10 चीजें, जो सर्दियों में रखें हेल्दी

विंटर सीजन में मिलने वाले ये फ्रूट्स और वेजीटेबिल्स न केवल हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि आपको सर्दियों की कई प्रॉब्लम्स से भी बचाए रखते हैं। इसलिए रोजाना इनका सेवन आपको कई तरह के फायदे देता है। सर्दियों का मेवा मूंगफली मूंगफली प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। यह आपको अंदर से गर्म बनाए रखता है। दरअसल, इसमें विटामिन ई की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। अगर आप रोजाना इसके 5 से 6 दाने खाएं, तो आपकी स्किन ड्राई नहीं होगी। इसमें ओमेगा-3 पाया जाता है, जो ब्रेन को ऐक्टिव रखने में हेल्प करता है। अगर आप 200 ग्राम मूंगफली रोजाना लेते हैं, तो इससे आपको 50.5 ग्राम प्रोटीन, 80.6 ग्राम फैट, 55.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 80 ग्राम कैलरीज, 18 मिलीग्राम कैल्शियम और 18. 6 मिलीग्राम आयरन मिलेगा। विटामिन सी से भरपूर आंवला आंवले में कई ऐसे न्यूट्रिशंस पाए जाते हैं, जो सर्दी के मौसम में बेहद फायदा देते हैं। विटामिन सी बॉडी के इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाता है, तो वहीं इसमें पाए जाने वाले ऐंटि-ऑक्सीडेंट बॉडी में मौजूद केमिकल्स को बाहर निकलने में मदद करते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ ही यह एनीमिया से भी बचाता है। 50- 50 ग्राम के दो आंवलें अगर आप रोजाना लेंगे, तो आप 0.5 ग्राम प्रोटीन, 13.7 ग्राम कार्बोहाइट्रेट, 58 ग्राम कैलरी, 1.2 मिलीग्राम आयरन पा सकते हैं। कई न्यूट्रिशंस से भरपूर गाजर गाजर विटामिन बी का अच्छा सोर्स है। इसके अलावा, इसमें ए, सी, डी, के, बी-1 और बी-6 काफी क्वॉन्टिटी में पाया जाता है। इसमें नैचरल शुगर पाया जाता है, जो सर्दी के मौसम में शरीर को ठंड से बचाता है। इस मौसम में होने वाले नाक, कान, गले के इन्फेक्शन और साइनस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गाजर या इससे बनी चीजों का सेवन फायदेमंद साबित होता है। आप इसे सलाद के तौर पर खाएं या गाजर का हलवा बनाकर, दोनों ही फायदेमंद है। हां, अगर कैलरीज से बचना चाहती हैं, तो गाजर का हलवा अवॉइड करें। 100 ग्राम गाजर में 0.9 प्रोटीन, 10.6 कैलरीज, 80 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.03 मिलीग्राम आयरन पा सकते हैं। गर्म रखती है मेथी मेथी के गर्मागर्म पराठे, वो भी अचार के साथ खाने का अपना ही मजा है। इसे सब्जी के फॉर्म में खाएं या पराठे बनाकर, बॉडी के लिए हर तरह से फायदेमंद होती है। इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में लोग इसे खूब खाते हैं। इसमें आयरन, विटामिंस, मिनरल्स और फाइबर्स बेहद क्वॉन्टिटी में होते हैं। यह बॉडी में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाने के साथ डायबिटीज के रोगियों के शरीर से शुगर के लेवल को कम करने में मदद करती है। डाइजेशन को ठीक बनाए रखने में यह बेहद काम आती है। अगर आप रोजाना 200 से 300 ग्राम मेथी इनटेक कर लें, तो आप कई बीमारियों से बचे रहेंगे। 200 ग्राम मेथी में 7 ग्राम प्रोटीन, 6.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 185 मिलीग्राम कैल्शियम और 32.8 मिलीग्राम आयरन होता है। स्टमक कैंसर से बचाए मटर इसे पुलाव में मिलाएं या बनाएं मटर पनीर, हर तरह से इसका टेस्ट यमी होता है। कॉटेज चीज ग्रेवी के साथ अगर इसे तैयार किया जाए, तो यह टेस्टी तो होता ही है और चीज डालने से हेल्दी भी हो जाता है। हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक, फलीदार यह सब्जी स्टमक कैंसर के खतरे को भी काफी कम कर देती है। 