विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
करने के लिए नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर धोना चाहिए।
दालचीनी को एक कप पानी के साथ उबाल कर एक साफ बॉटल में भर कर रखें। इसे माउथवॉश के रूप में काम में लाया जा सकता है।
सांस लेने में अगर दिक्कत आ रही है तो एक टी स्पून कर्पूर को आधे कप गुनगुने नारियल के तेल में मिलाकर सीने में लगाने से आराम मिलेगा।
गर्मी में नकसीर फूटने पर नाक पर ठंडे पानी में भीगी हुए रूई के फाए रखें और रूई के छोटे-छोटे फाए को फ्रिज में भी रख कर उससे नाक की सिकाई करें। नकसीर में आराम मिलेगा।
शरीर में अगर कहीं जल गया हो तो उस पर कच्चे आलू का रस लगाने से फायदा होगा।
सी और विटामिन बी का अच्छा स्रोत है। कई खूबियों के कारण पपीता सेहत के लिहाज लाभदायक फलों में से एक माना जाता है। कच्चे पपीते में पपेन नामक एन्जाइम पाया जाता है। यह एन्जाइम पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यदि आपके दांत में दर्द है तो पपीते से निकलने वाले सफेद दूध को रूई के फाहे में भर कर दांत तले दबा लें। बच्चों या बड़ों के गले में टांसिल्स हो जाएं तो कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता भर करने से यह समस्या दूर हो जाएगी। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति प्रतिदिन सवेरे खाली पेट पांच सौ ग्राम ताजा पपीता खाएं, लेकिन एक डेढ़ घंटे तक न तो पानी पीएं न ही कुछ खाएं।
For removing abdominal fat and increasing appetite. Pashchimottanasan Time: 2 minutes Method: • Lie on your back, legs straight, arms overhead, hands together, palms facing up. • Sit up, take hands overhead, back straight. • Then bend forward to hold the big toes, head between arms and touching the knees. Benefits: Reduces abdominal fat. Removes wind from the intestines and increases appetite
For keeping kidneys, prostate and bladder healthy.
*Bhadrasan* Time: 2 minutes
Method: • Sit holding feet together, heels as close to body as possible • Head up, chin down • Normal breathing.
Benefits: Specially recommended for those suffering from urinary disorder. The pelvis, the abdomen and the back get stimulated through a plentiful supply of blood. Keeps the kidneys, the prostate and the bladder healthy.
अगर आपको मलेरीया या डेंगू से राहत चाहिए तो आप पपीता की पत्ती (Leaf of Papaya) का ताजा जूस या रस निकाल कर 5-10ml सुबह व शाम को ले आपको इस बुखार से राहत मिल जायेगी।
ऐसी बीमारियां भी दूर करता है ये एरंड का मामूली पौधा.... लड़कियों और महीलाओं के लिए ये मामूली पौधा बहुत खास है। एरंड का ये पौधा लड़कियों और महिलाओं की हर तरह की बीमारियों को दूर करता है। एरंड का पौधा आठ से पंद्रह फीट लंबा होता है। इसकी पत्तियों के विशेष आकार के कारण इसे गन्धर्वहस्त के नाम से भी जाना जाता है। चाहे इसके बीज हों या पत्तियां और तो और इसकी जड़ों का भी औषधीय प्रयोग होता आया है। आइए इसके कुछ औषधीय प्रयोगों को जानें....
