विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
इस विश्व में स्वर्ण, गाय और पृथ्वी का दान देनेवाले सुलभ है लेकिन प्राणियों को अभयदान देनेवाले इन्सान दुर्लभ हैं। - भर्तृहरि
जिसके पास न विद्या है, न तप है, न दान है, न ज्ञान है, न शील है, न गुण है और न धर्म है; वे मृत्युलोक पृथ्वी पर भार होते है और मनुष्य रूप तो हैं पर पशु की तरह चरते हैं (जीवन व्यतीत करते हैं)। - भर्तृहरि
जिनके हाथ ही पात्र हैं, भिक्षाटन से प्राप्त अन्न का निस्वादी भोजन करते हैं, विस्तीर्ण चारों दिशाएं ही जिनके वस्त्र हैं, पृथ्वी पर जो शयन करते हैं, अन्तकरण की शुद्धता से जो संतुष्ट हुआ करते हैं और देने भावों को त्याग कर जन्मजात कर्मों को नष्ट करते हैं, ऐसे ही मनुष्य धन्य है। - भर्तृहरि
को लाभो गुणिसंगमः (लाभ क्या है? गुणियों का साथ) — भर्तृहरि
दान, भोग और नाश ये धन की तीन गतियाँ हैं। जो न देता है और न ही भोगता है, उसके धन की तृतीय गति (नाश) होती है। — भर्तृहरि
जब तक शरीर स्वस्थ है, इन्द्रियों की शक्ति क्षीण नहीं हुई तथा बुढ़ापा नहीं आया है, तब तक समझदार को अपने हित साध लेने चाहिए। - भर्तृहरि
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और उद्यम सबसे बड़ा मित्र, जिसके साथ रहने वाला कभी दुखी नहीं होता। - भर्तृहरि
धैर्यवान मनुष्य आत्मविश्वास की नौका पर सवार होकर आपत्ति की नदियों को सफलतापूर्वक पार कर जाते हैं। - भर्तृहरि
सच्चे वीर को युद्ध में मृत्यु से जितना कष्ट नहीं होता उससे कहीं अधिक कष्ट कायर को युद्ध के भय से होता है। - भतृहरि
ईश्वर बड़े-बड़े साम्राज्यों से ऊब उठता है लेकिन छोटे-छोटे पुष्पों से कभी खिन्न नहीं होता। - रवींद्रनाथ ठाकुर
मनुष्य का जीवन एक महानदी की भाँति है जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है। - रवींद्रनाथ ठाकुर
प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है। - रवींद्रनाथ ठाकुर
यदि तुम जीवन से सूर्य के जाने पर रो पड़ोगे तो आँसू भरी आँखे सितारे कैसे देख सकेंगी? - रवींद्रनाथ ठाकुर
सबसे उत्तम बदला क्षमा करना है। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
अगर आप ग़लतियों को रोकने के लिये दरवाज़े बन्द करते हैं तो सत्य भी बाहर ही रह जाएगा। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है। - रवींद्र
विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं। - रवींद्र
जो दीपक को अपने पीछे रखते हैं वे अपने मार्ग में अपनी ही छाया डालते हैं। - रवींद्र
कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी। - रवींद्रनाथ ठाकुर
जल में मीन का मौन है, पृथ्वी पर पशुओं का कोलाहल और आकाश में पंछियों का संगीत पर मनुष्य में जल का मौन पृथ्वी का कोलाहल और आकाश का संगीत सबकुछ है। - रवींद्रनाथ ठाकुर
विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है। - रवींद्रनाथ ठाकुर
फूल चुन कर एकत्र करने के लिए मत ठहरो। आगे बढ़े चलो, तुम्हारे पथ में फूल निरंतर खिलते रहेंगे। - रवींद्रनाथ ठाकुर
समय परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं। - रवींद्रनाथ ठाकुर
जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है। - रवींद्रनाथ ठाकुर
पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सदगुण की महक सब ओर फैल जाती है। ~ गौतम बुद्ध
तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता, सूर्य, चन्द्रमा और सत्य। ~ गौतम बुद्ध
हज़ार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है। ~ गौतम बुद्ध
हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें, अन्यथा हम अपने मन को सक्षम और शुद्ध नहीं रख पाएंगे। - बुद्ध
हम आपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं; हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं| जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है। ~ गौतम बुद्ध
