ये हैं मेथी खाने के SUPERB ADVANTAGES

मेथी एक ऐसी सब्जी है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही क ई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी देती है। मेथी की पत्तियों को सब्जी के तरह व इससे प्राप्त दानों को यानी मेथीदानों को मसाले के रूप में उपयोग में लाया जाता है। मेथी व मेथीदानें का सेवन तो हम सभी करते हैं लेकिन उसके औषधिय गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं आइए आज हम आपको बताते हैं मेथी के ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में....... लो-ब्लडप्रेशर में - मेथी की सब्जी में अदरक,गर्म मसाला डालकर खाने से निम्न रक्तचाप में फायदा होता है। एसिडिटी में बढिय़ा उपचार - डायरिया और हार्टबर्न के अलावा मेथी के रस से पेट और आंत की सभी समस्याएं दूर होती हैं। अगर आप अल्सर और एसिडिटी को ठीक करना चाहते हैं तो मेथी और मठ्ठे को घोल कर पीएं। सिर्फ यही नहीं अगर आप रोज़ सुबह खाली पेट कुछ मेथी के दानें खाएगें तो पेट के सभी रोग दूर होगें। त्वचा संबधी रोगों से निजात- अगर आपको खुजली, जलन, फोड़े-फुंसी और गांठ की समस्या है तो आपको कुछ ग्राम मेथी खाने की आवश्यकता है। न सिर्फ खानें से बल्कि इसके पेस्ट को लगाने से भी फायदा होता है। अगर रुसी की समस्या है तो बालों में मेथी और दही मिला कर लगाने से यह समस्या जल्द दूर हो जाएगी। कोलेस्ट्रॉल संतुलन- डॉक्टरों का कहना है कि यह हार्ट रोगियों के लिए एक वरदान के समान है जिसे वह रोज अपने भोजन में खा कर अपने बढे हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर सकता है। अगर मेथी के दाने ज्यादा कड़वे हों तो उन्हें कैप्सूल के रूप में भी खाया जा सकता है। डाइबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक- रिसर्च के अनुसार यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यह टाइप 2 के मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभकारी होता है। अगर रोगी रोज दिन में 6-7 मेथी के दानों का या फिर मेथी के पानी का सेवन करें तो उसका शुगर लेवल कम हो सकता है। उर्जा को बढ़ाता है- मेथी से से इंसान की यौन ऊर्जा बढ़ती है। मेथी के दाने व्यक्ति को कामोत्जेना में मदद करते हैं साथ ही अगर कोई व्यक्ति मेथी का नियमित सेवन करता है तो वो यौन रोगों से ग्रसित भी नहीं होगा। सिर की त्वचा में समस्या- मेथी को पूरी रात भिगो दें और सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ो में लगाएं। उसके बाद बालों को धो लें इससे रुसी और सिर की त्वचा में जो भी समस्या होगी वह दूर हो जाएगी। साथ ही मेथी के अधिक सेवन से भी बाल स्वस्थ रहते हैं। साइटिका में- आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार मेथी के बीज आर्थराइटिस और साइटिका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।
0 0

पेट बहुत जल्दी अंदर हो जाएगा

मोटापा आजकल एक आम समस्या बनता जा रहा है। उम्र चाहे कोई भी हो मोटापे का शिकार हर उम्र के लोग है। इसका मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या व खानपान होता है कुछ लोगों में यह समस्या अनुवांशिक भी होती है। कहीं आप भी तो इस समस्या से परेशान तो नहीं। यदि हां.. तो अपनाइए इन सिंपल देसी नुस्खों को और फिर देखिए कैसे कुछ ही दिनों में मोटापा छूमंतर और पेट अंदर हो जाता है। - आश्चर्यजनक रूप से मोटापे का इलाज एक गिलास छाछ में पाया गया है। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के सम्मिलित प्रयासों से मोटापे की समस्या का 100-प्रतिशत कारगर उपाय खोज निकाला गया है। ये बेहद सरल उपाय ये हैं -प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक गिलास घर पर बनी शुद्ध छाछ पीएं, स्वाद के अनुसार थोड़ा सा काला नमक व हींग-जीरा भी मिलाया जा सकता है। -प्रतिदिन सोते समय गुनगुने पानी से एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। - मीठी और ऑयली चीजों का सेवन कम करें। - जानकार के मार्गदर्शन में प्रतिदिन सुबह खुले प्राकृतिक स्थान पर जाकर आसन और प्राणायाम का अभ्यास करें।
0 0

