विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
Pankaj Udhas Gazal Super Hit
खामोश लव है झुखी निगाहें || tumhari daulat nai nai hai
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वक़्त का ये परिंदा || रुला देने वाला ग़ज़ल || Waqt ka ye Parinda ||
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हम तेरे सहर मैं आये हैं मुसाफिर की तरह
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हमने निर्भया से क्या सीखा ? निर्भया की मां ने खड़े किए सवाल...
हमने निर्भया से क्या सीखा, आज भी हम 2012 में खड़े हैं…कोलकाता रेप मर्डर केस पर निर्भया की मां का फूटा गुस्सा
निर्भया की मां आशा देवी ने कोलकाता रेप केस को लेकर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा, पिछले 12 साल में क्या बदला, आज भी हम 2012 में ही खड़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा जिस तरह बच्ची के साथ बर्बरता हुई है, इन सब चीजों से लगता है कि हमारी नजरों से कुछ छिप रहा है जो बाहर आना चाहिए. उन्होंने सरकार से भी सवाल पूछे और जूनियर डॉक्टर के लिए इंसाफ की गुहार लगाई.
हमने निर्भया से क्या सीखा, आज भी हम 2012 में खड़े हैं...कोलकाता रेप मर्डर केस पर निर्भया की मां का फूटा गुस्सा
निर्भया की मां ने कोलकाता की बेटी के लिए इंसाफ की लगाई गुहार
साल 2012 में जब दिल्ली की सड़कों पर एक बेटी के संग अपराध हुआ था तब पूरे देश में निर्भया को इंसाफ दिलाने की मुहिम छिड़ गई थी, जिसके बाद 20 मार्च 2020 के दिन निर्भया को इंसाफ मिला था और अपराधियों को फांसी हुई थी, उस दिन पूरे देश ने सोच लिया था कि अब देश में फिर कहीं कोई रेप नहीं होगा, लेकिन आज फिर एक नई तारीख सब के सामने खड़ी है 9 अगस्त 2024 जब कोलकाता में 31 साल की एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ और उसका मर्डर हो गया.
निर्भया की मां आशा देवी जो लगातार हिम्मत से अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए डट कर खड़ी रही वो आज कोलकाता की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए भी आगे आई हैं. आशा देवी ने कोलकाता की बेटी के साथ जो कुछ हुआ उस पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, हम निर्भया का नाम लेते हैं, लेकिन 12 साल बाद भी हम 2012 में ही खड़े हैं. क्या बदलाव आया है?
निर्भया की मां ने खड़े किए सवाल
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 12-13 साल हो गए इतनी चीजे बदली है, अगर नहीं कुछ बदला है तो महिलाओं के साथ घटनाएं, महिलाओं के साथ रेप बलात्कार . उन्होंने आगे कहा, हमें नहीं लगता है महिला सुरक्षा के लिए, महिलाओं के साथ जो घटनाएं हो गई उनके साथ इंसाफ के लिए कुछ बदला है. आशा देवी ने कहा, कानून जरूर बनाए गए, लेकिन उसमें काम नहीं हुआ.
Source : https://www.tv9hindi.com/india/nirbhayas-mother-asha-devi-on-kolkata-rape-case-2787539.html
देर रात को खाना खाते हैं, तो इससे आपकी सेहत ख़राब हो सकती है...If you eat food late at night, it can spoil your health...
न सिर्फ़ खानपान, बल्कि खाने के वक़्त पर भी हमारी सेहत निर्भर करती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का मूलमंत्र है- सही खाएं, सही समय पर खाएं!
इस दौर में रात का भोजन देर से करना बहुत सामान्य बात हो गई है। कुछ लोग रात को 9 बजे खाना खाते हैं तो कुछ को 11 बज जाते हैं। लेकिन यही देर से खाने की आदत हमारी सेहत बिगाड़ रही है। नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि रात 9 बजे के बाद भोजन करने से मस्तिष्क संबंधी रोग या मस्तिष्कवाहिकीय (सेरेब्रोवैस्कुलर) रोगों का जोखिम काफ़ी बढ़ जाता है। रात का आख़िरी भोजन जितनी देर से किया जाता है, हर घंटे के साथ मस्तिष्क संबंधी रोग का जोखिम 8 फ़ीसदी तक बढ़ जाता है, जो रात 9 बजे के बाद लगभग 28 फ़ीसदी तक पहुंच जाता है।
वहीं, पिछले दिन के अंतिम भोजन और अगले दिन के पहले आहार (नाश्ता) के बीच 12-13 घंटे का अंतर होना चाहिए। यह मस्तिष्क रोग के जोखिम को कम करता है।
मस्तिष्क पर कैसे पड़ता है असर?