हजारों दियो को एक ही दिए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है | ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती। ~ गौतम बुद्ध
मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है। ~ गौतम बुद्ध
मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है। ~ गौतम बुद्ध
आत्मदीपो भवः। (अपना दीपक स्वयं बनो।) ~ गौतम बुद्ध
अप्रिय शब्द पशुओं को भी नहीं सुहाते हैं। ~ गौतम बुद्ध
अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है| परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो। ~ गौतम बुद्ध
आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्याङ्कन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें. वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, उन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती। ~ गौतम बुद्ध
आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें, लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है। ~ गौतम बुद्ध
अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करो। ~ गौतम बुद्ध
अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें. दूसरों पर निर्भर नहीं रहें। ~ गौतम बुद्ध
इच्छा ही सब दुःखों का मूल है। ~ गौतम बुद्ध
एक सुराही बूंद-बूंद से भरता है। ~ गौतम बुद्ध
एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए ; क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है, लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा। ~ गौतम बुद्ध
एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लता है। ~ गौतम बुद्ध
उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। ~ गौतम बुद्ध
द्वेष को द्वेष से नहीं बल्कि प्रेम से ही समाप्त किया जा सकता है; यह नियम अटल है। - बुद्ध
दुनिया में तीन चीज़ें कभी लम्बे समय तक छिपी नहीं रह सकती, पहली है सूर्य, दूसरी चन्द्रमा और तीसरी है सत्य। ~ गौतम बुद्ध
जो बीत गया है उसकी परवाह न करें, जो आने वाला है उसके स्वप्न न देखें, अपना ध्यान वर्तमान पर लगाएँ। - बुद्ध
जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है वही सबसे बड़ा विजयी हैं। ~ गौतम बुद्ध
जिस तरह उबलते हुए पानी में हम अपना, प्रतिबिम्ब नहीं देख सकते उसी तरह क्रोध की अवस्था में यह नहीं समझ पाते कि हमारी भलाई किस बात में है। ~ गौतम बुद्ध
जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है। ~ गौतम बुद्ध
जिसने स्वयं को वश में कर लिया है, संसार की कोई शक्ति उसकी विजय, को पराजय में नहीं बदल सकती। ~ गौतम बुद्ध
जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते - भगवान बुद्ध
चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है। ~ गौतम बुद्ध
झूठ सबसे बड़ा पाप है, झूठ की थैली में अन्य सभी पाप समा सकते हैं, झूठ को छोड़ दो तो तुम्हारे अन्य पाप कर्म धीरे-धीरे स्वत: ही छूट जाएंगे। ~ गौतम बुद्ध
वही काम करना ठीक है, जिसे करने के बाद पछताना न पड़े और जिसके फल को प्रसन्न मन से भोग सकें। ~ गौतम बुद्ध
वह व्यक्ति समर्थ है जो यह मानता है कि वह समर्थ है। - बुद्ध
वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है। ~ गौतम बुद्ध
यह व्यक्ति की स्वयं सोच ही होती है जो उस बुराईयों की तरफ ले जाती हैं न कि उसके दुश्मन। - बुद्ध
शारीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत अवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे। ~ गौतम बुद्ध
सभी ग़लत कार्य मन से ही उपजाते हैं | अगर मन परिवर्तित हो जाय तो क्या ग़लत कार्य रह सकता है। ~ गौतम बुद्ध
स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है। ~ गौतम बुद्ध
