबा के खाएं ।
शरीर की मजबूती के लिए
रात को ५ खजूर पानी में भिगा दो । सुबह दूध के साथ या घी के साथ या ऐसे ही लो । इससे लौह तत्व व कैल्शियम बढेगा । महीने में १०-१५ दिन खाओ । इससे शरीर की कमजोरी दूर होंगी ।
दांतों की मजबूती
* आंवले का चूर्ण पानी में उबाल के कुल्ले करने से दांत मज़बूत व स्वच्छ होंगे ।
* मुंह में सरसों के तेल को कुल्ले की तरह घुमाओ । इससे चेहरा पुष्ट होगा, भोजन में षडरस अच्छी तरह से आने लगेंगे । भोजन ग्रहण करने की व स्वाद लेने की क्षमता बढ़ेगी । फटे होंठ ठीक होंगे व द
स्वप्न दोष में
दो खूब पके केलों का गूदा निकाल कर खूब फेंट लें। फिर उसमें हरे आँवलों का रस 1 तोला (11.5 ग्राम) तथा शुद्ध शहद 1 तोला मिलाकर सुबह शाम चाटें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
गोझारण!
सर्दियों में कभी कभी गोझारण पी लिया करें| इअसे किडनी,लीवर बढ़िया रहेगा| खांशी की तकलीफ में फायदा होगा | गर्मियों में ना लें, इसकी ताशिर गर्म होती है|
बालों में रूशी हो तो बाल शेम्पू की जगह पे गोझारण से धो लें | शेम्पू भी इतनी सफाई नहीं करता जीतनी गोझारण से हो जाती है| सारी रुसी साफ| नहाने के समय बाल में गोझारण लगाकर १-२ मिनट के बाद धो दें, रुसी साफ |
अगर आपने किसी कारण से आध्यात्मिक शक्ति खो दी है तो आसन पर बैठकर ह्रदय में अनाहत चक्र का ध्यान करें l ऋषि विश्वामित्र जी को भी इसी प्रयोग से खोई हुई शक्ति पुनः प्राप्त हुई थी l
अधिक नीद आने पर
जिन को दिन में बार-बार नींद के झोके आते हैं, वे छुहारे (खरिक) को धोकर टुकड़े करके पास रख लें और नींद आये तो टुकड़ा खाए और थोड़ा दूध पियें । एक दिन में ३-४ लें, ज्यादा नहीं....तो नींद नहीं आयेगी । अथवा सुबह खाली पेट लाल गाजर का रस पियें ।
गंगा स्नान के लिए रोज हरद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करे तो गंगा स्नान का लाभ होगा |
द्वादशी, अमावस, पूनम और रविवार को तुलसी के पत्ते ना तोडें . बाकी दिन
ॐ सुप्रभाय नमः, ॐ सुभद्राय नमः
ये बोलते हुए तुलसी पत्ते तोड़ो तो ये मन्त्र बोलनेवाले का स्वाथ्य/ तबियत ठीक करेगा|
जब भी तुलसी का पत्ता तोड़ो तो सूर्यास्त के बाद नही तोडे और सूर्योदय के पहेले नही तोड़े..
घर के इशान कोण में तुलसी और भी शुभ मानी जाती है. इस का लाभ जरुर लें
यादशक्ति व बल बढ़ाने के लिए
यादशक्ति और बल बढ़ाना है तो काजू (३ काजू बच्चे व ५ काजू बड़े) व मधु ज़रा लगा के चबा-चबा के खाएं । इससे यादशक्ति व बल बढेगा । पेट की वायु सम्बन्धी बीमारियाँ दूर होंगी ।
मच्छर व मक्खियाँ भगाने के लिए
गेंदे के फूल या गेंदे के फूल का गमला कमरे में और फूल बिस्तर पर रखने से मच्छर भाग जाते हैं और गुलाब के फूल रखने से मक्खियाँ भाग जाती हैं । गेंदे के फूलों का इतर लगायें । गौ चन्दन धूपजलाएं ।
शिव मन्दिर में लप- झप कराने वाली light है तो शिव दर्शन से दूर करती… लप-झप करानेवाली lights मन्दिर में, पूजा के जगह पे रखना नुकसान का काम है, फायदा नहीं ... चंचलता बढ़ेगी……
: जब लड़की की शादी के बाद घर से विदाई हो तब -
एक लोटे पानी में पिसी हुई हल्दी थोडी दाल दें; बेटी जब द्वार पर आये ससुराल जाने के लिए (विदाई के समय), तो बेटी के सिर पर सात बार वो लोटे का पानी घुमा दें, भगवन्नाम लेते हुए, और वो पानी उछाल दें; बेटी सुखी रहेगी (ससुराल में)
रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये।
रात को डरावने सपने आते हैं तो सोने से पहले ॐ हरये नमः जप करें।
ईशान कोण में तुलसीजी हों, और पूजा के स्थान में गंगाजी का जल हो, तो सम्रिद्धि में बरकत होती है.|
आर्थिक परेशानी हो, तो सतत ७ शुक्रवार महा-लक्ष्मी के मन्दिर में धूप-दीप दान करें; अपना पुरुषार्थ भी करें, लाभ होगा |
पोछा लगाते हैं घर में तो उस पानी में सैंधा नमक और थोड़ा गो-झरण दाल दे तो घर में क्लेश कम होता और शान्ति बढ़ती है..
