बिना दवा ही डायबिटीज कंट्रोल हो जाती है Diabetes can be controlled without medicine


डायबिटीज आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी शरीर में संतुलित हार्मोंस की कमी के कारण होती है। शरीर में ऊर्जा का स्रोत शुगर स्टार्च होता है। जब शुगर स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर में कमी होती है तो डायबिटीज के लक्षण शुरू हो जाते हैं। शरीर में शर्करा का स्तर बढऩे से आंखें और किडनी भी प्रभावित होती हैं।

डायबिटीज के लक्षण:--

- मुंह में मीठा स्वाद रहना , भोजन में रुचि न होना।

- हाथ पैर में झनझनाहट रहना , जलन होना।

- मुख, तालु और गला सूखना।

अकड़ापन रहना , पसीना न आना।

- पसीने व शरीर से दुर्गंध आना।

- नींद ज्यादा आना , बिना काम के थकान रहना।

पश्चिमोत्तानासन:--

इस आसन से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है, पेट ठीक रहता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है जिससे व्यक्ति को डायबिटीज से लडऩे में आसानी होती है। इसे करने के लिए पैर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस भरते हुए पैरों के तलवे को पकडऩे की कोशश करें। घुटने से माथा सटना चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए हाथ ऊपर करके सामान्य हो जाएं। इस आसन को दो से तीन बार दोहराएं।

नेचुरल उपाय:--

डायबिटीज के स्थाई उपचार के लिए योग ही एकमात्र उपाय है। यदि नियमित पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन, भ्रामरी और भ्रस्रिका प्राणायामअनुलोम-विलोम, प्रणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया जाए तो तनाव का स्तर तथा मधुमेह जैसी बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन इसका अभ्यास किसी योग टीचर के देखरेख में ही करना चाहिए।

घरेलू उपाय:--

दालचीनी:--
यह मसाला डायबिटीज को कंट्रोल करने में सबसे अधिक कारगर है क्योंकि यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है। रिसर्च बताती है कि दालचीनी, शरीर की सूजन को कम करता है तथा इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करता है। इसको आप खाने, चाय या फिर गरम पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिक्स कर पिएं।

लौंग:--
इस मसाले में दालचीनी के मुकाबले कई गुना अधिक पॉलीफिनॉल होता है। लेकिन यह उतनी अधिक मात्रा में नहीं खाया जा सकता जितना आप दालचीनी को खा सकते हैं। इसलिए यह मसाला दूसरे स्थान पर आता है।

हरी मिर्च:--
प्रतिदिन भोजन के साथ दो-तीन ताजी हरी मिर्च कधी सेवन करने से मधुमेह रोग में अच्छा लाभ होता है। हरी मिर्च विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ पाचक ग्रंथियों के लिए भी उत्तेजक है एवं कब्ज को दूर करती है। उल्लेखनीय है कि मधुमेह रोगी को कब्ज और अपच की शिकायत आम होती है।

लहसुन:--
इसे खाने से दिल की बीमारी दूर रहेगी और ब्लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रहेगा। इसलिए लहसुन का सेवन मधुमेह रोगी के लिए आवश्यक बनाता है। यह हार्ट पंप को मजबूत बनाएगा और ब्लड सर्कुलेशन भी नार्मल करेगा।

अजवायन की पत्ती:--
जिस तरह से हल्दी बैक्टीरिया और वाइरल इंफेक्शन से बचाती है उसी तरह से अजवायन भी मधुमेह रोगी को फंगल इंफेक्शन से बचाती है।

अदरक:--
लंबे समय से डायबिटीज के मरीजों को अक्सर इस समस्या से जूझना पड़ता है। सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अदरक खाने से हमारे शरीर के मसल सेल्स बिना इंसुलिन के भी ग्लूकोज को पचा लेते हैं। अदरक में मौजूद इस तत्व को जिंजरोल्स नाम दिया गया है।

हल्दी:--
मधुमेह रोगी यदि प्रतिदिन आधा चम्मच हल्दी का सेवन करे, तो फायदा होगा. हल्दी एक उत्तम जैव-प्रतिरोधी मसाले के रूप में विख्यात है। इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

