कोई जाये जो वृन्दावन, मेरा पैगाम ले जाना-Whoever goes to Vrindavan, take my message.

 कोई जाये जो  वृन्दावन, मेरा पैगाम ले जाना,

मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ, मेरा प्रणाम ले जाना ।

ये कहना मुरली वाले से मुझे तुम कब बुलाओगे,

पड़े जो जाल माया के उन्हे तुम कब छुडाओगे ।

मुझे इस घोर दल-दल से, मेरे भगवान ले जाना ॥

कोई जाये जो वृन्दावन...


जब उनके सामने जाओ तो उनको देखते रहना,

मेरा जो हाल पूछें तो ज़ुबाँ से कुछ नहीं कहना ।

बहा देना कुछ एक आँसू मेरी पहचान ले जाना ॥

कोई जाये जो वृन्दावन...


जो रातें जाग कर देखें, मेरे सब ख्वाब ले जाना,

मेरे आँसू तड़प मेरी..मेरे सब भाव ले जाना ।

न ले जाओ अगर मुझको, मेरा सामान ले जाना ॥

कोई जाये जो वृन्दावन...


मैं भटकूँ दर ब दर प्यारे, जो तेरे मन में आये कर,

मेरी जो साँसे अंतिम हो..वो निकलें तेरी चौखट पर ।

‘हरिदासी’ हूँ मैं तेरी.. मुझे बिन दाम ले जाना॥


कोई जाये जो वृन्दावन मेरा पैगाम ले जाना

मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ मेरा प्रणाम ले जाना ॥

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