100 ग्राम मटर से आप केवल 60 कैलरीज इनटेक करते हैं। ऑरेंज विटामिन सी से भरपूर ऑरेज स्किन कलर को तो फेयर बनाता ही है, साथ ही एनर्जेटिक भी होता है। पोटैशियम, मिनरल्स और फाइबर्स का यह अच्छा सोर्स है। यही नहीं, इसमें कैलरीज मात्र 60 होती हैं और प्रोटीन 80 ग्राम। सरसों की पत्तियां सरसों की पत्तियां हाईली न्यूट्रिशंस से भरपूर होती हैं। यह एंटि-ऑक्सिडेंट्स, विटामिंस, मिनरल्स से भरपूर होता है। सर्दियों में पालक और बथुआ के साथ मिलाकर बनाया जाने वाला इसका साग गर्म बनाए रखता है। इसमें न्यूट्रिशंस वैल्यू बहुत ज्यादा हैं और कैलरीज कम। मूली टेस्ट में तीखी और मीठी मूली सदिर्यों में खूब मिलती है। पोटैशियम, फोलिक ऐसिड और एक्रोबिक ऐसिड से भरपूर इस सब्जी को आप कच्चा खाएं या पराठा बनाकर खाएं, बेहद टेस्टी होती है। एक मीडियम साइज मूली से आप केवल 30 कैलरीज पाते हैं और विटामिंस बहुत ज्यादा। ड्राई फ्रूट्स ड्राई फ्रूट्स को सीधे खाएं या या रोस्ट करके, फायदेमंद होता हैं। इवनिंग टी के साथ रोजाना चार से पांच पीस लें। अगर पी-नट्स को सीधे खाना पसंद नहीं, तो एक पीस पी-नट बर्फी लें। ठिठुरन भरी शाम में ये आपको गर्म बनाए रखेंगे। दरअसल, पी-नट्स विटामिंस, पोटैशियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और फैट का अच्छा सोर्स है। ग्रीन टी अगर चाय व कॉफी पीने के शौकीन हैं, तो ग्रीन टी पीएं। यह फ्रेश और लाइट है और आम चाय से एकदम अलग टेस्ट की होती है। ग्रीन टी मेटाबोलिक रेट बढ़ाने में मददगार होती है और कैलरी बर्निंग और फैट को घटाने में मदद करती है। ग्रीन टी कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेबल कम करने में मदद करती है। क्या खाएं और क्या नहीं * पराठे की जगह रोटी खाएं। 1 पराठे में जहां 200 कैलरीज होती हैं, वहीं एक चपाती में 80 कैलरीज। * पुलाव की जगह उबले चावल। 75 ग्राम पुलाव में जहां 170 कैलरीज होती हैं, वहीं 75 ग्राम उबले चावल में 105 ग्राम। * 100 ग्राम तली हुई सब्जियों में 149 कैलरीज, तो 100 ग्राम बेक की हुई सब्जियों में 50 कैलरीज होती हैं। * 150 ग्राम चिकन और फिश करी में 250 कैलरीज, तो ग्रिल किया हुए चिकन और फिश में 160 कैलरीज पाई जाती हैं। * 1 गिलास फुल क्रीम दूध में 170 तो टोंड दूध में 80 कैलरीज होती हैं।
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चावल खाने के कुछ ऐसे फायदे जिन्हें कम ही लोग जानते हैं

चावल भारत के कई हिस्सों में मुख्य भोजन के रूप में खाया जाता है। चावल बहुत ही पौष्टिक व गुणों से भरपूर भोजन है। लेकिन कई लोग मोटापा बढऩे के डर से इसका सेवन नहीं करते हैं अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो जानिए इसे खाने के फायदों के बारे में.... पेट में जलन हों तो- चावल के औषधीय उपयोग भी हैं, कई रोगों में यह लाभ करता है। सीने में या पेट में जलन, मूत्रविकार में नीबू के रस व नमक रहित चावल का मांड सेवन करने से लाभ होता है। अतिसार की समस्या हो तो- चावल पेट के रोग के लिए बेहतरीन औषधि माना गया है जब भी किसी का हाजमा बिगड़ जाता है तो उन्हें चावल खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही ,उन्हें चावल में दही मिलाकर खाने की सलाह भी दी जाती है। अतिसार