हरी पत्तेदार सब्जियां:--
रोज बड़ी मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से डायबिटीज के खतरे से बचा जा सकता है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां खाते हैं मसलन पालक, पत्तागोभी और सलाद वाली पत्तियां तो आप डायबिटीज होने के खतरे से बच सकते हैं। इस सब्जियों का असर हृदय रोग पर पड़ेगा क्योंकि अक्सर डायबिटीज और हृदय रोग साथ-साथ ही होते हैं।
 
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Photo: पश्चिमोत्तानासन:--

इस आसन से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है, पेट ठीक रहता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है जिससे व्यक्ति को डायबिटीज से लडऩे में आसानी होती है। इसे करने के लिए पैर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस भरते हुए पैरों के तलवे को पकडऩे की कोशश करें। घुटने से माथा सटना चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए हाथ ऊपर करके सामान्य हो जाएं। इस आसन को दो से तीन बार दोहराएं।
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चावल खाने के कुछ ऐसे फायदे

चावल भारत के कई हिस्सों में मुख्य भोजन के रूप में खाया जाता है। चावल बहुत ही पौष्टिक व गुणों से भरपूर भोजन है। लेकिन कई लोग मोटापा बढऩे के डर से इसका सेवन नहीं करते हैं अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो जानिए इसे खाने के फायदों के बारे में....

पेट में जलन हों तो- चावल के औषधीय उपयोग भी हैं, कई रोगों में यह लाभ करता है। सीने में या पेट में जलन, मूत्रविकार में नीबू के रस व नमक रहित चावल का मांड सेवन करने से लाभ होता है।

अतिसार की समस्या हो तो- चावल पेट के रोग के लिए बेहतरीन औषधि माना गया है जब भी किसी का हाजमा बिगड़ जाता है तो उन्हें चावल खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही ,उन्हें चावल में दही मिलाकर खाने की सलाह भी दी जाती है। अतिसार में यह एक बेहतरीन औषधि की तरह काम करता है।

दिमाग के लिए फायदेमंद - चावल खाने से दिमागी विकास होता है और शरीर शक्तिशाली होता है।

हेल्थ के लिए फायदेमंद - यह हल्का भोजन होने के कारण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।


कैंसर से लडऩे में - वैज्ञानिकों का मानना है कि चावल में ट्यूमर को दबाने वाले तत्व देखे गए हैं और शायद यही आँतों के कैंसर से बचाव का एक कारण हो अब वैज्ञानिक इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपने शोध को आगे बढ़ा रहे हैं।

पौष्टिक भोजन- जब भी चावल खाएं इस बात का ख्याल रखें कि इसमें मांड की कुछ मात्रा भी होना चाहिए क्योंकि मांड अलग कर देने से चावल के प्रोटीन, खनिज, विटामिन्स निकल जाते हैं और यह बेकार भोजन कहलाता है। मांड यानी चावल पकाते समय बचा हुआ गाढ़ा सफेद पानी होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन्स व खनिज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।


पाचन क्रिया ठीक करने में- चावल, और मूंगदाल की खिचड़ी जिसमें नमक, मिर्च, हींग, अदरक, मसाले मिलाकर बनाई गई हो उसके सेवन से शरीर को बल मिलता है, बुद्धि विकास होता है व पाचन ठीक रहता है।

कब्ज होने पर- पेट साफ न हो तो चावल में दूध व शकर मिलाकर सेवन करने से दस्त के साथ पेट साफ हो जाता है।

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ऐसे खाएं लहसुन eat garlic like this

मान्यता है कि देव-दानव के बीच हुए अमृत युद्ध में अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। लेकिन चूंकी माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग क्षीण नहीं होते हैं।


- यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन कब्ज को मिटाने वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं नीचे लिखे लहसुन के अचूक प्रयोग-

- लहसुन की दो कलियां भून लें उसमें सफेद जीरा व सौंफ सैंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी से करें।


