जय जय श्री राधे

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प्रभु की प्राप्ति प्रभु की ही कृपा से ही संभव है क्योंकि वह साधनसाध्य नहीं हैं, वे तो केवल और केवल कृपासाध्य हैं परन्तु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि जब वह कृपासाध्य ही हैं तो हम साधन ही क्यॊं करें । जब उन्हें कृपा करनी होगी तब अपने आप कर ही देंगे, हम व्यर्थ में ही अपना बहूमूल्य समय क्यों नष्ट करें ।
साधन बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे पात्रता की संभावनायें जागती हैं । किसान खेत में बीज बोता है, सींचता है, खरपतवार की भी सफ़ाई करता रहता है, इसी आशा के साथ कि फ़सल अच्छी होगी पर यह जरूरी तो नहीं कि ऐसा ही हो, हो सकता है कि प्राकृतिक आपदा के कारण, गाँव की व्यक्तिगत वैमनस्यता के कारण उसे हानि हो जाये पर क्या किसान दोबारा अगली फ़सल के लिये और अधिक परिश्रम नहीं करता । प्रभु की कृपा अनरत बरस रही है पर हम अपनी पात्रतानुसार ही उसका लाभ ले पाते हैं जैसे जब बारिश हो रही हो तो खुले आँगन में अगर गिलास रखा हो तो गिलास भरेगा, घड़ा हो तो घड़ा भर जायेगा, अन्य कोई बड़ा पात्र हो तो वह भी भर जायेगा लेकिन अगर कोई गिलास से भी छोटा पात्र हो और उल्टा रखा हो तो भरपूर बारिश के बाद भी वह रीता ही रह जायेगा, अब इसमें दॊष किसका है ? क्या प्रभु पक्षपाती है ? नहीं, ऐसा नहीं है, इस बात का विश्वास रखिये ।
एक संत थे जिनके पास बहुत से विधार्थी अध्ययन करते थे , कालांतर में शिक्षा पूरी होने पर उन्होंने अपने एक शिष्य को रामकथा के प्रचार-प्रसार की आज्ञा दी और उनका वह शिष्य स्थान-स्थान पर प्रभु की मनोहर रामकथा का गान करने लगा । एक बार वह एक स्थान पर कथा कर रहा था जहाँ के गृहस्वामी के पास एक अदभुत बोलने वाला तोता था। ब्रह्मचारी ने रामकथा का माहात्म बताते हुए इसे भवतारिणी एवं समस्त बंधनों से मुक्त करने वाला बताया तभी तोता बोल उठा कि "नहीं, यह सत्य नहीं है ! मैं कितने वर्षों से "राम-राम" कहता रहता हूँ और आज तक इस पिंजड़े से ही मुक्त नहीं हो पाया तब मैं कैसे मानूँ कि तुम सत्य कहते हो ।"
इस तर्क के उत्तर के लिये ब्रह्मचारी ने गुरू की शरण ली और इस संशय के समाधान को जानने की प्रार्थना की ।
गुरूदेव ने कहा कि तोते से कहो कि वह एक दिन न कुछ खाये न पिये और निश्चेष्ट होकर पिंजरे में पड़ा रहे और मन ही मन राम-राम रट्ता रहे । ब्रह्मचारी के कहे अनुसार तोते ने ऐसा ही किय़ा और यह देखकर गृह्स्वामी ने पिंजरे का द्वार खोल दिया । द्वार खुलते ही तोता उड़ गया और उड़ते-उड़ते बोला कि-" यह सत्य है कि राम नाम बंधनों को काटने वाला है पर इसकी कुंजी गुरू के पास है ।"
प्रभु की कृपा के आसरे रहिये, सही समय पर निश्चित ही वह उचित माध्यम द्वारा हमें अपनी शरण लेंगे ।
"जानत सोई जाहि देहु जनाई । जानत तुम्हीं तुम्ही होइ जाई॥ राजी तेरी रजा में....।"
जय जय श्री राधे !
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हे संकट मोचन