में यह एक बेहतरीन औषधि की तरह काम करता है। दिमाग के लिए फायदेमंद - चावल खाने से दिमागी विकास होता है और शरीर शक्तिशाली होता है। हेल्थ के लिए फायदेमंद - यह हल्का भोजन होने के कारण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। कैंसर से लडऩे में - वैज्ञानिकों का मानना है कि चावल में ट्यूमर को दबाने वाले तत्व देखे गए हैं और शायद यही आँतों के कैंसर से बचाव का एक कारण हो अब वैज्ञानिक इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपने शोध को आगे बढ़ा रहे हैं। पौष्टिक भोजन- जब भी चावल खाएं इस बात का ख्याल रखें कि इसमें मांड की कुछ मात्रा भी होना चाहिए क्योंकि मांड अलग कर देने से चावल के प्रोटीन, खनिज, विटामिन्स निकल जाते हैं और यह बेकार भोजन कहलाता है। मांड यानी चावल पकाते समय बचा हुआ गाढ़ा सफेद पानी होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन्स व खनिज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। पाचन क्रिया ठीक करने में- चावल, और मूंगदाल की खिचड़ी जिसमें नमक, मिर्च, हींग, अदरक, मसाले मिलाकर बनाई गई हो उसके सेवन से शरीर को बल मिलता है, बुद्धि विकास होता है व पाचन ठीक रहता है। कब्ज होने पर- पेट साफ न हो तो चावल में दूध व शकर मिलाकर सेवन करने से दस्त के साथ पेट साफ हो जाता है।
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ठंड में दस दिन तक ऐसे खाएंगे दाख यानी मुनक्का तो मिलेंगे ये BENIFITS

ठंड में ड्रायफ्रूट स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। दाख भी ऐसा ही एक ड्रायफ्रूट है। लेकिन बड़ी दाख यानी मुनक्का छोटी दाख से अधिक लाभदायक होती है। घरेलू नुस्खे ठंड में रोजाना दस दिन तक अगर नियमित रूप से मुनक्का खाई जाए तो इसके अनेकों फायदे हैं। आयुर्वेद में मुनक्का को गले संबंधी रोगों की सर्वश्रेष्ठ औषधि माना गया है। मुनक्का के औषधीय उपयोग इस प्रकार हैं- - 250 ग्राम दूध में 10 मुनक्का उबालें फिर दूध में एक चम्मच घी व खांड मिलाकर सुबह पीएं। इससे वीर्य के विकार दूर होते हैं। इसके उपयोग से हृदय, आंतों और खून के विकार दूर हो जाते हैं। यह कब्जनाशक है। - जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो मुनक्का बीज निकालकर रात को एक सप्ताह तक खिलाएं। - भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है। - सर्दी-जुकाम होने पर सात मुनक्का रात्रि में सोने से पूर्व बीज निकालकर दूध में उबालकर लें। एक खुराक से ही राहत मिलेगी। यदि सर्दी-जुकाम पुराना हो गया हो तो सप्ताह भर तक लें। - मुनक्का का सेवन करने से कमजोरी मिट जाती है। इससे मल-मूत्र भी साफ हो जाता है। - शाम को सोते समय लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्कों को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 से 4 हफ्ते तक करना चाहिए। - जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, उन्हें सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का बीजों को खूब चबाकर खा ला लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें।
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चश्मा उतर जाएगा बस रोजाना दस मिनट करें ये काम