कमज़ोर बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुंह में डालें | प्रतिदिन दो - चार धार बच्चे के मुंह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा |
महाभारत में लिखा है.....टूटे फूटे बर्तनों में कलह का व कलिय
शिवजी का पत्रम-पुष्पम् से पूजन करके मन से मन का संतोष करें, फिर ॐ नमः शिवाय.... ॐ नमः शिवाय.... शांति से जप करते गये। इस जप का बड़ा भारी महत्त्व है। अमुक मंत्र की अमुक प्रकार की रात्रि को शांत अवस्था में, जब वायुवेग न हो आप सौ माला जप करते हैं तो आपको कुछ-न-कुछ दिव्य अनुभव होंगे। अगर वायु-संबंधी बीमारी हैं तो 'बं बं बं बं बं' सवा लाख जप करते हो तो अस्सी प्रकार की वायु-संबंधी बीमारियाँ गायब !
ॐ नमः शिवाय मंत्र तो सब बोलते हैं लेकिन इसका छंद कौन सा है, इसके ऋषि कौन हैं, इसके देवता कौन हैं, इसका बीज क्या है, इसकी शक्ति क्या है, इसका कीलक क्या है – यह मैं बता देता हूँ। अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र। वामदेव ऋषिः। पंक्तिः छंदः। शिवो देवता। ॐ बीजम्। नमः शक्तिः। शिवाय कीलकम्। अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उसी संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी।
पौष्टिक प्रसाद
छुहारा, सूखा नारियल और मिश्री सम मात्रा में मिलाकर २० ग्राम खाएं । इससे शरीर सुडौल होगा, चेहरे पर निखार व सौंदर्य आएगा ।
बल-वीर्य की वृद्धि के लिए
तुलसी के बीज को मिक्सी में घुमा लो और उससे साड़े तीन गुना गुड़ की चाशनी बनाकर उसमे डाल दो । फिर मटर जितनी गोलियां बना लो । २ गोली सुबह दूध के साथ लो । इससे बल-वीर्य बढेगा और यौवन आएगा ।
बाल काले करने के लिए
आंवले के रस के साथ मेहँदी लगाने से बाल काले होते हैं ।
पेट में गैस
काजू को तल के, उसमे काली मिर्च व नमक डालकर रख दिया । जब गैस की तकलीफ हो, २-४ काजू चबा के खाएं ।
शरीर की मजबूती के लिए
रात को ५ खजूर पानी में भिगा दो । सुबह दूध के साथ या घी के साथ या ऐसे ही लो । इससे लौह तत्व व कैल्शियम बढेगा । महीने में १०-१५ दिन खाओ । इससे शरीर की कमजोरी दूर होंगी ।
दांतों की मजबूती
* आंवले का चूर्ण पानी में उबाल के कुल्ले करने से दांत मज़बूत व स्वच्छ होंगे ।
* मुंह में सरसों के तेल को कुल्ले की तरह घुमाओ । इससे चेहरा पुष्ट होगा, भोजन में षडरस अच्छी तरह से आने लगेंगे । भोजन ग्रहण करने की व स्वाद लेने की क्षमता बढ़ेगी । फटे होंठ ठीक होंगे व द
स्वप्न दोष में
दो खूब पके केलों का गूदा निकाल कर खूब फेंट लें। फिर उसमें हरे आँवलों का रस 1 तोला (11.5 ग्राम) तथा शुद्ध शहद 1 तोला मिलाकर सुबह शाम चाटें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
गोझारण!