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हे संकट मोचन, हे दयानिधान,हे वीर बजरंगी हे वीर हनुमान 
यह एहसास की 'तुम मेरे भी हो' हे शंकर सुवन महा बली हनुमान 
भर देता है मुझ में असीम शक्ति और कर देता है सुगम सब काज 
क्यों न मानूँ, क्यों न पूजूं ,क्यों न ध्याऊँ तुम को हे मेरे भगवान् 
इक 'तेरा दर तो है' जिसने मुझे है सम्भाला हे शंकर सुवन महाबली हनुमान 
मैं तो इस माया भंवर में कभी इधर फसा कभी उधर फसा हे मेरे भगवन
दर तेरा बना मांझी मेरा बन खैव्य्या जीवन सवांरा हे शंकर सुवन महाबली हनुमान
क्यों न मानूँ, क्यों न पूजूं ,क्यों न ध्याऊँ तुम को हे मेरे भगवान्
सबसे सुगम है रस्ता तेरा हर युग के तुम हो भगवान
राम नाम की माला से ही, राम नाम के ही जाप से
खुश होते मेरे भगवन, कर देते पूरण जीवन के सब काम
क्यों न मानूँ, क्यों न पूजूं ,क्यों न ध्याऊँ तुम को हे मेरे भगवान्

मारुति नंदन नमो नमः
कष्ट भंजन नमो नमः
असुर निकंदन नमो नमः
श्रीरामदूतम नमो नमः
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मानो या ना मानो

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कहते हैं भोलेनाथ सभी देवताओं में सबसे भोले हैं। उनकी आराधना कर उन्हें मनाना बहुत आसान है। इसलिए शिव के पूजन से जुड़े इन नीचे लिखे टोटको को अपनाकर आप कई परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं और अपनी जिंदगी के हर दुख को दूर भगा सकते हैं।

- चावल जो सात बार स्वच्छ पानी से साफ हो उन्हें भोलेनाथ को चढाएं। इससे अचल लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

- संतान वृद्धि हेतु उत्तम किस्म का गेहूं अर्पण किया जाता है।

- सुख की प्राप्ति हेतु मूंग शिव को चढाएं।

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कर्पूरगौरं करुणावतारं

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कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् |
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि ||
भावार्थ:- उन परमेश्वर स्वरूपी शिव संग भवानीको मेरा नमन है जिनका वर्ण कर्पूर समान गौर है, जो करुणाके प्रतिमूर्ति हैं, जो सारे जगतके सार हैं, जिन्होने गलेमें सर्पके हार धारण कर रखे हैं और जो हमारे हृदय रूपी कमलमें सदैव विद्यमान रहते हैं |
Karpoor gauram karunaawataram
sansar saaram bhujgendra haaram
sadavasantam hrudayaaravinde
bhawam bahawani sahitam namami
I salute to that Shiv form of Almighty along with Bhavani (Shiva and Parvati), who is as white as camphor, an incarnation of compassion,
the essence of this world, who wears a serpant around
his neck and is ever present in the lotus abode of our hearts.
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दिनचर्या का भाग

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सुबह उठने के पश्चात ( यदि संभव हो तो सूर्योदय के पहले उठें ) और बिछावन त्यागने से पूर्व एवं भूमिमें चरण स्पर्श हो उससे पूर्व इन प्रार्थनाओं को अपनी दिनचर्या का भाग बनाएँ ! 
सर्व प्रथम अपने दोनों हाथों को अपने नेत्र के समक्ष रखकर यह प्रार्थना करना चाहिए !
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति |
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ||
अर्थ : हाथके अग्रभाग में लक्ष्मी का वास है । हस्तके मध्य में सरस्वती का वास है, और हस्तके मूल में गोविंद भगवान का वास है | अतः सुबह सुबह प्रथम अपने हस्त का दर्शन करना चाहिये |
तत्पश्चात भूमि को हाथ से स्पर्श कर भूमि प्रार्थना इस प्रकार करें |
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥
हे पृथ्वी माँ आप विष्णु पत्नी हैं, समुद्र आपके वस्त्र हैं और पर्वत आपके वक्षस्थल हैं, मैं आपको वंदन करता हूँ और चलते समय मेरे चरणों के स्पर्श आपको होंगे कृपया मेरी इस धृष्टता को क्षमा करें !
Try to do these two prayers after getting up in the morning (preferably before sunrise ) . First open your palm and mediate on it by saying the first verse and then and before letting the feet touch the ground , recite the second verse in the form of prayer to Mother earth by touching the ground with your hand .

1. कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति |
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ||
karagre wasate laxmih , karmadhye saraswati
karmoole tu govindah prabhate kar darshanam

Meaning : Goddess Lakshmii dwells at the beginning of the hand.
In the center of the palm resides Sarasvati, the Goddess
of wisdom. At the base of the palm is Govinda, the
Lord of the universe. Hence, one should look and meditate on
the hand early in the morning immediately after rising.

2. समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥
Samudra-Vasane Devi Parvat-Stana-Manddale |
Vishnu-Patni Namastubhyam Paada-sparsham Kshama-Svame ||

Meaning: (O Mother Earth) The Devi Who is having Ocean as Her Garments and Mountains as Her Bosom, Who is the Consort of Sri Vishnu, I Bow to You; Please Forgive Us for Touching You with Our Feet.
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सुबह उठने के पश्चात

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सुबह उठने के पश्चात ( यदि संभव हो तो सूर्योदय के पहले उठें ) और बिछावन त्यागने से पूर्व एवं भूमिमें चरण स्पर्श हो उससे पूर्व इन प्रार्थनाओं को अपनी दिनचर्या का भाग बनाएँ ! 
सर्व प्रथम अपने दोनों हाथों को अपने नेत्र के समक्ष रखकर यह प्रार्थना करना चाहिए !
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति |
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ||
अर्थ : हाथके अग्रभाग में लक्ष्मी का वास है । हस्तके मध्य में सरस्वती का वास है, और हस्तके मूल में गोविंद भगवान का वास है | अतः सुबह सुबह प्रथम अपने हस्त का दर्शन करना चाहिये |
तत्पश्चात भूमि को हाथ से स्पर्श कर भूमि प्रार्थना इस प्रकार करें |
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥
हे पृथ्वी माँ आप विष्णु पत्नी हैं, समुद्र आपके वस्त्र हैं और पर्वत आपके वक्षस्थल हैं, मैं आपको वंदन करता हूँ और चलते समय मेरे चरणों के स्पर्श आपको होंगे कृपया मेरी इस धृष्टता को क्षमा करें !
Try to do these two prayers after getting up in the morning (preferably before sunrise ) . First open your palm and mediate on it by saying the first verse and then and before letting the feet touch the ground , recite the second verse in the form of prayer to Mother earth by touching the ground with your hand .

1. कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति |
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ||
karagre wasate laxmih , karmadhye saraswati
karmoole tu govindah prabhate kar darshanam

Meaning : Goddess Lakshmii dwells at the beginning of the hand.
In the center of the palm resides Sarasvati, the Goddess
of wisdom. At the base of the palm is Govinda, the
Lord of the universe. Hence, one should look and meditate on
the hand early in the morning immediately after rising.

2. समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥
Samudra-Vasane Devi Parvat-Stana-Manddale |
Vishnu-Patni Namastubhyam Paada-sparsham Kshama-Svame ||

Meaning: (O Mother Earth) The Devi Who is having Ocean as Her Garments and Mountains as Her Bosom, Who is the Consort of Sri Vishnu, I Bow to You; Please Forgive Us for Touching You with Our Feet.
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वज़न घटाने के नुस्‍खे weight loss tips

हर किसी की चाहत होती है पतला दुबला दिखना। इसलिए वज़न कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाएं जाते है कोई जिम जाता है, तो कोई डाइटिंग करना शुरू कर देता हैं, तो कुछ लोग उपवास रखना शुरू कर देते हैं। लेकिन यदि आप सही मायने में अपना वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको उसके लिए कुछ कारगार नुस्खें अपनाने की जरूरत है। कुछ घरेलू नुस्‍खें भी है जिनको अपनाकर आप अपना वज़न कम कर सकते है। आइये ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे मे हम आपको बताये-

गोभी से वज़न कम
गोभी की सब्जी़ या उसके सूप को अपने भोजन में शामिल कर लें, इससे वज़न कम होता है क्‍योकि इस सब्जी़ में कैलोरी बिलकुल नहीं होती।

हरे सलाद से वज़न कम 
टमाटर और पुदीने की पत्ती युक्त सलाद खाने से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है

