18 December 2015

स्त्री की सुन्दरता तथा यौवन का निखार

स्त्री की सुन्दरता तथा यौवन का निखार पुष्ट स्तनों से दिखाई देता है। इसलिए से प्राय: अपना स्तन पुष्ट और कठोर बनाने के लिए प्रयत्नशील रहती हैं। स्तनों में ढीलापन होना, समय के साथ उनका विकास न होना तथा उनमें कठोरता का अभाव होना आदि स्थितियां स्त्री को हीन भावना से ग्रस्त कर देती है।
स्तनों में ढीलापन आ जाने के कारण अगर आपका शारीरिक सौन्दर्य प्रभावित हो रहा है तो मैं आपको जो उपचार बता रहा हूं उससे बहुत सारी अन्य बहनें भी लाभान्वित होंगी
कारण..... शारीरिक कमजोरी, मासिक धर्म की अनियमितता, अधिक सम्भोग, शरीर में बुखार का रहना आदि कारणों से स्तन ढीले पड़ जाते हैं। कुछ स्त्रियों के स्तनों की गोलाई बहुत कम होती है। ऐसी हालत में स्त्री को कोई न कोई रोग अवश्य होता है, क्योंकि तब स्तनों को पुष्ट करने वाले हारमोन ठीक से नहीं बन पाते हैं।
नुस्खे ......
1... गाय का घी, काले तिल, काली निशोथ, बच तथा सोंठ सबको मिलाकर पीस लें। फिर इनको आधा किलो तिली के तेल में पकाएं। तेल को ठंडा करके शीशी में भर लें। इस तेल की मालिश सुबह स्नान करने से पूर्व स्तन पर 10 मिनट तक करें। स्तन पुष्ट तथा कठोर हो जाएंगे।
2....जैतून के तेल में थोड़ी-सी फिटकिरी या पीसकर मिला लें। फिर इस तेल से स्तनों की अच्छी तरह मालिश करें।
3....अनार के छिलके पीसकर रात को स्तनो पर लेप करके सोयें प्रात: धोएं। कुछ सप्ताह यह प्रयोग करने स्तनों का ढीलापन दूर होगा। स्तन नव यौवना जैसे होगें।
4....एक अंडा, नीबू का रस 10 ग्राम और बेसन 10 ग्राम, तीनों को दूध के साथ अच्छी तरह फेंट लें। फिर इस पेस्ट को स्तनों पर लगाएं।
5....शहद में माजूफल का चूर्ण मिलाकर स्तनों पर लेप करने से भी स्तनों मे कसाव आ जाएगा।
6.... स्तन के अगले भाग निपल में उभार न हो, कटी हुई या अस्वस्थ हो तो एरण्ड के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
7.... अगर किसी कारण से स्तन पकते हो तो निम्बु का तैल लगाने से स्तन-पाक मे आराम होता है।
8....जायफ़ल 5 ग्राम, कुटकी 3 ग्राम, असगंध 10 ग्राम, लज्जालु 4 ग्राम, हल्दी 5 ग्राम, दारुहल्दी 5 ग्राम, चम्पापुष्प 20 ग्राम, घी 10 ग्राम, तिल तेल 20 ग्राम, पानी एक लीटर। इस पूरे मिश्रण को अच्छे तरीके से पका लें, ताकि सारा पानी जल जाए और बस तेल ही कुल 70-80 ग्राम तेल बचेगा। इस तेल की दिन में तीन बार हल्के हाथ से मालिश करी जाए।
खाने के लिये इस प्रकार लड्डू बनाएं........
त्रिफला 50 ग्राम, त्रिकुट 50 ग्राम, कालाजीरा 25 ग्राम, सफ़ेद जीरा 25 ग्राम, धनिया 50 ग्राम, अजवायन 50 ग्राम, सेंधा नमक 25 ग्राम, काला नमक 25 ग्राम, नागरमोथा 50 ग्राम, कायफल 40 ग्राम, पुष्करमूल 50 ग्राम, काकड़ासिंगी 50 ग्राम, तालीसपत्र 50 ग्राम, तेजपत्र 50 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, छोटी इलायची 25 ग्राम, केसर 20 ग्राम, गुड़ 500 ग्राम, मेंथी एक किलोग्राम।
इस मिश्रण से 20-25 ग्राम वजन के लड्डू बना लीजिये और प्रतिदिन दो लड्डू सुबह शाम खाकर दूध से लें।
विजेन्द्र गौतम's photo.

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