- लहसुन की चटनी खाना चाहिए और लहसुन को कुचलकर पानी का घोल बनाकर पीना चाहिए।


- लहसुन की पांच-छ: कलियां पीसकर में भिगो दें। सुबह पीस लें। उसमें भुनी हिंग और अजवाइन व सौंफ के साथ ही सोंठ व सेंधा नमक, पुदीना मिलाकर चूर्ण बना लें। 5 ग्राम चूर्ण रोज फांकना चाहिए।

कुछ नुस्खे: छोटे लहसुन के बड़े फायदे...इन बीमारियों में है रामबाण
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लहसुन सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर के लिए एक औषधी की तरह भी काम करता है।इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण और फॉस्फोरस, आयरन व विटामिन ए,बी व सी भी पाए जाते हैं। लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है। भोजन में किसी भी तरह इसका सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है आज हम बताने जा रहे हैं आपको औषधिय गुण से भरपूर लहसुन के कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में जो नीचे लिखी स्वास्थ्य समस्याओं में रामबाण है।

1-- 100 ग्राम सरसों के तेल में दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवाइन के दाने और आठ-दस लहसुन की कुली डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाएं। जब लहसुन और अजवाइन काली हो जाए तब तेल उतारकर ठंडा कर छान लें और बोतल में भर दें। इस तेल को गुनगुना कर इसकी मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।

2-- लहसुन की एक कली छीलकर सुबह एक गिलास पानी से निगल लेने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।साथ ही ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

3-- लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है।

4-- खांसी और टीबी में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन के रस की कुछ बूंदे रुई पर डालकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।

5-- लहसुन दमा के इलाज में कारगर साबित होता है। 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।

6-- लहसुन की दो कलियों को पीसकर उसमें और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे सिर्फ मुहांसों पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।

7-- लहसुन की दो कलियां पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें और ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पीएं दिल से संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है।

8-- लहसुन के नियमित सेवन से पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।

9-- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसीडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।

10-- लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।
Photo: मोटापा जल्दी से घटाना है तो ऐसे खाएं लहसुन
=========================   (संयोगिता सिंह)

मान्यता है कि देव-दानव के बीच हुए अमृत युद्ध में अमृत की कुछ बूंदे धरती पर बिखर गई उन्हीं बूंदों से धरती पर जिस पौधे की उत्पति हुई। वह लहसुन का पौधा था। इसलिए कहा जाता है कि लहसुन एक अमृत रासायन है। लेकिन चूंकी माना जाता है कि इसका प्रयोग करने वाले मनुष्य के दांत, मांस व नाखून बाल, व रंग क्षीण नहीं होते हैं।
 

- यह पेट के कीड़े मारता है व खांसी दूर करता है। लहसुन कब्ज को मिटाने वाला व आंखों के रोग दूर करने वाला माना गया है। अगर आप थुलथुले मोटापे से परेशान हैं तो अपनाएं नीचे लिखे लहसुन के अचूक प्रयोग-

- लहसुन की दो कलियां भून लें उसमें सफेद जीरा व सौंफ  सैंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी से करें।


- लहसुन की चटनी खाना चाहिए और  लहसुन को कुचलकर पानी का घोल बनाकर पीना चाहिए। 
 

- लहसुन की पांच-छ: कलियां पीसकर में भिगो दें। सुबह पीस लें। उसमें भुनी हिंग और अजवाइन व सौंफ के साथ ही सोंठ व सेंधा नमक, पुदीना मिलाकर चूर्ण बना लें। 5 ग्राम चूर्ण रोज फांकना चाहिए। 

कुछ नुस्खे: छोटे लहसुन के बड़े फायदे...इन बीमारियों में है रामबाण
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लहसुन सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर के लिए एक औषधी की तरह भी काम करता है।इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण और फॉस्फोरस, आयरन व विटामिन ए,बी व सी भी पाए जाते हैं। लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है। भोजन में किसी भी तरह इसका सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है आज हम बताने जा रहे हैं आपको औषधिय गुण से भरपूर लहसुन के कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में जो नीचे लिखी स्वास्थ्य समस्याओं में रामबाण है।