आंख हमारी बॉडी का सबसे संवेदनशील अंग है। यही कारण है कि आंखों की सही देखभाल व केयर बहुत जरूरी है लेकिन अधिकतर लोग आजकल की बिजी लाइफस्टाइल के चलते आंखों पर कम ही ध्यान दे पाते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक है। अगर आपकी आंखें भी कमजोर हैं। आंखों में बार-बार पानी या जाले आने की समस्या होती है तो तो रोजाना कुछ देर देवज्योतिमुदा करें। माना जाता है कि इस मुद्रा को करने से आंखों की कमजोरी दूर होती है साथ ही जिन लोगों को कम उम्र में चश्मा लग जाता है रोजाना दस से पंद्रह मिनट देवज्योति मुद्रा का अभ्यास करने से उतर जाता है। मुद्रा विधि : अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाने से देव ज्योतिमुद्रा बन जाती है। यह कुछ कुछ वायु मुद्रा जैसी है। लगभग 40-60 सेकंड तक आप इसी मुद्रा में रहने का अभ्यास करें। सुबह-शाम चार से 6 बार कर सकते हैं।
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ठंड में रोजाना मूली खाने से ये 8 प्रॉब्लम्स जड़ से खत्म हो जाएंगी

मूली बहुत गुणकारी और सरलता से मिलने वाली सब्जी है। ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है। मूली में विटामिन ए भी होता है। इसके अलावा भी ठंड के मौसम में सलाद के रूप में मूली खाने के अनेक फायदे आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में... - मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है। - मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है - सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। - थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है। - ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है। - पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से पियें तो भूख बढ़ती है। पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है। - मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है। मूली हमारे दाँतों और हड्डियों को मजबूत करती है। - मूली हमारे दांतों को मजबूत करती है तथा हड्डियों को शक्ति प्रदान करती है। मूली का ताजा रस पीने से मूत्र संबंधी रोगों में राहत मिलती है। पीलिया रोग में भी मूली लाभ पहुंचाती है।
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ये हैं मेथी खाने के SUPERB ADVANTAGES

मेथी एक ऐसी सब्जी है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही क ई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी देती है। मेथी की पत्तियों को सब्जी के तरह व इससे प्राप्त दानों को यानी मेथीदानों को मसाले के रूप में उपयोग में लाया जाता है। मेथी व मेथीदानें का सेवन तो हम सभी करते हैं लेकिन उसके औषधिय गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं आइए आज हम आपको बताते हैं मेथी के ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में....... लो-ब्लडप्रेशर में - मेथी की सब्जी में अदरक,गर्म मसाला डालकर खाने से निम्न रक्तचाप में फायदा होता है। एसिडिटी में बढिय़ा उपचार - डायरिया और हार्टबर्न के अलावा मेथी के रस से पेट और आंत की सभी समस्याएं दूर होती हैं। अगर आप अल्सर और एसिडिटी को ठीक करना चाहते हैं तो मेथी और मठ्ठे को घोल कर पीएं। सिर्फ यही नहीं अगर आप रोज़ सुबह खाली पेट कुछ मेथी के दानें खाएगें तो पेट के सभी रोग दूर होगें। त्वचा संबधी रोगों से निजात- अगर आपको खुजली, जलन, फोड़े-फुंसी और गांठ की समस्या है तो आपको कुछ ग्राम मेथी खाने की आवश्यकता है। न सिर्फ खानें से बल्कि इसके पेस्ट को लगाने से भी फायदा होता है। अगर रुसी की समस्या है तो बालों में मेथी और दही मिला कर