लौंग के कुछ घरेलू प्रयोग

लौंग एक ऐसा मसाला है जिसे उसके जबरदस्त फ्लेवर के कारण जाना जाता है। खाने के जिस भी व्यंजन में इसे मिलाया जाता है उसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। लौंग सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि कई बीमारियों में जबरदस्त औषधि के रूप में भी काम करती है। लौंग में कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, वसा जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा लौंग में खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, पोटेशियम, विटामिन सी और ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीखी लौंग के ऐसे ही कुछ प्रयोग जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।

- सिर दर्द, दांत दर्द व गठिया में लौंग के तेल का लेप करने से शीघ्र लाभ मिलता है।

- गर्भवती स्त्री को अगर ज्यादा उल्टियां हो रही हों तो लौंग का चूर्ण शहद के साथ चटाने से लाभ होता है।

- लौंग का तेल मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेटदर्द में लाभ होता है।

- एक लौंग पीस कर गर्म पानी से फांक लें। इस तरह तीन बार लेने से सामान्य बुखार दूर हो जाएगा।

- लौंग दमा रोगियों के लिए विशेषरूप से लाभदायक है। लौंग नेत्रों के लिए हितकारी, क्षय रोग का नाश करने वाली है।

- लौंग और हल्दी पीस कर लगाने से नासूर मिटता है।

- चार लौंग पीस कर पानी में घोल कर पिलाने से बुखार ठीक हो जाती है।

- खाना खाने के बाद 1-1 लौंग सुबह-शाम खाने से एसीडिटी ठीक हो जाती है।

-15 ग्राम हरे आंवलों का रस, पांच पिसी हुई लौंग, एक चम्मच शहद और एक चम्मच चीनी मिलाकर रोगी को पिलाएं इससे एसीडिटी ठीक हो जाता है।

- लौंग को गरम कर जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द गायब हो जाता है।

- लौंग को पीसकर एक चम्मच शक्कर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल लें व ठंडा कर लें। इसे पीने से उल्टी होना व जी मिचलाना बंद हो जाता है।

- लौंग सेंककर मुंह में रखने से गले की सूजन व सूखे कफ का नाश होता है।

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अमरबेल से जुडे आदिवासी हर्बल नुस्खे, जानिए और कहिए अरे वाह!

जंगलों, सड़क, खेत खलिहानों के किनारे लगे वृक्षों पर परजीवी अमरबेल का जाल अक्सर देखा जा सकता है, वास्तव में जिस पेड़ पर यह लग जाती है, वह पेड़ धीरे धीरे सूखने लगता है। इसकी पत्तियों मे पर्णहरिम का अभाव होता है जिस वजह से यह पीले रंग की दिखाई देती है। इसके अनेक औषधीय गुण भी है। अमरबेल का वानस्पतिक नाम कस्कूटा रिफ़्लेक्सा है। आदिवासी अंचलों में अमरबेल को अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर उपयोग में लाया जाता है, चलिए जानते हैं आज अमरबेल से जुडे हर्बल नुस्खों और आदिवासी जानकारियों को..

पूरे पौधे का काढ़ा घाव धोने के लिए बेहतर है और यह टिंक्चर की तरह काम करता है। आदिवासियों के अनुसार यह काढा घावों पर लगाया जाए तो यह घाव को पकने नहीं देता है।

बरसात में पैर के उंगलियों के बीच सूक्ष्मजीवी संक्रमण या घाव होने पर अमरबेल पौधे का रस दिन में 5-6 बार लगाया जाए तो आराम मिल जाता है।

अमरबेल को कुचलकर इसमें शहद और घी मिलाकर पुराने घावों पर लगाया जाए तो घाव जल्दी भरने लगता है। यह मिश्रण एंटीसेप्टिक की तरह कार्य करता है।

- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार इसके बीजों और पूरे पौधे को कुचलकर आर्थराईटिस के रोगी को दर्द वाले हिस्सों पर पट्टी लगाकर बाँध देते है। इनके अनुसार यह दर्द निवारक की तरह कार्य करता है।

