शादी के तीसरे दिन ही बीएड का इम्तेहान देने जाना था उसे। रात भर ठीक से सो भी नहीं पायी थी। किताब के पन्नों को पलटते हुए कब भोर हुई पता भी नहीं चला। हल्का उजाला हुआ तो रितु जगाने के लिए आ गयी। बहुत मेहमान थे, तो सबके जागने से पहले ही दुल्हन नहा ले। नहीं तो फिर आंगन में भीड़ बढ़ जाएगी। सबके सामने सब गीले बाल, सिर पर पल्लू लिए बिना थोड़े निकलेगी। नहा कर रूम मे बैठ कर फिर किताब में खो गयी। मुँह-दिखाई के लिए दो-चार औरतें आयी थी। सब मुँह देख कर हाथों में मुड़े-तुड़े कुछ पचास के नोट और सिक्के दे कर बैठ गयी ओसारा पर।
घड़ी में देखा तो साढ़े आठ बज़ रहे थे। नौ बजे निकलना था। तैयार होने के लिए आईने के सामने साड़ी ले कर खड़ी हो गयी। चार-पाँच बार बांधने की कोशिश की मगर ऊपर-नीचे होते हुए वो बंध न पाया। साड़ी पकड़ कर रुआंसी सी हो कर बैठ गयी। "अम्मा को बोला था शादी नहीं करो मेरी अभी। इम्तेहान दे देने दो। मेरा साल बर्बाद हो जायेगा मगर मेरी एक न सुनी। नौकरी वाला दूल्हा मिला नहीं की बोझ समझ कर मुझे भेज दिया। " आंसू पोछतें हुए बुदबुदा रही थी।
"तैयार नहीं हुई। बाहर गाड़ी आ गयी है। जल्दी करो न।" दूल्हे मियां कमरे में आते हुए बोले। वो चुप-चाप बिना कुछ बोले साड़ी लपेटने लगी। इतने में पीछे से सासु माँ कमरे में कुछ लेने आयी। दुल्हिन को यूँ साड़ी लिए खड़ी देख कर माज़रा समझ में आ गया। वो कमरे से बाहर आ कर रितु को आवाज़ लगा कर कुछ लाने को बोली।
"दुल्हिन सुना ई पहिन कर जा परीछा देने। माथा पर ओढ़नी रख लिया। कुछो न होइ। आ जे लोग कुछो बोली त कल जब तू मास्टरनी बन जएबा त सब के मुँह अपने बंद हो जाई।" अपनी बेटी वाला सूट-सलवार पुतौह को देते हुए बोली। उसने भीगी नज़रों से सास को देखा।
सासु माँ सिर पर हाथ फेरते हुए कमरे से निकल गयी। पीछे से आईने में मुस्कुराते हुए दूल्हे मियाँ अपनी दुल्हन को देखने लगे....
विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
पराया घर strange house
पराया घर strange house
पराया घर
शादी के तीसरे दिन ही बीएड का इम्तेहान देने जाना था उसे। रात भर ठीक से सो भी नहीं पायी थी। किताब के पन्नों को पलटते हुए कब भोर हुई पता भी नहीं चला। हल्का उजाला हुआ तो रितु जगाने के लिए आ गयी। बहुत मेहमान थे, तो सबके जागने से पहले ही दुल्हन नहा ले। नहीं तो फिर आंगन में भीड़ बढ़ जाएगी। सबके सामने सब गीले बाल, सिर पर पल्लू लिए बिना थोड़े निकलेगी। नहा कर रूम मे बैठ कर फिर किताब में खो गयी। मुँह-दिखाई के लिए दो-चार औरतें आयी थी। सब मुँह देख कर हाथों में मुड़े-तुड़े कुछ पचास के नोट और सिक्के दे कर बैठ गयी ओसारा पर।
घड़ी में देखा तो साढ़े आठ बज़ रहे थे। नौ बजे निकलना था। तैयार होने के लिए आईने के सामने साड़ी ले कर खड़ी हो गयी। चार-पाँच बार बांधने की कोशिश की मगर ऊपर-नीचे होते हुए वो बंध न पाया। साड़ी पकड़ कर रुआंसी सी हो कर बैठ गयी। "अम्मा को बोला था शादी नहीं करो मेरी अभी। इम्तेहान दे देने दो। मेरा साल बर्बाद हो जायेगा मगर मेरी एक न सुनी। नौकरी वाला दूल्हा मिला नहीं की बोझ समझ कर मुझे भेज दिया। " आंसू पोछतें हुए बुदबुदा रही थी।
"तैयार नहीं हुई। बाहर गाड़ी आ गयी है। जल्दी करो न।" दूल्हे मियां कमरे में आते हुए बोले। वो चुप-चाप बिना कुछ बोले साड़ी लपेटने लगी। इतने में पीछे से सासु माँ कमरे में कुछ लेने आयी। दुल्हिन को यूँ साड़ी लिए खड़ी देख कर माज़रा समझ में आ गया। वो कमरे से बाहर आ कर रितु को आवाज़ लगा कर कुछ लाने को बोली।
"दुल्हिन सुना ई पहिन कर जा परीछा देने। माथा पर ओढ़नी रख लिया। कुछो न होइ। आ जे लोग कुछो बोली त कल जब तू मास्टरनी बन जएबा त सब के मुँह अपने बंद हो जाई।" अपनी बेटी वाला सूट-सलवार पुतौह को देते हुए बोली। उसने भीगी नज़रों से सास को देखा।
सासु माँ सिर पर हाथ फेरते हुए कमरे से निकल गयी। पीछे से आईने में मुस्कुराते हुए दूल्हे मियाँ अपनी दुल्हन को देखने लगे।
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असमय सफ़ेद हुए बालों को प्राकृतिक विधि से काला करने का अचूक नुस्खा The perfect recipe to darken untimely gray hair naturally.