आसान फंडा: इसे अपना लें तो ओवरवेट नहीं होंगे

आजकल तो हर व्यक्ति फिट और चुस्त-दुरूस्त रहना चाहता है, जिसके कारण वह खासी मेहनत भी करता है लेकिन अगर आप ये फंडा याद रखें तो आप बहुत आसानी से परफेक्ट फिगर पा सकते हैं।कमर पतली करने के लिए सीधे लेट जाइए। हाथ जांघों पर रखें। फिर अपनी टांगे जमीन से छ: से सात इंच ऊपर उठाए। इस व्यायाम में हाथ जमीन को नहीं छुना चाहिए। एक और व्यायाम में पैर सीधे करके पास-पास रखिए। अब कमर पर हाथ रखकर दोंनो पैरों को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास कीजिए। चार-पांच सैकंड तक पैर उसी तरह रखें। यह दस बार कीजिए। इसी तरह बाएं पैर की दस बार कसरत कीजिए। अधिक से अधिक पैदल चलने से नितंब सुडौल हो जाएंगे। प्रतिदिन हथेली की सहायता से पेट के मांस को नीचे से ऊपर की ओर ले जाना चाहिए। यह क्रिया कम से कम दस मिनट तक करते रहना चाहिए। इस तरह मालिश करने से आपके पेट की मालिश से फालतू चर्बी कम हो जाएगी। इसी तरह कमर और जांघों की चरबी नहीं बढऩे देनी चाहिए।आप अपनी बॉडी से प्यार करें खाने-पीने की सही आदतें डाल लें। ध्यान रखें कि सही डाइट जल्दी डाइजेस्ट भी होती है, जिससे बॉडी सिस्टम पर एक्स्ट्रा जोर नहीं पड़ता है। आप हर निश्चित अवधि के बाद खाना खाएं, लेकिन ओवर ईटिंग से बचें। आप खाना तो हर चीज चाहती हैं, लेकिन कैलरीज बर्न करने के लिए वर्कआउट नहीं करतीं, तो आपकी सेहत पर इसका बुरा असर भी पड़ सकता है। आप अपना डेली वर्क आउट रिजीम तय कर लें और इसमें सिर से लेकर पैर तक की एक्सरसाइज करें। इससे पूरी बॉडी में ब्लड ठीक से सर्कुलेट होगा। आपके लिए 20 मिनट की एक्सरसाइज भी काफी है। आपकी बॉडी में अच्छे से ब्लड सर्कुलेट हो, दिल स्वस्थ रहे और आप अनुशासन में खाना खाएं, तो आप परफेक्ट बॉडी पा सकती हैं। यानी परफेक्ट बॉडी के लिए महीनों तक भूखा रहने और जी-तोड़ वर्क आउट करने की जरूरत नहीं है।
0 0

ठंड में रोज खाएं अखरोट होंगे ये ''BENEFITS''अखरोट है इन बीमारियों का बेजोड़ इलाज, ये हैं कुछ दमदार नुस्खे