गंजेपन को दूर करने के लिए पातालकोट के आदिवासी मानते हैं कि यदि आम के पेड़ पर लगी अमरबेल को पानी में उबाल लिया जाए और उस पानी से स्नान किया जाए तो बाल पुन: उगने लगते है।

डाँग के आदिवासी अमरबेल को कूटकर उसे तिल के तेल में 20 मिनट तक उबालते हैं और इस तेल को कम बाल या गंजे सर पर लगाने की सलाह देते है। आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार यह तेल बालों के झडने का सिलसिला कम करता है और गंजे सिर पर भी बाल लाने में मदद करता है।
डाँग के आदिवासी अमरबेल को कूटकर उसे तिल के तेल में 20 मिनट तक उबालते हैं और इस तेल को कम बाल या गंजे सर पर लगाने की सलाह देते है। आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार यह तेल बालों के झडने का सिलसिला कम करता है और गंजे सिर पर भी बाल लाने में मदद करता है।

पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार मुँह और पेट के कैंसर या ट्युमर में इस पौधे का काढा आराम दिलाता है, आधुनिक अध्ययनों से पता चलता है कि इस पौधे का अर्क पेट के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है।

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चाय भी एक जबरदस्त हर्बल मेडिसिन है, जानिए और कहिए WOW!

चाय हर इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा है, कहा जाता है कि दिन का शुरुआत चाय पीकर की जाए तो शरीर में ताजगी आ जाती है, वैसे चाय अतिथीयों के सत्कार का प्रतीक है। चाय की पत्तियों मुख्य रसायन कैफीन है जिसका असर मूत्रवर्धक, नाड़ी तंत्र की उत्तेजना और समस्त मांसपेशियों में बल देने में होता है। चाय का वानस्पतिक नाम केमेलिया सायनेन्सिस है। चाय पाचनशक्ति को जगाती है और यह भोजन रुचि को उत्पन्न करती है। चाय आदिवासियों की जिंदगी का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे अनेक हर्बल नुस्खों में बतौर नुस्खा भी अपनाया जाता है, चलिए आज जानते है चाय से जुडे हर्बल नुस्खों के बारे में..

रक्त अल्पता के रोगी यदि अनंतमूल, दालचीनी और सौंफ़ की समान मात्रा लेकर चाय के साथ उबालकर कम से कम दिन में एक बार सेवन करें तो रक्त शुद्धी के साथ-साथ रक्त बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है।

अर्जुन की छाल के चूर्ण को चाय के साथ उबालकर ले सकते हैं। चाय बनाते समय एक चम्मच इस चूर्ण को डाल दें इससे उच्च-रक्तचाप भी सामान्य हो जाता है।

कॉलेस्ट्राल कम करने के लिए एक कप चाय के पानी में दो ग्राम शहद और तीन ग्राम दालचीनी की छाल का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से यह अतिलाभकारी होता है।

आदिवासियों का मानना है कि यह त्वचा और मूत्राशय को प्रभावित कर पसीना और पेशाब बहुत अधिक मात्रा में लाती है।

इन आदिवासियों के अनुसार ज्यादा देर तक उबली चाय का सेवन किया जाए तो मोटापा कम होता है और वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते है कि चाय को ज्यादा देर तक उबाला जाए तो टैनिन रसायन निकल आता है और यह रसायन पेट की भीतरी दीवार पर जमा हो भूख को मार देता है। हलाँकि पातालकोट के आदिवासी चाय के साथ पोदीना की पत्तियों को उबालकर पीने की सलाह देते है जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है।

यदि त्वचा या शरीर का कोई अंग जल जाए तो चाय की पत्तियों को उबालकर इस पानी को सूती कपड़े या रूई से जले हिस्से पर लगाने से फ़फ़ोले नही पड़ते।