The perfect recipe to darken untimely gray hair naturally.
सामग्री :
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500 ग्राम सूखा आंवला
200 ग्राम शहद
200 ग्राम मिश्री और 2 लीटर पानी।
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500 ग्राम सूखा आंवला
200 ग्राम शहद
200 ग्राम मिश्री और 2 लीटर पानी।
विधि :
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आंवले को कूटकर रात को 2 ली. पानी में भिगो दें। सुबह इसे मसलकर छान लें। इस छाने पानी में शहद और मिश्री मिलाकर बोतल में भरकर रख दें।
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आंवले को कूटकर रात को 2 ली. पानी में भिगो दें। सुबह इसे मसलकर छान लें। इस छाने पानी में शहद और मिश्री मिलाकर बोतल में भरकर रख दें।
सेवन विधि :
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प्रातः - सायं 20-20 मिली. भोजन के बाद लें ।
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प्रातः - सायं 20-20 मिली. भोजन के बाद लें ।
लाभ :
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इसके सेवन से पेट की गर्मी एवं कब्ज मिट जाती है, दिमागी चेतना बढ़ती है तथा उम्र से पहले आये सफेद बाल काले होने लगते हैं।
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इसके सेवन से पेट की गर्मी एवं कब्ज मिट जाती है, दिमागी चेतना बढ़ती है तथा उम्र से पहले आये सफेद बाल काले होने लगते हैं।
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सुबह को खाली पेट चूना खाओ " चूना अमृत है " Eat lime in the morning on an empty stomach "Lime is nectar"

चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर
देते है ।
देते है ।
जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने जॉन्डिस
उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;
उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है ।
और ये ही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है -
■ अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो
साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और
जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना ।
साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और
जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना ।
■ बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है -
■ गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए,
दही नही है तो दाल में मिला के खाओ,
दाल नही है तो पानी में मिला के पियो - इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छा होता है ।
■ जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है मतिमंद बच्चे
उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना
उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना
■ जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है हर चीज
उनकी स्लो है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से अच्छे
हो जायेंगे ।
उनकी स्लो है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से अच्छे
हो जायेंगे ।
■ बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है चूना ।
हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक धर्म बंध हुआ उनकी सबसे
अच्छी दवा है चूना;
अच्छी दवा है चूना;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन खाना दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में घोल के पीना ।
जब कोई माँ गर्भावस्था में है तो चूना रोज खाना चाहिए
क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है ।
■ गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए
अनार के रस में - अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये
तो चार फायदे होंगे -
■ पहला फायदा :-
माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगा,
माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगा,
■ दूसरा :-
बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त
होगा ,
बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त
होगा ,
■ तीसरा फ़ायदा :-
बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया ,
बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया ,
■ चौथा सबसे बड़ा लाभ :-
बच्चा बहुत होशियार होता है बहुत Intelligent और Brilliant होता है उसका IQ बहुत अच्छा होता है ।
बच्चा बहुत होशियार होता है बहुत Intelligent और Brilliant होता है उसका IQ बहुत अच्छा होता है ।
चूना घुटने का दर्द ठीक करता है , ■ कमर का दर्द ठीक करता है ,
■ कंधे का दर्द ठीक करता है,
■ कंधे का दर्द ठीक करता है,
■ एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis वो चुने से ठीक होता है ।
कई बार हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके होते है उसमे दुरी बढ़ जाती है Gap आ जाता है - ये चूना ही ठीक करता है
उसको; रीड़ की हड्डी की सब बीमारिया चूने से ठीक होता है ।
अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने में है ।
चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।
■ मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है ,
■ मुंह में अगर छाले हो गए है
तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता है ।
तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता है ।
■ शरीर में जब खून कम हो जाये तो चूना जरुर लेना चाहिए ,
■ एनीमिया है खून की कमी है उसकी सबसे अच्छी दवा है ये चूना ,
चूना पीते रहो गन्ने के रस में , या संतरे के रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस में - अनार के रस में चूना पिए खून बहुत बढता है ,
बहुत जल्दी खून बनता है -
एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह
खाली पेट ।
बहुत जल्दी खून बनता है -
एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह
खाली पेट ।
भारत के जो लोग चूने से पान खाते है, बहुत होशियार लोग
है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू ज़हर है और चूना अमृत है ..
है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू ज़हर है और चूना अमृत है ..
तो चूना खाइए तम्बाकू मत खाइए और पान खाइए चूने का उसमे कत्था मत लगाइए, कत्था केन्सर करता है,
● पान में सुपारी मत डालिए ● सोंट डालिए उसमे ,
● इलाइची डालिए ,
● लौंग डालिए.
