बिना दवा ही डायबिटीज कंट्रोल हो जाती है Diabetes can be controlled without medicine


डायबिटीज आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी शरीर में संतुलित हार्मोंस की कमी के कारण होती है। शरीर में ऊर्जा का स्रोत शुगर स्टार्च होता है। जब शुगर स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर में कमी होती है तो डायबिटीज के लक्षण शुरू हो जाते हैं। शरीर में शर्करा का स्तर बढऩे से आंखें और किडनी भी प्रभावित होती हैं।

डायबिटीज के लक्षण:--

- मुंह में मीठा स्वाद रहना , भोजन में रुचि न होना।

- हाथ पैर में झनझनाहट रहना , जलन होना।

- मुख, तालु और गला सूखना।

अकड़ापन रहना , पसीना न आना।

- पसीने व शरीर से दुर्गंध आना।

- नींद ज्यादा आना , बिना काम के थकान रहना।

पश्चिमोत्तानासन:--

इस आसन से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है, पेट ठीक रहता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है जिससे व्यक्ति को डायबिटीज से लडऩे में आसानी होती है। इसे करने के लिए पैर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस भरते हुए पैरों के तलवे को पकडऩे की कोशश करें। घुटने से माथा सटना चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए हाथ ऊपर करके सामान्य हो जाएं। इस आसन को दो से तीन बार दोहराएं।

नेचुरल उपाय:--

डायबिटीज के स्थाई उपचार के लिए योग ही एकमात्र उपाय है। यदि नियमित पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन, भ्रामरी और भ्रस्रिका प्राणायामअनुलोम-विलोम, प्रणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया जाए तो तनाव का स्तर तथा मधुमेह जैसी बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन इसका अभ्यास किसी योग टीचर के देखरेख में ही करना चाहिए।

घरेलू उपाय:--

दालचीनी:--
यह मसाला डायबिटीज को कंट्रोल करने में सबसे अधिक कारगर है क्योंकि यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है। रिसर्च बताती है कि दालचीनी, शरीर की सूजन को कम करता है तथा इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करता है। इसको आप खाने, चाय या फिर गरम पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिक्स कर पिएं।

लौंग:--
इस मसाले में दालचीनी के मुकाबले कई गुना अधिक पॉलीफिनॉल होता है। लेकिन यह उतनी अधिक मात्रा में नहीं खाया जा सकता जितना आप दालचीनी को खा सकते हैं। इसलिए यह मसाला दूसरे स्थान पर आता है।

हरी मिर्च:--
प्रतिदिन भोजन के साथ दो-तीन ताजी हरी मिर्च कधी सेवन करने से मधुमेह रोग में अच्छा लाभ होता है। हरी मिर्च विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ पाचक ग्रंथियों के लिए भी उत्तेजक है एवं कब्ज को दूर करती है। उल्लेखनीय है कि मधुमेह रोगी को कब्ज और अपच की शिकायत आम होती है।

लहसुन:--
इसे खाने से दिल की बीमारी दूर रहेगी और ब्लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रहेगा। इसलिए लहसुन का सेवन मधुमेह रोगी के लिए आवश्यक बनाता है। यह हार्ट पंप को मजबूत बनाएगा और ब्लड सर्कुलेशन भी नार्मल करेगा।

अजवायन की पत्ती:--
जिस तरह से हल्दी बैक्टीरिया और वाइरल इंफेक्शन से बचाती है उसी तरह से अजवायन भी मधुमेह रोगी को फंगल इंफेक्शन से बचाती है।

अदरक:--
लंबे समय से डायबिटीज के मरीजों को अक्सर इस समस्या से जूझना पड़ता है। सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अदरक खाने से हमारे शरीर के मसल सेल्स बिना इंसुलिन के भी ग्लूकोज को पचा लेते हैं। अदरक में मौजूद इस तत्व को जिंजरोल्स नाम दिया गया है।

हल्दी:--
मधुमेह रोगी यदि प्रतिदिन आधा चम्मच हल्दी का सेवन करे, तो फायदा होगा. हल्दी एक उत्तम जैव-प्रतिरोधी मसाले के रूप में विख्यात है। इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

हरी पत्तेदार सब्जियां:--
रोज बड़ी मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से डायबिटीज के खतरे से बचा जा सकता है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां खाते हैं मसलन पालक, पत्तागोभी और सलाद वाली पत्तियां तो आप डायबिटीज होने के खतरे से बच सकते हैं। इस सब्जियों का असर हृदय रोग पर पड़ेगा क्योंकि अक्सर डायबिटीज और हृदय रोग साथ-साथ ही होते हैं।
 
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Photo: पश्चिमोत्तानासन:--

इस आसन से शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है, पेट ठीक रहता है और शरीर में रक्त का संचार तेजी से होता है जिससे व्यक्ति को डायबिटीज से लडऩे में आसानी होती है। इसे करने के लिए पैर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस भरते हुए पैरों के तलवे को पकडऩे की कोशश करें। घुटने से माथा सटना चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए हाथ ऊपर करके सामान्य हो जाएं। इस आसन को दो से तीन बार दोहराएं।
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