तू भी सताया जाएगा
कर्म तेरा लौट के आएगा
दिल से दुआ निकलती है
चुप-सी आग भी जलती है
इंसाफ़ वक़्त ज़रूर दिखाएगा
सब कुछ लौटकर ही आएगा
दर्द का भी हिसाब होगा
आँसुओं का जवाब होगा
बेवफ़ाई रंग छोड़ जाएगी
सच्चा प्यार कभी ना रोएगी
ज़ुल्म का सफ़र थम जाएगा
हक़ का सितारा चमक जाएगा
टूटा दिल भी बोल उठेगा
वक़्त सबकुछ कह जाएगा
तू भी रोएगा रातों में
तड़पेगा उन बातों में
अकेलापन डराएगा तुझको
अपना कोई नहीं लगेगा
क़िस्मत भी लौट के आएगी
तेरी गली तक आएगी
जो किया है, वो मिलेगा
सच की जीत ही खिलेगा
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