● केशर डालिए ;
ये सब डालिए पान में चूना लगा के पर तम्बाकू नही , सुपारी नही और कत्था नही ।
● इलाइची डालिए ,
● लौंग डालिए.
● केशर डालिए ;
ये सब डालिए पान में चूना लगा के पर तम्बाकू नही , सुपारी नही और कत्था नही ।
■ घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे के घुटना बदल दो तो भी जरुरत नही चूना खाते रहिये
और
हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा खाइए घुटने बहुत अच्छे काम
करेंगे ।
और
हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा खाइए घुटने बहुत अच्छे काम
करेंगे ।
अपनों का फायदा चाहते हो तो फॉरवर्ड कर और खुद इस्तमाल भी करे .
धन्यवादI
NOTE -- चूना खाने से पहले किसी आयुर्वेदिक वैध से सलाह जरूर ले
धन्यवादI
NOTE -- चूना खाने से पहले किसी आयुर्वेदिक वैध से सलाह जरूर ले
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झटपट चेहरा चमकाने के घरेलू तरीके

1. दो छोटे चम्मच बेसन में आधा छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं। इस मिश्रण में दस बूंद गुलाब जल व दस बूंद नींबू मिलाकर फेंटे। उसके बाद थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर पतला लेप बना लें। इस लेप को नहाने से पहले चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरे को धो लें।
2. आंखों के नीचे काले घेरे हों तो रोजाना आंखों के आसपास कच्चे आलू के टुकड़े से हल्के हाथों से मसाज करें। कुछ ही दिनों में काले घेरे दूर हो जाएंंगे।
3. एक चम्मच शहद लेकर उसे चेहरे पर हल्के हाथों से लगाएं। 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर चेहरा धो लें। तैलीय त्वचा हो तो शहद में चार-पांच बूंद नींबू का रस डालकर लगाएं।
4. जौ का आटा, हल्दी और सरसों का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर पर मालिश कर गर्म पानी से नहाएं। दूध में केसर मिलाकर पिएं।
5. संतरे का जूस पिएं। संतरे के छिलकों को सुखाकर पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं। यह काफी कारगर नुस्खा है।
6. मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर लगाने से रंगत निखरने लगती है।
7. दो चम्मच खीरे का रस, आधा चम्मच नींबू का रस और चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगाएं।
8. चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी, दो चम्मच शहद, दो चम्मच दही और एक नींबू का रस साथ मिलाकर त्वचा पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
9. रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गाजर का जूस पीने से रंगत निखरने लगती है।
10. नीम त्वचा की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके उपयोग से पिंपल्स दूर हो जाते हैं। चार-पांच नीम की पत्तियों को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर थोड़ा पानी डालें और पीस लें। यह लेप चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
11. केला चेहरे की झुर्रियां मिटाता है। यह त्वचा में कसाव लाता है। पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
12. एक चम्मच शहद व एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। त्वचा निखर जाएगी।
13. जब भी बाहर जाएं तो सनस्क्रीन क्रीम या लोशन लगाएं। सूरज की कठोर किरणें त्वचा की रंगत को कम कर देती हैं।
14. ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसके नियमित सेवन से त्वचा के दाग-धब्बे दूर होते हैं।
15. खीरे का रस सांवलापन दूर करने में बहुत सहायक होता है। खीरे का रस निकालकर उसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट रहने दें। फिर चेहरा धो लें। चेहरा चमकने लगेगा।
2. आंखों के नीचे काले घेरे हों तो रोजाना आंखों के आसपास कच्चे आलू के टुकड़े से हल्के हाथों से मसाज करें। कुछ ही दिनों में काले घेरे दूर हो जाएंंगे।
3. एक चम्मच शहद लेकर उसे चेहरे पर हल्के हाथों से लगाएं। 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर चेहरा धो लें। तैलीय त्वचा हो तो शहद में चार-पांच बूंद नींबू का रस डालकर लगाएं।
4. जौ का आटा, हल्दी और सरसों का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर पर मालिश कर गर्म पानी से नहाएं। दूध में केसर मिलाकर पिएं।