लगाने से यह समस्या जल्द दूर हो जाएगी। कोलेस्ट्रॉल संतुलन- डॉक्टरों का कहना है कि यह हार्ट रोगियों के लिए एक वरदान के समान है जिसे वह रोज अपने भोजन में खा कर अपने बढे हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर सकता है। अगर मेथी के दाने ज्यादा कड़वे हों तो उन्हें कैप्सूल के रूप में भी खाया जा सकता है। डाइबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक- रिसर्च के अनुसार यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यह टाइप 2 के मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभकारी होता है। अगर रोगी रोज दिन में 6-7 मेथी के दानों का या फिर मेथी के पानी का सेवन करें तो उसका शुगर लेवल कम हो सकता है। उर्जा को बढ़ाता है- मेथी से से इंसान की यौन ऊर्जा बढ़ती है। मेथी के दाने व्यक्ति को कामोत्जेना में मदद करते हैं साथ ही अगर कोई व्यक्ति मेथी का नियमित सेवन करता है तो वो यौन रोगों से ग्रसित भी नहीं होगा। सिर की त्वचा में समस्या- मेथी को पूरी रात भिगो दें और सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ो में लगाएं। उसके बाद बालों को धो लें इससे रुसी और सिर की त्वचा में जो भी समस्या होगी वह दूर हो जाएगी। साथ ही मेथी के अधिक सेवन से भी बाल स्वस्थ रहते हैं। साइटिका में- आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार मेथी के बीज आर्थराइटिस और साइटिका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।
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पेट बहुत जल्दी अंदर हो जाएगा

मोटापा आजकल एक आम समस्या बनता जा रहा है। उम्र चाहे कोई भी हो मोटापे का शिकार हर उम्र के लोग है। इसका मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या व खानपान होता है कुछ लोगों में यह समस्या अनुवांशिक भी होती है। कहीं आप भी तो इस समस्या से परेशान तो नहीं। यदि हां.. तो अपनाइए इन सिंपल देसी नुस्खों को और फिर देखिए कैसे कुछ ही दिनों में मोटापा छूमंतर और पेट अंदर हो जाता है। - आश्चर्यजनक रूप से मोटापे का इलाज एक गिलास छाछ में पाया गया है। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के सम्मिलित प्रयासों से मोटापे की समस्या का 100-प्रतिशत कारगर उपाय खोज निकाला गया है। ये बेहद सरल उपाय ये हैं -प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक गिलास घर पर बनी शुद्ध छाछ पीएं, स्वाद के अनुसार थोड़ा सा काला नमक व हींग-जीरा भी मिलाया जा सकता है। -प्रतिदिन सोते समय गुनगुने पानी से एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। - मीठी और ऑयली चीजों का सेवन कम करें। - जानकार के मार्गदर्शन में प्रतिदिन सुबह खुले प्राकृतिक स्थान पर जाकर आसन और प्राणायाम का अभ्यास करें।
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आसान फंडा: इसे अपना लें तो ओवरवेट नहीं होंगे

आजकल तो हर व्यक्ति फिट और चुस्त-दुरूस्त रहना चाहता है, जिसके कारण वह खासी मेहनत भी करता है लेकिन अगर आप ये फंडा याद रखें तो आप बहुत आसानी से परफेक्ट फिगर पा सकते हैं।