आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने जीवन के लगभग हर पहलू को छुआ है और अपने ज्ञान के माध्यम से हमें कई तरह की शिक्षाएं प्रदान की हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि किन गुणों को आचार्य चाणक्य अच्छा नहीं मानते। ये गुण आपकी मानहानि का कारण भी बन सकते हैं और आपको करीबियों से दूर भी कर सकते हैं।
बिना सहायता के कुछ न कर पाने वाले लोग
आप कभी न कभी ऐसे लोगों से मिले होंगे जो अपने बलबूते कुछ नहीं कर पाते। ऐसे लोग अक्सर झुंड के साथ मिलकर योजनाएं बनाते हैं और इनकी योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं, या अटक जाती हैं। चाणक्य ऐसे गुण वाले लोगों को अच्छा नहीं मानते। ऐसे लोगों पर से सबका विश्वास उठ जाता है और इसी कारण से समाज में इनकी कोई इज्जत नहीं रह जाती।
दूसरों का अनादर करने वाले लोग
चाणक्य कहते हैं कि, जो लोग दूसरों का आदर नहीं करते उनको भी कभी आदर-सत्कार नहीं मिलता। ऐसे लोग अक्सर खुद को महत्वपूर्ण दर्शाने की कोशिश करते हैं और दूसरों की बात पर कोई ध्यान नहीं देते। अगर आप भी दूसरों की अनादर करते हैं तो आपको इस गुण को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, नहीं दो आपको भी जीवन में मान-सम्मान नहीं मिलेगा।
सबके दोस्त बनने वाले लोग
जो व्यक्ति हर किसी का दोस्त बनने की कोशिश करता है, वो असल में किसी का दोस्त नहीं होता। ऐसे लोग आपके सामने रहकर दूसरों को भला-बुरा बोलते हैं और दूसरों के पास जाकर आपकी बुराई करते हैं। इस तरह के लोगों से भी अक्सर अन्य लोग दूरी बनाना शुरू कर देते हैं, और इनका आदर भी कोई नहीं करता।
मीठी और बनावटी बातें करने वाले लोग
अगर आपको कोई व्यक्ति बहुत मीठी-मीठी बातें बनाता दिखे तो समझ जाइए वो अपने अंदर की कमियों को छुपाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे लोग भले ही ये सोचें की अपनी बातों से उन्होंने सामने वाले का दिल जीत लिया है, लेकिन सच्चाई ये होती है कि ज्यादा मिठास और बनावटी पर लोगों को आपसे दूर कर देता है।
जानवरों पर अत्याचार करने वाले लोग
जो लोग बेजुबान जानवारों के प्रति क्रूर होते हैं ऐसे लोगों की भी समाज में कोई इज्जत नहीं होती। इस तरह के लोगों से भी सब दूर भागते हैं, ऐसे लोगों भले ही दूसरों से आदर सत्कार की उम्मीद करें लेकिन इनके बुरे कर्मों के कारण लोग इनसे दूर रहना ही पसंद करते हैं।
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