विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
नारियल का तेल 100 ग्राम, कपूर 5 ग्राम दोनों को मिलाकर शीशी में रख ले। दिन में दो बार स्नान के बाद केश सूख जाने और रात में सोने से पहले सर पर खूब मालिश करे। दुसरे ही दिन से लाभ मिलना शुरू होगा।
तोला एक कपूर ले, पाव नारियल तेल। शीशी में रख लीजिये, कर के दोनों का मेल। त्रिफला से सर धोय के, तेल लगाये जोय। केश बढे अरु नर्म हो, सर में ठंडक होय।।
१...अजवाइन बारह ग्राम सोंठ ,छ: ग्राम काला नमक तीन ग्राम कूट छान लें | तीन- तीन ग्राम गरम पानी से प्रात : सायं ले| इससे पेट दर्द और आफरा ठीक हो जाता हें | २...अजवायन तीन ग्राम नमक लाहोरी एक ग्राम को ( दोनों पीसकर ) गरम पानी से लें | इससे पेट दर्द निवारण होता हें | ३....कमलककड़ी के चूरन को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर कमर दरद में आराम मिलता हें| ४....तारपीन के तेल तथा तिल का तेल सममात्रा में मिलाकर गर्दन - कंधे पर सावधानीपूर्वक मालिश करे | इससे गर्दन -कंधे के दर्द का निवारण होता हें | ५....गायें की पतली छाछ दिन में दो-तीन बार पीये | जिगर की बढ़ी हुई गरमी को दूर करने के लिए चमत्कारी दवा हें| ६..एसिडिटी की तकलीफ हें तो समान मात्रा में लेकर अजवायन और जीरा को एक साथ भुन लें | फिर इस मिश्रण को पानी में उबालकर छान ले| इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पीये, एसिडिटी में राहत मिलेगी | ( वन टी स्पून ) ७...गेस रोग पर नुस्खा :- अजवाइन सौ ग्राम , निम्बू का रस चार सौ ग्राम, काला नमक पच्चीस ग्राम | नीबूं के रस में अजवाइन और नमक को चौड़े मुँह वाले शीशे या चीनी मिटटी के पात्र में डालकर सुरक्षित रखें | कुछ दिनों में निम्बू का रस सुख जायेगा , तब इस दवा का सेवन शुरु कर दें| रात मं सोने से पहले इस दवा की तीन ग्राम मात्रा पानी से लें| गेस की सारी शिकायत इस प्रयोग से दूर हो जाती हें| ८...पेट फूलने पर निवारक :--सोंफ को पानी में रात्रि के समय भिगो दें और उस सोंफ के पानी को थोडा -सा दूध मिलाकर पिलाते रहें,| इस प्रयोग को करने से पेट फूलना बंद हो जाता हें | ९...आफरा नाशक प्रयोग :-- एक चम्मच ( tea spoon ) पोदीने का रस , दो चम्मच शहद , एक चम्मच निम्बू का रस - एक साथ मिलाकर पीने से आफरा खत्म हो जाता हें| १०....एक चम्मच आंवला के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पर्तिदिन दो बार पीने से पेट का अल्सर ठीक होता हें | ११...ज्यादा पेशाब निवारक नूस्खा :-- कुछ लोगों को पेशाब ज्यादा आता हें और वह उससे परेशान होते हें और कुछ समय आत सोते में उन का पेशाब पर निकल आता हें उन लोगों के लिए बेहतर हें कि वह तिलों में शक्कर या गुड मिलाकर चालीस ग्राम मात्रा तक हर रोज़ चबा-चबा कर खाएं| वह बीमारी दूर हो जायेगी | १२...गठिया निवारक प्रयोग :-- कपूर दस ग्राम , तिल का तेल चार सौ ग्राम | दोनों को एक शीशी में भरकर कसकर कार्क लगाकर धुप में सुबह रख दे | जब दोनों वस्तुएं मिलकर एकजान हो जाए , तब काम में लाये | इस तेल की मालिश से गठिया और अन्य वात - विकार अल्पसमय में ही ठीक हो जाते हें | १३....नासूर निवारक प्रयोग :-- पुराना शहद घाव में भरकर ऊपर से पट्टी बाँध दें | कुछ ही दिन में नासूर ठीक हो जाता हें |
