अंतरिक्ष तथा वायुमंडल में सौरमंडल के चारों ओर ग्रहों की गति से जो शोर हो रहा है वह ॐ की ध्वनि की परिणति है। ॐ ब्रह्माण्ड के अंदर नियमित ध्वनि है। सूक्ष्म इंद्रियों द्वारा ध्यान लगाने पर इसकी अनुभूति हो सकती है।
सर्वत्र व्याप्त होने के कारण इस ध्वनि (ॐ) को ईश्वर (प्रणव) की संज्ञा दी गई है। जो ॐ के अर्थ को जानता है, वह अपने आप को जान लेता है और जो अपने आप को जान लेता है वह ईश्वर को जान लेता है। इसलिए ॐ का ज्ञान सर्वोत्कृष्ट है। समस्त वेद इसी ॐ की व्याख्या करते हैं।
वैदिक चिंतन में परमात्मा के सर्वोत्तम नाम ॐ की मान्यता है। महाभारत काल के पश्चात इससे भिन्न विचारधाएं चल पड़ीं। बौद्ध तथा जैन विचारधाराओं में ॐ की प्रतिष्ठा पर कोई आंच नहीं आई तथा शैव-संप्रदाय में भी ॐ की प्रतिष्ठा बनी रही। शैव संप्रदाय में 'ॐ नमः शिवायः' मंत्र का प्रचार है जो वेदों के अनुकूल है। शाक्त संप्रदाय भी ॐ का परित्याग नहीं कर सका।
शक्ति की प्रधानता होते हुए भी तांत्रिक मंत्रों में सर्वत्र ॐ का प्रथम उच्चारण होता है। सिक्ख पंथ में एक औंकार की मान्यता है। इसके अतिरिक्त पारसी, यहूदी तथा अन्य मतों में भी किसी न किसी रूप में ॐ के चिह्नों की मान्यता है। कहने का अर्थ है कि ॐ का अस्तित्व सर्वकालीन तथा सार्वभौमिक है।
परमात्मा की स्तुति भूः, भुवः और स्वः इन्हीं तीन मात्राओं से निकली है। सृष्टि, स्थिति और प्रलय का संपादन भी इन्हीं तीन मात्राओं से होता है। सत् चित् आनंद की तीन सत्ताएं भी इन्हीं से प्रकट होती हैं। सभी वैदिक मंत्रों का आरंभ ॐ का उच्चारण कर ही किया जाता है। जैसे नारी नर के बिना फलीभूत नहीं होती इसी प्रकार वेदों की ऋचाएं, श्रुतियां ॐ के उच्चारण के बिना पूर्ण नहीं होतीं।
अधिभौतिक, अधिदैविक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुःखों की शांति का सूचक मंत्र है- ॐ।'
ॐ (ईश्वर) की व्याख्या करते हुए शास्त्र कहते हैं- 'ईश्वर पूर्ण है, जीव भी पूर्ण है, पूर्ण से पूर्ण उत्पन्न होता है और पूर्ण में पूर्ण निकल जाने के बाद पूर्ण ही शेष रह जाता है। माता के शरीर से संतान के उत्पन्न हो जाने पर शिशु और माता दोनों ही पूर्ण रहते हैं।
विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
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