क्सर पुरुष यह सोचकर चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है। इसका कारण यह है कि:
बारिश में प्रेमिका को उधार की बाइक और रुपये मांगकर भी लॉन्ग ड्राइव पर ले जाते हैं, जबकि पत्नी के आते ही, अमीर हो जाने पर भी, उससे बारिश होने पर चाय पकौड़ी बनवाना ही याद आता है। कभी थकी-हारी पत्नी ना कह देती है तो पुरुषों के अहम को इतनी चोट लगती है कि सुबह तक मुँह फुलाए घूमते हैं, जबकि प्रेमिका के आगे 365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर कुछ हासिल नहीं हो तो संस्कार समझकर उस पर और प्यार लुटाते हैं और डबल मान-मनौव्वल शुरू कर देते हैं।
प्रेमिका को गार्डन, रेस्टोरेंट, पब, रिसोर्ट जैसी सुंदर और खर्चीली जगह ले जाते हैं, और पत्नी के आते ही उसे मुंडन, जनेव, विवाह, पूजा-पाठ, बीमार की सेवा, श्रद्धांजलि सभा में लेकर जाते हैं। प्रेमिका को सर से पाँव तक घूरते रहने में आँखें नहीं थकतीं और हर इंच और हर मौके के लिए शायराना कॉम्प्लिमेंट्स होते हैं, जबकि पत्नी के लिए शिकायत होती है कि वह कितनी देर लगाती है तैयार होने में।
प्रेमिका का फोन चौबीस घंटे में चौबीस बार भी आए तो वह केयर लगता है, जबकि दिन में पत्नी का दो फोन इन्क्वायरी लगने लगता है। अपने भले अपने माँ-बाप की सेवा नहीं की होगी, लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती है कि वह चौबीस घंटे में से अड़तालीस घंटे पूरे परिवार की सेवा में गुजारे।
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