काली मिर्च के प्रयोग Uses of black pepper

किंग ऑफ स्पाइस या ब्लैक पेपर नाम से प्रचलित काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले गर्म मसाले का अहम् हिस्सा है। काली मिर्च हमारे भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, कई बीमारियों के इलाज में सहायक साबित होती है। कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन सी, ए, फ्लेवनॉयड्स, कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण इसका सेवन कैंसर का रिस्क कम करता है। दिन भर की डाइट में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल पर्याप्त है-
काली मिर्च में मौजूद तत्व पेपरीन पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। यह डायरिया, कॉन्स्टिपेशन और एसिडिटी से आराम दिलाने में मदद करती है।
वजन घटाने में यह मददगार है। इसमें मौजूद पोटेंटफाइटोन्यूट्रियंट नामक तत्व फैट्स कोशिकाओं को तोड़ने का प्रयास करता है।
एंटीबैक्टीरियल व एंटीइन्फ्लामेट्री गुडणों के कारण काली मिर्च त्वचा को भी साफ और बेदाग बनाती है। फेस पैक में काली मिर्च पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाने और 15 मिनट बाद धो लेने से यह बेहतर स्क्रब का काम करती है।
बालों में रूसी की समस्या भी यह दूर करती है। एक कप दही में काली मिर्च पाउडर मिलाएं और सिर में लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। फिर पानी से साफ करें और अगले दिन शैंपू करें।
कफ की समस्या से भी काली मिर्च का सेवन बचाव करता है। काली मिर्च का इस्तेमाल सूप या रसम में करके कफ की समस्या को दूर किया जा सकता है।
सर्दी, जुकाम-खांसी होने पर 8-10 काली मिर्च, 10-15 तुलसी के पत्ते मिलाकर चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है।
खांसी में काली मिर्च, पीपल और सोंठ बराबर मात्रा में पीस लें। तैयार 2 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिन में 2-3 बार चटाएं।
4-5 काली मिर्च करीब 15 दाने किशमिश के साथ खाना खांसी में लाभकारी है।
100 ग्राम गुड़ पिघला कर 20 ग्राम काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। थोड़ा ठंडा होने पर उसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। खाना खाने के बाद 2-2 गोलियां खाने से आराम मिलता है।
खांसी में काली मिर्च को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करना फायदेमंद है।
सूखी खांसी होने पर 15-20 ग्राम देसी घी में 4-5 काली मिर्च लेकर एक कटोरी में गर्म करें। जब काली मिर्च कड़कड़ाने लगे और ऊपर आ जाए, तब उतार कर थोड़ा ठंडा करें। फिर इसमें 20ग्राम पिसी मिश्री मिलाएं। काली मिर्च चबाकर खा लें। इसके एक घंटे बाद तक कुछ खाएं नहीं। यह प्रक्रिया 2-3 दिन दोहराएं।
2 चम्मच दही, एक चम्मच चीनी और 6 ग्राम पिसी काली मिर्च मिलाकर चाटने से काली और सूखी खांसी में आराम मिलता है।
एक चम्मच शहद में 2-3 पिसी काली मिर्च और चुटकी भर हल्दी मिलाकर खाने से जुकाम में बनने वाले कफ से राहत मिलेगी।
नाक बंद हो तो छोटे-से सूती कपड़े में दालचीनी, काली मिर्च, इलायची और जीरे की बराबर मात्रा में पोटली बांध लें। इन्हें सूंघने से नाक खुल जाएगी।
नाक में एलर्जी होने पर 10-10 ग्राम सोंठ, काली मिर्च, पिसी इलायची और मिश्री को पीस कर चूर्ण बना लें। इसमें बीज निकला 50 ग्राम मुनक्का और तुलसी के 10 पिसे पत्ते डालकर अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण की 3-5 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। सुबह-शाम 2-2 गोलियां गर्म पानी के साथ लें।
बुखार में तुलसी, काली मिर्च और गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद है।
काली मिर्च और काला नमक दही में मिलाकर खाने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं। छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट के कीटाणु मरते हैं और पेट की बीमारियां दूर होती हैं।
इससे रक्त संचार सुधरता है।यह दिमाग के लिए फायदेमंद होती है। गैस के कारण पेट फूलने पर कालीमिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है।
एक चम्मच शहद में 2-3 बारीक कुटी हुई कालीमिर्च और एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है।
पेट में गैस की समस्या होने पर एक कप पानी में आधा नींबू का रस, आधा चम्मच पिसी काली मिर्च और आधा चम्मच काला नमक मिला कर पिएं।
कब्ज होने पर 4-5 काली मिर्च के दाने दूध के साथ रात में लेने से आराम मिलता है।
उल्टी-दस्त होने पर 5-5 ग्राम काली मिर्च, हींग और कपूर मिलाएं। छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन्हें हर 3 घंटे बाद सेवन करें।
बदहजमी होने पर कटे नींबू के आधे टुकड़े के बीज निकाल कर काली मिर्च और काला नमक भरें। इसे तवे पर थोडम गर्म करके चूसें।
काली मिर्च आंखों के लिए उपयोगी है। भुने आटे में देसी घी, काली मिर्च और चीनी मिला कर मिश्रण बनाएं। सुबह-शाम 5 चम्मच मिश्रण का सेवन करें।
नमक के साथ काली मिर्च मिलाकर दांतों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है, दांतों में चमक आती है।
मुंह से बदबू आती है तो दो काली मिर्च रात को ब्रश करने से पहले चबा लें।
Bharat Agrawal's photo.