5. संतरे का जूस पिएं। संतरे के छिलकों को सुखाकर पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं। यह काफी कारगर नुस्खा है।
6. मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर लगाने से रंगत निखरने लगती है।
7. दो चम्मच खीरे का रस, आधा चम्मच नींबू का रस और चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगाएं।
8. चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी, दो चम्मच शहद, दो चम्मच दही और एक नींबू का रस साथ मिलाकर त्वचा पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
9. रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गाजर का जूस पीने से रंगत निखरने लगती है।
10. नीम त्वचा की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके उपयोग से पिंपल्स दूर हो जाते हैं। चार-पांच नीम की पत्तियों को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर थोड़ा पानी डालें और पीस लें। यह लेप चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
11. केला चेहरे की झुर्रियां मिटाता है। यह त्वचा में कसाव लाता है। पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
12. एक चम्मच शहद व एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। त्वचा निखर जाएगी।
13. जब भी बाहर जाएं तो सनस्क्रीन क्रीम या लोशन लगाएं। सूरज की कठोर किरणें त्वचा की रंगत को कम कर देती हैं।
14. ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसके नियमित सेवन से त्वचा के दाग-धब्बे दूर होते हैं।
15. खीरे का रस सांवलापन दूर करने में बहुत सहायक होता है। खीरे का रस निकालकर उसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट रहने दें। फिर चेहरा धो लें। चेहरा चमकने लगेगा।
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औषधीय गुणों की खान - विजयसार - के औषधीय गुण Medicinal Properties of Mine - Vijaysar - Medicinal Properties of

विजयसार नाम से एक लकड़ी है ये हमारे भारत में मध्य प्रदेश से लेकर पूरे दक्षिण भारत मे पाया जाता है। इसकी लकड़ी के टुकड़े हर जड़ी बूटी बेचने वाले या पन्सारी की दुकान से आसानी से मिल जाते है। इसकी लकड़ी का रंग हल्का लाल रंग से गहरे लाल रंग का होता है। यह दवा नये मधुमेह रोगियों के लिये तो प्रभावी है ही, साथ में उन रोगियों जिन्हें मधुमेह रोधी दवा खाने से दवा खाने से कोई लाभ नहीं होता, उनके लिये भी अचूक है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए कई कम्पनिया और कई क्षेत्रों में इसके ग्लास भी बनाकर बेचते हैं। पर वो बहुत मेहँगे पड़ते है और कुछ देर बाद उस ग्लास की उपयोगिता समाप्त हो जाती है।
मधुमेह, प्रमेह (धातु रोग), अस्थियों कि मजबूती के लिए तो यह जाना जाता ही है, पर इस के और भी कई अन्य गुण हैं, जो आपको शायद ही कहीं लिखे मिलें : (कम से कम फेसबूक या गूगल (Google) पर तो नहीं...).
मधुमेह, प्रमेह (धातु रोग), अस्थियों कि मजबूती के लिए तो यह जाना जाता ही है, पर इस के और भी कई अन्य गुण हैं, जो आपको शायद ही कहीं लिखे मिलें : (कम से कम फेसबूक या गूगल (Google) पर तो नहीं...).
मेरे जानने वाले बहुत ही योग्य वैद्य ने इसे 3 मास तक स्वयं प्रयोग किया है और इसके लाभ अनुभव किये है और किसी भी तरह का साइड-एफेक्ट नहीं पाया।
औषधीय गुण :
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- जोडों के दर्द में लाभ देता है।
- हाथ-पैरों के कम्पन में भी बहुत लाभदायक है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़- कड़ बंद होती है .अस्थियाँ मजबूत होती है .
- मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- उच्च रक्त-चाप को नियन्त्रित करने में सहायता करता है।
- अम्ल-पित्त में भी लाभ देता है।
- जोडों के दर्द में लाभ देता है।
- हाथ-पैरों के कम्पन में भी बहुत लाभदायक है।
- शरीर में बधी हुई चर्बी को कम करके, वजन और मोटापे को भी कम करने में सहायक है।
- त्वचा के कई रोगों, जैसे खाज-खुजली, बार-2 फोडे-फिंसी होते हों, उनमें भी लाभ देता है।
- प्रमेह (धातु रोग) में भी अचूक है।
- इसके नियमित सेवन से जोड़ों की कड़- कड़ बंद होती है .अस्थियाँ मजबूत होती है .
