जब भी आप फिटनेस की बात करते हैं तो आपके दिमाग में कुछ कलाकारों का नाम आ जाता है जैसे रितिक रोशन, शाहिद कपूर और बिपाशा कपूर। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फैंसी जिम या उच्च प्रोफ़ाइल प्रशिक्षकों के बिना भी आप अपने आपको फिट रख सकते हैं । आपको सिर्फ दिन में कई बार अपने साइकिल के पैडल घुमाने हैं । अगर चिकित्सकों की या शोधकर्ताओं की मानें तो फिट रहने के लिए साइकलिंग सबसे प्रभावी और कम लागत वाला नुस्खा है । अगर आपको लगता है कि साइकिल सिर्फ गरीबों की सवारी है या इसे सिर्फ गांवों में चलायी जाती है तो आप गलत हैं । शायद आपको नहीं पता कि हालीवुड की सेलिब्रिटी मैडोना एक प्रसिद्ध साइकिल चालक हैं । विशेषज्ञ आप तक सिर्फ यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं, कि साइकिल चलाने से होने वाले लाभ लौकिक हैं ।
साइकिल चलाना शरीर के लिए संपूर्ण व्यायाम है । सर से पैर तक शरीर के सभी भाग इस व्यायाम में सम्मिलित होते हैं । डा निमेश देसाई जो कि मानव व्यवहार और संबद्ध दिल्ली में विज्ञान संस्थान के साथ वरिष्ठ प्राध्यापक हैं, उनके अनुसार साइकलिंग एक विशेष फिटनेस साधन है । साइकलिंग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है और यह आपके पैरों को सही आकार देता है । शहरी युवाओं में रीढ़ की हड्डी की समस्या बहुत ही आम है और साइकिल चलाने से आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है ।जो बात डा देसाई ने कही वही बात अनंत कुमार द्वारा दोहराई गयी जो कि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में युवा कार्यकारी हैं । मैंने 6 महीने पहले साइकिल चलाना शुरू किया और इससे मुझे बहुत लाभ मिला । मेरी फिटनेस और क्षमता पिछले 6 महीनों में बढ़ी है । एक पेशेवर की तरह मुझे कम्यूटर के आगे बहुत समय बिताना पड़ता है और मेरी पीठ में लगातार दर्द रहता था । साइकिल चलाने से मुझे दर्द से काफी हद तक राहत मिली । फिटनेस के साथ साथ दिल्ली की सड़कों पर सुबह साइकिल चलाने का मज़ा ही कुछ और है ।
नलिन सिन्हा़ जो कि दिल्ली साइकलिंग क्लब के संस्थापक हैं वह भी इस बात से उतने ही खुश हैं । उनके अनुसार पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के साथ ही साइकिल चलाने के स्वास्थ्य लाभ भी हैं । हालांकि बहुत से लोग इस विकल्प को अपनाना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें यह नहीं पता कि किस प्रकार साइकिल चलाना उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायी हो सकता है । अमेरिकी कॉलेज आफ स्पोर्टस मेडिसिन की पत्रिका में छपे शोध के अनुसार वो बच्चे जो साइकिल से स्कूल जाते हैं वो उन बच्चों की तुलना में ज्यादा सक्रिय होते हैं जो यातायात का कोई और साधन अपनाते हैं। शोधकर्ताओं ने इंगलैंड के 10 से 16 वर्ष की उम्र तक के 6,000 बच्चों पर शोध किया और परिणाम प्रकाशित किये ।
वर्ष 2007 और 2008 में बच्चों की हृदय से सम्बन्धी समस्याओं और यात्रा की आदतों पर शोध किया गया । ऐसा पाया गया कि लगभग 30 प्रतिशत लड़के जो साइकिल से स्कूल जाते थे वो दूसरे माध्यम से स्कूल जाने वाले बच्चों की तुलना में अधिक स्वास्थ्य और लड़कियों में यह फायदे कहीं ज्यादा थे । दिल्ली में ही युवा सांसदों के एक समूह के अधिकारियों ने साइकिल चलाने की अनुमति मांगी है । सिर्फ प्रदूषण से बचने के लिए ही नहीं बल्कि यह सांसद अपनी फिटनेस और स्वा स्थ्यइ के बारे में भी सोचते हैं ।अगर आप अभी भी साइकिल चलाने को लेकर संदेह में हैं, तो आप प्रसिद्ध साइकिल चालक लैंस आर्मस्ट्रांग और उसकी काया के बारे में सोचें ।