विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
हमारे देश में मंदिरो में पूजा-पाठ के दौरान शंख बजाना काफी पुराने समय से चलता आ रहा है. देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाकर मंदिरो में पूजा करे है. ऐसे में यह जानना बड़ा दिलचस्ब हो जाता हे कि शंख केवल पूजा-अर्चना में ही उपयोगी है या इसका सीधे तौर पर कुछ लाभ भी है.
तो चलिए जानते हे घर में शंख रखने और इसको बजाने के फायदे..
1. ऐसा कहा जाता हे की जिस घर में शंख पाया जाता है, वहां माँ लक्ष्मी विराजमान रहती है.
2. शंख को इसलिए भी सही माना गया है, क्योंकि लक्ष्मी माँ और विष्णु ईश्वर, अपने हाथों में इसे रखते हैं.
3. पूजा-पाठ में शंख बजाने से वातावरण सुध हो जाता है. जहां तक इसकी ध्वनि जाती है.
4. शंख के जल से शिव, लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं
5. ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है.
6. शंख की आवाज लोगों को पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित करती है.
7. वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है.
सारि दुनिया के लोग जब कभी अकेले में अपने मन या आत्मा से बातें करते है तो उनके भीतर ये सवाल उठता होगा की जब सबको एक दिन मरना ही है, तो फिर ऊपर वाले ने दुनिया बनाई ही क्यों है? इससे अच्छा तो वो पैदा ही न हो, अगर आपके भी मन में ये सवाल पैदा हुआ है तो आज जाने उसका संभव प्रयास में जवाब.
भारतीय पौराणिक इतिहास दुनिया में सबसे पुराने समय के होने का दावा करता है जो की कमोबेश सही भी है, तो वो क्या कहता है इस सवाल के बारे में? इसके अनुसार एक समय था जब धरती पर केवल जल था और सिर्फ त्रिदेवो (ब्रह्मा विष्णु महेश) का ही अस्तित्व था जिनका न कोई आदि ही है और न ही अंत.तब एक दिन भगवान् विष्णु शेष शय्या पे सोये हुए थे तब उनकी कान की किट्टी(कचरा) से दो भयंकर असुर पैदा हुए जिनका नाम मधु और कैटभ था. अपने प्रकट होते ही भगवान की नाभि से निकले कमल में बैठे ब्रह्मा जी की और बढ़े, ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की पलकों वक्ष और बाँहो में समाहित योगनिंद्र का पहली बात ध्यान किया.
उनके प्रकट होते ही भगवान विष्णु की निंद्रा खुल गई और उन्होंने ब्रह्मा जी को बचाने के लिए उनसे युद्ध आरम्भ कर दिया, लेकिन 5000 साल तक उनसे द्वन्द करने पर भी वो उन्हें पराजित न कर सके. लेकिन ब्रह्मा जी के कहने पर योगमाया ने उनकी बुद्धि फेरी और उन दो दानवो मधु और कैटभ ने विष्णु के युद्ध से खुश होके वरदान मांगने बोला.
उन्होंने ये शर्त रखी जन्हा धरती जल में न डूबी हो वंही हमारी मृत्यु हो इतना कहना था की भगवान विष्णु ने दोनों का सर अपनी जंघा पे रखा और सुदर्शन से काट दिए. ये दोनों दानव कुछ और नहीं बल्कि भगवान् के मन के विकार थे जिनकी शक्ति देख वो भी चिंता में आ गए.
सम्भवतः इस कारण ही उन्होंने ऐसी घटना की पुनरावृति रोकने के लिए ब्रह्मा जी को श्रिष्टि की रचना आरम्भ करने के लिए कहा था. इस हेतु भगवान् ने अपने ही असंख्यों अंश क्र लिए जिन्हे हम आत्मा कहते है, इस हिसाब से हम भगवान् का ही अंश है और भगवान् ने हमें अपने मन के विकारों को कम करने के लिए धरती पर भेज है.भगवान् अपनी तरह से हर प्रयास करते है की हम इसी की चेस्टा करें लेकिन भगवान् ने ही जब अपने शारीर के अंश किये और पहली दफा औरत और मर्द बनाए तो वो तुरंत भगवान में फिर समाहित हो गए. तब योगमाया की सहायता से उन अंशों को मोहमाया में डाला गया और दोनों के मिलन से श्रष्टि चक्र बढ़ा.
अब ये हम पे निर्भर करता है की हम इस संसार चक्र में दुःख भोगना चाहते है ये परमात्मा में विलीन होके अमर होना, क्योंकि ऐसा करने पर न हमें मृत्यु का भय ही रहेगा और न ही प्रलय में हम विचलित होंगे.