परेशान आज का युवा खान-पान और मिलावटी सामान के सेवन से नपुंसकता (Impotence ) जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहा है आये दिन हमें कई लोगो के इसकी जानकारी के लिए प्रश्न आते है इस प्रकार के नवजवानों के लिए आयुर्वेद द्वारा एक विशेष चूर्ण का निर्मार्ण करके आप लाभ ले सकते है एक बार इस्तेमाल करके इस दिव्य चूर्ण का लाभ अवस्य उठाये - बस आप इसे घर पे सारी सामग्री लाके निर्माण करे - बाजार में हो सकता है आपको सही प्राप्त न हो सके और फिर आपका विश्वास आयुर्वेद से न उठ जाए -
कैसे बनाये (How to make it ):-
कोंच के बीज शुद्ध- 50 ग्राम
असगंध- 50 ग्राम
विदारीकन्द- 50 ग्राम
मूसली- 50 ग्राम
मोचरस- 50 ग्राम
गोखरू- 50 ग्राम
जायफल- 50 ग्राम
उडद की दाल- 50 ग्राम (घी में भुनी हुई )
बंशलोचन- 50 ग्राम
सेमर के फूल- 50 ग्राम
खरेंटी- 50 ग्राम
सतावर- 50 ग्राम
भांग- 50 ग्राम ( पानी से धुली और फिर सुखाई हुई )
मिश्री- 700 ग्राम
आप बाजार में आयुर्वेद पंसारी से लाई गई उपरोक्त सभी उपरोक्त सामान को कूटकर छान ले ओर आपस में मिक्स करके कांच के बर्तन में ढक्कन लगाकर रख ले -
मात्रा और अनुपान (Volume and dose ):-
आप इसे प्रातः और रात्री में सोने से एक घंटा पहले 3-6 ग्राम पानी से या गाय के दूध से ले-
गुण ओर उपयोग (Properties and use ):-
आपके शरीर के लिए यह चूर्ण पोष्टिक रसायन है इसके सेवन से बल ओर वीर्य की वृद्धि होती है- अत्यधिक स्त्री प्रसंग या किशोरावस्था में अप्राकृतिक ढंग से वीर्य का ज्यादा दुरूपयोग करने से वीर्य पतला हो जाता है तथा शुक्रवाहिनी शिराएं भी कमजोर हो जाती है ओर फिर वे वीर्य धारण करने में सफल नहीं हो पाती है - जिसके परिणाम स्वरूप स्वप्नदोष-शीघ्रपतन-वीर्य का पतला पन-पेशाब के साथ ही वीर्य निकल जाना आदि विकार उत्पन्न हो जाते है इन विकारों को दूर करने के लिए आप इस चूर्ण का उपयोग करना आपके लिए हितकर है-
निम्नांकित फायदे होते हैं:-
यह रसायन के गुण से युक्त है आपकी धातु की रक्षा करता है वीर्य (Semen ) की वृधि करके आपको सामर्थवान बनाने में सक्षम है ये शरीर की पुष्टता बढाता है एक बाजीकरण योग (Vajikrn yoga ) है स्त्री सम्भोग के लिए वीर्य के उत्पादन को बढाता है इसलिए कमजोर व्यक्ति को एक बार अवस्य ही इसका प्रयोग करके इसके गुणों को जांचना और परखना चाहिए क्युकी ये किसी वरदान से कम नहीं है -
डायबिटीज (Diabetes ) के रोगियों के लिये यह चूर्ण किसी वरदान से कम नही है तथा डायबिटीज के रोगियों की सम्भोग अथवा मैथुन (Sexual intercourse ) करने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो आप इस चूर्ण के सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को दो तरफा फायदा होता है इससे प्रमेह (Gonorrhea ) की शिकायत भी दूर होती है-
जिनका वीर्य (semen ) हस्त मैथुन (Masturbation ) या अन्य अप्राकृतिक तरीके अपनाने के बाद पानी जैसा पतला हो गया हो , इस चूर्ण के सेवन करने से वीर्य शुद्ध होकर गाढ़ा और प्राकृतिक हो जाता है-
जिनके वीर्य में कोई भी विकृति हो , शुक्राणु कम हों या स्पेर्म न बन रहे हों , उन्हें इस औशधि का उपयोग जरूर करना चाहिये-
इस चूर्ण को सभी प्रकार के शुक्र दोषों (dyspermatism ) में उपयोग किया जा सकता है-
शरीर की साधारण स्वास्थ्य सुरक्षित रखने और शक्ति संचार को स्थाई बनाये रखने के लिये तथा कु-पोषणसे पीड़ित रोगियों के लिये यह एक लाभकारी औषधि है-
नोट :-आप के लिए पूरे जाड़े में सेवन करने के लिए उपयुक्त चूर्ण है ..! गर्मी में इसकी मात्रा आधी ले और दूध आधा लीटर गाय का हो तो उत्तम है
छींकना (Sneezing), भले ही आपको परेशान करता हो लेकिन, यह वास्तव में आपको कई तरह की एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है। छींकने से शरीर के अंदर मौजूद कई हानिकारक एलर्जी वाले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे छींकने की प्रक्रिया एक