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सर्दियों में अंजीर खाना है लाभकारी Eating figs is beneficial in winter

अंजीर एक ऐसा फल है जिसका उत्पादन मनुष्य द्वारा बहुत पहले से हो रहा है। अंजीर साल भर नहीं उगता है इसलिए इसके सूखे रूप का ही ज़्यादातर इस्तेमाल होता है, जो हमेशा बाजार में उपलब्ध होता है। अंजीर किसी भी व्यंजन में इस्तेमाल करने पर एक अलग ही स्वाद ला देता है। क्या आपको पता है कि अंजीर के कितने स्वास्थ्यवर्द्धक गुण हैं-
• हजम शक्ति को बढ़ाता है
अंजीर में फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जैसे- अंजीर में तीन टुकड़ों में 5 ग्राम फाइबर होता है, जो रोज के 20त्न ज़रूरत को पूरा करने में समर्थ होता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की बीमारी और पेट संबंधी समस्या से राहत मिलती है।
• वज़न घटाने में सहायता करता है
अंजीर में फाइबर उच्च मात्रा में होने के साथ-साथ कैलोरी कम होता है। अंजीर के एक टुकड़े में 47 कैलोरी होता है और फैट 0.2 ग्राम होता है। इसलिए वज़न घटाने वालों के लिए यह एक आदर्श स्नैक्स बन सकता है।
• उच्च रक्तचाप से बचाता है
अगर आप आहार में नमक ज़्यादा लेते हैं तो वह शरीर में सोडियम के स्तर को बढ़ाने में सहायता करता है। इससे शरीर में सोडियम-पोटाशियम के स्तर का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। अंजीर इस संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि एक सूखे अंजीर में 129 मिलीग्राम पोटाशियम और 2 मिलीग्राम सोडियम होता है।
• एन्टीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है
सूखे अंजीर में एन्टीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। विनसन जे.ए. और उनके सहयोगियों के एक अध्ययन के अनुसार प्राकृतिक अंजीर में सूखे अंजीर के तुलना में कम एन्टीऑक्सिडेंट्स के गुण होते हैं। इसमें दूसरे एन्टीऑक्सडेंट प्रदान करने वाले खाद्द पदार्थों की तुलना में ज़्यादा एन्टीऑक्सिडेंट होता है।
• दिल को स्वस्थ रखता है
इसमें उच्च मात्रा में एन्टीऑक्सडेंट गुण होने के कारण यह शरीर से फ्री-रैडिकल्स को दूर करने में मदद करता है जिससे रक्त कोशिाकाएं स्वस्थ रह पाती है और दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है।
• कैंसर से रक्षा करता है
एन्टीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर अंजीर फ्री-रैडिकल्स के क्षति से डी.एन.ए. की रक्षा करता है जिससे कैंसर होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है। पढ़े-� ऑस्टियोपोरोसिस की दवा गर्भाशय कैंसर के खतरे को करता है कम
• हड्डियों को शक्ति प्रदान करता है
एक सूखे अंजीर में 3त्न कैल्सियम होता है जो शरीर के लिए कैल्सियम के ज़रूरत को पूरा करने में सहायता करता है। दूसरे कैल्सियम युक्त खाद्द पदार्थों के साथ यह मिलकर हड्डियों को शक्ति प्रदान करता है।
• प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य को उन्नत करता है
प्राचीन काल से सेक्स के लिए उत्तेजना प्रदान करने के लिए अंजीर का सेवन किया जाता रहा है। अंजीर फर्टिलटी में सहायता करता है। क्योंकि इसमें जो जिन्क, मैंगनीज, और मैग्नेशियम होता है वह प्रजनन स्वास्थ्य को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है।
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महिलाओं के व्‍यक्तिगत रोग personal diseases of women

महिलाओं के व्‍यक्तिगत रोग
महिलाओं के कुछ व्‍यक्तिगत रोग ऐसे हैं, जो उन्‍हें अत्‍याधिक पीड़ा पहुंचाते हैं। इन रोगों के होने पर महिलाओं के सामने चुनौती आ खड़ी होती है, इनके इलाज की। डाक्‍टर के पास जाने में शर्म और झिझक तो होती ही है, पैसा खर्च होता है अलग। महिलाओं के छोटे मोटे रोग जो आसानी से घर पर ही ठीक हो जाएं, तो यह महिलाओं के लिए सबसे अच्‍छा है। फिर डाक्‍टर के पास जाना तो एकमात्र रास्‍ता तो होता ही है। नीचे महिलाओं के कुछ रोग और उनका निदान भी दिया हुआ है। शायद महिलाओं के कुछ काम आ सके।
योनि में खुजली
१ * योनि में खुजली होने पर तुलसी के पत्‍तों का लेप लगाएं। खुजली ठीक हो जाएगी।