सर्दियों में कभी कभी गोझारण पी लिया करें| इअसे किडनी,लीवर बढ़िया रहेगा| खांशी की तकलीफ में फायदा होगा | गर्मियों में ना लें, इसकी ताशिर गर्म होती है|
बालों में रूशी हो तो बाल शेम्पू की जगह पे गोझारण से धो लें | शेम्पू भी इतनी सफाई नहीं करता जीतनी गोझारण से हो जाती है| सारी रुसी साफ| नहाने के समय बाल में गोझारण लगाकर १-२ मिनट के बाद धो दें, रुसी साफ |
अगर आपने किसी कारण से आध्यात्मिक शक्ति खो दी है तो आसन पर बैठकर ह्रदय में अनाहत चक्र का ध्यान करें l ऋषि विश्वामित्र जी को भी इसी प्रयोग से खोई हुई शक्ति पुनः प्राप्त हुई थी l
अधिक नीद आने पर
जिन को दिन में बार-बार नींद के झोके आते हैं, वे छुहारे (खरिक) को धोकर टुकड़े करके पास रख लें और नींद आये तो टुकड़ा खाए और थोड़ा दूध पियें । एक दिन में ३-४ लें, ज्यादा नहीं....तो नींद नहीं आयेगी । अथवा सुबह खाली पेट लाल गाजर का रस पियें ।
गंगा स्नान के लिए रोज हरद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करे तो गंगा स्नान का लाभ होगा |
द्वादशी, अमावस, पूनम और रविवार को तुलसी के पत्ते ना तोडें . बाकी दिन
ॐ सुप्रभाय नमः, ॐ सुभद्राय नमः
ये बोलते हुए तुलसी पत्ते तोड़ो तो ये मन्त्र बोलनेवाले का स्वाथ्य/ तबियत ठीक करेगा|
जब भी तुलसी का पत्ता तोड़ो तो सूर्यास्त के बाद नही तोडे और सूर्योदय के पहेले नही तोड़े..
घर के इशान कोण में तुलसी और भी शुभ मानी जाती है. इस का लाभ जरुर लें
यादशक्ति व बल बढ़ाने के लिए
यादशक्ति और बल बढ़ाना है तो काजू (३ काजू बच्चे व ५ काजू बड़े) व मधु ज़रा लगा के चबा-चबा के खाएं । इससे यादशक्ति व बल बढेगा । पेट की वायु सम्बन्धी बीमारियाँ दूर होंगी ।
मच्छर व मक्खियाँ भगाने के लिए
गेंदे के फूल या गेंदे के फूल का गमला कमरे में और फूल बिस्तर पर रखने से मच्छर भाग जाते हैं और गुलाब के फूल रखने से मक्खियाँ भाग जाती हैं । गेंदे के फूलों का इतर लगायें । गौ चन्दन धूपजलाएं ।
शिव मन्दिर में लप- झप कराने वाली light है तो शिव दर्शन से दूर करती… लप-झप करानेवाली lights मन्दिर में, पूजा के जगह पे रखना नुकसान का काम है, फायदा नहीं ... चंचलता बढ़ेगी……
: जब लड़की की शादी के बाद घर से विदाई हो तब -
एक लोटे पानी में पिसी हुई हल्दी थोडी दाल दें; बेटी जब द्वार पर आये ससुराल जाने के लिए (विदाई के समय), तो बेटी के सिर पर सात बार वो लोटे का पानी घुमा दें, भगवन्नाम लेते हुए, और वो पानी उछाल दें; बेटी सुखी रहेगी (ससुराल में)
रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये।
रात को डरावने सपने आते हैं तो सोने से पहले ॐ हरये नमः जप करें।
ईशान कोण में तुलसीजी हों, और पूजा के स्थान में गंगाजी का जल हो, तो सम्रिद्धि में बरकत होती है.|
आर्थिक परेशानी हो, तो सतत ७ शुक्रवार महा-लक्ष्मी के मन्दिर में धूप-दीप दान करें; अपना पुरुषार्थ भी करें, लाभ होगा |
पोछा लगाते हैं घर में तो उस पानी में सैंधा नमक और थोड़ा गो-झरण दाल दे तो घर में क्लेश कम होता और शान्ति बढ़ती है..