देवताओं की भूमि हिमालय अपने अन्दर अनेक दिव्य औषधियों को समेटे हुए है। देवभूम ि शायद इन औषधीय वनस्पतियों की उपलब्धता के कारण ही प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों की साधना व तपस्या का केंद्र रही है। ऐसे ही कई गुणों को समेटे हुए एक वृक्ष जिसे हम अखरोट के नाम से जानते हैं अनेक औषधीय गुणों से युक्त होता है। जंगली अखरोट एवं कागजी अखरोट नाम की दो जातियों से जाना जाने वाला यह वृक्ष अपने फलों के कारण प्रसिद्ध है। आइए अब हम आपको इसके कुछ औषधीय प्रयोग के बारे में जानकारी देते है -अखरोट के फल के बाह्य कठोर आवरण को तोड़कर अन्दर की गिरी को 10 से 20 ग्राम क़ी मात्रा में गाय के गुनगुने दूध से नित्य सेवन करना रसायनगुणों से युक्त अर्थात शारीरिक क्षय को रोकने वाला प्रभाव देता है। -अखरोट के पेड़ की छाल को मुंह में रखकर चबाने से मुख रोगों में लाभ मिलता है तथा फल के बाहरी कठोर आवरण को चूर्ण बनाकर आग में जलाकर भस्मीकृत कर मंजन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। -अखरोट के प़ेड छाल का काढा पेट के कीड़े खत्म कर देता है। -महिलाओं में माहवारी से सम्बंधित समस्याओं में फल के कठोर आवरण को चूर्ण बनाकर 20 से 25 मिली की मात्रा में शहद के साथ पिलाने से लाभ मिलता है। इसी काढ़े का प्रयोग सुबह शाम सेवन करने से मलबद्धता(कानस्टीपेशन) को दूर होता है। -अखरोट के फलों की गिरी को पांच से दस ग्राम,छुहारे बीस से तीस ग्राम और बादाम पांच ग्राम की मात्रा में एक साथ यवकूटकर गाय के घी में भूनकर प्राप्त चूर्ण में थोड़ी मिश्री मिलाकर दस ग्राम नित्य प्रात:काल सेवन, डाइबिटीज को दूर करता है। -अखरोट के फलों के कठोर आवरण को जलाकर भस्म प्राप्त करें तथा अब इसमें पांच से दस ग्राम मात्रा में गुड़ मिला दें ,अब इसे पांच से दस ग्राम की मात्रा में प्री-मेच्युर-इजेकुलेशन से पीडि़त रोगी को दें निश्चित लाभ मिलेगा। -इसकी छाल से प्राप्त काढ़े से घाव को धोने यह उसे शीघ्रता से भरने (हीलिंग ) का भी काम करता है। -पाइल्स से सम्बंधित समस्या में भी इसके तेल को गुदा में रुई में भिंगोकर रखने मात्र से लाभ मिलता है। - दांतों के लिए अखरोट के स्वास्थ्य गुणों के कारण डेंटिस्ट भी इसके सेवन की सलाह देते हैं। - यह एक ऐसा मेवा है जो खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और पेट संबधी समस्याओं को दूर करता है. यह इस तरह बेहतर पाचन में मदद करता है और अधिक कैलोरी जलाता है। इसलिए आप दिन में 2-3 अखरोट खा कर अपना वजन कम कर सकते हैं. - अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैगनेशियम और एण्टी् आक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं और यह बालों व त्वचा को स्वस्थ रखता है। - अखरोट के फल के बाह्य कठोर आवरण को तोड़कर अन्दर की गिरी को 10 से 20 ग्राम की मात्रा में गाय के गुनगुने दूध से नित्य सेवन करने से बुढ़ापा दूर रहता है। - यह रक्त वाहिकाओं को फैला देती हैं और मैटाबॉलिक सिंड्रोम को कम कर देता है. इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है. - अखरोट कैंसर को प्राकृतिक तरीके से सही कर सकता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो कैंसर सेल को इकठ्ठा होने से रोकता है. अखरोट ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में सबसे लाभदायक माना जाता है. इसके अलावा यह ट्यूमर को भी बनने से रोकता है। -ये तो इसके चंद प्रयोग हैं , जो हमने आपको बताए वैसे इसे कई औषधियों के साथ मिलाकर चिकित्सक के निर्देशन में लेना उपयोगी होता है!
0 0