२ * केले के गूदे में आंवले का रस और मिश्री मिलाकर खाने से खुजली ठीक हो जाती है।
३ * नारियल के तेल में भीमसेनी कपूर मिलाकर यो‍निमार्ग में लगाने से भी खुजली ठीक हो जाती है।
४ * नीम की पत्‍ती, गिलोय, मुलहठी, त्रिफला और शरपुंखा को एक समान मात्रा में लेकर कूट लें। फिर १० ग्राम चूर्ण को पांच सौ ग्राम पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाए, तो उतार कर छान लें। इस पानी से २ – ३ बार नियमित रूप से योनि को धोने से खुजली दूर हो जाएगी।
५ * अच्‍छी क्‍वालिटी के अल्‍कोहल से योनिमार्ग को धोने से खुजली से आराम मिलता है।
६ * २०० ग्राम गेहूं को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीस कर शुद्ध घी में इसका हलवा बनाकर दिन में २ – ३ बार खाएं। खुजली में आराम मिलेगा।
७ * योनिमार्ग और उसके आस पास के अंग को हमेशा साफ रखें।
८ * योनि की खुजली के कारण अगर योनि में दर्द हो और सूजन आ गई हो या घाव हो गया हो, तो अरंड के तेल को रूई के फाहे में भिगोकर योनि के अंदर रखें। एक सप्‍ताह में संतोष जनक आराम मिलेगा।
९ * एक ग्‍लास छाछ में एक नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट पीने से ४ – ५ दिन में योनि की खुजली दूर हो जाएगी।
१० * अगर श्‍वेदप्रदर के कारण खुजली हो रही है, तो सुबह शाम पांच पांच ग्राम आंवले का चूर्ण चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
११ * गूलर की ताजी पत्तियां पचास ग्राम ले लेकर आधा लीटर पानी में उबालिए, जब पानी आधा रह जाए तो उतार कर छान लीजिए। फिर इसमें डेढ़ ग्राम सुहागा पीस कर मिला लें। इसके बाद गुनगुने पानी को किसी पिचकारी में भरकर योनि को अच्‍छी तरह साफ करें।
१२ * गूलर के सत्‍व को गर्म पानी में घोलकर डूश करने से गर्भाशय की खुजली में भी आराम मिलता है।
योनि में संक्रमण
१ * मुलैठी को पीसकर उसमें घी मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को योनि की दीवारों और उसके आसपास लगाएं। संक्रमण में आराम मिलेगा।
२ * ताजी निंबोली (नीम का फल) का रस निकालकर उसे योनि की दीवार पर उंगलियों से धीरे धीरे मलें। यदि ताजा निंबोली न मिलें तो सूखी निंबोली का चूर्ण पानी में भिगोकर पानी निचोड़ लें और उसको प्रयोग करें। नीम की पत्तियों का रस और नीम का तेल भी फाएदेमंद है।
३ * योनि संक्रमित होने पर दूध दही का सेवन भी फाएदेमंद होता है। इस रोग में दही का सेवन करें। थोड़ा सा दही योनि के आसपास लगाने से भी लाभ होता है।
४ * संक्रमण के कारण अगर योनि शुष्‍कता (सूख) आ गई हो या जलन हो रही हो, तो नारियल का तेल योनि में लगाएं। जलन से बहुत राहत मिलेगी।
यदि योनि ढीली हो जाए तो...
१ * काले तिल का चूर्ण पांच ग्राम, दस ग्राम चूर्ण गोखरू का और बीस ग्राम शहद में मिलाकर आधा लीटर दूध के साथ रोज सेवन करें। इससे ढीली हो चुकी योनि कुवांरी कन्‍या के समान टाइट हो जाती है।
२ * समुद्र की झाग और हरड़ की गुठली दोनों का बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बना लें। फिर इसे योनि पर मलने से फैली योनि सकंचित हो जाएगी।
३ * नीलकमल, कुष्‍ठ, बच, काली मिर्च, असगंद और हल्‍दी पीसकर लेप करने से योनि में मजबूती आती और पहले की तरह टाइट हो जाती है।
४ * माजू, कपूर व शहद एक साथ मिलाकर योनि की मालिश करें। इससे इससे योनि पहले की तरह सकुंचित हो जाएगी।
५ * पालक के बीज तथा गूलर के फल के चूर्ण को तिल के तेल व शहद के साथ पीसकर लेप करने से ओवर ऐज महिलाओं की योनि भी सकुंचित होकर टाइट हो जाती है।
६ * ढाक व गोंद की बत्‍ती या लंबी पोटली बनाकर योनि में रखने से योनि सिकुड़कर कुवांरी कन्‍या जैसी हो जाती है।
७ * कड़वी तुंबी व लोध्र के फल को एक साथ पीसकर योनि में लेप करने से अथवा बेंत की जड़ के क्‍वाथ द्धारा अच्‍छी तरह धोने से योनि संकुचित हो जाती है।
योनि में सूजन
१ * एक पके केले को छील कर ६ – ७ ग्राम देशी घी के साथ रोज सुबह शाम खाएं। एक सप्‍ताह तक प्रयोग करने से योनि की सूजन दूर हो जाती है।
२ * योनि की सूजन में ३ ग्राम आंवला और ६ ग्राम शहद मिलाकर रोज दिन में १ – २ बार खाने से आराम मिलता है।