सत्य के रस्ते पर कोई दो ही ग़लतियाँ कर सकता है, या तो वह पूरा सफ़र तय नहीं करता या सफ़र की शुरुआत ही नहीं करता। ~ गौतम बुद्ध
किसी जंगली जानवर की तुलना में निष्ठाहीन तथा बुरी प्रवृतियों वाले मित्र से अधिक डरना चाहिए क्योंकि जंगली जानवर आपके शरीर को चोट पहुंचाएगा लेकिन बुरा मित्र तो आपके मन-मस्तिष्क को घायल करेगा। - बुद्ध
क्रोधित रहना, किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलती है। ~ गौतम बुद्ध
कोई शत्रु नहीं, बल्कि मनुष्य का मन ही है जो उसे पथभ्रष्ट करता है। - बुद्ध
घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है। ~ गौतम बुद्ध
संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं; पहला, सुभाषितों का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति। — चाणक्य
जिसके पास बुद्धि है, उसके पास बल है। बुद्धिहीन के पास बल कहां? - चाणक्य
हमें न अतीत पर कुढ़ना चाहिए और न ही हमें भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकी व्यक्ति केवल वर्तमान क्षण में ही जीते हैं। - चाणक्य
व्यक्ति कर्मों से महान बनता है, जन्म से नहीं। - चाणक्य
एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर नहीं रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं। - चाणक्य
संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते हैं - एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। - चाणक्य
उत्तमता गुणों से आती है, ऊंचे आसन पर बैठ जाने से नहीं, महल के शिखर पर बैठने से कौआ गरूड़ नहीं हो जाता। - चाणक्य नीति
गुणों से ही मानव की पहचान होती है, ऊंचे सिंहासन पर बैठने से नहीं। महल के उच्च शिखर पर बैठने के बावजूद कौवे का गरूड़ होना असंभव है। - चाणक्य
जो वर्तमान में कमाया हुआ धन जोड़ता नहीं, उसे भविष्य में पछताना पड़ता है। - चाणक्य
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता। - चाणक्य
आँख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती, काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता, मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष नहीं दिखता। - चाणक्य
प्रलय होने पर समुद्र भी अपनी मर्यादा को छोड़ देते हैं लेकिन सज्जन लोग महाविपत्ति में भी मर्यादा को नहीं छोड़ते। - चाणक्य
वही पुत्र हैं जो पितृ-भक्त है, वही पिता हैं जो ठीक से पालन करता हैं, वही मित्र है जिस पर विश्वास किया जा सके और वही देश है जहाँ जीविका हो। - चाणक्य
तृण से हल्की रूई होती है और रूई से भी हल्का याचक। हवा इस डर से उसे नहीं उड़ाती कि कहीं उससे भी कुछ न माँग ले। - चाणक्य
धन के लोभी के पास सच्चाई नहीं रहती और व्यभिचारी के पास पवित्रता नहीं रहती। - चाणक्य
पुरुषार्थ से दरिद्रता का नाश होता है, जप से पाप दूर होता है, मौन से कलह की उत्पत्ति नहीं होती और सजगता से भय नहीं होता। - चाणक्य
प्रजा के सुख में ही राजा का सुख और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिए। आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं है, प्रजाओं की प्रियता में ही राजा का हित है। - चाणक्य
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अज्ञान है। – चाणक्य
कुबेर भी यदि आय से अधिक व्यय करे तो निर्धन हो जाता है। – चाणक्य
आपदर्थे धनं रक्षेद दारान रक्षेद धनैरपि! आत्मान सतत रक्षेद दारैरपि धनैरपि! (विपत्ति के समय काम आने वाले धन की रक्षा करें। धन से स्त्री की रक्षा करें और अपनी रक्षा धन और स्त्री से सदा करें।) - चाणक्य
अतीत चाहे जैसा हो, उसकी स्मृतियाँ प्रायः सुखद होती हैं। - प्रेमचंद
दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते। - प्रेमचंद
मै एक मजदूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं। - प्रेमचंद
निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है। — प्रेमचन्द
बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता। - प्रेमचन्द
दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है। - प्रेमचन्द
संसार के सारे नाते स्नेह के नाते हैं, जहां स्नेह नहीं वहां कुछ नहीं है। - प्रेमचन्द
जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है। - प्रेमचंद
खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है, आगे बढ़ते रहने की लगन का। - मुंशी प्रेमचंद
जीवन की दुर्घटनाओं में अक्सर बड़े महत्व के नैतिक पहलू छिपे हुए होते हैं! - प्रेमचंद
नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है। - प्रेमचंद
अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं। - प्रेमचंद
कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं। - प्रेमचंद
मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है। - प्रेमचंद
चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ। - प्रेमचंद
महान व्यक्ति महत्वाकांक्षा के प्रेम से बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। - प्रेमचंद
जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है। - प्रेमचंद
आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है। - प्रेमचंद
जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है। - प्रेमचंद
न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहती है नचाती है। - प्रेमचंद
युवावस्था आवेशमय होती है, वह क्रोध से आग हो जाती है तो करुणा से पानी भी। - प्रेमचंद
अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे। - प्रेमचंद
देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है। - प्रेमचंद
मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है। - प्रेमचंद
क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है। - प्रेमचंद
अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। - प्रेमचंद
दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते। - प्रेमचंद
विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है। पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है। - प्रेमचंद
मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है। - विनोबा
जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती। - विनोबा
ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। - विनोबा
स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है। - विनोबा
विचारकों को जो चीज़ आज स्पष्ट दीखती है दुनिया उस पर कल अमल करती है। - विनोबा
केवल अंग्रेज़ी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं। - विनोबा
कलियुग में रहना है या सतयुग में यह तुम स्वयं चुनो, तुम्हारा युग तुम्हारे पास है। - विनोबा
प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नई कोपलें फूटते रहना। नई कल्पना, नया उत्साह, नई खोज और नई स्फूर्ति प्रतिभा के लक्षण हैं। - विनोबा
महान विचार ही कार्य रूप में परिणत होकर महान कार्य बनते हैं। - विनोबा
जबतक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है। - विनोबा
द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। - विनोबा
जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया। – विनोबा
हिन्दुस्तान का आदमी बैल तो पाना चाहता है लेकिन गाय की सेवा करना नहीं चाहता। वह उसे धार्मिक दृष्टि से पूजन का स्वांग रचता है लेकिन दूध के लिये तो भैंस की ही कद्र करता है। हिन्दुस्तान के लोग चाहते हैं कि उनकी माता तो रहे भैंस और पिता हो बैल। योजना तो ठीक है लेकिन वह भगवान को मंजूर नहीं है। - विनोबा
मौन और एकान्त, आत्मा के सर्वोत्तम मित्र हैं। — विनोबा भावे
हिन्दुस्तान की एकता के लिये हिन्दी भाषा जितना काम देगी, उससे बहुत अधिक काम देवनागरी लिपि दे सकती है। — आचार्य विनबा भावे