विजयसार की लकड़ी के टुकड़े बाजार से ले आए, जिसमे घुन ना लगा हो। इसे सूखे कपड़े से साफ कर ले। अगर टुकड़े बड़े है तो उन्हे तोड़ कर छोटे- छोटे- 1/4 -1/2 सेंटीमीटर या और भी छोटे टुकड़े बना ले।फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को दो कप या एक गिलास पानी में डाल दे । सुबह तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी ले और दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर छान ले। फिर इसे ठंडा होने पर पी ले।
इसकी मात्रा रोग के अनुसार घटा या बढ़ा भी सकते है अगर आप अग्रेजी दवा का प्रयोग कर रहे है तो एक दम न बंद करे बस धीरे -धीरे कम करते जाए अगर आप इंस्युलीन के इंजेक्शन प्रयोग करते है वह 1 सप्ताह बाद इंजेक्शन की मात्रा कम कर दे। हर सप्ताह मे इंस्युलीन की मात्रा 2-3 यूनिट कम कर दे। विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं l
इसकी मात्रा रोग के अनुसार घटा या बढ़ा भी सकते है अगर आप अग्रेजी दवा का प्रयोग कर रहे है तो एक दम न बंद करे बस धीरे -धीरे कम करते जाए अगर आप इंस्युलीन के इंजेक्शन प्रयोग करते है वह 1 सप्ताह बाद इंजेक्शन की मात्रा कम कर दे। हर सप्ताह मे इंस्युलीन की मात्रा 2-3 यूनिट कम कर दे। विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं l
नोट : 1) यदि आप साथ में एलोपेथिक दवा भी ले रहे हैं, तो रक्त में शर्करा की मात्रा नियमित रूप से चेक करते रहें। यह केवल विजयसार पर ही लागू नहीं - आप कोई और भी आयुर्वेदिक दवा एलोपेथिक दवा के साथ में लेते हैं तो यह ध्यान रखना आवश्यक है।
मैने आगे भी कई बार बताया है की बढ़ी हुई शुगर या शर्करा की मात्रा हानि पहुंचने में कुछ सप्ताह या मास ले सकती है, जबकि अगर यह एकदम काम हो जाये, तो चंद मिनटों में ही घातक हो सकती है।
- मिट्टी का बर्तन तो ही लें, अगर मिट्टी अच्छी तरह से पकी हुई हो और उसे अच्छी तरह सॉफ करके ही प्रयोग करें। वर्ना आप शीशे या चीनी मिट्टी का बर्तन भी प्रयोग में ला सकते हैं।
मैने आगे भी कई बार बताया है की बढ़ी हुई शुगर या शर्करा की मात्रा हानि पहुंचने में कुछ सप्ताह या मास ले सकती है, जबकि अगर यह एकदम काम हो जाये, तो चंद मिनटों में ही घातक हो सकती है।
- मिट्टी का बर्तन तो ही लें, अगर मिट्टी अच्छी तरह से पकी हुई हो और उसे अच्छी तरह सॉफ करके ही प्रयोग करें। वर्ना आप शीशे या चीनी मिट्टी का बर्तन भी प्रयोग में ला सकते हैं।
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पेट की गैस को कम करने के तरीके Ways to reduce stomach gas

पेट की गैस को कम करने के तरीके : -
● पेट की गैस की बीमारी बहुत ही आम सी समस्या है जो बिना उम्र देखे किसी को भी हो जाती है। गैस ना केवल पेट में ही रहती है बल्कि यह पूरे शरीर में घूमती रहती है यहां तक की सीने तक भी पहुंच जाती है। पेट में गैस तभी बनती है जब आप सुबह भर पेट नाश्ता नहीं करते। यदि आपका भी पेट भूल जाता है तो आपको कुछ ऐसे उपाय आजमाने चाहिये जिससे आपको इससे छुटकारा मिल सके।
● कहीं आप ऐस भोजन का अधिक सेवन तो नहीं करते हैं जिससे गैस बनती हो। भोजन जैसे- सेम, मटर, केक, कार्बोनेट युक्त सामग्री, खट्टा फल, फूलगोभी, बंदगोभी, काजू, मुनक्का, सुपारी आदि से अधिक गैस बनती है। क्या आप जानते हैं कि सेधा नमक गैस को भगाने के लिये बहुत ही लाभकारी हो सकता है। खैर इसी तरह और भी कई तरीके हैं जिससे आप गैस को बनने से रोक सकते हैं।
● यहां तक की वज्रासन करने से भी पेट में गैस नहीं बनती। यह योग करने के लिये आपको खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाना चाहिये और दोनों हाथों को घुटनों पर रख लेना चाहिये। यह आसन 5 से 15 मिनट तक करें। गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।
1) भेजन चबा कर खाएं
यह बहुत जरुरी है कि आप खाने का छोटा-छोटा कौर लें और उसे पूरी तरह से चबा कर खाएं। बिना चबाए और बडा़ टुकडा़ खाने से पेट में गैस बनती है।
यह बहुत जरुरी है कि आप खाने का छोटा-छोटा कौर लें और उसे पूरी तरह से चबा कर खाएं। बिना चबाए और बडा़ टुकडा़ खाने से पेट में गैस बनती है।
2) सोडा और जूस ना पिये
हम सोचते हैं कि सोडा पीने से पेट की गैस और दर्द गायब हो जाएंगे। लेकिन सोडे में मिला कार्बोहाइड्रेट और जूस में मिली चीनी गैस को बढावा देते हैं।
हम सोचते हैं कि सोडा पीने से पेट की गैस और दर्द गायब हो जाएंगे। लेकिन सोडे में मिला कार्बोहाइड्रेट और जूस में मिली चीनी गैस को बढावा देते हैं।
3) च्विंगम ना खाएं