1-- 100 ग्राम सरसों के तेल में दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवाइन के दाने और आठ-दस लहसुन की कुली डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाएं। जब लहसुन और अजवाइन काली हो जाए तब तेल उतारकर ठंडा कर छान लें और बोतल में भर दें। इस तेल को गुनगुना कर इसकी मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।

2-- लहसुन की एक कली छीलकर सुबह एक गिलास पानी से निगल लेने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।साथ ही ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

3-- लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है।

4-- खांसी और टीबी में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन के रस की कुछ बूंदे रुई पर डालकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।

5-- लहसुन दमा के इलाज में कारगर साबित होता है। 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।

6-- लहसुन की दो कलियों को पीसकर उसमें और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे सिर्फ मुहांसों पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।

7-- लहसुन की दो कलियां पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें और ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पीएं दिल से संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है।

8-- लहसुन के नियमित सेवन से पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।

9-- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसीडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।

10-- लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।
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चमत्कारिक 'पानी प्रयोग

चमत्कारिक 'पानी प्रयोग'::
ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और लाभ ले
"बिना खर्च किये ही रोगों से बचकर तन्दुरुस्त बनो"
नई एवं पुरानी प्राणघातक बीमारियाँ दूर करने के लिए
यह एक अत्यंत सरल एवं बहुत बढ़िया प्रयोग है।
इसको हम यहाँ पानी प्रयोग कहेंगे।
मधुप्रमेह (डायबिटीज), सिरदर्द, ब्लडप्रेशर,
एनिमिया (रक्त की कमी), जोड़ों का दर्द,
लकवा (पेरेलिसिस), मोटापन, हृदय की धड़कनें एवं
बेहोशी, कफ, खाँसी, दमा (ब्रोन्काईटीस), टी.बी.,
मेनिनजाईटीस), लीवर के रोग, पेशाब की बीमारियाँ,
एसीडीटी (अम्लपित्त), गेस्ट्राईटीस (गैस विषयक
तकलीफें), पेचिश, कब्ज, हरस, आँखों की हर किस्म
की तकलीफें, स्त्रियों का अनियमित मासिकस्राव,
प्रदर (ल्यकोरिया), गर्भाशय का कैंसर, नाक, कान एवं
गले से सम्बन्धित रोग आदि आदि।
पानी पीने की रीतिः प्रभात काल में जल्दी उठकर,
बिना मुँह धोये हुए बिना ब्रश किये हुए करीब
सवा लीटर (चार बड़े गिलास) पानी एक साथ पी लें।
ताजा पानी आराम से बैठ कर धीरे धीरे पीए और
पानी ठण्डा न हो। तदनन्तर 45 मिनट तक कुछ
भी खायें-पियें नहीं। पानी पीने के बाद मुँह धो सकते हैं,
ब्रश कर सकते हैं। यह प्रयोग चालू करने के बाद सुबह में
अल्पाहार के बाद, दोपहर को एवं रात्रि को भोजन के
बाद दो घण्टे बीत जाने पर पानी पियें। रात्रि के समय
सोने से पहले कुछ भी खाये नहीं।
बीमार एवं बहुत ही नाजुक प्रकृति के लोग एक साथ चार
गिलास पानी नहीं पी सकें तो वे पहले एक
या दो गिलास से प्रारंभ करें और बाद में धीरे-धीरे एक-
एक गिलास बढ़ाकर चार गिलास पर आ जायें। फिर
नियमित रूप से चार गिलास पीते रहें।
बीमार हो या तन्दुरुस्त, यह प्रयोग सबके लिए
इस्तेमाल करने योग्य है। बीमार के लिए यह प्रयोग
इसलिए उपयोगी है कि इससे उसे आरोग्यता मिलेगी और
तन्दुरुस्त आदमी यह प्रयोग करेगा तो वह कभी बीमार
नहीं पड़ेगा।
जो लोग वायु रोग एवं जोड़ों के दर्द से पीड़ित हों उन्हें
यह प्रयोग एक सप्ताह तक दिन में तीन बार
करना चाहिए। एक सप्ताह के बाद दिन में एक बार
करना पर्याप्त है। यह पानी प्रयोग बिल्कुल सरल एवं
सादा है। इसमें एक भी पैसे का खर्च नहीं है। हमारे देश
के गरीब लोगों के लिए बिना खर्च एवं बिना दवाई के
आरोग्यता प्राप्त करने की यह एक चमत्कारिक
रीति है।
तमाम भाइयों एवं बहनों को विनती है कि इस
पानी प्रयोग का हो सके उतना अधिक प्रचार करें।
रोगियों के रोग दूर करने के प्रयासों में सहयोगी बनें।
चार गिलास पानी पीने से स्वास्थ्य पर कोई
भी कुप्रभाव नहीं पड़ता। हाँ, प्रारंभ के तीन-चार दिन
तक पानी पीने के बाद दो-तीन बार पेशाब
होगा लेकिन तीन-चार दिन के बाद पेशाब नियमित
हो जायेगा।
..... तो भाइयों एवं बहनों ! तन्दुरुस्त होने के लिए एवं
अपनी तन्दुरुस्ती बनाये रखने के लिए आज से ही यह
पानी प्रयोग शुरु करके बीमारियों को भगायें। आज से
हम सब तन्दुरुस्त बनकर जीवन में दया, मानवता एवं
ईमानदारी लाकर पृथ्वी पर स्वर्ग को उतारेंगे....
प्रातःकाल में दातुन करने से पहले पानी पीने से कई
रोग मिट जाते हैं ऐसा हम लोगों ने अपने बुजुर्गों से
कहानी के रूप में सुना है किन्तु अब हमारे देश के
बुजुर्गों की बातों का प्रचार-प्रसार विदेशी लोगों के
द्वारा किया जाता है तब हमें पता चलता है
कि कैसा महान् है भारत का शरीरविज्ञान और अध्यात्म
ज्ञान !