३ * गूलर के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर एक से दो ग्राम मात्रा में सुबह शाम सेवन आराम मिलता है।
४ * मुठठी भर नीम की पत्तियां लेकर आधा लीटर पानी में १५ – २० मिनट अच्‍छी तरह उबालें। फिर ठंडा करके योनि को दो तीन बार अच्‍छी तरह धोएं। यह सूजन दूर करने का अच्‍छा नुस्‍खा है।
५ * चावल पकाकर मांड नि‍काल लें और गुनगुना ही पी जाएं। ध्‍यान रहे कि मांड ज्‍यादा गाढ़ा न हो। मांड पीने के एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी न खाएं।
यदि सेक्‍स के दौरान पीड़ा रहती हो तो इन्‍हें आजमाएं
१ * शुद्ध अरंडी का तेल रूई में भिगोकर योनि में लगाने से लाभ होता है।
२ * गोरखमुंडी (यह एक प्रकार की घांस होती है, जो दवा के रूप में प्रयोग की जाती है) को घी और दूध में पकाकर हलवा बनाएं। फिर इसे योनि में रखें। आराम मिलेगा।
३ * इंद्रायण की जड़, सोंठ और धृतकुमारी का गूदा‍ मिलाकर पीस लें। फिर इसे बकरी के दूध में मिलाकर योनि में रखने से पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
४ * पुनर्नवा की जड़ व पत्‍तों का रस निकालकर उसमें रूई के फाहे को भिगोकर योनि में रखने से सेक्‍स पेन में बहुत राहत मिलती है।
५ * सोंठ और अरंडी की जड़ का बारीक चूर्ण पानी या घी में पीसकर योनि पर लेप करने से सेक्‍स के दौरान दर्द में राहत मिलती है।
६ * सुपारी का चूर्ण ५ ग्राम घी के साथ मिलाकर खाएं और ऊपर से गाय अथवा बकरी का दूध पिएं।
Om Jalandhara's photo.
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शरीर को निरोगी बनाए ‘तुलसी’ ‘Tulsi’ makes the body healthy

तुलसी के गुणों की महिमा पुरातन काल से ही देखते व सुनते आ रहे हैं. तुलसी को पूजा से लेकर काया को निरोगी रखने तक में उपयोग किया जाता है. विदेशी चिकित्सक इन दिनों भारतीय जड़ी-बूटियों पर व्यापक अनुसंधान कर रहे हैं. वल्र्ड-एड्स के अनुसार अमरीका के नेशनल कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में कैंसर एवं एड्स के उपचार में कारगर भारतीय जड़ी-बूटियों को व्यापक पैमाने पर परखा जा रहा है. विशेष रूप से तुलसी में एड्स निवारक तत्वों की खोज जारी है. मानस रोगों के संदर्भ में भी इन पर परीक्षण चल रहे हैं. आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों पर पूरे विश्व का रूझान इनके दुष्प्रभाव मुक्त होने की विशेषता के कारण बढ़ता जा रहा है.
कैंसर में कारगर तुलसी
एक अध्ययन से यह बात स्पष्ट हो गई है कि अब तुलसी के पत्तों से तैयार किए गए पेस्ट का इस्तेमाल कैंसर से पीडित रोगियों के इलाज में किया जा सकता है. दरअसल वैज्ञानिकों को रेडिएशन-थैरेपी में तुलसी के पेस्ट के जरिए विकिरण के प्रभाव को कम करने में सफलता हासिल हुई है. तुलसी में विकिरण के प्रभावों को शांत करने के गुण हैं. यह निष्कर्ष पिछले दस वर्षों के दौरान भारत में ही मणिपाल स्थित कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में चूहों पर किए गए परीक्षणों के आधार पर निकाला गया. दस वर्षो की अवधि में हजारों चूहों पर परीक्षण किए गए.
दुष्प्रभाव नहीं
कैंसर के इलाज में रेडिएशन के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एम्मी फास्टिन महंगा तो है ही, साथ ही इसके इस्तेमाल से लो- ब्लड प्रेशर और उल्टियां होने की समस्याएं भी देखी गई हैं. जबकि तुलसी के प्रयोग से ऐसे दुष्प्रभाव सामने नहीं आते.
संक्रामक रोगों से बचाती
डॉ. के. वसु ने तुलसी को संक्रामक-रोगों जैसे यक्ष्मा, मलेरिया, कालाजार इत्यादि की चिकित्सा में बहुत उपयोगी बताया है.
पुदीना-तुलसी का मिश्रण
चूहों पर किए गए परीक्षणों के बाद यह साबित हुआ है कि पुदीना और तुलसी के मिश्रण के लगातार सेवन से कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है. एक विश्वविद्यालय में लगभग बीस सप्ताह तक चूहों के दो अलग समूहों पर यह प्रयोग किया गया. दोनों समूह के चूहों पर रसायन का लेप किया गया. एक समूह को तुलसी और पुदीना का मिश्रण भी पिलाया गया. जिन चूहों की त्वचा पर सिर्फ रसायन का लेप किया गया था, उनके शरीर पर बड़े-बड़े फोडे निकल आए. जिन चूहों को तुलसी और पुदीना का मिश्रण पिलाया गया, उनमें ऐसा नहीं हुआ.