पानी से मोटापे पर नियंत्रण
शरीर को अपने कार्य को ठीक प्रकार से करने के लिए खूब पानी की जरूरत होती है। इससे आपका शरीर भी ठीक रहता है और पानी पीने से मोटापे पर भी नियंत्रण रखता है
 गरम पानी से मोटापे पर नियंत्रण
हर बार खाना खाने के बाद गरम पानी पीयें इससे पाचन तंत्र ठीक प्रकार से काम करता है और शरीर मै मौजूद अतिरिक्त वज़न कम होता है

हरी चाय या अदरक की चाय पीने से मोटापा नियंत्रित
हरी चाय या अदरक की चाय पीने से मोटापा नियंत्रित होता है। इसलिए दिन में एक बार हरी चाय या अदरक की चाय ज़रूर पीयें

टमाटर से मोटापा नियंत्रित
सुबह एक टमाटर खाने से कालेस्ट्राल का लेवल ठीक रहता है और शरीर में मौजूद वसा भी कम होती है
गडूची से वसा नियंत्रित
मोटापे को नियंत्रित करने के लिए गडूची एक प्रभावित तरीका है। इससे शरीर मे मौजूद वसा कम होती है

एलोवेरा खाकर वज़न नियंत्रित
एलोवेरा के पत्तों के सेवन से वज़न नियंत्रित होता है। इसलिए एलोवेरा का सेवन रोज़ करना चाहिए। 

सेब साइडर सिरके से वज़न नियंत्रित
सेब साइडर सिरके के सेवन से वज़न नियंत्रित होता है

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मस्‍सों के लिए नुस्‍खे

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मस्‍से के लिए घरेलू उपचार -
  • मस्से को समाप्‍त करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऐसा 8-10 बार करें, ऐसा करने से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा। अगर ज्‍यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी तरीके से जलाकर झड़ा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए।
  • खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकाल लीजिए और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाइए। इस जूस को नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड़ रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक लगभग समाप्‍त हो जाएंगे।
  • मस्‍से को समाप्‍त करने के लिए प्‍याज भी फायदेमंद है। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाने से मस्‍से समाप्‍त होते हैं।
  • बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को रात में मस्सों लगाकर सो जाइए, ऐसा करने से मस्‍से धीरे-धीरे मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं।
  • आलू का प्रयोग करने से भी मस्‍से समाप्‍त होते हैं। आलू को छीलकर काट लीजिए, उसके कटे हुए हिस्‍से को मस्‍सों पर रगडि़ए, ऐसा करने से कुछ दिनों में मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं। 
  • लहसुन की कली को छील लीजिए, उसके बाद उसे काटकर मस्‍सों पर र‍गडि़ए, कुछ दिन बाद मस्‍से सूखकर झड़ जाएंगे।
  • फूल गोभी का रस मिलाने से मस्‍से समाप्‍त हो जाते हैं।
  • रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद मस्‍सों पर शहद लगाइए, इससे मस्‍से खत्‍म हो जाते हैं।
  • मस्‍से वाले हिस्‍से को पाइनेपल के जूस में रखिए, इससे मस्‍से नष्‍ट करने वाले एंजाइम होते हैं।

  • इन नुस्‍खों को आजमाने के बाद भी अगर मस्‍से न समाप्‍त हों तो चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य कीजिए।
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शहद के लाभ benefits of honey

नियमित रूप से शहद का सेवन करने से शरीर को स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। शहद से शरीर स्वस्थ, सुंदर और सुडौल बनता हैं। शहद मोटापा घटाता भी है और शहद मोटापा बढ़ाता भी है। मीठे शहद के गुणों से रोगी व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है। आइए जानें शहद के लाभ के बारे में।