सुरक्षा तंत्र की तरह काम करती है।
छींक आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- धुआं, धूल-मिट्टी, सब्जी का तेज छौंक या किसी चीज की तेज गंध। इसके अलावा ठंड के मौसम में, नमी या तापमान में गिरावट, किसी खाने से एलर्जी या किसी दवा से रिएक्शन।
वजह चाहें जो भी हो, एक दो या तीन छींक आना तो सामान्य है लेकिन यदि आपको एक साथ कई छींकें आती हैं, इतनी कि आप परेशान हो जाते हैं और यह रोज की ही बात है, तो फिर इस बारे में आपको सावधानी की ख़ास जरूरत है।
छींकने की समस्या से निजात के लिए हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपको छींकने से राहत मिलेगी।
छींकने की समस्या से राहत के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Sneezing)
1.पेपरमिंट तेल (Peppermint Oil) यदि जुकाम या नाक में किसी परेशानी के वजह से आपको छींक आ रही हैं तो इसके निदान के लिए पेपरमिंट तेल बढ़िया उपाय है। पेपरमिंट तेल में जीवाणुरोधी (Anti-becterial) गुण होते हैं। उपचार के लिए किसी बड़े बर्तन में पानी को उबालकर उसमें पेपरमिंट तेल की 5 बूंदें डालें। एक तौलिये से सिर को ढक कर इस पानी की भाप लें। इस विधि से आपको छींक आने से राहत मिलेगी।
2.सौंफ की चाय (Fennel Tea) सौंफ छींकने से राहत के साथ ही कई सांस संबंधी संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखती है। सौंफ में भी कई एंटीबायोटिक (Anti-biotic) और एंटी वायरल (Anti-viral) गुण होते हैं। उपचार के लिए एक कप पानी उबालकर उसमें दो चम्मच सौंफ को कुचलकर डालें। तकरीबन दस मिनट पानी को कवर करके रख दें और उसके बाद छानकर पीएं। इस तरह की चाय को दिन में दो बार पीएं।
3 काली मिर्च (Black Pepper) गुनगुने पानी में आधा चम्मच काली मिर्च डालकर यह मिश्रण दिन में दो से तीन बार पीएं। काली मिर्च का पाउडर डालकर गरारे भी किए जा सकते हैं। इसके अलावा सूप आदि में भी काली मिर्च डालकर पीना, लाभदायक होता है।
4 अदरक (Ginger) अदरक छींकने की समस्या के साथ ही विभिन्न तरह के वायरल और नाक की अन्य समस्याओं के लिए बेहद पुराना और असरदायक उपाय है। एक कप पानी में थोडा़ सा अदरक डालकर उबालें। इसे गुनगुना रहने पर शहद मिलकार पीएं। इसके अलावा कच्चा अदरक या अदरक की चाय भी पी जा सकती
5 लहसुन (Garlic) लहसुन में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो कि श्वसन संबंधी संक्रमण (Respiratory Infection) को ठीक करते हैं। यदि सर्दी के आम संक्रमण की वजह से छींके आ रही हैं तो लहसुन आपको बहुत आराम दे सकता है। उपचार के लिए पांच से छह लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे सूंघें। दाल सब्जी बनाने में भी लहसुन का प्रयोग करें साथ ही सूप बनाने में भी लहसुन की उच्च मात्रा डालें।
6 अजवायन (Carom Seed Oil) अजवायन की पत्ती के तेल में जीवाणओं से लड़ने की तेज क्षमता होती है जो कि एलर्जी को ठीक करने में मदद करती है। उपचार के लिए अजवायन के तेल की दो से तीन बूंद रोजाना इसतेमाल करने से साइनस की समस्या से भी निजात संभव है।
एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ सड़क पर चल रहा था, जब वे एक विशालकाय पेड़ के पास से गुज़र रहे थे तब उनपर आसमान से बिजली गिरी और वे तीनों तत्क्षण मर गए। लेकिन उन तीनों को यह प्रतीत नहीं हुआ कि वे अब जीवित नहीं है और वे चलते ही रहे, कभी-कभी मृत प्राणियों को अपना शरीरभाव छोड़ने में समय लग जाता है।