चाय की पत्तियों को मख्खन के साथ पीसकर इसे बवासीर के मस्सों पर लगायें तो मस्से सूखकर गिरने लगते हैं।

अगर जुकाम सूखा हो और बलगम गाढ़ा, पीला, बदबूदार हो या सिर में दर्द हो तो चाय में अदरख और मुलेठी डालकर पीने से तुरंत आराम आ जाता है।

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बिना मेहनत WEIGHT LOSS के 6 तरीके

ज्यादा मोटापा बढऩा किसी के लिए भी एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। अगर आपके साथ भी ये ही समस्या है तो वजन घटाने के ये छ: तरीके अपनाकर आप बिना पसीना बहाए वजन क म कर सकते हैं......

योगा करें -

पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन अच्छा विकल्प है. हर सुबह नियमित रुप से योगा करने पर शरीर पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है. ध्यान रहें योगासनों का चुनाव करते समय पेट की चर्बी घटाने वाले योग को ही चुनें. योग शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से दूर रखता है। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है।

उपवास करें-
हफ्ते में एक दिन उपवास करना शरीर के लाभकारी हो सकता है। अगर आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं. खाने का सामान सामने आते ही खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें. इस दौरान सिर्फ पेय पदार्थों या फलों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो सब्जियों का सलाद या फ्रूट सलाद खा सकते हैं। सलाद शरीर के फायदेमंद होने के साथ वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है।

हल्का भोजन करें- अध्ययनों से पता चलता है, कि वे व्यक्ति जो सुबह के खाने और दोपहर के खाने में कुछ घंटो का अंतर रखते हैं, एक साथ खाने वाले व्यक्तियों की बजाय लगभग 30 प्रतिशत कम कैलोरी का उपभोग करते हैं।अंतराल में खाया गया भोजन हमारे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और भूख को कम करने में मदद करता है। इसलिए एक साथ भारी भोजन के बजाय 5-6 बार में कम भोजन या प्रतिदिन नाश्ते की तरह करना ज्यादा असरदार होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिलेगी।

अपनाएं ये नेचुरल तरीके:-

- करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
- सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है इसलिए ये अधिक खाएं। केला और चीकू न खाएं इनसे मोटापा बढ़ता है।
- एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू,और चम्मच शहद डालकर खाली पेट दो माह तक पीने से मोटापा कम होता है।

- चने की भीगी हुई दाल और शहद मिलाकर रोज खाने से मोटापा कम होता है।

- चाय में पोदिना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।

- मोटापा कम करने के लिए नमक रहित भोजन करना चाहिए।
- रोजाना कच्चा टमाटर, नमक और प्याज साथ खाने से मोटापा कम होने लगता है।
- दही मोटापा कम करने में लाभप्रद होता है।

- तुलसी के पत्तों का रस, शहद और एक कप पानी तीनों को मिलाकर पीने मोटापा घटता है।
- मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक दिन व्रत जरुर रखें और सिर्फ फलों का ही सेवन करें।
-छाछ में काला नमक व अजवाइन मिलाकर पीने से मोटापा कम होने लगता है।

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नींबू-शहद का उपाय, दूर हो जाएगा मोटापा Lemon-honey remedy will remove obesity

वर्तमान समय में अनियमित खान-पान और असंयमित रहन-सहन के कारण अधिकांश व्यक्तियों की प्रमुख समस्या बन गई है मोटापा।
काफी लोग ऐसे हैं जो वजन कम करने के लिए कई प्रयास करते हैं लेकिन उसके बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पाते हैं। यदि प्रयास सही तरीके से नहीं किए जाते हैं जिसकी वजह से मोटापे से निजात नहीं मिल पाती है।

वजन कम करने के लिए योगासन से अच्छा कोई और विकल्प नहीं हैं। योगा से कम समय में ही शरीर को संतुलित किया जा सकता है। यहां जानिए कुछ अन्य उपाय जिनसे आपको जल्द ही अच्छे परिणाम प्राप्त होने लगेंगे।
अधिक कैलोरी वाले खाने का पूर्णत: त्याग करें। शरीर को कम कैलरी मिलेगी तो शरीर पहले से जमा कैलरी का इस्तेमाल करेगा।