  • शहद में विटामिन ए, बी, सी, पाए जाते हैं। इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, सोडीयम फास्फोरस, आयोडीन भी पाए जाते हैं। इसीलिए प्रतिदिन शहद का सेवन करने से शरीर में शक्ति, स्फर्ति, और ताजगी बनी रहती है और रोगों से लड़ने की शक्ति भी  बढ़ती है।
  • गर्भावस्था के दौरान यदि महिलाएं प्रतिदिन शहद का सेवन करती हैं उनका होने वाला बच्चा अन्य  बच्चों  के मुकाबले मानसिक दृष्टि से अधिक श्रेष्ठ और स्वस्थ होता है।
  • शहद से त्वचा पर निखार लाया जा सकता है इसके लिए गुलाब जल, नींबू और शहद मिलाकर लगाना चाहिए।
  • शहद के औषधीय गुणों के कारण अनेक बीमरियों से छुटाकरा पाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। शहद को खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों को भी शहद से दूर किया जा सकता है।
  • कफ एवं अस्थमा को शहद के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर देने से खाँसी में आराम मिलता है।
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में शहद कारगर है।
  • रक्त  को साफ करने यानी रक्त शुद्धि के लिए भी शहद का सेवन करना चाहिए।
  • दिल को मजबूत करने, हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने और हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है।
  • शहद रोजाना खाने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। दिमागी कमजोरियां दूर होती है।
  • शहद को खाने से चेहरे की झाइयां और मुँहासे दूर हो जाते हैं।
  • गर्मियों के दिनों में रोजाना पानी के साथ शहद के सेवन से पेट हल्का रहता है।
  • पके आम के रस में शहद मिलाकर लेने से पीलिया में लाभ मिलता है।
  • चेहरे की खुश्‍की दूर करने के लिए शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाना चाहिए। इससे चेहरे पर चमक भी आएगी।
  • मोटापा बढ़ाने या शरीर की दुर्बलता दूर करने के लिए रात को बिना चीनी के एक गिलास दूध में शहद डालकर पीने से शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है।
  • रोजाना शहद के सेवन से किडनी और आँत ठीक रहते आती है।
  • शहद को चाय या दूध के साथ लेने से पेट संबंधी संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता हैं।
  • सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने के लिए अदरक का रस और शहद चाटना अच्छा रहता है।
  • कब्ज को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।
  • शहद को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
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गिरते बालों के लिए घरेलू उपचार Home remedies for falling hair

  • बालों का गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए सप्ताह में एक बार अपने बालों की रोज़मेरी ऑयल से मसाज कीजिए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
  • जवाकुसुम की पत्तियों को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए, इस पेस्‍ट को सिर की त्वचा और बालों पर लगाइए, इससे बाल बढ़ते हैं और घने भी होते हैं।
  • बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए बालों को भरपूर पोषण दीजिए। मेंहदी में भरपूर पोषण होता है जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी चाहिए।
  • मेंहदी को अंडे के साथ मिलाकर लगाने से ज्‍यादा फायदा होता है। इससे बाल मजबूत होते हैं और बालों का गिरना बंद हो जाता है।
  • गिरते बालों को रोकने के लिए दही बहुत कारगर घरेलू नुस्‍खा है। दही से बालों को पोषण मिलता है। इसके लिए बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले बालों में दही लगाना चाहिए। जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तो पानी से धो लीजिए।
  • दही में नींबू का रस मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है। नींबू के रस को दही में मिलाकर पेस्‍ट बना लीजिए। नहाने से पहले इस पेस्‍ट को बालों में लगाइए, 30 मिनट बाद बालों को धुल लीजिए। बालों का गिरना कम हो जाएगा।
  • बालों को धोने से एक घंटा पहले बालों में अंडे लगाइए, इससे बाल मजबूत होते हैं।
  • शहद कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। शहद के प्रयोग से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है। शहद को बालों में लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।
  • दालचीनी भी बालों की समस्या को दूर करने का कारगर उपाय है। दालचीनी और शहद के को मिलाकर बालों में लगाइए। इससे बालों का झड़ना बंद होगा।
  • गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उनका पेस्ट बनाइए। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगाइए और कुछ समय बाद सिर को धो लीजिए। इससे बालों का गिरना कम होगा।

गिरते बालों को झड़ने से रोकने के लिए आपको अपने आहार-योजना पर ध्‍यान रखना चाहिए। खाने-पीने की कमी से भी आपके बाल गिर सकते हैं। तनाव से दूर रहिए, धूम्रपान, एल्कोहल आदि का सेवन ना कीजिए। अगर इन नुस्‍खों के प्रयोग के बाद भी बालों का गिरना बंद न हो तो चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।

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Feetured Post

रिश्तों की अहमियत

 मैं घर की नई बहू थी और एक प्राइवेट बैंक में एक अच्छे ओहदे पर काम करती थी। मेरी सास को गुज़रे हुए एक साल हो चुका था। घर में मेरे ससुर और पति...