गरीब वह नहीं जिसके पास कम है, बल्कि धनवान होते हुए भी जिसकी इच्छा कम नहीं हुई है, वह सबसे अधिक गरीब है। - विनोबा भावे
सिर्फ धन कम रहने से कोई गरीब नहीं होता, यदि कोई व्यक्ति धनवान है और इसकी इच्छाएं ढेरों हैं तो वही सबसे गरीब है। - विनोबा भावे
सेवा के लिये पैसे की जरूरत नहीं होती जरूरत है अपना संकुचित जीवन छोड़ने की, गरीबों से एकरूप होने की। - विनोबा भावे
जिस त्याग से अभिमान उत्पन्न होता है, वह त्याग नहीं, त्याग से शांति मिलनी चाहिए, अंतत: अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है। - विनोबा भावे
रंग में वह जादू है जो रंगने वाले, भीगने वाले और देखने वाले तीनों के मन को विभोर कर देता है। - मुक्ता
लगन और योग्यता एक साथ मिलें तो निश्चय ही एक अद्वितीय रचना का जन्म होता है। - मुक्ता
जिस तरह रंग सादगी को निखार देते हैं उसी तरह सादगी भी रंगों को निखार देती है। सहयोग सफलता का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। - मुक्ता
विजय गर्व और प्रतिष्ठा के साथ आती है पर यदि उसकी रक्षा पौरुष के साथ न की जाय तो अपमान का ज़हर पिला कर चली जाती है। - मुक्ता
रंगों की उमंग खुशी तभी देती है जब उसमें उज्ज्वल विचारों की अबरक़ चमचमा रही हो। - मुक्ता
सतत परिश्रम, सुकर्म और निरंतर सावधानी से ही स्वतंत्रता का मूल्य चुकाया जा सकता है। - मुक्ता
ऐश्वर्य के मद से मस्त व्यक्ति ऐश्वर्य के भ्रष्ट होने तक प्रकाश में नहीं आता। - मुक्ता
प्रतिभा महान कार्यों का आरंभ करती है किंतु पूरा उनको परिश्रम ही करता है। - मुक्ता
रंग इसलिए हैं कि जीवन की एकरसता दूर हो सके और इसलिए भी कि हम सादगी का मूल्य पहचान सकें। -
जिस तरह पहली बारिश मौसम का मिज़ाज बदल देती है उसी प्रकार उदारता नाराज़गी का मौसम बदल देती है - मुक्ता
अपने देश की भाषा और संस्कृति के समुचित ज्ञान के बिना देशप्रेम की बातें करने वाले केवल स्वार्थी होते हैं। - मुक्ता
मिथ्या लांछन का सबसे अच्छा उत्तर है शांत रहकर धैर्यपूर्वक अपने काम में निरंतर लगे रहना। - मुक्ता
जलाने की लकड़ी ही होलिका है जब वह जलती है तब प्रह्लाद की प्राप्ति होती है। प्रह्लाद जो आह्लाद का ही विशेष रुप है। - मुक्ता
कुछ प्रलोभन परिश्रमी व्यक्ति को हो सकते हैं, किंतु सारे प्रलोभन तो केवल आलसी व्यक्ति पर ही आक्रमण करते हैं। - मुक्ता
महापुरुष वे ही होते हैं जो विभिन्न परिस्थितियों के रंगों में रंगे जाने के बाद भी अपने व्यक्तित्व की पहचान को खोने नहीं देते। - मुक्ता
रंगों का स्वभाव है बिखरना और मनुष्य का स्वभाव है उन्हें समेटकर अपने जीवन को रंगीन बनाना। - मुक्ता
आतंक का जन्म असंतोष से होता है असमानता से इसे हवा मिलती है और यह अपनी आग में हज़ारों को लेकर जल मरता है - मुक्ता
विज्ञान के चमत्कार हमारा जीवन सहज बनाते हैं पर प्रकृति के चमत्कार धूप, पानी और वनस्पति के बिना तो जीवन का अस्तित्व ही संभव नहीं। - मुक्ता
बिना ग्रंथ के ईश्वर मौन है, न्याय निद्रित है, विज्ञान स्तब्ध है और सभी वस्तुएं पूर्ण अंधकार में हैं। - मुक्ता
यदि आप मानसिक शांति के बदले में साम्राज्य भी प्राप्त करते हैं तो भी आप पराजित ही हैं। - अज्ञात
यदि आपने अपने जीवन की महानतम सफलता को प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी के दिल को ठेस पहुंचाई हैं तो आपको स्वयं को सर्वाधिक असफल व्यक्ति मानना चाहिए। - अज्ञात
यदि आवश्यकता आविष्कार की जननी (माता) है, तो असन्तोष विकास का जनक (पिता) है। — अज्ञात
यदि बुद्धिमान हो, तो हँसो। — अज्ञात
यदि आपके जीवन में असफलताएं नहीं हैं, तो आप पर्याप्त जोखिम नहीं उठा रहे हैं। - अज्ञात
पुरुष से नारी अधिक बुद्धिमती होती है, क्योंकि वह जानती कम है पर समझती अधिक है। - अज्ञात
प्रतिध्वनि से किसी मौलिकता की आशा मत करो। - अज्ञात