कमर पतली करने के लिए सीधे लेट जाइए। हाथ जांघों पर रखें। फिर अपनी टांगे जमीन से छ: से सात इंच ऊपर उठाए। इस व्यायाम में हाथ जमीन को नहीं छुना चाहिए। एक और व्यायाम में पैर सीधे करके पास-पास रखिए। अब कमर पर हाथ रखकर दोंनो पैरों को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास कीजिए। चार-पांच सैकंड तक पैर उसी तरह रखें। यह दस बार कीजिए। इसी तरह बाएं पैर की दस बार कसरत कीजिए। अधिक से अधिक पैदल चलने से नितंब सुडौल हो जाएंगे। प्रतिदिन हथेली की सहायता से पेट के मांस को नीचे से ऊपर की ओर ले जाना चाहिए। यह क्रिया कम से कम दस मिनट तक करते रहना चाहिए। इस तरह मालिश करने से आपके पेट की मालिश से फालतू चर्बी कम हो जाएगी। इसी तरह कमर और जांघों की चरबी नहीं बढऩे देनी चाहिए।आप अपनी बॉडी से प्यार करें खाने-पीने की सही आदतें डाल लें। ध्यान रखें कि सही डाइट जल्दी डाइजेस्ट भी होती है, जिससे बॉडी सिस्टम पर एक्स्ट्रा जोर नहीं पड़ता है। आप हर निश्चित अवधि के बाद खाना खाएं, लेकिन ओवर ईटिंग से बचें। आप खाना तो हर चीज चाहती हैं, लेकिन कैलरीज बर्न करने के लिए वर्कआउट नहीं करतीं, तो आपकी सेहत पर इसका बुरा असर भी पड़ सकता है। आप अपना डेली वर्क आउट रिजीम तय कर लें और इसमें सिर से लेकर पैर तक की एक्सरसाइज करें। इससे पूरी बॉडी में ब्लड ठीक से सर्कुलेट होगा। आपके लिए 20 मिनट की एक्सरसाइज भी काफी है। आपकी बॉडी में अच्छे से ब्लड सर्कुलेट हो, दिल स्वस्थ रहे और आप अनुशासन में खाना खाएं, तो आप परफेक्ट बॉडी पा सकती हैं। यानी परफेक्ट बॉडी के लिए महीनों तक भूखा रहने और जी-तोड़ वर्क आउट करने की जरूरत नहीं है।
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ठंड में रोज खाएं अखरोट होंगे ये ''BENEFITS''अखरोट है इन बीमारियों का बेजोड़ इलाज, ये हैं कुछ दमदार नुस्खे

देवताओं की भूमि हिमालय अपने अन्दर अनेक दिव्य औषधियों को समेटे हुए है। देवभूम ि शायद इन औषधीय वनस्पतियों की उपलब्धता के कारण ही प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों की साधना व तपस्या का केंद्र रही है। ऐसे ही कई गुणों को समेटे हुए एक वृक्ष जिसे हम अखरोट के नाम से जानते हैं अनेक औषधीय गुणों से युक्त होता है। जंगली अखरोट एवं कागजी अखरोट नाम की दो जातियों से जाना जाने वाला यह वृक्ष अपने फलों के कारण प्रसिद्ध है। आइए अब हम आपको इसके कुछ औषधीय प्रयोग के बारे में जानकारी देते है -अखरोट के फल के बाह्य कठोर आवरण को तोड़कर अन्दर की गिरी को 10 से 20 ग्राम क़ी मात्रा में गाय के गुनगुने दूध से नित्य सेवन करना रसायनगुणों से युक्त अर्थात शारीरिक क्षय को रोकने वाला प्रभाव देता है। -अखरोट के पेड़ की छाल को मुंह में रखकर चबाने से मुख रोगों में लाभ मिलता है तथा फल के बाहरी कठोर आवरण को चूर्ण बनाकर आग में जलाकर भस्मीकृत कर मंजन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। -अखरोट के प़ेड छाल का काढा पेट के कीड़े खत्म कर देता है। -महिलाओं में माहवारी से सम्बंधित समस्याओं में फल के कठोर आवरण को चूर्ण बनाकर 20 से 25 मिली की मात्रा में शहद के साथ पिलाने से लाभ मिलता है। इसी काढ़े का प्रयोग सुबह शाम सेवन करने से मलबद्धता(कानस्टीपेशन) को दूर होता है। -अखरोट के फलों की गिरी को पांच से दस ग्राम,छुहारे बीस से तीस ग्राम और बादाम पांच ग्राम की मात्रा में एक साथ यवकूटकर गाय के घी में भूनकर प्राप्त चूर्ण में थोड़ी मिश्री मिलाकर दस ग्राम नित्य प्रात:काल सेवन, डाइबिटीज को दूर करता है। -अखरोट के फलों के कठोर आवरण को जलाकर भस्म प्राप्त करें तथा अब इसमें पांच से दस ग्राम मात्रा में गुड़ मिला दें ,अब इसे पांच से दस ग्राम की मात्रा में प्री-मेच्युर-इजेकुलेशन से पीडि़त रोगी को दें निश्चित लाभ मिलेगा। -इसकी छाल से