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कर्म के आगे खुद भगवान भी झुके..

एक बार की बात है, भगवान और देवराज इंद्र में इस बात पर बहस छिड़ गई कि दोनों में से श्रेष्ठ कौन हैं? उनका विवाद बढ़ गया तब इंद्र ने यह सोचकर वर्षा करनी बंद कर दी कि यदि वे बारह वर्षों तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं करेंगे तो भगवान पृथ्वीवासियों को कैसे जीवित रख पाएंगे।

इंद्र की आज्ञा से मेघों ने जल बरसाना बंद कर दिया। किंतु किसानों ने सोचा कि यदि यह लड़ाई बारह वर्षों तक चलती रही तो वे अपना कर्म ही भूल बैठेंगे। उनके पुत्र भी सब कुछ भूल जाएंगे। अतः उन्हें अपना कर्म करते रहना चाहिए। यह सोचकर उन्होंने कृषि कार्य शुरू कर दिया। वे अपने-अपने खेत जोतने लगे।

तभी मिट्टी के नीचे छिपा कर मेढ़क बाहर आया और किसानों को खेती करते देख आश्चर्यचकित होकर बोला- “इंद्र देव और भगवान में श्रेष्ठता की लड़ाई छिड़ी हुई है। इसी कारण इंद्र देव ने बारह वर्षों तक पृथ्वी पर वर्षा न करने का निश्चय किया है। फिर भी आप लोग खेत जोत रहे हैं! यदि वर्षा ही न हुई तो खेत जोतने का क्या लाभ?”