कहा जाता हे की इंसान का सबसे नाजुक और सेंसिटिव अंग मनुष्य का सिर होता है। इसी लिए ये अक्सर देखा जा सकता हे की किसी भी धर्म से जुडी स्त्रियां पूजा पाठ करते समय अपने सिर पे दुपट्टा या साड़ी के पल्लू को हमेशा डाले रखती हैं। बड़ो के सामने सिर पे दुपट्टा या साड़ी के पल्लू को ढंककर रखना सम्मान सूचक भी माना जाता है।
जानिए वैज्ञानिक कारण क्या है
ब्रह्मरंध्र सिर के बीचों-बीच स्थित होता है। मौसम का मामूली से परिवर्तन के दुष्प्रभाव ब्रह्मरंध्र के भाग से शरीर के अन्य अंगों में आतें हैं। इसके अलावा आकाशीय विद्युतीय तरंगे खुले सिर वाले व्यक्तियों के अंदर घुस कर गुस्सा, दिमागी परेसानी, नज़रे कमजोर होना जैसे कई बीमारियो पैदा करती है। सिर के बालों में रोग फैलाने वाले कीटाणु आसानी से प्रवेश कर जाते हैं, क्योंकि बालों में कुछ ऐसा होता हे जिससे वो आसनी से उस जगह को नही छोड़ते । रोग फैलाने वाले यह कीटाणु बालों से शरीर के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। जिससे व्यक्ति रोगी को रोगी बनाते हैं। इसी कारण सिर और बालों को जहां तक हो सके सिर और बालों को ढककर रखना हमारी परंपरा में शामिल है। साफ , पगड़ी और अन्य साधनों से सिर ढंकने पर कान भी ढंक जाते हैं। जिससे ठंडी और गर्म हवा कान के द्वारा शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती। कई रोगों का इससे बचाव हो जाता है।
सिर ढंकने से आज का जो सबसे गंभीर बीमारी है गनजा हो जाना, बालो का टूटना और खोरा जैसे रोगो से आसानी से बचा जा सकता है। आज भी हिंदू धर्म में परिवार में किसी की मृत्यु पर उसके संबंधियों का मुंडन किया जाता है। ताकि मृतक शरीर से निकलने वाले रोगाणु जो उनके बालों में चिपके रहते हैं। वह नष्ट हो जाए। स्त्रियां बालों को पल्लू से ढंके रहती है। इसलिए वह रोगाणु से बच पाती है। नवजात शिशु का भी पहले ही वर्ष में इसलिए मुंडन किया जाता है ताकि गर्भ के अंदर की जो गंदगी उसके बालों में चिपकी है वह निकल जाए। मुंडन की यह प्रक्रिया अलग-अलग धर्मों में किसी न किसी रूप में है।
Most herbal medicines that you'll find in the market will have a hint of ginger powder in it. For centuries, Ayurveda has used ginger root for everything- form treating digestive issues to headaches, but only recently scientists have been able to recognize its clinical and medicinal properties. Dry ginger powder is widely used in the kitchen to add flavor and aroma. Dry Ginger powder is also known as Sonth in Hindi, Sonti in Telugu, Soonth in Gujarati, Suntha in Marathi and Shunti in Kannada. The powder is extracted from the ginger root which is dried. It is a fine off-white or slightly brownish powder that has a strong aroma and a pungent flavour. Easy to store, ginger powder has a long shelf life of about one year. If you didn't know about the many benefits of using ginger powder, "Ginger powder has various benefits, especially in Ayurvedic healing. It has anti-inflammatory properties that help improve digestion. It is an exceptional natural medicine used for treating common cold. It has anti-bacterial properties too that help prevent any infections in the body." Here are six amazing health benefits of ginger powder worth knowing-
1. Improves Metabolism
Dry ginger powder contains thermogenic agents that are useful to burn fat. Regular consumption of ginger powder may actually help in boosting your metabolism and burning off the excess fat further helping you lose weight.
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2. Relieves Upset Stomach
An upset stomach can be annoying and painful at the same time. Ginger has anti-inflammatory properties that help the stomach to neutralize the digestive juices and further stimulates food digestion and absorption, eliminating the excess gas from intestinal tracts.
3. Perfect Aid for Common Cold
The anti-inflammatory gingerols and shaogals present in ginger root help relieve common cold. Consuming it with lukewarm water can have immediate effects on cold and flu. You can also mix ginger powder, clove powder and salt and consume it twice a day for relief.
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4. Cure for Motion Sickness or Morning Sickness
Ginger powder is an easy solution for motion sickness and morning sickness in pregnant women. Ginger powder mixed with water is highly effective in preventing nausea. It soothes the stomach and gives relief from inflammation.
5. Beauty Benefits of Ginger powder
Did you know ginger powder is used in various face packs to prevent acne and pimples? Its anti-inflammatory properties and anti-bacterial properties help to unclog pores and kill acne-causing bacteria. All you need to do is to mix milk and ginger powder and make a smooth paste. Apply it on your face and leave it for about 15-20 minutes. This mask will rejuvenate your skin leaving you with a fresh and youthful glow. You can also make a toner with ginger powder. Boil two teaspoons of ginger powder in four cups of water. Add a few drops of rosemary or lavender essential oil and mix it well. Store it in a glass bottle and refrigerate. It keeps your skin hydrated and reduces dryness.
6. Culinary Benefits of Ginger Powder
Dried ginger powder is commonly used in spices and masalas, curries and stews. Other than adding flavor, adding a pinch of this spice in rajma and chhole masala can help prevent excess gas in the stomach.
A cup of masala chai is great for common cold or a sore throat. Mix cinnamon, cardamom, cloves, fennel and ginger powder to make a hot cup of tea.
Dried ginger powder is used to add flavour to ginger candies that help in treating flatulence.
This humble kitchen ingredient has a lot to offer and so, you must make the most of it.