हर नागरिक का फर्ज

एक बार चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस अपने कुछ शिष्यों के साथ एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। एक जगह वह अचानक रुक गए। यह देख शिष्य हैरत में पड़ गए। कन्फ्यूशियस बोले, 'कहीं कोई रो रहा है।' इतना कह कर वह रोने की आवाज को लक्ष्य कर चल पड़े। शिष्य भी पीछे चले। कुछ दूर जाकर उन्होंने देखा कि एक स्त्री रो रही है। उन्होंने रोने का कारण पूछा तो स्त्री ने बताया कि इसी स्थान पर उसके पुत्र को एक चीते ने मार डाला। कन्फ्यूशियस ने कहा, 'पर तुम तो अकेली हो। तुम्हारे परिवार के और लोग कहां हैं?' स्त्री ने बताया, 'अब परिवार में है ही कौन। इसी पहाड़ी पर मेरे ससुर और पति को भी चीते ने फाड़ डाला था।' कन्फ्यूशियस ने आश्चर्य से कहा, 'तो तुम इस खतरनाक स्थान को छोड़ क्यों नहीं देती?' स्त्री बोली, 'इसलिए नहीं छोड़ती कि यहां कम से कम किसी अत्याचारी का तो शासन नहीं है। चीते का अंत तो हो ही जाएगा।' कन्फ्यूशियस ने शिष्यों की ओर देख कर कहा, 'निश्चित रूप से यह स्त्री करुणा और सहानुभूति की पात्र है, लेकिन इसकी बात ने हम लोगों को एक महान सत्य प्रदान किया है। वह यह कि अत्याचारी शासक, एक चीते से अधिक भयंकर होता है। अत्याचारी शासन में रहने से अच्छा है कि किसी पहाड़ी अथवा जंगल में रह लिया जाए, मगर यह कोई समाधान नहीं है। जनता को चाहिए कि वह अत्याचारी शासन का समुचित विरोध करे और सत्ताधारी को सुधरने के लिए विवश करे। इसे हर नागरिक अपना फर्ज समझे।'
0 0

गिरते बालों को रोकने के ये हैं कुछ बेहद खास तरीके

बालों का झडऩा आजकल एक आम समस्या है। बाल अगर थोड़े बहुत झड़े तो कोई चिंता की बात नहीं होती है। लेकिन अगर बाल बहुत अधिक झड़ रहे हों तो उनकी केयर करना जरूरी होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ खास घरेलू उपाय जिन्हें अपनाने पर बाल नहीं गिरेंगे व घने होने लगेंगे..... - गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उनका पेस्ट बनाइए। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगाइए और कुछ समय बाद सिर को धो लीजिए। इससे बालों का गिरना कम होगा। - दालचीनी भी बालों की समस्या को दूर करने का कारगर उपाय है। दालचीनी और शहद के को मिलाकर बालों में लगाइए। इससे बालों का झडऩा बंद होगा। - शहद कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। शहद के प्रयोग से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है। शहद को बालों में लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है। - ग्रीन टी को पीसकर बालों में लगाने से भी बाल नहीं झड़ते हैं। चाय को उबालकर छान ले और पानी से हेयर वाश करते समय बालों में डालें। ये बहुत अच्छे कंडीशनर का काम करता है। - नीम की पत्तियों को पीसकर नींबू डालकर लगाने और इसके लगातार प्रयोग से बालों का झडऩा बंद हो जाता हैं। - दही में नींबू का रस मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है। नींबू के रस को दही में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। नहाने से पहले इस पेस्ट को बालों में लगाइए, 30 मिनट बाद बालों को धुल लीजिए। बालों का गिरना कम हो जाएगा। - गिरते बालों को रोकने के लिए दही बहुत कारगर घरेलू नुस्खा है। दही से बालों को पोषण मिलता है। इसके लिए बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले बालों में दही लगाना चाहिए। जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तो पानी से धो लीजिए।
0 0

सर्दी में रोजाना शहद खाने के 10 जबरदस्त फायदे,रोजाना बस चम्मच भर शहद और होंगे ये फायदे ही फायदे

शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाए रखने के लिए शहद का रोजाना सेवन बहुत अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में इसे अमृत माना गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है क्योंकि शरीर को इससे ऊर्जा प्राप्त होती है। शहद बहुत ही लाभकारी प्राकृतिक औषधी है। इसके सेवन से शरीर निरोगी रहता है। रोजाना दो चम्मच शहद सेवन करने के अनेकों लाभ हैं। इसे खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। इसके सेवन से खुब भूख लगती है। बुढ़ापे में इसके सेवन से जवानी सा सामथ्र्य व शक्ति मिलती है। शहद कई तरह के विटामिन्स से भरपूर है। शहद में विटामिन ए, बी, सी, पाए जाते हैं। इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, सोडियम फास्फोरस, आयोडीन भी पाए जाते हैं। इसीलिए प्रतिदिन शहद का सेवन करने से शरीर में शक्ति और ताजगी बनी रहती है। शहद रोजाना खाने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। शरीर की दुर्बलता दूर करने के लिए रात को बिना चीनी के एक गिलास दूध में शहद डालकर पीने से शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है। रोजाना एक चम्मच शहद से दिमागी कमजोरियां दूर होती है।उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में शहद कारगर है।रक्त को साफ करने यानी रक्त शुद्धि के लिए भी शहद का सेवन करना चाहिए। शहद से मांसपेशियां बलवती होती हैं। दिल को मजबूत करने, और हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है। शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाने से चेहरे पर चमक आ जाती है। जबरदस्त फायदे ========== शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाए रखने के लिए शहद का रोजाना सेवन बहुत अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में इसे अमृत माना गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है क्योंकि शरीर को इससे ऊर्जा प्राप्त होती है। - दूध में शक्कर की जगह शहद लेने से गैस नहीं बनती और पेट के कीड़े भी निकल जाते हैं। - बढ़े हुए ब्लडप्रेशर में शहद का सेवन लहसुन के साथ करना लाभप्रद होता है। - रोजाना शहद खाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शहद का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। - शहद रोज खाने से आंखों की ज्योति बढ़ती है। आंखें स्वच्छ व चमकीली बनती है। - ठंडे पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का रंग साफ होता है तथा चेहरे पर लालिमा एवं कांति भी आ जाती है। - त्वचा सम्बन्धी रोग हो या कहीं जल-कट गया हो तो शहद लगाएं। जादू सा असर दिखाई - प्रतिदिन 25 ग्राम शहद दूध के साथ जरूर लें । इससे शरीर को ताकत मिलती है! - रोजाना शहद लेने से पेट के छोटे-मोटे घाव और शुरुआती स्थिति का अल्सर शहद को दूध या चाय के साथ लेने से ठीक हो सकता है। - कब्जियत में टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर सेवन करें, लाभ होगा।
0 0