किसान बोले-“मेढ़क भाई! यदि उनकी लड़ाई वर्षों तक चलती रही तो हम अपना कर्म ही भूल जाएंगे। इसलिए हमें अपना कर्म तो करते ही रहना चाहिए।”

मेढ़क ने सोचा- ‘तो मैं भी टर्राता हूं, नहीं तो मैं भी टर्राना भूल जाऊंगा। तब वह भी टर्राने लगा।’ उसने टर्राना शुरू किया तो मोर ने भी इंद्र एवं भगवान के मध्य लड़ाई की बात कही। मेढ़क बोला-“मोर भाई! हमें तो अपना कर्म करते ही रहना चाहिए, चाहे दूसरे अपने कार्य भूल जाएं।

क्योंकि यदि हम अपने कर्म भूल जाएंगे तो आने वाली पीढ़ी को कैसे मालूम होगा कि उन्हें क्या कर्म करने हैं। अतः सबको अपना कर्म करने चाहिएं। फल क्या और कब मिलता है, यह ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।” मेढ़क की बात सुनकर मोर भी पिहू-पिहू बोलने लगा।

देवराज इंद्र ने जब देखा कि सभी प्राणी अपने-अपने कार्य में लगे हैं तो उन्होंने सोचा कि ‘शायद इन्हें ज्ञात नहीं है कि मैं बारह वर्षों तक नहीं बरसूंगा। इसलिए ये अपने कर्म कर रहे हैं। मुझे जाकर इन्हें सत्य बताना चाहिए।’

यह सोचकर वे पृथ्वी पर आए और किसानों से बोले-“ये क्या कर रहे हो?”

किसान बोले- “भगवन! हमारा कर्म ही ईश्वर है। आप अपना कार्य करें अथवा न करें, हमें तो अपना कर्म करते ही रहना है।”

किसानों की बात सुन देवराज इंद्र ने अपनी जिद्द छोड़ते हुए बादलों को आदेश दिया कि वे पृथ्वी पर घनघोर बरसें
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हनुमान जी की उपासना worship of hanuman ji

‘ देवो भूत्वा देवं यजेत ’

यह उपासना का मुख्य सिद्दांत है और इसका ‘उप ’ अर्थात समीप , ‘आसन ’ अर्थात स्थित होना अर्थ है I जिस उपासना द्वारा अपने इष्टदेव में उनकी गुण -धर्म -रूप शक्तियों में सामीप्य -संबध स्थापित होकर तदाकर्ता हो जाये , अभेद -संबध हो जाये , यही उसका तात्पर्य एवं उद्देश्य है I

आज की इस विषम परिस्थिति में मनुष्य मात्र के लिए , विशेषतया युवकों एवं बालकों के लिए भगवन हनुमान की उपासना अत्यंत अवश्यक है I हनुमान जी बुधि -बल -शौर्य प्रदान करते हैं और उनके स्मरण मात्र से अनेक रोगों का प्रशमन होता है I मानसिक दुर्बलताओं के संघर्ष में उनसे सहायता प्राप्त होती है गोस्वामी तुलसीदास जी को श्री राम के दर्शन में उन्हीं से सहायता प्राप्त हुई थी!

वे आज जहाँ भी श्री राम कथा होती है , वहां पहुंचते हैं और मस्तक झुकाकर , रोमांच - कंटकित होकर , नेत्रों में अश्रू भरकर श्री राम कथा का सiदर श्रवण करते हैं !
हनुमान जी भगवत्त तत्व विज्ञानं , पराभक्ति और सेवा के ज्वलंत उधारण हैं!
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Dengue Fever(डेंगू बुखार)

Dengue Fever(डेंगू बुखार)
लक्षण :- तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना,
त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम
होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए
तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट
की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें
रोगी को दें :
उपiय :- 1.) अनार जूस
2.) गेहूं घास रस
3.) पपीते के पत्तों का रस
4.) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
5.) अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में 2 से 3 बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में 2-3 बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें
रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जैसे बुखार मे शरीर मे बहुत दर्द होता है .. बुखार चला जाता है पर कई बार दर्द नही जाता | ऐसे केसेस मे आप हरसिंगार की पत्ते की काड़ा इस्तेमाल करे, 10-15 दिन मे ठीक हो जायेगा |
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान
हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है
 

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Home Remedy for Diabetes

Home Remedy for Diabetes (By Dr. Tony Almeida) ( Bombay Kidney Speciality expert )

Ingredients:
1 - Wheat (genhu)100 gm
2 - Gum(of tree) (gondh) 100 gm
3 - Barley (jyon) 100 gm
4 – Fennel Flowers (Black Seeds) (kalunji) 100 gm

Method of Preparation :
Put all the above ingredients in 5 cups of water.
Boil it for 10 minutes and put off the fire.
Allow it to cool down by itself.
When it has become cold, filter out the
seeds and preserve water in a glass jug or bottle.