उनकी यात्रा बहुत लंबी थी, आसमान में सूरज ज़ोरों से चमक रहा था। वे पसीने से तरबतर और बेहद प्यासे थे, वे पानी की तलाश करते रहे सड़क के मोड़ पर उन्हें एक भव्य द्वार दिखाई दिया जो पूरा संगमरमर का बना हुआ था। द्वार से होते हुए वे स्वर्ण मढ़ित एक अहाते में आ पहुंचे, अहाते के बीचोंबीच एक फव्वारे से आईने की तरह साफ़ पानी निकल रहा था।
यात्री ने द्वार की पहरेदारी करनेवाले से कहा: “नमस्ते, यह सुन्दर जगह क्या है ? पहरेदार ने कहा :“यह स्वर्ग है”. यात्री : “कितना अच्छा हुआ कि हम चलते-चलते स्वर्ग आ पहुंचे, हमें बहुत प्यास लगी है.” पहरेदार :“तुम चाहे जितना पानी पी सकते हो”. यात्री: “मेरा घोड़ा और कुत्ता भी प्यासे हैं”. पहरेदार: “माफ़ करना लेकिन यहाँ जानवरों को पानी पिलाना मना है”
यात्री को यह सुनकर बहुत निराशा हुई, वह खुद बहुत प्यासा था लेकिन अकेला पानी नहीं पीना चाहता था। उसने पहरेदार को धन्यवाद दिया और अपनी राह चल पड़ा। आगे और बहुत दूर तक चलने के बाद वे एक बगीचे तक पहुंचे जिसका दरवाज़ा जर्जर था और भीतर जाने का रास्ता धूल से पटा हुआ था।
भीतर पहुँचने पर उसने देखा कि एक पेड़ की छाँव में एक आदमी अपने सर को टोपी से ढंककर सो रहा था। “नमस्ते” – यात्री ने उस आदमी से कहा – “मैं, मेरा घोड़ा और कुत्ता बहुत प्यासे हैं. क्या यहाँ पानी मिलेगा?”
उस आदमी ने एक ओर इशारा करके कहा – “वहां चट्टानों के बीच पानी का एक सोता है, जाओ जाकर पानी पी लो”
यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ वहां पहुंचा और तीनों ने जी भर के अपनी प्यास बुझाई, फिर यात्री उस आदमी को धन्यवाद कहने के लिए आ गया ।
“यह कौन सी जगह है?” “यह स्वर्ग है”. “स्वर्ग ? इसी रास्ते में पीछे हमें एक संगमरमरी अहाता मिला, उसे भी वहां का पहरेदार स्वर्ग बता रहा था!”
“नहीं-नहीं, वह स्वर्ग नहीं वह तो नर्क है”
यात्री अब अपना आपा खो बैठा. उसने कहा - “भगवान के लिए ये सब कहना बंद करो! मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब क्या है!”
आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा – “नाराज़ न हो भाई, संगमरमरी स्वर्ग वालों का तो हमपर बड़ा उपकार है, वहां वे सभी लोग रुक जाते हैं जो अपने भले के लिए अपने सबसे अच्छे दोस्तों को भी छोड़ सकते हैं”
सार: कभी भी अपने भले या फायदे के लिए अपने कमजोर साथी, सम्बन्धी या रिश्तेदारों को बीच रास्ते में ना छोड़ दे बल्कि जहाँ तक बन सकें उनका साथ दे और उनको साथ लेकर चले ।
उपाय :- सौठ , हींग , काला नमक , जीरा , अजवायन , सेंधा नमक सभी को समान मात्रा में लेकर कूट - पीसकर चूरन बना ले | अब तीन ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण को ताज़ा जल से दिन में २-३ बार लेते रहने से पेट की गेस से राहत मिलती हें |
उपाय :- हरी सौफ पचास ग्राम , काला नमक दस ग्राम , काली मिर्च पांच ग्राम तीनो को बारीक़ चूरन बनाकर शीशी में भर ले | अब लंच व डिनर दोनों भोजन करने के बाद सुबह शाम दोनों समय पांच- पांच ग्राम इसे गरम पानी से ले |
सफेद मूसली एक शक्तिवर्धक जड़ी बूटी है जो कि ज्यादातर यौन क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रयोग की जाती है ! मगर ऐसा नहीं है कि इसका केवल एक ही काम हो ... ? यह अन्य औषधीय गुणों से भी भरी हुई होती है ! मूसली में फिनोल - फ्रंक्टैंस - स्टेरायडल सैपोनिन्स - एसिटीलेटेड मननांस और प्रोटीन जैसे रासायनिक यौगिक होते हैं !