मधुमेह नहीं होता,कॉफी पीने से.......'डिप्रेशन से बचा सकती है कॉफ़ी

क्या आप मधुमेह के शिकार हैं तो एक दिन में 4 कप कॉफी पिएं। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रोज 4 कप कॉफी पीना मधुमेह के खतरे का कम कर सकता है। पहले के अध्ययनों से पता चला था कि कॉफी पीने से मुधमेह का खतरा कम होता है, लेकिन इसके परिणामों को लेकर विरोधभास था कि क्या यह कैंसर जैसी दीर्घकालीक बीमारियों को बढ़ावा देता है। अब यूरोप की एक टीम ने दावा किया है कि हर दिन सामान्य मात्रा में काफी पीने वाले लोगों में मधमेह (टाइप टू) का खतरा उन लोगों की तुलना में काफी कम हो सकता है, जो कभी-कभी इसे पीते हैं या कभी नहीं पीते। 'डिप्रेशन से बचा सकती है कॉफ़ी' कॉफ़ी का कप वैज्ञानिकों का कहना है कि कैफ़ीन के असर की वजह से डिप्रेशन में कमी हो सकती है चाय और कॉफ़ी के स्वास्थ्य पर न जाने कितने शोध हो चुके हैं और जहाँ कुछ उसे फ़ायदेमंद बताते हैं तो कुछ उसके नुक़सानदायक पहलू पर ज़ोर देते हैं. अब कॉफ़ी पर आए एक नए शोध के अनुसार एक दिन में दो या उससे अधिक कप कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं के डिप्रेशन का शिकार होने की संभावना काफ़ी कम होती है. इससे जुड़ी और सामग्रिया अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि ऐसा प्रभाव क्यों होता है मगर शोधकर्ताओं को लगता है कि कॉफ़ी में मिलने वाली कैफ़ीन दिमाग़ पर ये असर डालती है क्योंकि कैफ़ीनमुक्त कॉफ़ी का ऐसा असर देखने को नहीं मिला. इस शोध के नतीजे आर्काइव्स ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन में छपे हैं और इसके लिए 50 हज़ार अमरीकी महिला नर्सों का अध्ययन किया गया. विशेषज्ञ ये संबंध समझने के लिए और अध्ययन करने पर ज़ोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि निश्चित ही अभी महिलाओं को ये सलाह देना जल्दबाज़ी होगी कि उन्हें अपना मूड ठीक रखने के लिए कॉफ़ी पीनी शुरू कर देनी चाहिए. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक दल ने 1996 से 2006 के बीच के दशक में महिलाओं के स्वास्थ्य पर नज़र रखी और उनके कॉफ़ी के सेवन की मात्रा की जानकारी लेने के लिए प्रश्नावलियों का सहारा लिया. कैफ़ीन का असर इस अवधि में सिर्फ़ 2600 महिलाएँ डिप्रेशन का शिकार हुईं और उनमें से अधिकतर या तो बिल्कुल ही कॉफ़ी नहीं पीती थीं या बहुत ही कम कॉफ़ी का सेवन करती थीं. हफ़्ते में एक कप या उससे कम कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं की तुलना जब ऐसी महिलाओं से की गई जो दिन में दो या तीन कप कॉफ़ी पीती थीं तो कॉफ़ी ज़्यादा पीने वाली महिलाओं में डिप्रेशन होने का ख़तरा 15 प्रतिशत तक कम पाया गया. वहीं चार या उससे अधिक कप कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं में ये ख़तरा 20 प्रतिशत से भी कम हो गया. अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से कॉफ़ी पीने वालों के धूम्रपान करने या शराब पीने की संभावना भी ज़्यादा थी और उनके चर्च जाने या सामुदायिक कार्यों में हिस्सेदारी कम रहती थी. उन महिलाओं का वज़न बढ़ जाने या उनमें उच्च रक्त चाप की समस्या भी नहीं देखी गई. शोधकर्ताओं के अनुसार ये अध्ययन पहले के उन शोधों के अनुरूप ही पाए गए हैं जिनके अनुसार कॉफ़ी पीने वालों की आत्महत्या की दर काफ़ी कम होती है. शोधकर्ता इसकी वजह कैफ़ीन को मान रहे हैं.
0 0

ठंड में ऐसे करें तिल का USE, HEALTH बन जाएगी

वैसे तो तिल या उसका तेल दोनों ही हमारी बॉडी के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन ठंड में तिल का सेवन बॉडी के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। तिल में कैल्शियम, आयरन, ऑक्जेलिक एसिड, अमीनो एसिड, प्रोटीन, विटामिन बी, सी तथा ई की प्रचुर मात्रा होता है। काले तिल व सफेद तिल दोनों का ही उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ठंड में तिल के उपयोग व इसे खाने से होने वाले फायदों के बारे में.... - प्रतिदिन दो चम्मच काले तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए। इसका नियमित सेवन करने से पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है। - बच्चा सोते समय पेशाब करता हो़ तो भुने काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उसका लड्डू बना लीजिए। बच्चे को यह लड्डू हर रोज रात में सोने से पहले खिलाइए, बच्चा सोते वक्त पेशाब नही करेगा। - पेट दर्द- 20-25 ग्राम साफ चबाकर उपर से गर्म पानी पिलाने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। - कब्ज होने पर 50 ग्राम तिल भूनकर उसे कूट लीजिए, इसमें चीनी मिलाकर खाइए। इससे कब्ज दूर हो जाती है। - खांसी आने पर तिल का सेवन कीजिए खांसी ठीक हो जाएगी। तिल व मिश्री को पानी में उबाल कर पीने से सूखी खांसी भी दूर हो जाती है। - एक स्टडी के मुताबिक ठंड में तिल व तिल के तेल का सेवन डायबिटीज के पेशेन्ट्स के लिए दवा का काम करता है। - ठंड में तिल गुड़ दोनो समान मात्रा में लेकर मिला लें।उसके लड्डू बना ले। प्रतिदिन 2 बार 1-1 लड्डू दूध के साथ खाने से मानसिक दुर्बलता एंव तनाव दूर होते है। शक्ति मिलती है। कठिन शारीरिक श्रम करने पर सांस फूलना जल्दी बुढ़ापा आना बन्द हो जाता है। - तिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। वाइरस, एजिंग और बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करता है। इसीलिए ठंड में तिल का सेवन जरूर करना चाहिए। - यदि सर्दी के कारण सूखी खांसी हो तो 4-5 चम्मच मिश्री एंव इतने ही तिल मिश्रित कर ले। इन्हे एक गिलास मे आधा पानी रहने तक उबाले। इसे दिनभर में तीन बार लें।
0 0