प्रकृति, समय और धैर्य ये तीन हर दर्द की दवा हैं। - अज्ञात
प्रसिद्ध होने का यह एक दंड है कि मनुष्य को निरंतर उन्नतिशील बने रहना पड़ता है। - अज्ञात
वास्तविक महानता की उत्पत्ति स्वयं पर खामोश विजय से होती है। - अज्ञात
विश्वास हृदय की वह कलम है जो स्वर्गीय वस्तुओं को चित्रित करती है। - अज्ञात
वे ही विजयी हो सकते हैं जिनमें विश्वास है कि वे विजयी होंगे। - अज्ञात
विवेक जीवन का नमक है और कल्पना उसकी मिठास। एक जीवन को सुरक्षित रखता है और दूसरा उसे मधुर बनाता है। - अज्ञात
विफलता नहीं, बल्कि दोयम दर्जे का लक्ष्य एक अपराध है। - अज्ञात
शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के सन्दर्भ में आंसू का है। - अज्ञात
शेष ऋण, शेष अग्नि, तथा शेष रोग पुन: पुन: बढ़ते हैं, अत: इन्हें शेष नहीं छोड़ना चाहिये। - अज्ञात
शुभारम्भ, आधा खतम। - अज्ञात
शारीरिक वीरता एक पाशविक प्रवृत्ति है। मनुष्य की असली वीरता तो मानसिक और नैतिक होती है। - अज्ञात
शब्द पत्तियों की तरह हैं जब वे ज़्यादा होते हैं तो अर्थ के फल दिखाई नहीं देते। - अज्ञात
डर में जीना आधा जीवित रहने जैसा है। - अज्ञात
डूबते को तारना ही अच्छे इंसान का कर्तव्य होता है। - अज्ञात
डर से भागने की बजाय अपने सपनों को साकार करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहें। - अज्ञात
धमनियों की कठोरता की तुलना में दिलों की कठोरता से लोग जल्दी बूढ़े होते हैं। - अज्ञात
धैर्यवान व्यक्ति ही समय पर विजय पाता है और असंयमी व्यक्ति अपने स्वभाव के कारण सब कुछ खो देता है। - अज्ञात
दरिद्र व्यक्ति कुछ वस्तुएँ चाहता है, विलासी बहुत-सी और लालची सभी वस्तुएँ चाहता है। - अज्ञात
दिमाग जब बडे-बडे विचार सोचने के अनुरूप बडा हो जाता है, तो पुनः अपने मूल आकार में नहीं लौटता। — अज्ञात
एकता का किला सबसे सुरक्षित होता है। न वह टूटता है और न उसमें रहने वाला कभी दुखी होता है। - अज्ञात
एकता का किला सबसे सुदृढ़ होता है। उसके भीतर रह कर कोई भी प्राणी असुरक्षा अनुभव नहीं करता। - अज्ञात
ऐसी अनेक घटनाएं हैं जो हम नहीं चाहते कि हों, लेकिन वे घटित होती हैं, ऐसी चीज़ें हैँ जो हम नहीं जानना चाहते, लेकिन वह सीखनी पड़ती हैं, तथा ऐसे लोग होते हैं जिनके बिना हम ज़िन्दा नहीं रहना चाहते, लेकिन वह हम से बिछुड़ जाते हैं. यह प्रकृति का स्वभाव है। - अज्ञात
ख़ाली बैठना दुनिया में सबसे थकाने वाला काम है क्योंकि सर्वस्व त्याग देना और आराम करना असंभव है। - अज्ञात
खुशी केवल उन्हीं लोगों को प्राप्त होती है जो दूसरों को खुश करने में प्रयासरत रहते हैं। - अज्ञात
भाग्य के भरोसे बैठे रहने पर भाग्य सोया रहता है पर हिम्मत बाँध कर खड़े होने पर भाग्य भी उठ खड़ा होता है। - अज्ञात
भगवान में विश्वास न रखने वाले व्यक्ति के लिए, मृत्यु एक अंत हैं; लेकिन विश्वास करने वाले के लिए यह शुरुआत है। - अज्ञात
निरंहकारिता से सेवा की कीमत बढ़ती है और अहंकार से घटती है। - अज्ञात
निडरता से डर को भी डर लगता है। - अज्ञात
बिना ग्रंथ के ईश्वर मौन है, न्याय निद्रित है, विज्ञान स्तब्ध है और सभी वस्तुएँ पूर्ण अंधकार में हैं। - अज्ञात
चींटी से परिश्रम करना सीखें। — अज्ञात
फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, सम्पत्ति रहकर भी सज्जन झुक जाते हैं, परोपकारी का यही स्वभाव होता है। - अज्ञात
उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक के अधिक निकट होते हैं। - अज्ञात
रुकावटें वे भयावह वस्तुएं हैं जो आप उस समय देखते हैं जब आप अपने लक्ष्य से ध्यान हटा लेते हैं। - अज्ञात
आपके पास जितना समय अभी है उससे अधिक समय कभी नहीं होगा। - अज्ञात
आपको लोग देखते पहले, और सुनते बाद में हैं। - अज्ञात
अगर आप को सफर आसान लगने लगे तो हो सकता है आप उतार में जा रहे हों। - अज्ञात
आपकी मनोवृत्ति ही आपकी महानता को निर्धारित करती है। - अज्ञात