How to use it?
Take one small cup of this water every day early morning when your stomach is empty.
Continue this for 7 days.Next week repeat the same but on alternate days. With these 2 weeks of
treatment you will wonder to see that you have become normal and can eat
normal food without problem.

Note:
A request is to spread this to as many as possible so that others can also take benefit out of it.
 
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|| धर्म की आवश्यकता ||

वेद - शास्त्र - पुराण और संत - महात्माओं के वचनों और सिद्ध पुरुषों के आचरणों से यही सिद्ध होता है की संसार धर्म पर ही टिका हुआ है , धर्म से ही मनुष्य -जीवन की सार्थकता है , धर्म ही मनुष्य को पापों से बचाकर उन्नत जीवन में प्रवेश करवाता है , धर्मबल से ही विपत्तिपूर्ण संसार और परलोक में जीव दुःख के नरक से पार उतर सकता है | ऐसा माना जाता है की धर्म के बिना मनुष्य का जीवन पशु - जीवन -सदृश ही हो जाता है | धर्महीन मनुष्य उछ्रिन्खल हो जाता है और उसके मनमाने आचरण से समाज और देश को कष्ट उठाना पड़ता है | धर्म ही मनुष्य को संयमी , साहसी , धीर , वीर , जितेन्द्रिय और कर्त्तव्यपरायण बनाता है | धृति , क्षमा , मन का निग्रह , अस्तेय , शौच , इन्द्रियनिग्रह , निर्मल बुद्धि , विद्या , सत्य और अक्रोध - ये दस धर्म के लक्षण हैं |
महाभारत में कहा है - मन , वाणी और कर्म से प्राणिमात्र के साथ अद्रोह , सब पर कृपा और दान यही साधू पुरुषों का सनातन - धर्म है | पद्मपुराण में धर्म के लक्षण ये बताए हैं - हे प्रिय ! ब्रह्मचर्य , सत्य , पञ्चमहायज्ञ , दान , नियम , क्षमा , शौच , अहिंसा , शांति और अस्तेय से व्यवहार करना - इन दस अंगों से धर्म की ही पूर्ती करे | धर्म ही हमारे लोक - परलोक का एक मात्र सहायक और साथी है , धर्म मनुष्य को दुःख से निकालकर सुख की शीतल गोद में ले जाता है | असत्य से सत्य में ले जाता है , अंधकारपूर्ण हृदय में अपूर्व ज्योति का प्रकाश कर देता है | धर्म ही चरित्र - निर्माण में एक मात्र सहायक है | धर्म से ही अधर्म पर विजय प्राप्त हो सकती है | कहा भी है " अनीति से जात है , राज , तेज और वंश ; तीनों ताले जड गए , कौरव , रावण , कंश |
महाराणा प्रताप , छत्रपति शिवाजी आदि का नाम हिंदू जाती में धर्मरक्षा के कारण ही अमर है | युधिष्टर ने धर्मपालन के लिए ही कुत्ते को साथ लिए बिना अकेले सुखमय स्वर्ग में जाना अस्वीकार कर दिया था | मीराबाई धर्म के लिए जहर का प्याला पी गई थी | ईशामसीह धर्म के लिए ही शूली पर चढ गए थे | भगवान बुद्ध ने धर्म के लिए ही शरीर सुखा दिया था | इसी कारण आज इन महानुभावों के नाम अमर हो रहे हैं | धर्म के अभाव में पर - धन और पर स्त्री का अपहरण करना , दीनों को दुःख पहुंचाना तथा मनमानी करना और भी सुगम हो जायेगा | सर्वथा धर्मरहित जगत की कल्पना ही विचारवान पुरुष के हृदय को हिला देती है |
मनु महाराज के ये वाक्य स्मरण रखने चाहिए कि - परलोक में सहायता के लिए माता , पिता , पुत्र , स्त्री और संबंधी नहीं रहते | वहाँ एक धर्म ही काम आता है | मरे हुऐ शरीर को बन्धु - बांधव काठ और मिटटी के ढेले के समान पृथ्वी पर पटक कर चले आते हैं , एक धर्म ही उसके पीछे जाता है | अतैव परलोक में सहायता के लिए नित्य धर्म का संचय करना चाहिए | धर्म की रक्षा के लिए ही स्वयम भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं [ श्लोक ४ / ७ ] | साधू पुरुषों का उद्धार करने के लिए , पापकर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए मैं युग -युग में प्रकट हुआ करता हूँ [ श्लोक ४ / ८ ] | 
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सफेद बालों के लिए नुस्खे: Home Remedies for Grey Hair