मच्छर नाशक
बुलेटिन ऑफ बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक शोध के अनुसार तुलसी के रस में मलेरिया बुखार पैदा करने वाले मच्छरों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है. वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. जी.डी. नाडकर्णी का अध्ययन बतलाता है कि तुलसी के नियमित सेवन से हमारे शरीर में विद्युतीय-शक्ति का प्रवाह नियंत्रित होता है और व्यक्ति की जीवन अवधि में वृद्धि होती है. तभी तो भारत के लगभग हर घर के चौक में सदियों से तुलसी का स्थान रहा है. कहा जाता है कि इसके आसपास मच्छर नहीं होते.
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गिरते बालों के लिए घरेलू उपचार Home remedies for falling hair

खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए सुंदर और घने बालों का होना जरूरी है। लेकिन बालों में उचित पोषण न मिलने के कारण वे समय से पहले ही गिरने लगते हैं।
बालों की देखभाल सही तरह से न की जाये तो बाल गिरने शुरू हो जाते हैं। हालांकि सामान्‍यत: लोगों के बाल झड़ते हैं लेकिन सामान्‍य से ज्‍यादा बाल झड़ रहे हैं तो समझिए कि आप बालों की समस्‍या से गुजर रहे हैं। बाल झड़ने के पीछे कई कारण हो सकते है, जैसे – तनाव, इन्फेक्शन, हार्मोन्स का असंतुलन, अपर्याप्त पोषण, विटामिन और पोषक पदार्थों की कमी, दवाओं के साइड इफेक्ट्स, लापरवाही बरतना या बालों की सही देखभाल न करना। घटिया साबुन और शैंपू का प्रयोग भी बालों के गिरने का कारण बनता है। आइए हम आपको गिरते बालों को रोकने के लिए घरेलू नुस्‍खे बताते हैं।
गिरते बालों के लिए घरेलू नुस्‍खे –
बालों का गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए सप्ताह में एक बार अपने बालों की रोज़मेरी ऑयल से मसाज कीजिए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
जवाकुसुम की पत्तियों को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए, इस पेस्‍ट को सिर की त्वचा और बालों पर लगाइए, इससे बाल बढ़ते हैं और घने भी होते हैं।
बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए बालों को भरपूर पोषण दीजिए। मेंहदी में भरपूर पोषण होता है जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी चाहिए।
मेंहदी को अंडे के साथ मिलाकर लगाने से ज्‍यादा फायदा होता है। इससे बाल मजबूत होते हैं और बालों का गिरना बंद हो जाता है।
गिरते बालों को रोकने के लिए दही बहुत कारगर घरेलू नुस्‍खा है। दही से बालों को पोषण मिलता है। इसके लिए बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले बालों में दही लगाना चाहिए। जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तो पानी से धो लीजिए।
दही में नींबू का रस मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है। नींबू के रस को दही में मिलाकर पेस्‍ट बना लीजिए। नहाने से पहले इस पेस्‍ट को बालों में लगाइए, 30 मिनट बाद बालों को धुल लीजिए। बालों का गिरना कम हो जाएगा।
बालों को धोने से एक घंटा पहले बालों में अंडे लगाइए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
शहद कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। शहद के प्रयोग से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है। शहद को बालों में लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।
दालचीनी भी बालों की समस्या को दूर करने का कारगर उपाय है। दालचीनी और शहद के को मिलाकर बालों में लगाइए। इससे बालों का झड़ना बंद होगा।
गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उनका पेस्ट बनाइए। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगाइए और कुछ समय बाद सिर को धो लीजिए। इससे बालों का गिरना कम होगा।
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सर में रूसी या सिकरी। Dandruff

नारियल का तेल 100 ग्राम, कपूर 5 ग्राम दोनों को मिलाकर शीशी में रख ले। दिन में दो बार स्नान के बाद केश सूख जाने और रात में सोने से पहले सर पर खूब मालिश करे। दुसरे ही दिन से लाभ मिलना शुरू होगा।
तोला एक कपूर ले, पाव नारियल तेल।
शीशी में रख लीजिये, कर के दोनों का मेल। 
त्रिफला से सर धोय के, तेल लगाये जोय।
केश बढे अरु नर्म हो, सर में ठंडक होय।।
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कष्ट -निवारक स्वास्थ्यवर्धक प्रयोग pain relief health benefits

१...अजवाइन बारह ग्राम सोंठ ,छ: ग्राम काला नमक तीन ग्राम कूट छान लें | तीन- तीन ग्राम गरम पानी से प्रात : सायं ले| इससे पेट दर्द और आफरा ठीक हो जाता हें | 
२...अजवायन तीन ग्राम नमक लाहोरी एक ग्राम को ( दोनों पीसकर ) गरम पानी से लें | इससे पेट दर्द निवारण होता हें |
३....कमलककड़ी के चूरन को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर कमर दरद में आराम मिलता हें|
