परिवार में प्रेम कैसे बनाए रखें ? How to maintain love in the family?

परिवार में प्रेम कैसे बनाए रखें ? How to maintain love in the family?

हम अच्छी बात को याद नहीं रख सकते हैं तो बुरी बातों भी याद नहीं रखना चाहिए, तभी परिवार में सुख बना रहता है, दो भाइयों के बीच हो गई लड़ाई, घर और व्यापार का बंटवारा हो गया, इसी तरह कई साल बीत गए, तभी एक संत ने भाई को समझाया कि छोटे से मतभेद खत्म कर लेना चाहिए, 

घर में प्रेम और सुख बना रहे, इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों के बीच आपसी तालमेल होना जरूरी है। छोटी-छोटी बातों की वजह से होने वाले विवादों से आपसी रिश्ते खराब नहीं करना चाहिए। एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक परिवार में दो भाई बड़े प्रेम से रहते थे। दोनों का विवाह साथ में ही हुआ।

विवाह के बाद कुछ दिन तो सब ठीक रहा, लेकिन दोनों भाइयों की पत्नियों की वजह से झगड़े होने लगे। रोज-रोज के झगड़ों से तंग आकर इनके माता-पिता बीमार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। माता-पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों ने घर और व्यापार का बंटवारा कर लिया।

दोनों की दुकानें आसपास ही थी। दोनों भाई रोज अपनी-अपनी दुकान आते, लेकिन एक-दूसरे से बात नहीं करते थे। इसी तरह कई साल निकल गए। छोटे भाई की लड़की का विवाह तय हो गया। उसकी पत्नी ने कहा कि बड़े भाई को भी विवाह में बुलाना चाहिए।

छोटा भाई सभी विवाद भूल कर बड़े भाई को विवाह में आमंत्रित करने गया, लेकिन उसने शादी में आने से मना कर दिया। इस बात से छोटा भाई बहुत दुखी था। तभी उसे मालूम हुआ कि उसका भाई किसी संत के प्रवचन सुनने जाता है। वह भी संत के पहुंच गया और पूरी बात बता दी।

संत ने उससे कहा कि ठीक है, मैं तुम्हारे भाई को समझाने की कोशिश करूंगा। जब बड़ा भाई संत के पास पहुंचा तो संत ने उसे छोटे भाई के यहां विवाह में जाने के लिए कहा। तब बड़े भाई ने कहा कि मैं अपने भाई से नाराज हूं, उसने मुझसे झगड़ा किया था।

तब संत ने उससे कहा कि अच्छा ये बताओ मैंने पिछले सप्ताह सत्संग में कौन सी कथा सुनाई थी। वह व्यक्ति बोला कि गुरुजी आजकल काम बहुत बढ़ गया है। उसके बाद घर की परेशानियां, ऐसे में मुझे पिछले सप्ताह के सत्संग की बातें मैं भूल गया हूं।

संत बोले कि भाई जब तुम अच्छी बातें एक सप्ताह भी याद नहीं रखते हो तो छोटे भाई की बुरी बातों को इतने सालों के बाद भी क्यों नहीं भूल रहे हो। परिवार में अच्छी-बुरी बातें होती रहती हैं, लेकिन अच्छी बातों को याद रखना चाहिए और बुरी बातों को भूल जाना चाहिए। तभी परिवार में प्रेम और सुख बना रहता है।

बड़े भाई को अपनी गलती समझ आ गई। इसके बाद वह संत से आज्ञा लेकर अपने छोटे भाई के घर पहुंचा और दोनों भाइयों के बीच का झगड़ा खत्म हो गया।

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