बाल झड़ने की समस्या के लिए नुस्खे :Home Remedies for Hair Fall.
कुछ घरेलू उपचार आजमा कर भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है :-
• कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।

• नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
• तिल खाएं। इसका तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।
• आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
• प्रतिदिन घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

Hair Fall Problem :बाल झड़ने की समस्या
• नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
• चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
• बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।
• दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।
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Home Remedies for Grey Hair:
1. Ayurvedic remedy for grey hair is onions made into a fine paste. If this mixture is applied regularly before taking a bath, it brings back the colour to grey hair.
2. Amla is another essential ingredient which is used to treat conditions of grey hair. Amla powder mixed with lemon juice can be applied to the hair for excellent results.
3. Eat Sesame (til ). It also helps in darkning the hairs.
4. A pinch of ground black pepper mixed with curd and the juice of a lemon and applied evenly on the hair is an excellent ayurvedic home remedy for grey hair. Curd helps in ridding the hair of dandruff and black pepper helps in darkening the hair. Regular use of this mixture yields positive results.
5. Massage head with ghee, it also helps in darkening hairs.

HAIR FALL PROBLEM :बाल झड़ने की समस्या
• Keep Neem paste sometime in the head. Wash the hair. Hair loss will stop
• Wash hair with boiled tea leaf water.
• • Wash hair with gram flour (BESAN) with milk or yogurt.
• Keep paste of raw papaya paste in head for 10 minutes. Use it for no dandruff and no hair fall.
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 सफेद बालों के लिए नुस्खे: Home Remedies for Grey Hair
बाल झड़ने की समस्या के लिए नुस्खे :Home Remedies for Hair Fall.
कुछ घरेलू उपचार आजमा कर भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है :-
• कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।

• नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
• तिल खाएं। इसका तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।
• आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
• प्रतिदिन घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

Hair Fall Problem :बाल झड़ने की समस्या
• नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
• चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
• बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।
• दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।
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 Home Remedies for Grey Hair:
1. Ayurvedic remedy for grey hair is onions made into a fine paste. If this mixture is applied regularly before taking a bath, it brings back the colour to grey hair.
2. Amla is another essential ingredient which is used to treat conditions of grey hair. Amla powder mixed with lemon juice can be applied to the hair for excellent results.
3. Eat Sesame (til ). It also helps in darkning the hairs.
4.  A pinch of ground black pepper mixed with curd and the juice of a lemon and applied evenly on the hair is an excellent ayurvedic home remedy for grey hair. Curd helps in ridding the hair of dandruff and black pepper helps in darkening the hair. Regular use of this mixture yields positive results.
5. Massage head with ghee, it also helps in darkening hairs.

HAIR FALL PROBLEM :बाल झड़ने की समस्या
• Keep Neem paste sometime in the head. Wash the hair. Hair loss will stop
• Wash hair with boiled tea leaf water. 
• • Wash hair with gram flour (BESAN) with milk or yogurt. 
• Keep paste of raw papaya paste in head for 10 minutes. Use it  for no dandruff and no hair fall.
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