४....तारपीन के तेल तथा तिल का तेल सममात्रा में मिलाकर गर्दन - कंधे पर सावधानीपूर्वक मालिश करे | इससे गर्दन -कंधे के दर्द का निवारण होता हें |
५....गायें की पतली छाछ दिन में दो-तीन बार पीये | जिगर की बढ़ी हुई गरमी को दूर करने के लिए चमत्कारी दवा हें|
६..एसिडिटी की तकलीफ हें तो समान मात्रा में लेकर अजवायन और जीरा को एक साथ भुन लें | फिर इस मिश्रण को पानी में उबालकर छान ले| इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पीये, एसिडिटी में राहत मिलेगी | ( वन टी स्पून )
७...गेस रोग पर नुस्खा :- अजवाइन सौ ग्राम , निम्बू का रस चार सौ ग्राम, काला नमक पच्चीस ग्राम |
नीबूं के रस में अजवाइन और नमक को चौड़े मुँह वाले शीशे या चीनी मिटटी के पात्र में डालकर सुरक्षित रखें | कुछ दिनों में निम्बू का रस सुख जायेगा , तब इस दवा का सेवन शुरु कर दें|
रात मं सोने से पहले इस दवा की तीन ग्राम मात्रा पानी से लें| गेस की सारी शिकायत इस प्रयोग से दूर हो जाती हें|
८...पेट फूलने पर निवारक :--सोंफ को पानी में रात्रि के समय भिगो दें और उस सोंफ के पानी को थोडा -सा दूध मिलाकर पिलाते रहें,| इस प्रयोग को करने से पेट फूलना बंद हो जाता हें |
९...आफरा नाशक प्रयोग :-- एक चम्मच ( tea spoon ) पोदीने का रस , दो चम्मच शहद , एक चम्मच निम्बू का रस - एक साथ मिलाकर पीने से आफरा खत्म हो जाता हें|
१०....एक चम्मच आंवला के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पर्तिदिन दो बार पीने से पेट का अल्सर ठीक होता हें |
११...ज्यादा पेशाब निवारक नूस्खा :-- कुछ लोगों को पेशाब ज्यादा आता हें और वह उससे परेशान होते हें और कुछ समय आत सोते में उन का पेशाब पर निकल आता हें उन लोगों के लिए बेहतर हें कि वह तिलों में शक्कर या गुड मिलाकर चालीस ग्राम मात्रा तक हर रोज़ चबा-चबा कर खाएं| वह बीमारी दूर हो जायेगी |
१२...गठिया निवारक प्रयोग :-- कपूर दस ग्राम , तिल का तेल चार सौ ग्राम |
दोनों को एक शीशी में भरकर कसकर कार्क लगाकर धुप में सुबह रख दे | जब दोनों वस्तुएं मिलकर एकजान हो जाए , तब काम में लाये | इस तेल की मालिश से गठिया और अन्य वात - विकार अल्पसमय में ही ठीक हो जाते हें |
१३....नासूर निवारक प्रयोग :-- पुराना शहद घाव में भरकर ऊपर से पट्टी बाँध दें | कुछ ही दिन में नासूर ठीक हो जाता हें |
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यौन कमजोरी उपचार-Sexual Weakness Treatment


परेशान आज का युवा खान-पान और मिलावटी सामान के सेवन से नपुंसकता (Impotence ) जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहा है आये दिन हमें कई लोगो के इसकी जानकारी के लिए प्रश्न आते है इस प्रकार के नवजवानों के लिए आयुर्वेद द्वारा एक विशेष चूर्ण का निर्मार्ण करके आप लाभ ले सकते है एक बार इस्तेमाल करके इस दिव्य चूर्ण का लाभ अवस्य उठाये - बस आप इसे घर पे सारी सामग्री लाके निर्माण करे - बाजार में हो सकता है आपको सही प्राप्त न हो सके और फिर आपका विश्वास आयुर्वेद से न उठ जाए -
कैसे बनाये (How to make it ):-
कोंच के बीज शुद्ध- 50 ग्राम
असगंध- 50 ग्राम
विदारीकन्द- 50 ग्राम
मूसली- 50 ग्राम
मोचरस- 50 ग्राम
गोखरू- 50 ग्राम
जायफल- 50 ग्राम
उडद की दाल- 50 ग्राम (घी में भुनी हुई )
बंशलोचन- 50 ग्राम
सेमर के फूल- 50 ग्राम
खरेंटी- 50 ग्राम
सतावर- 50 ग्राम
भांग- 50 ग्राम ( पानी से धुली और फिर सुखाई हुई )
मिश्री- 700 ग्राम
आप बाजार में आयुर्वेद पंसारी से लाई गई उपरोक्त सभी उपरोक्त सामान को कूटकर छान ले ओर आपस में मिक्स करके कांच के बर्तन में ढक्कन लगाकर रख ले -
मात्रा और अनुपान (Volume and dose ):-
आप इसे प्रातः और रात्री में सोने से एक घंटा पहले 3-6 ग्राम पानी से या गाय के दूध से ले-
गुण ओर उपयोग (Properties and use ):-
आपके शरीर के लिए यह चूर्ण पोष्टिक रसायन है इसके सेवन से बल ओर वीर्य की वृद्धि होती है- अत्यधिक स्त्री प्रसंग या किशोरावस्था में अप्राकृतिक ढंग से वीर्य का ज्यादा दुरूपयोग करने से वीर्य पतला हो जाता है तथा शुक्रवाहिनी शिराएं भी कमजोर हो जाती है ओर फिर वे वीर्य धारण करने में सफल नहीं हो पाती है - जिसके परिणाम स्वरूप स्वप्नदोष-शीघ्रपतन-वीर्य का पतला पन-पेशाब के साथ ही वीर्य निकल जाना आदि विकार उत्पन्न हो जाते है इन विकारों को दूर करने के लिए आप इस चूर्ण का उपयोग करना आपके लिए हितकर है-
निम्नांकित फायदे होते हैं:-
यह रसायन के गुण से युक्त है आपकी धातु की रक्षा करता है वीर्य (Semen ) की वृधि करके आपको सामर्थवान बनाने में सक्षम है ये शरीर की पुष्टता बढाता है एक बाजीकरण योग (Vajikrn yoga ) है स्त्री सम्भोग के लिए वीर्य के उत्पादन को बढाता है इसलिए कमजोर व्यक्ति को एक बार अवस्य ही इसका प्रयोग करके इसके गुणों को जांचना और परखना चाहिए क्युकी ये किसी वरदान से कम नहीं है -