दरअसल, मनुष्य का शरीर सोने-जागने के चक्र के अनुकूल ही कार्य करता है। जब सोने का समय होता है तब आप खाना खाते हैं तो मेटाबॉलिज़्म सहित पूरी सेहत प्रभावित होती है। इसका सबसे ज़्यादा असर दिमाग़ पर पड़ता है। इसके चलते नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है, मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है, सिरदर्द व अवसाद भी हो सकता है। हमारे शरीर में पाया जाने वाला सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है। यह नींद और भूख के बीच संतुलन बनाने और मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन का लगभग 95 फ़ीसदी पेट में बनता है, और पेट में 10 करोड़ तंत्रिका कोशिकाएं या न्यूरॉन्स होते हैं। इससे एक बात तो स्पष्ट होती है कि पाचन तंत्र न सिर्फ़ भोजन को पचाने में मदद करता है बल्कि मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है।
सर्केडियन रिदम से चलता है हमारा शरीर
शरीर की यह आंतरिक घड़ी है जो सोने, जागने, खाने, हॉर्मोन के स्तर और शरीर के तापमान जैसे कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करती है। यह मुख्य रूप से दिन और रात के चक्र (प्रकाश और अंधकार) से प्रभावित होती है। जब खाने का समय शरीर की घड़ी से मेल नहीं खाता है तो यह वसा संचय करने वाले हॉर्मोन बढ़ा देती है जिससे वज़न बढ़ सकता है।
क्या होगा जब रात का भोजन छह-सात बजे कर लेंगे
पाचन तंत्र रहेगा बेहतर
शाम को 6 या 7 बजे खाना खाने से शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इस दौरान, विभिन्न पाचन एंज़ायम और एसिड भोजन को बेहतर ढंग से तोड़ते हैं, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक प्रभावी हो जाता है और खाना सही ढंग से पचता है। साथ ही पेट की समस्याओं, जैसे गैस, एसिडिटी और कब्ज़ से भी राहत मिलती है।
वज़न नियंत्रण में मदद
देर रात भोजन के बाद शारीरिक गतिविधियां नहीं हो पाती हैं जिससे कैलोरी की खपत कम होती है और शरीर में अतिरिक्त कैलोरी वसा के रूप में जमा हो जाती है। वहीं, जब आप शाम को खाना खा लेते हैं तो शरीर को कैलोरी जलाने का भरपूर समय मिलता है, जिससे वज़न को नियंत्रित रखना आसान होता है।
मेटाबॉलिज़्म में सुधार
मेटाबॉलिज़्म के माध्यम से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। शाम को जल्दी खाना खाने से चयापचय की गति बढ़ती है। इससे शरीर तेज़ी से ऊर्जा का उपयोग कर पाता है और आप ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसके अलावा, इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार होता है, जिसके बढ़ने से शरीर कार्बोहाइड्रेट को बेहतर ढंग से पचाता और उपयोग कर पाता है। इससे रक्तशर्करा का स्तर स्थिर रहता है और टाइप-2 मधुमेह का जोखिम कम होता है।
मानसिक सेहत में बेहतरी
जल्दी खाना खाने से शरीर की जैविक घड़ी बेहतर तरीक़े से काम करती है जिससे सोने-जागने का चक्र, शरीर का तापमान, हॉर्मोन उत्पादन और अन्य शारीरिक प्रक्रियाएं सही रहती हैं। इससे तनाव और चिंता को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इंसुलिन और शर्करा स्तर संतुलित होने से मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ेपन की समस्या भी पैदा नहीं होती।
बेहतर नींद का अनुभव
इस बदलाव से नींद का पैटर्न भी सही रहता है। देर रात भोजन करने से पाचन तंत्र को आराम नहीं मिल पाता जिससे नींद में समस्या हो सकती है। वहीं जब शाम को 6-7 बजे खाना खा लेते हैं तो शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे सोने से पहले पाचन तंत्र अधिक आरामदायक स्थिति में होता है। इससे गहरी नींद मिलती है।
हृदय के स्वास्थ्य में सुधार
रात को देर से खाना खाने से कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है, जो हृदय रोगों का कारण बन सकता है। समय सुधारने से शरीर को इन्हें पचाने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इससे उनके स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो हृदय के लिए अच्छा है। देर रात खाने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन भी बढ़ सकती है, जो कि हृदय रोगों का एक अन्य कारण है। लेकिन खाने का समय सुधारकर इनसे बचा जा सकता है।
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नजरिया: कच्ची उम्र के ये शरीर सम्बन्ध...! Perspective: These body relations of early age...!
रक्षाबंधन पर बनेंगे ये शुभ योग, राखी के लिए मिलेगा कल सिर्फ इतने घंटे का मुहूर्त
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस साल 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगी, जो दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:30 से लेकर रात्रि 09:07 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप भाई को राखी बांध सकती है।
Feetured Post
नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये
1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ? जब आप लिफ़्ट में...