सफेद मूसली सुखा कर इसका चूर्ण दूध के साथ खाया जाए तो एक महीने के अंदर ही फायदा दिखना शुरु हो जाता है !
* यह शरीर की थकान मिटा कर ताकत बढ़ाने के लिये भी फायदेमंद है !
* यह पेशाब में जलन - गठिया - कैंसर - मधुमेह - एंटी - एजिंग दवा - स्तनपान करवाने वाली माताओं में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिये और यहां तक कि बॉडी बिल्डिंग सप्पलीमेंट के रूप में भी प्रयोग की जाती है !
# यह कैसे काम करती है .... ? सफेद मूसली में ऐसे रसायन होते हैं जो शरीर पर असर करते हैं - मूसली में एंटी - इन्फ्लैमटोरी जैसे गुण हैं जो यौन क्षमता को बढा सकती है !
* पेशाब में जलन :- दूध में सफेद मूसली की जड़ों के चूर्ण के साथ इलायची मिला - दूध उबाल रोगी को दिन में दो बार पीने को दें !
* पथरी :- इंद्रायण की सूखी जड़ का चूर्ण और सफेद मूसली की जड़ों का चूर्ण बना - रोज सुबह मरीज़ को एक गिलास पानी में इन दोनों चूर्णों की एक एक ग्राम खुराक मिला कर 7 दिनों तक पिलाएं ! इस से पथरी गल कर बाहर निकल जाएगी !
* बदन दर्द और थकान :- सफेद मूसली की जड़ों का चूर्ण बना कर रोजाना सेवन करें - इससे शरीर में शक्ति आएगी और आपका मूड भी अच्छा बनेगा ! यह शरीर में खून के संचालन को तेज करती है जिससे शरीर एक्टिव बना रहता है
* टेस्टोस्टेरोन लेवल बढाए :- यह एक मेल हार्मोन होता है जो सेक्स क्षमता से संबन्धित है - मूसली टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ा कर यौन इच्छा की कमी को पूरी करती है !
* महिलाओं के लिये :- यह महिलाओं में यौन इच्छा में आई कमी को बढ़ाती है और Vagina का सूखापन भी खत्म करती है !
* बांझपन :- बांझपन के लिये यह बहुत अच्छी है क्योंकि इससे स्पर्म काउंट - वीर्य की मात्रा बढ़ती है और बांझपन दूर होता है !
(1) दो नीबू –इन्हें अच्छे से साफ़ करके महीन स्लाइस में काट लें (2) 2 इंच लम्बे अदरक का टुकड़ा इसे भी अच्छे से साफ़ करके महीन स्लाइस में काट लें (3) दाल चीनी पाउडर 10 ग्राम (दो चम्मच ) (4) शहद आवश्यकतानुसार निर्माण विधि ----- किसी कांच के चौड़े मुह के बर्तन में सबसे पहले नीबू और अदरक की स्लाइस की तह लगाये अब दालचीनी पाउडर डाल दे ...अब धीरे धीरे इस सामग्री पर इतना शहद डाले की यह पूरी सामग्री को कवर कर ले ..इसे हिलाए नहीं कुछ समय बाद और शहद डालने की आवश्यकता होगी क्योंकि थोडा शहद कुछ देर बाद दालचीनी द्वारा सोख लिया जायेगा .एक्स्ट्रा शहद डालने के बाद जार को बंद करके रख दे .चाहे तो फ्रिज में रख लें ... तीन चार दिन में ये जेली जैसा बन जायेगा ..चाहे तो तुलसी और पुदीने की पत्तियां भी ad कर लें ......................... उपयोग विधि – दो कप गरम पानी में एक चम्मच जेली डालें और चाय की तरह पिए ..
लाभ --- जितना आसान इसका बनाना है उससे कई गुना ज्यादा इसके फायदे हैं .. गले की खराश, टोंसिल, जुकाम, इन्फेक्शन. भूख कम लगना, सर दर्द, भोजन के प्रति अरुचि, शारीरिक स्फूर्ति मूड अपसेट हो जाना .. आदि में बहुत लाभकारी है. गैस और उच्च रक्तचाप में भी लाभकारी है.