डायबिटीज (Diabetes ) के रोगियों के लिये यह चूर्ण किसी वरदान से कम नही है तथा डायबिटीज के रोगियों की सम्भोग अथवा मैथुन (Sexual intercourse ) करने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो आप इस चूर्ण के सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को दो तरफा फायदा होता है इससे प्रमेह (Gonorrhea ) की शिकायत भी दूर होती है-
जिनका वीर्य (semen ) हस्त मैथुन (Masturbation ) या अन्य अप्राकृतिक तरीके अपनाने के बाद पानी जैसा पतला हो गया हो , इस चूर्ण के सेवन करने से वीर्य शुद्ध होकर गाढ़ा और प्राकृतिक हो जाता है-
जिनके वीर्य में कोई भी विकृति हो , शुक्राणु कम हों या स्पेर्म न बन रहे हों , उन्हें इस औशधि का उपयोग जरूर करना चाहिये-
इस चूर्ण को सभी प्रकार के शुक्र दोषों (dyspermatism ) में उपयोग किया जा सकता है-
शरीर की साधारण स्वास्थ्य सुरक्षित रखने और शक्ति संचार को स्थाई बनाये रखने के लिये तथा कु-पोषणसे पीड़ित रोगियों के लिये यह एक लाभकारी औषधि है-
नोट :-आप के लिए पूरे जाड़े में सेवन करने के लिए उपयुक्त चूर्ण है ..! गर्मी में इसकी मात्रा आधी ले और दूध आधा लीटर गाय का हो तो उत्तम है
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छींकने की समस्या से राहत के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies) (For Sneezing)

छींकना (Sneezing), भले ही आपको परेशान करता हो लेकिन, यह वास्तव में आपको कई तरह की एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है। छींकने से शरीर के अंदर मौजूद कई हानिकारक एलर्जी वाले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे छींकने की प्रक्रिया एक
सुरक्षा तंत्र की तरह काम करती है।
छींक आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- धुआं, धूल-मिट्टी, सब्जी का तेज छौंक या किसी चीज की तेज गंध। इसके अलावा ठंड के मौसम में, नमी या तापमान में गिरावट, किसी खाने से एलर्जी या किसी दवा से रिएक्शन।
वजह चाहें जो भी हो, एक दो या तीन छींक आना तो सामान्य है लेकिन यदि आपको एक साथ कई छींकें आती हैं, इतनी कि आप परेशान हो जाते हैं और यह रोज की ही बात है, तो फिर इस बारे में आपको सावधानी की ख़ास जरूरत है।
छींकने की समस्या से निजात के लिए हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपको छींकने से राहत मिलेगी।
छींकने की समस्या से राहत के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Sneezing)
1.पेपरमिंट तेल (Peppermint Oil)
यदि जुकाम या नाक में किसी परेशानी के वजह से आपको छींक आ रही हैं तो इसके निदान के लिए पेपरमिंट तेल बढ़िया उपाय है। पेपरमिंट तेल में जीवाणुरोधी (Anti-becterial) गुण होते हैं। उपचार के लिए किसी बड़े बर्तन में पानी को उबालकर उसमें पेपरमिंट तेल की 5 बूंदें डालें। एक तौलिये से सिर को ढक कर इस पानी की भाप लें। इस विधि से आपको छींक आने से राहत मिलेगी।
2.सौंफ की चाय (Fennel Tea)
सौंफ छींकने से राहत के साथ ही कई सांस संबंधी संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखती है। सौंफ में भी कई एंटीबायोटिक (Anti-biotic) और एंटी वायरल (Anti-viral) गुण होते हैं। उपचार के लिए एक कप पानी उबालकर उसमें दो चम्मच सौंफ को कुचलकर डालें। तकरीबन दस मिनट पानी को कवर करके रख दें और उसके बाद छानकर पीएं। इस तरह की चाय को दिन में दो बार पीएं।
3 काली मिर्च (Black Pepper)
गुनगुने पानी में आधा चम्मच काली मिर्च डालकर यह मिश्रण दिन में दो से तीन बार पीएं। काली मिर्च का पाउडर डालकर गरारे भी किए जा सकते हैं। इसके अलावा सूप आदि में भी काली मिर्च डालकर पीना, लाभदायक होता है।
4 अदरक (Ginger)
अदरक छींकने की समस्या के साथ ही विभिन्न तरह के वायरल और नाक की अन्य समस्याओं के लिए बेहद पुराना और असरदायक उपाय है। एक कप पानी में थोडा़ सा अदरक डालकर उबालें। इसे गुनगुना रहने पर शहद मिलकार पीएं। इसके अलावा कच्चा अदरक या अदरक की चाय भी पी जा सकती
5 लहसुन (Garlic)
लहसुन में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो कि श्वसन संबंधी संक्रमण (Respiratory Infection) को ठीक करते हैं। यदि सर्दी के आम संक्रमण की वजह से छींके आ रही हैं तो लहसुन आपको बहुत आराम दे सकता है। उपचार के लिए पांच से छह लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे सूंघें। दाल सब्जी बनाने में भी लहसुन का प्रयोग करें साथ ही सूप बनाने में भी लहसुन की उच्च मात्रा डालें।
6 अजवायन (Carom Seed Oil)
अजवायन की पत्ती के तेल में जीवाणओं से लड़ने की तेज क्षमता होती है जो कि एलर्जी को ठीक करने में मदद करती है। उपचार के लिए अजवायन के तेल की दो से तीन बूंद रोजाना इसतेमाल करने से साइनस की समस्या से भी निजात संभव है।
Chetan Shekhawat's photo.