अपनी ख़राब आदतों पर जीत हासिल करने के समान जीवन में कोई और आनन्द नहीं होता है। - अज्ञात
आप अपने भगवान के सामर्थ्य को अपनी चिंताओं की सूची के आकार को देखकर बता सकते हैं। जितनी लंबी सूची होगी, उतना ही आपके भगवान का सामर्थ्य कम होगा। - अज्ञात
अपनी सोच को कैसे बेहतर बनाया जाए, यह सीखने से उत्कृष्ट कुछ नहीं है। - अज्ञात
आपकी प्रतिभा भगवान का आपको दिया हुआ उपहार है, आप जो कुछ इसके साथ करते हैं, वह आप भगवान को उपहार स्वरूप लौटाते हैं। - अज्ञात
अपने सकारात्मक विचारों को ईमानदारी और बिना थके हुए कार्यों में लगाए और आपको सफलता के लिए प्रयास नहीं करना पड़ेगा, अपितु अपरिमित सफलता आपके कदमों में होंगी। - अज्ञात
अपनी वाणी को जितना हो सके निर्मल और पवित्र रखें, क्योंकि संभव है कि कल आपको उन्हें वापस लेना पड़ सकता है। - अज्ञात
आपके जीवन का नियंत्रण केन्द्र आपका अपना रवैय्या है। - अज्ञात
आपकी कड़ी मेहनत बेकार नहीं जाती है। - अज्ञात
आपको कुव्यसनों की कीमत दो बार चुकानी पड़ती है - एक बार जब आप उनके प्रभाव में आते हैं, तथा दूसरी जब वह आपको प्रभावित करती हैं। - अज्ञात
आप खेत में बुवाई केवल सोचने भर से नहीं कर सकते हैं. (केवल सोचने से कुछ उपलब्धि प्राप्त नहीं होती है)। - अज्ञात
अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते। - अज्ञात
अनुभव-प्राप्ति के लिए काफ़ी मूल्य चुकाना पड़ सकता है पर उससे जो शिक्षा मिलती है वह और कहीं नहीं मिलती। - अज्ञात
अधिकतर लोग नए साल की प्रतीक्षा केवल इसलिए करते हैं कि पुरानी आदतें नए सिरे से फिर शुरू की जा सकें। - अज्ञात
अधिक अनुभव, अधिक सहनशीलता और अधिक अध्ययन यही विद्वत्ता के तीन महास्तंभ हैं। - अज्ञात
आत्महत्या, एक अस्थायी समस्या का स्थायी समाधान है। — अज्ञात
आंतरिक सौन्दर्य का आह्वान करना कठिन काम है, सौन्दर्य की अपनी भाषा होती है, ऐसी भाषा जिसमें न शब्द होते हैं न आवाज। - अज्ञात
जीवन निर्वाह के लिए कमाने में इतने व्यस्त न हो जाएँ कि जीवन जीना भूल जाएँ। - अज्ञात
जब तक अपनी हार को दब्बूपने से स्वीकार नहीं कर लेते, आप हारने के लिए नहीं बने हैं। - अज्ञात
जीवन में बुरी आदत पर विजय प्राप्त करने की तुलना में कोई इससे बड़ा आनन्द नहीं हो सकता है। - अज्ञात
जिस प्रकार थोड़ी-सी वायु से आग भड़क उठती है, उसी प्रकार थोड़ी-सी मेहनत से किस्मत चमक उठती है। - अज्ञात
जिस काम की तुम कल्पना करते हो उसमें जुट जाओ। साहस में प्रतिभा, शक्ति और जादू है। साहस से काम शुरू करो पूरा अवश्य होगा। - अज्ञात
जो मनुष्य एक पाठशाला खोलता है वह एक जेलखाना बंद करता है। - अज्ञात
जिसने अकेले रह कर अकेलेपन को जीता उसने सबकुछ जीता। - अज्ञात
जिस काम की तुम कल्पना करते हो, उसमें जुट जाओ, साहस में प्रतिभा, शक्ति और जादू है, साहस से काम शुरू करो पूरा अवश्य होगा। - अज्ञात
जब भगवान आपकी समस्याएं हल करते हैं, तब आपको उन पर विश्वास रहता है और जब, भगवान आपकी समस्याएं हल नहीं करते तब, उन्हें आप पर विश्वास रहता है। - अज्ञात
जो भारी कोलाहल में संगीत को सुन सकता है, वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है। - अज्ञात
जाति, धर्म अलग-अलग हो सकते हैं, और इबादत करने के तरीके भी भिन्न हो सकते हैं, लेकिन ईश्वर एक है। - अज्ञात
जोखिम उठाएं: यदि आप जीत जाते हैं, तो आप प्रसन्न होंगे; यदि आप हार जाते हैं, तो आप समझदार बन जाएंगे। - अज्ञात
जब दुनिया यह कहती है कि हार मान लो, तो आशा धीरे से कान में कहती है कि एक बार फिर से प्रयास करो। - अज्ञात
हथोड़ा कभी कभी अपना निशाना चूक भी जाता है; लेकिन फूलों का गुलदस्ता कभी नहीं। - अज्ञात
हँसमुख व्यक्ति वह फुहार है जिसके छींटे सबके मन को ठंडा करते हैं। - अज्ञात
हँसते हुए जो समय आप व्यतीत करते हैं, वह ईश्वर के साथ व्यतीत किया समय है। — अज्ञात
