विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
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प्रेम और वासना के बीच का फर्क - difference between love and lust
राज और अंजली एक लंबे समय से दोस्त थे। राज को हमेशा लगता था कि वह अंजली से प्यार करता है। अंजली को भी राज के साथ समय बिताना अच्छा लगता था, लेकिन उसने कभी राज के इरादों को गहराई से नहीं समझा। राज के मन में अंजली के प्रति शारीरिक आकर्षण था, लेकिन वह इसे प्रेम का नाम दे रहा था।
एक दिन, जब राज ने अंजली से कहा, "मैं तुम्हारे करीब इसलिए हूँ क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ," अंजली को राज की बातों में कुछ अधूरापन महसूस हुआ। वह जानती थी कि प्यार सिर्फ शारीरिक संबंध या आकर्षण नहीं होता। उसे महसूस हुआ कि राज को खुद से और उनके रिश्ते से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब नहीं मिले हैं।
अंजली ने बहुत ही शांति से राज से कहा, "राज, अगर तुम्हारा उद्देश्य सिर्फ शारीरिक संबंध बनाना है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसे प्यार का नाम देना सही नहीं है। प्यार एक बहुत गहरी भावना है, जिसमें केवल शारीरिक आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मीयता, समझ और सम्मान शामिल होते हैं।"
राज को यह सुनकर धक्का लगा। उसने कभी इस तरह से अपने भावनाओं को नहीं देखा था। वह सोचने लगा कि क्या वह सच में अंजली से प्यार करता है या सिर्फ वासना के वशीभूत होकर उसके करीब आना चाहता है।
अंजली ने राज को समझाया, "महिलाएं बहुत कोमल होती हैं, जैसे एक नाजुक फूल। उन्हें समझने और महसूस करने के लिए समय चाहिए। यदि तुम सिर्फ शारीरिक संतुष्टि के लिए किसी के करीब आते हो, तो यह एक तरह का छल है। अगर हम रिश्ते में ईमानदार नहीं रहेंगे, तो न तुम्हें खुशी मिलेगी और न मुझे।"
राज ने पहली बार महसूस किया कि उसने कभी प्यार को गहराई से नहीं समझा। वह सोचता था कि सिर्फ शारीरिक आकर्षण ही प्यार का आधार है, लेकिन अंजली की बातें सुनकर उसकी सोच बदलने लगी। उसने जाना कि प्यार में धैर्य, समझ और सम्मान होना बहुत जरूरी है।
अंजली ने उसे यह भी बताया कि बहुत सी महिलाएं, खासकर आज के समय में, गलतफहमी और दबाव के कारण अपने रिश्तों में खुलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पातीं। कई बार पुरुष अपनी वासना के वशीभूत होकर हिंसक या आक्रामक हो जाते हैं, जिससे महिलाओं को शारीरिक और मानसिक नुकसान होता है।
"सेक्स एक शारीरिक क्रिया है, लेकिन इसमें भी प्रेम, धैर्य, और दोनों के बीच का जुड़ाव जरूरी है," अंजली ने कहा। "यदि हम अपने साथी के शरीर का सम्मान नहीं करेंगे, तो हम कभी सच्चा आनंद नहीं पा सकते।"
राज ने अंजली की बातों को गहराई से महसूस किया। उसने पहली बार अपनी वासना और सच्चे प्रेम के बीच का अंतर समझा। उसने फैसला किया कि वह अपने अंदर बदलाव लाएगा, और केवल शारीरिक संतुष्टि के बजाय, रिश्तों में गहराई और प्रेम के साथ जुड़ेगा।
उस दिन के बाद, राज ने ध्यान (मेडिटेशन) की मदद से अपने भीतर स्थिरता और ठहराव लाने का प्रयास शुरू किया। उसने सीखा कि सच्चा प्यार केवल शारीरिक आकर्षण नहीं होता, बल्कि मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। धीरे-धीरे उसने अपने अंदर धैर्य और प्रेम की भावना को बढ़ते हुए महसूस किया।
अंजली और राज का रिश्ता अब एक नए आधार पर खड़ा था—जहां दोनों एक-दूसरे के प्रति ईमानदार थे, और उनके बीच सिर्फ शारीरिक आकर्षण के बजाय एक गहरा, आत्मीय रिश्ता विकसित हुआ।
सच्चे प्रेम और वासना के बीच का फर्क समझने के लिए खुद से ईमानदारी जरूरी है। रिश्तों में धैर्य, प्रेम, और सम्मान से ही सच्ची खुशी मिल सकती है।
Feetured Post
रिश्तों की अहमियत
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