खाने के बाद चीकू खाने से हो जाता है इन बीमारियों का इलाज

चीकू एक ऐसा फल है जो हर मौसम में आसानी से मिल जाता है और बहुत स्वाद भी होता है। भोजन के बाद यदि चीकू का सेवन किया जाए तो यह निश्चित रूप से लाभ प्रदान करता है। चीकू के फल में 71 प्रतिशत पानी, 1.5 प्रतिशत प्रोटीन, 1.5 प्रतिशत चर्बी और साढ़े पच्चीस प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट है। इसमे विटामिन ए अच्छी मात्रा में तथा विटामिन सी कम मात्रा में है। चीकू के फल में 14 प्रतिशत शर्करा भी होती है। इसमें फास्फोरस तथा लौह भी काफी मात्रा में होता है एवं क्षार का भी कुछ अंश होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं चीकू खाने के कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में .... गर्मियों में चीकू खाने से शरीर में विशेष प्रकार की ताजगी और फुर्ती आती है। इसमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है। यह खून में घुलकर ताजगी देती है। चीकू खाने से आंतों की शक्ति बढती है और आंतें अधिक मजबूत होती हैं। चीकू की छाल बुखार नाशक होती है। इस छाल में टैनिन होता है। चीकू के फल में थोड़ी सी मात्रा में संपोटिन नामक तत्व रहता है। चीकू के बीज मृदुरेचक और मूत्रकारक माने जाते हैं। चीकू के बीज में सापोनीन एवं संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है। चीकू के फल में 71 प्रतिशत पानी, 1.5 प्रतिशत प्रोटीन, 1.5 प्रतिशत चर्बी और साढ़े पच्चीस प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट है। इसमे विटामिन ए अच्छी मात्रा में तथा विटामिन सी कम मात्रा में है। चीकू के फल में 14 प्रतिशत शर्करा भी होती है। तथा इसमें फस्फोरस तथा लौह भी काफी मात्रा में होता है एवं क्षार का भी कुछ अंश होता है। चीकू शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक हैं। भोजन के बाद यदि चीकू का सेवन किया जाए तो यह निश्चित रूप से लाभ प्रदान करता है। चीकू हमारे ह्रदय और रक्तवाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। चीकू कब्ज और दस्त की बीमारी को ठीक करने बहुत सहायक होता है।चीकू खाने से के होने का खतरा कम होता है। चीकू में होता है जो की फेफड़ो के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है।चीकू एनिमिया होने से भी रोकता है।यह हृदय रोगों और गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है।यह ऊर्जा का एक अच्छा स्त्रोत है, क्योंकि इसके गूदे में 14 प्रतिशत मात्रा शर्करा की होती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैरोटिन और अल्प मात्रा में आयरन व विटामिन भी पाया जाता है। डायबिटीज के रोगी इसे न सेवन करें तो ठीक है। -चीकू हमारे दिल और रक्तवाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। - यह गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है। - चीकू फेफड़ो के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है। - कब्ज और दस्त की बीमारी को ठीक करने बहुत सहायक होता है। - चीकू एनिमिया होने से भी रोकता है।
0 0

Feetured Post

नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये

 1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?  जब आप लिफ़्ट में...