-गर्भवती स्त्री को सुखपूर्वक प्रसव कराने के लिए आठवें महीने के बाद पंद्रह दिनों के अंतर पर दस मिली लीटर एरंड का तेल पिलाना चाहिए और ठीक प्रसव के समय पच्चीस से तीस मिली लीटर केस्टर आयल को दूध के साथ देने से शीघ्र प्रसव होता है।
-एरंड के तेल का प्रयोग ब्रेस्ट मसाज आयल के रूप में स्तनों को उभारने में भी किया जाता है। साथ ही स्तन शोथ में इसके बीजों की गिरी को सिरके में एक साथ पीसकर लगाने से सूजन में लाभ मिलता है।
-प्रसूता स्त्री में जब दूध न आ रहा हो या स्तनों में गाँठ पड़ गयी हो तो आधा किलो एरंड के पत्तों को लगभग दस लीटर पानी में एक घंटे तक उबालें। अब इस प्रकार प्राप्त हल्के गरम पानी को धार के रूप में स्तनों पर डालें तथा लगातार एरंड तेल की मालिश करें और शेष बचे पत्तों की पुलटीश को गाँठ वाले स्थान पर बाँध दें। गांठें कम होना प्रारम्भ हो जाएंगी तथा स्तनों से पुन: दूध आने लगेगा।
-एरंड के पत्तों के 5 मिली रस को और समान मात्रा में घृतकुमारी स्वरस को मिलाकर यकृत (Liver) व प्लीहा (Spleen) के रोगों में लाभ होता है।
- किसी भी प्रकार के सूजन में इसके पत्तों को गरम कर उस स्थान पर बांधने मात्र से सूजन कम हो जाती है।
-पांच मिली एरंड की जड़ के रस को पीने से पीलिया यानी कामला (जौंडिस) में लाभ मिलता है।
-फिशर (परिकर्तिका) के रोग में रोगी को एरंड के तेल को पिलाना फायदेमंद होता है।
-पुराने और ठीक न हो रहे घाव पर इसके पत्तों को पीसकर लगाने से व्रण (घाव) ठीक हो जाता है।
उच्च रक्तचाप की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दबाईया है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत अछि दावा आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए ; अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अछि दावा है । और एक अछि दावा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । दूसरी दावा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पि लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, देड से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगा । और एक तीसरी दावा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर, आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पि ले । ये हाई BP को ठीक करेगा, कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा, मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल । डॉक्टर अक्सर ये कहते है न की दिल कमजोर है आपका; अगर दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हरदिन , दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका; आपका ESR ठीक होगा, ejection fraction भी ठीक हो जायेगा; बहुत अछि दावा है ये अर्जुन की छाल । और एक अछि दावा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले ; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तिन चार कलि मिर्च पिस के ये सब डाल के पीना .. ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है , कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा, डाईबेटिस में भी काम आता है । और एक मुफ्त की दावा है , बेल पत्र की पत्ते - ये उच्च रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पिस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पि लीजिये । ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र आपके सुगर को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप और सुगर दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अछि दावा है । और एक मुफ्त की दावा है हाई BP के लिए - देशी गाय की मूत्र पीये आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है , ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है - दोनों में काम आता है और येही गोमूत्र डाईबेटिस को भी ठीक कर देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर आप गोमूत्र लगातार पि रहे है तो दमा भी ठीक होता है अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है । इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय सुद्धरूप से देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो । निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए दावा : निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अछि दावा है गुड । ये गुड पानी में मिलाके, नमक डालके, नीबू का रस मिलाके पि लो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिलाके दिन में दो तिन बार पिने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा । और एक अछि दावा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक हो जाती है , गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो BP ठीक कर देता है , अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP ठीक कर देता है । लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है मिसरी और मखन मिलाके खाओ - ये लो BP की सबसे अछि दावा है । लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है दूध में घी मिलाके पियो , एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिलाके रातको पिने से लो BP बहुत अछे से ठीक होगा । और एक अछि दावा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तिन बार , जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है । आपने पूरी पोस्ट पड़ी इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
For instant relief from stomach gas trouble drink baking soda with water. Take 1/4 teaspoon of baking soda (not baking powder) and stir it in 1 glass of water. This is one of the conventional home remedies for gas and it is widely used as an effective antacid.
हानिकारक समझे जाने वाली यही चाय आपके लिये बेहद लाभदायक भी हो सकती है। तरीके बदलने से परिणाम भी बदल जाते हैं। सही तरीके से बनी चाय आपके लिये काफी फायदेमंद हो सकती है। आइये जाने कि गुणों से भरपूर ऐसी लाभदायक चाय किस तरह बनती है.... आवश्यक सामग्री: तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपात 100 ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफशा 25 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250 ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम। सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बर्नी में भरकर रख लें। बस, तुलसी की चाय तैयार है। बनाने की विधि : आठ प्याले चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) एक बड़ा चम्मच भर लेना काफी है। आठ प्याला पानी एक तपेली में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर एक चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढक दें। थोड़ी देर तक रखे फिर छानकर कप में डाल लें। इसमें दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और गरम होने के लिए रख दें। फायदे: ऊपर बताए गए प्रयोग से बनी चाय आपको ताजगी और स्फूर्ति के साथ ही सेहत का अतिरिक्त लाभ भी दे सकती है। तुलसी की चाय प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली, स्फूर्तिदायक, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है।
पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण में ग्लिसीरीन मिलाकर दिन में दो बार फटी हुई एड़ियों में लगाने से बहुत जल्दी फायदा होता है।