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" स्वर्ग " " नर्क " "Heaven" "Hell"

एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ सड़क पर चल रहा था, जब वे एक विशालकाय पेड़ के पास से गुज़र रहे थे तब उनपर आसमान से बिजली गिरी और वे तीनों तत्क्षण मर गए। लेकिन उन तीनों को यह प्रतीत नहीं हुआ कि वे अब जीवित नहीं है और वे चलते ही रहे, कभी-कभी मृत प्राणियों को अपना शरीरभाव छोड़ने में समय लग जाता है।
उनकी यात्रा बहुत लंबी थी, आसमान में सूरज ज़ोरों से चमक रहा था। वे पसीने से तरबतर और बेहद प्यासे थे, वे पानी की तलाश करते रहे सड़क के मोड़ पर उन्हें एक भव्य द्वार दिखाई दिया जो पूरा संगमरमर का बना हुआ था। द्वार से होते हुए वे स्वर्ण मढ़ित एक अहाते में आ पहुंचे, अहाते के बीचोंबीच एक फव्वारे से आईने की तरह साफ़ पानी निकल रहा था।
यात्री ने द्वार की पहरेदारी करनेवाले से कहा: “नमस्ते, यह सुन्दर जगह क्या है ?
पहरेदार ने कहा :“यह स्वर्ग है”.
यात्री : “कितना अच्छा हुआ कि हम चलते-चलते स्वर्ग आ पहुंचे, हमें बहुत प्यास लगी है.”
पहरेदार :“तुम चाहे जितना पानी पी सकते हो”.
यात्री: “मेरा घोड़ा और कुत्ता भी प्यासे हैं”.
पहरेदार: “माफ़ करना लेकिन यहाँ जानवरों को पानी पिलाना मना है”
यात्री को यह सुनकर बहुत निराशा हुई, वह खुद बहुत प्यासा था लेकिन अकेला पानी नहीं पीना चाहता था। उसने पहरेदार को धन्यवाद दिया और अपनी राह चल पड़ा। आगे और बहुत दूर तक चलने के बाद वे एक बगीचे तक पहुंचे जिसका दरवाज़ा जर्जर था और भीतर जाने का रास्ता धूल से पटा हुआ था।
भीतर पहुँचने पर उसने देखा कि एक पेड़ की छाँव में एक आदमी अपने सर को टोपी से ढंककर सो रहा था। “नमस्ते” – यात्री ने उस आदमी से कहा – “मैं, मेरा घोड़ा और कुत्ता बहुत प्यासे हैं. क्या यहाँ पानी मिलेगा?”
उस आदमी ने एक ओर इशारा करके कहा – “वहां चट्टानों के बीच पानी का एक सोता है, जाओ जाकर पानी पी लो”
यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ वहां पहुंचा और तीनों ने जी भर के अपनी प्यास बुझाई, फिर यात्री उस आदमी को धन्यवाद कहने के लिए आ गया ।
“यह कौन सी जगह है?”
“यह स्वर्ग है”.
“स्वर्ग ? इसी रास्ते में पीछे हमें एक संगमरमरी अहाता मिला, उसे भी वहां का पहरेदार स्वर्ग बता रहा था!”
“नहीं-नहीं, वह स्वर्ग नहीं वह तो नर्क है”
यात्री अब अपना आपा खो बैठा. उसने कहा - “भगवान के लिए ये सब कहना बंद करो! मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब क्या है!”
आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा – “नाराज़ न हो भाई, संगमरमरी स्वर्ग वालों का तो हमपर बड़ा उपकार है, वहां वे सभी लोग रुक जाते हैं जो अपने भले के लिए अपने सबसे अच्छे दोस्तों को भी छोड़ सकते हैं”
सार: कभी भी अपने भले या फायदे के लिए अपने कमजोर साथी, सम्बन्धी या रिश्तेदारों को बीच रास्ते में ना छोड़ दे बल्कि जहाँ तक बन सकें उनका साथ दे और उनको साथ लेकर चले ।
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नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये

 1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?  जब आप लिफ़्ट में...