च्विंगम चबाने से मुंह के दा्रा हमारे पेट में बाहर कि हवा चली जाती है जिस वजह से गैस पैदा होती है।
च्विंगम चबाने से मुंह के दा्रा हमारे पेट में बाहर कि हवा चली जाती है जिस वजह से गैस पैदा होती है।
4) टहलने के लिये जाएं
भोजन करने के बाद हल्की वॉक करने जरुर जाएं। इससे खाना आसानी से हजम होगा और गैस नहीं बनेगी। ऐसा करने से वजन भी कम होता है।
भोजन करने के बाद हल्की वॉक करने जरुर जाएं। इससे खाना आसानी से हजम होगा और गैस नहीं बनेगी। ऐसा करने से वजन भी कम होता है।
5) स्मोकिंग छोडे़
स्मोकिंग से ना केवल डीहाइड्रेशन होता है बल्कि पेट में गैस भी बन जाती है।
स्मोकिंग से ना केवल डीहाइड्रेशन होता है बल्कि पेट में गैस भी बन जाती है।
6) हर्बल चीजे खाएं
ऐसी कई हर्बल चीज़े हैं जिसे आप खा सकते हैं जैसे, लौंग, सौंफ, इलायची, चक्र फूल आदि। इसे यदि गरम पानी के साथ खाया जाए तो पेट में गैस नहीं बनती।
ऐसी कई हर्बल चीज़े हैं जिसे आप खा सकते हैं जैसे, लौंग, सौंफ, इलायची, चक्र फूल आदि। इसे यदि गरम पानी के साथ खाया जाए तो पेट में गैस नहीं बनती।
7) खूब पानी पिये
दिनभर में 7-8 गिलास पीने से भी पेट की खाली जगहें भर जाती हैं इसलिये पेट में गैस नहीं बनती।
दिनभर में 7-8 गिलास पीने से भी पेट की खाली जगहें भर जाती हैं इसलिये पेट में गैस नहीं बनती।
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जल से चिकित्सा – Water therapy

हमारे देश का स्वास्थ्य तथा उसकी चिकित्सा एलौपैथी की मंहगी दवाइयों से उतनी सुरक्षित नहीं, जितना हमें आयुर्वैदिक तथा ऋषिपद्धति के उपचारों से लाभ मिलता है। आज विदेशी लोग भी हमारे आयुर्वैदिक उपचारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हमें भी चाहिए कि हम ‘साइड इफैक्ट’ करने वाली एलोपैथी की मँहगी दवाओं से बचकर प्राकृतिक आयुर्वैदिक उपचार को ही अपने जीवन में उतारें।
हम यहाँ अपने पाठकों के लिए विभिन्न रोगों के उपचार के रूप में चार प्रकार के जल-निर्माण की विधि बता रहे हैं जो अदभुत एवं असरकारक नुस्खे हैं।
सोंठ जलः पानी की तपेली में एक पूरी साबूत सोंठ डालकर पानी गरम करें। जब अच्छी तरह उबलकर पानी आधा रह जाये तब उसे ठंडा कर दो बार छानें। ध्यान रहे कि इस उबले हुए पानी के पैंदे में जमा क्षार छाने हुए जल में न आवे। अतः मोटे कपड़े से दो बार छानें। यह जल पीने से पुरानी सर्दी, दमा, टी.बी., श्वास के रोग, हाँफना, हिचकी, फेफड़ों में पानी भरना, अजीर्ण, अपच, कृमि, दस्त, चिकना आमदोष, बहुमूत्र, डायबिटीज (मधुमेह), लो ब्लडप्रेशर, शरीर का ठंडा रहना, मस्तक पीड़ा जैसे कफदोषजन्य तमाम रोगों में यह जल उपरोक्त रोगों की अनुभूत एवं उत्तम औषधि है। यह जल दिनभर पीने के काम में लावें। रोग में लाभप्राप्ति के पश्चात भी कुछ दिन तक यह प्रयोग चालू ही रखें।
धना-जलः एक लीटर पानी में एक से डेढ़ चम्मच सूखा (पुराना) खड़ा धनिया डालकर पानी उबालें। जब 750 ग्राम जल बचे तो ठंडा कर उसे छान लें। यह जल अत्यधिक शीतल प्रकृति का होकर पित्तदोष, गर्मी के कारण होने वाले रोगों में तथा पित्त की तासीरवाले लोगों को अत्यधिक वांछित लाभ प्रदान करता है। गर्मी-पित्त के बुखार, पेट की जलन, पित्त की उलटी, खट्टी डकार, अम्लपित्त, पेट के छाले, आँखों की जलन, नाक से खून टपकना,रक्तस्राव, गर्मी के पीले-पतले दस्त, गर्मी की सूखी खाँसी, अति प्यास तथा खूनी बवासीर (मस्सा) या जलन-सूजनवाले बवासीर जैसे रोगों में यह जल अत्यधिक लाभप्रद है। अत्यधिक लाभ के लिए इस जल में मिश्री मिलाकर पियें। जो लोग कॉफी तथा अन्य मादक पदार्थों का व्यसन करके शरीर का विनाश करते हैं उनके लिए इस जल का नियमित सेवन लाभप्रद तथा विषनाशक है।
अजमा जलः एक लीटर पानी में ताजा नया अजवाइन एक चम्मच (करीब 8.5 ग्राम) मात्रा में डालकर उबालें। आधा पानी रह जाय तब ठंडा करके छान लें व पियें। यह जल वायु तथा कफदोष से उत्पन्न तमाम रोगों के लिए अत्यधिक लाभप्रद उपचार है। इसके नियमित सेवन से हृदय की शूल पीड़ा, पेट की वायु पीड़ा, आफरा, पेट का गोला, हिचकी, अरुचि,मंदाग्नि, पेट के कृमि, पीठ का दर्द, अजीर्ण के दस्त, कॉलरा, सर्दी, बहुमूत्र, डायबिटीज जैसे अनेक रोगों में यह जल अत्यधिक लाभप्रद है। यह जल उष्ण प्रकृति का होता है।