हे भगवान! मुझे धैर्य दो, और ये काम अभी करो। — अज्ञात
हमेशा समग्र प्रयास करें, तब भी जब परिस्थितियां आपके अनुकूल न हों। - अज्ञात
ईश्वर बोझ देता है, और कंधे भी। - अज्ञात
इस राष्ट्र को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो जानते हैं कि इस देश की क्या आवश्यकताएँ हैं। - अज्ञात
ईर्ष्या या घृणा के के विचार मन में प्रवेश होते ही खुशी गायब हो जाती है, प्रेम व शुभ-भावना युक्त विचारों से उदासी दूर हो जाती है। - अज्ञात
करुणा, एक भाषा जिसे बधिर सुन सकते हैं और नेत्रहीन देख सकते हैं। - अज्ञात
कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं, जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं। - अज्ञात
किताबें ऐसी शिक्षक हैं जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीक्षा लिए हमें शिक्षा देती हैं। - अज्ञात
क्रोध ऐसी आँधी है जो विवेक को नष्ट कर देती है। - अज्ञात
किताबें समय के महासागर में जलदीप की तरह रास्ता दिखाती हैं। - अज्ञात
कविता का बाना पहन कर सत्य और भी चमक उठता है। - अज्ञात
किसी कृतज्ञता को तत्काल चुकाने, का प्रयत्न करना एक प्रकार की, कृतज्ञता ही है। - अज्ञात
क्रोध सदैव मूर्खता से प्रारंभ होता है और पश्चाताप पर समाप्त। — अज्ञात
काम करने में ज़्यादा श्रम नहीं लगता, लेकिन यह निर्णय करने में ज़्यादा श्रम करना पड़ता है कि क्या करना चाहिए। - अज्ञात
कुछ भी ऐसा न करें जिसे आप एक दिन भूलना चाहें. भगवान आपको माफ कर सकता है, लेकिन आप भूल जाएं, वह ऐसा नहीं कर सकते हैं। - अज्ञात
मुस्कुराहट, आपकी ख़ूबसूरती में सुधार करने का एक सस्ता तरीका है। - अज्ञात
मिलने पर मित्र का आदर करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो और आवश्यकता के समय उसकी मदद करो। - अज्ञात
मुस्कान पाने वाला मालामाल हो जाता है पर देने वाला दरिद्र नहीं होता। - अज्ञात
मुस्कान थके हुए के लिए विश्राम है, उदास के लिए दिन का प्रकाश है तथा कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है। - अज्ञात
मनुष्य मन की शक्तियों के बादशाह हैं। संसार की समस्त शक्तियाँ उनके सामने नतमस्तक हैं। - अज्ञात
महत्व इस बात का नहीं है आप अपने बच्चों के लिये क्या छोड़कर जाते हैं महत्व तो इस बात का है कि आप इन्हें कैसा बना कर जाते हैं। - अज्ञात
मिलने पर मित्र का आदर करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो और आवश्यकता के समय उसकी मदद करो। - अज्ञात
मछली पकड़ने तो हर रोज जाया जा सकता है, लेकिन हर रोज मछली पकड़ में आ जाए ऐसा नहीं होता है। - अज्ञात
स्वयं पर मूक विजय से ही वास्तविक महानता का उदय होता है। - अज्ञात
स्व प्रेरित होकर कार्य करना किसी बुद्धिमान व्यक्ति का सबसे मज़बूत गुण होता है। - अज्ञात
साफ़ सुथरे सादे परिधान में ऐसा यौवन होता है जिसमें अधिक उम्र छिप जाती है। - अज्ञात
सबसे अधिक ज्ञानी वही है जो अपनी कमियों को समझकर उनका सुधार कर सकता हो। - अज्ञात
सौभाग्य वीर से डरता है और कायर को डराता है। - अज्ञात
समझौता एक अच्छा छाता भले बन सकता है लेकिन अच्छी छत नहीं। - अज्ञात
सौ बरस जीने के लिए उन सभी सुखों को छोड़ना होता है जिन सुखों के लिए हम सौ बरस जीना चाहते हैं। - अज्ञात
सपना वो नहीं जो नींद में आए, सपने वे हैं जिसे पूरा किए बिना नींद न आए। - अज्ञात
सांप के दांत में विष रहता है, मक्खी के सर में, बिच्छूं की पूंछ में, किन्तु दुर्जनों के पूरे शरीर में विष रहता है। - अज्ञात
समय और समुद्र की लहरें किसी का इंतज़ार नहीं करतीं। – अज्ञात
समय हमेशा कड़ी मेहनत करने वालों का मित्र रहा है। - अज्ञात
समय तब तक दुश्मन नहीं बनता जब तक आप इसे व्यर्थ गंवाने का प्रयास नहीं करते हैं। - अज्ञात
यदि आप अमीर होने की अनुभूति चाहते हैं तो उन वस्तुओं पर विचार करें जो जिन्हें पैसे से नहीं ख़रीदा जा सकता है। - अज्ञात