कमज़ोर बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुंह में डालें | प्रतिदिन दो - चार धार बच्चे के मुंह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा |
महाभारत में लिखा है.....टूटे फूटे बर्तनों में कलह का व कलिय
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा
हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा
भेद भावना तमस ह्टेगा समरसता अमृत बरसेगा
हिन्दु जगेगा विश्व जगेगा
हिन्दु सदा से विश्व बन्धु है जड चेतन अपना माना है
मानव पशु तरु गीरी सरीता में एक ब्रम्ह को पहचाना है
जो चाहे जिस पथ से आये साधक केन्द्र बिंदु पहुचेगा ॥१॥
इसी सत्य को विविध पक्ष से वेदों में हमने गाया था
निकट बिठा कर इसी तत्व को उपनिषदो में समझाया था
मन्दिर मठ गुरुद्वारे जाकर यही ज्ञान सत्संग मिलेगा ॥२॥
हिन्दु धर्म वह सिंधु अटल है जिसमें सब धारा मिलती है
धर्म अर्थ ओर काम मोक्ष की किरणे लहर लहर खिलती है
इसी पुर्ण में पुर्ण जगत का जीवन मधु संपुर्ण फलेगा
इस पावन हिन्दुत्व सुधा की रक्षा प्राणों से करनी है
जग को आर्यशील की शिक्षा निज जीवन से सिखलानी है
द्वेष त्वेष भय सभी हटाने पान्चजन्य फिर से गूंजेगा ॥३॥
JAI SHRI RAM
भेद भावना तमस ह्टेगा समरसता अमृत बरसेगा
हिन्दु जगेगा विश्व जगेगा
हिन्दु सदा से विश्व बन्धु है जड चेतन अपना माना है
मानव पशु तरु गीरी सरीता में एक ब्रम्ह को पहचाना है
जो चाहे जिस पथ से आये साधक केन्द्र बिंदु पहुचेगा ॥१॥
इसी सत्य को विविध पक्ष से वेदों में हमने गाया था
निकट बिठा कर इसी तत्व को उपनिषदो में समझाया था
मन्दिर मठ गुरुद्वारे जाकर यही ज्ञान सत्संग मिलेगा ॥२॥
हिन्दु धर्म वह सिंधु अटल है जिसमें सब धारा मिलती है
धर्म अर्थ ओर काम मोक्ष की किरणे लहर लहर खिलती है
इसी पुर्ण में पुर्ण जगत का जीवन मधु संपुर्ण फलेगा
इस पावन हिन्दुत्व सुधा की रक्षा प्राणों से करनी है
जग को आर्यशील की शिक्षा निज जीवन से सिखलानी है
द्वेष त्वेष भय सभी हटाने पान्चजन्य फिर से गूंजेगा ॥३॥
JAI SHRI RAM
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
दक्षिण दिशा में पैर करके कदापि नहीं सोना चाहिए
उत्तर की ओर पैर करके सोने से शरीर के सभी सूक्ष्म तंतुओं का आकर्षण विरूद्ध होने से इसका लाभ शरीर को अपने आप मिलता रहता है। इसके विपरीत दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर के तमाम सूक्ष्म तंतुओं का आकर्षण उलटी दिशा में होता है। इसलिए अन्न पाचन की क्रिया में व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके अलावा ज्ञान तंतुओं का उलटा भ्रमण होने से मस्तिष्क को थकान महसूस होती है। परिणामस्वरूप निद्रावस्था यथोचित समाधान नहीं दे पाती। इससे निरंतर बुरे स्वप्न दिखाई देते हंै।इसलिए शास्त्र कहता है कि दक्षिण दिशा में पैर करके कदापि नहीं सोना चाहिए
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मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
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Feetured Post
रिश्तों की अहमियत
मैं घर की नई बहू थी और एक प्राइवेट बैंक में एक अच्छे ओहदे पर काम करती थी। मेरी सास को गुज़रे हुए एक साल हो चुका था। घर में मेरे ससुर और पति...