जीरा जलः एक लीटर पानी में एक से डेढ़ चम्मच जीरा डालकर उबालें। जब 750 ग्राम पानी बचे तो उतारकर ठंडा कर छान लें। यह जल धना जल के समान शीतल गुणवाला है। वायु तथा पित्तदोष से होने वाले रोगों में यह अत्यधिक हितकारी है। गर्भवती एवं प्रसूता स्त्रियों के लिए तो यह एक वरदान है। जिन्हें रक्तप्रदर का रोग हो, गर्भाशय की गर्मी के कारण बार-बार गर्भपात हो जाता हो अथवा मृत बालक का जन्म होता हो या जन्मने के तुरंत बाद शिशु की मृत्यु हो जाती हो, उन महिलाओं को गर्भकाल के दूसरे से आठवें मास तक नियमित जीरा-जल पीना चाहिए।
एक-एक दिन के अंतर से आनेवाले, ठंडयुक्त एवं मलेरिया बुखार में, आँखों में गर्मी के कारण लालपन, हाथ, पैर में जलन, वायु अथवा पित्त की उलटी (वमन), गर्मी या वायु के दस्त, रक्तविकार, श्वेतप्रदर, अनियमित मासिक स्राव गर्भाशय की सूजन, कृमि, पेशाब की अल्पता इत्यादि रोगों में इस जल के नियमित सेवन से आशातीत लाभ मिलता है। बिना पैसे की औषधि…. इस जल से विभिन्न रोगों में चमत्कारिक लाभ मिलता है
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कैसे पाये प्राकृतिक सुंदरता How to get natural beauty

प्राकृतिक सुंदरता का मतलब होता है एैसा चेहरा जो बिना किसी मेकअप और कास्मेटिक्स प्राडक्टस के बाद बेहद खूबसूरत और कांतिमान हो। प्राकृतिक सुंदरता आजकल खोती जा रही है। जिसकी वजह है कैमिकल वाले प्राडक्टस् का चेहरे पर लगातार लगाते रहना। प्राचीन समय में भी सुंदर और रूपवान स्त्रीयों और पुरूषों के बारे में आपने सुना ही होगा। प्राकृति ने इस धरती पर एैसे फैस पैक दिये हैं जिनके इस्तेमाल से आप अपनी खोई हुई सुंदरता को वापस तो ला ही सकते हैं साथ ही इनसे चेहरे में चमक और खूबसूरती वापस आ सकती है। वैदक वाटिका ने किए प्राचीन ग्रंथों का अध्धयन के बाद आपको बताने जा रहा है की कैसे इन प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल कर आप नेचुरल ब्यूटी को पा सकते हो। प्राकृतिक फेस पैक कई तरह से बनाएं जा सकते है। जिनके बारे में एक-एक कर हम आपको बताएगें।
हल्दी और गुलाब का नेचुरल फैस पैक
सामाग्री
1. गुलाब जल, गुलाब की पंखुडियां, कच्ची हल्दी की गांठे, चंदन पाउडर।
1. गुलाब जल, गुलाब की पंखुडियां, कच्ची हल्दी की गांठे, चंदन पाउडर।
बनाने करने का तरीका -
गुलाब की पंखुडियों का पेस्ट बनाएं उसमें 1 बूंद गुलाब जल डालें फिर कच्ची हल्दी का पेस्ट डालें और 1 बड़ी चम्मच चंदन पाउडर उसमें डालकर मिला लें। इस तरह यह पैक बनकर तैयार हो जाएगा।
गुलाब की पंखुडियों का पेस्ट बनाएं उसमें 1 बूंद गुलाब जल डालें फिर कच्ची हल्दी का पेस्ट डालें और 1 बड़ी चम्मच चंदन पाउडर उसमें डालकर मिला लें। इस तरह यह पैक बनकर तैयार हो जाएगा।
लगाने का तरीका-
चेहरे को अच्छी तरह से गुलाब जल से धो लें, फिर इस पैक को हल्के हाथों से चेहरे पर लगाएं और उंगलियों से इसे चेहरे पर थपथाएं। 15 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। बाद में रूई या नरम तौलिये से चेहरे को धीरे-धीरे साफ करें।
चेहरे को अच्छी तरह से गुलाब जल से धो लें, फिर इस पैक को हल्के हाथों से चेहरे पर लगाएं और उंगलियों से इसे चेहरे पर थपथाएं। 15 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। बाद में रूई या नरम तौलिये से चेहरे को धीरे-धीरे साफ करें।
आयली त्वचा के लिए फैस पैक
चिपचिपी त्वचा के लिए यह फेस पैक बहुत अच्छा और फायदेमंद होता है। सप्ताह में दो बार चेहरे पर इसे लगाने से मुंहासे, कील और चेहरे पर पड़े डार्क हेड्स भी दूर होते हैं।
चिपचिपी त्वचा के लिए यह फेस पैक बहुत अच्छा और फायदेमंद होता है। सप्ताह में दो बार चेहरे पर इसे लगाने से मुंहासे, कील और चेहरे पर पड़े डार्क हेड्स भी दूर होते हैं।
सामाग्री
1. मुल्तानी मिट्टी, सफेद चंदन, संतरे के छिलके का पाउडर, दूध, दही, पानी आदि।
1. मुल्तानी मिट्टी, सफेद चंदन, संतरे के छिलके का पाउडर, दूध, दही, पानी आदि।
बनाने का तरीका
संतरे के छिलके का पाउडर, आधा कप मुल्तानी मिटटी, 2 बड़े चम्मच सफेद चंदन पाउडर को मिलाकर एक कटोरे में रख लें और फिर इसमें कच्चा दूध या पानी या फिर दही कोई एक मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए।
लगाने का तरीका
चेहरे पर इस पेस्ट को अच्छी तरह से लगा लगें और इसे आधे घंटे तक लगा रहने दें। और हाथों से चेहरे को मध्यम गति से रगड़ कर साफ करें और फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