प्राप्त काढ़े से घाव को धोने यह उसे शीघ्रता से भरने (हीलिंग ) का भी काम करता है। -पाइल्स से सम्बंधित समस्या में भी इसके तेल को गुदा में रुई में भिंगोकर रखने मात्र से लाभ मिलता है। - दांतों के लिए अखरोट के स्वास्थ्य गुणों के कारण डेंटिस्ट भी इसके सेवन की सलाह देते हैं। - यह एक ऐसा मेवा है जो खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और पेट संबधी समस्याओं को दूर करता है. यह इस तरह बेहतर पाचन में मदद करता है और अधिक कैलोरी जलाता है। इसलिए आप दिन में 2-3 अखरोट खा कर अपना वजन कम कर सकते हैं. - अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैगनेशियम और एण्टी् आक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं और यह बालों व त्वचा को स्वस्थ रखता है। - अखरोट के फल के बाह्य कठोर आवरण को तोड़कर अन्दर की गिरी को 10 से 20 ग्राम की मात्रा में गाय के गुनगुने दूध से नित्य सेवन करने से बुढ़ापा दूर रहता है। - यह रक्त वाहिकाओं को फैला देती हैं और मैटाबॉलिक सिंड्रोम को कम कर देता है. इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है. - अखरोट कैंसर को प्राकृतिक तरीके से सही कर सकता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो कैंसर सेल को इकठ्ठा होने से रोकता है. अखरोट ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में सबसे लाभदायक माना जाता है. इसके अलावा यह ट्यूमर को भी बनने से रोकता है। -ये तो इसके चंद प्रयोग हैं , जो हमने आपको बताए वैसे इसे कई औषधियों के साथ मिलाकर चिकित्सक के निर्देशन में लेना उपयोगी होता है!
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हर नागरिक का फर्ज

एक बार चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस अपने कुछ शिष्यों के साथ एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। एक जगह वह अचानक रुक गए। यह देख शिष्य हैरत में पड़ गए। कन्फ्यूशियस बोले, 'कहीं कोई रो रहा है।' इतना कह कर वह रोने की आवाज को लक्ष्य कर चल पड़े। शिष्य भी पीछे चले। कुछ दूर जाकर उन्होंने देखा कि एक स्त्री रो रही है। उन्होंने रोने का कारण पूछा तो स्त्री ने बताया कि इसी स्थान पर उसके पुत्र को एक चीते ने मार डाला। कन्फ्यूशियस ने कहा, 'पर तुम तो अकेली हो। तुम्हारे परिवार के और लोग कहां हैं?' स्त्री ने बताया, 'अब परिवार में है ही कौन। इसी पहाड़ी पर मेरे ससुर और पति को भी चीते ने फाड़ डाला था।' कन्फ्यूशियस ने आश्चर्य से कहा, 'तो तुम इस खतरनाक स्थान को छोड़ क्यों नहीं देती?' स्त्री बोली, 'इसलिए नहीं छोड़ती कि यहां कम से कम किसी अत्याचारी का तो शासन नहीं है। चीते का अंत तो हो ही जाएगा।' कन्फ्यूशियस ने शिष्यों की ओर देख कर कहा, 'निश्चित रूप से यह स्त्री करुणा और सहानुभूति की पात्र है, लेकिन इसकी बात ने हम लोगों को एक महान सत्य प्रदान किया है। वह यह कि अत्याचारी शासक, एक चीते से अधिक भयंकर होता है। अत्याचारी शासन में रहने से अच्छा है कि किसी पहाड़ी अथवा जंगल में रह लिया जाए, मगर यह कोई समाधान नहीं है। जनता को चाहिए कि वह अत्याचारी शासन का समुचित विरोध करे और सत्ताधारी को सुधरने के लिए विवश करे। इसे हर नागरिक अपना फर्ज समझे।'
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नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये

 1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?  जब आप लिफ़्ट में...