चेहरे पर इस पेस्ट को अच्छी तरह से लगा लगें और इसे आधे घंटे तक लगा रहने दें। और हाथों से चेहरे को मध्यम गति से रगड़ कर साफ करें और फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
एक्ने और पिंपल्स दूर करने के लिए फेस पैक
100 ग्राम नीम की पत्तीयों को पीसकर उसका रस निकाल लें और उसमें 2 लौंग डाल लें फिर इसे ठंडी जगह में रख लें या फ्रिज में डाल दें। इस फेस पैक को कुछ दिनों तक सुबह-शाम जरूर लगाएं। यह चेहरे से पिंपल्स दूर करता है और आपकी त्वचा को मुलायम बनाता हैं।
तुलसी और गुलाबजल वाला फेस पैक
इस फेस पैक को बनाने का तरीका - डेढ चम्मच गुलाबजल, बड़ा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, छोटी चम्मच तुलसी का पाउडर और 1 छोटी चम्मच नीम का पाउडर इन सबको दही में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को लगाने से पहले चेहरे को कच्चे दूध से साफ करें फिर इस पैक को 20 मिनट तक चेहरे पर लगा कर छोड़ दें। और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इसके तुरंत बाद गुलाबजल को रूई में भिगोकर चेहरे पर हलका हलका लगा लें। यह आपके चेहरे से दाग और धब्बे दूर कर देगा साथ ही चेहरे पर हुई फुंसी आदि को भी चेहरे से हटा देगा।
एलोवेरा का प्राकृतिक फेस पैक
यह एक एैसा प्राकृतिक फेस पैक है जिसमें और दूसरी सामाग्री डालने की जरूरत नहीं पड़ती। एलोवेरा जेल को अपनी त्वचा पर अच्छी तरह से लगा लें। यह आपको सनबर्न की समस्या से बचाता है। एलोवेरा त्वचा को ही नहीं बालों के लिए भी फायदेमंद है । जब आप घर से बाहर जाते हैं तो आपको चेहरे और बालों दोनों की समस्याओं से परेशान होना पड़ता है। लेकिन आप सप्ताह में दो बार नारियल के तेल में एलोवेरा जेल को मिलाकर बालों पर सही तरह से लगा लें। यह बालों को लंबा, स्वस्थ और सुंदर बनाता है। इन प्राकृतिक फेस पैक से आपको फायदा होगा। बाजार में उपल्ब्ध कैमिकल वाले प्राडक्टस से आप अपने चेहरे के साथ खिलवाड़ न करें। प्राकृतिक सुंदरता पाने का एक ही राज है की आप अपने घर में ही प्राकृतिक फेस पैक बनाकर इस्तेमाल करें जो चेहरे को ग्लो और आकर्षक बनाएगा।
यह एक एैसा प्राकृतिक फेस पैक है जिसमें और दूसरी सामाग्री डालने की जरूरत नहीं पड़ती। एलोवेरा जेल को अपनी त्वचा पर अच्छी तरह से लगा लें। यह आपको सनबर्न की समस्या से बचाता है। एलोवेरा त्वचा को ही नहीं बालों के लिए भी फायदेमंद है । जब आप घर से बाहर जाते हैं तो आपको चेहरे और बालों दोनों की समस्याओं से परेशान होना पड़ता है। लेकिन आप सप्ताह में दो बार नारियल के तेल में एलोवेरा जेल को मिलाकर बालों पर सही तरह से लगा लें। यह बालों को लंबा, स्वस्थ और सुंदर बनाता है। इन प्राकृतिक फेस पैक से आपको फायदा होगा। बाजार में उपल्ब्ध कैमिकल वाले प्राडक्टस से आप अपने चेहरे के साथ खिलवाड़ न करें। प्राकृतिक सुंदरता पाने का एक ही राज है की आप अपने घर में ही प्राकृतिक फेस पैक बनाकर इस्तेमाल करें जो चेहरे को ग्लो और आकर्षक बनाएगा।
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सेक्स के खूबसूरत अनुभव के लिए इन्हें आजमाएं (Try them for the beautiful experience of sex)

अचूक घरेलू नुस्खों द्वारा सेक्स लाइफ को आकर्षक बनाएं
सेक्स शादीशुदा जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए पति-पत्नी के बीच अच्छे सेक्सुअल रिलेशन का होना जरूरी है। कपल्स सरल और अचूक घरेलू नुस्खों द्वारा अपनी सेक्स लाइफ को आकर्षक बना सकते हैं, आइए जानते हैं, कैसे-
* 2-4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में पकाकर खाएं और ऊपर से दूध पीएं। इसके सेवन से शरीर में नई शक्ति आती है।
* 7-7 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, मिश्री और शहद लेकर इसमें 15 ग्राम गाय का घी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
* 50 ग्राम उड़द या उड़द की दाल को पानी में भिगोकर छिल्का निकाल लें, फिर इसे घी में भूनकर दूध, शकर, बादाम, मुनक्का आदि डालकर खीर बनाकर खाएं। इसका नियमित सेवन करने से महिला व पुरुष दोनों का सेक्सुअल पॉवर बढ़ता है। * 10-10 ग्राम शहद, अदरक का रस व प्याज का रस और 5 ग्राम घी- सबको एकसाथ मिलाकर सेवन करने से सेक्सुअल पावर बढ़ता है। इस नुस्खे का इस्तेमाल नियमित रूप से 21 दिन तक सुबह के समय करना चाहिए
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