यहां दी गई बातों का ध्यान रखने के साथ ही यह उपाय भी करें... प्रतिदिन सुबह-सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ शहद पीने से वजन कम होता है। इससे शरीर में शकर का स्तर भी सही रहता है। चेहरे पर चमक भी आती है।
वजन घटाने के लिए रोज सुबह खाली पेट नींबू-पानी भी ले सकते हैं। जिन लोगों को ठंड या साइनस की परेशानी रहती है वे गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पी सकते हैं।

- हमेशा ध्यान रखें, खाने में सब्जियां अधिक से अधिक शामिल करें।

- दिनभर में कम से कम एक बार फल या ज्यूस अवश्य लें।

- हमें रोज कम से कम 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। इससे पेट संबंधी कई बीमारियों पर रोक लगती है।

- खाने में मीठा कम करें।

- आजकल अधिक तेल-मसाले का खाना ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन यह आपका वजन बढ़ाता है। अत: तला खाना कम करेंगे तो अच्छा रहेगा।
रेशायुक्त खाने की चीजें अधिक खाना चाहिए। जैसे विभिन्न प्रकार के अनाज, अंकुरित चना आदि
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दूर होती है सुस्ती, मिलती है ताकत !

नाश्ते में एक कटोरी स्प्राउट्स के सेवन से हम पा सकते हैं पूरे दिन के लिए ऊर्जा और पोषण। दरअसल, स्प्राउट्स में पोषण दोगुना मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इनके सेवन से व्यक्ति ज्यादा ऊर्जावान महसूस करता है। साथ ही इसमें तेल व मसालों की भी जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए और भी लाभप्रद है।

क्या-क्या मिलाएं:-

स्प्राउट्स में कई तरह के अनाज मिलाकर सेवन कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से काला चना, मूंगफली, साबुत मसूर और साबुत मूंग आदि मिलाए जा सकते हैं। इन सभी में भरपूर पोषण होता है, जो व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

एजिंग होती है धीमी:-

स्प्राउट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स जहां एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, वहीं शुद्ध रूप से मिलने वाला प्रोटीन मसल्स को मजबूती और शेप दोनों देता है।

100 गुना ज्यादा एंजाइम्स:-

कच्चे फल और सब्जियों के मुकाबले स्प्राउट्स में एंजाइम्स की मात्रा 100 गुना ज्यादा होती है। एंजाइम्स शरीर के लिए कैटेलिस्ट का काम करते हैं, जो अन्य खाद्य पदार्थो से ज्यादा से ज्यादा विटामिन, मिनरल, फैटी व अमीनो एसिड एक्सट्रैक्ट करने में मदद करते हैं।

विटामिन्स में होती है वृद्धि:-

स्प्राउटेड अनाज में मौजूद विटामिन अपनी ओरिजिनल वैल्यू से 20 गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं। शोध बताते हैं कि मूंग के स्प्राउट में विटामिन बी-1, 285%, विटामिन बी-2, 515% और नियासिन 256% तक बढ़ जाता है।

स्प्राउट्स का फायदा:-
स्प्राउट्स में ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में रहती है, जिससे स्वस्थ रहने के लिए जरूरी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

पकाकर खाने की तुलना में स्प्राउटेड अनाज को कच्च ही खाना चाहिए। पकाने से उसके पोषक तत्व नष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है और स्प्राउट्स खाने का फायदा नहीं होता।

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किचन एक तरह का घरेलू औषधालय

भारतीय आयुर्वेद के अनुसार भारत के हर घर का किचन एक तरह का घरेलू औषधालय है। किचन में रखी कई चीजें जैसे मसाले, खाद्यान्न, फल-सब्जी, शहद, घी-तेल आदि औषधि का काम भी करते हैं। अत: रसोई घर को औषधि का भंडार कहना गलत नहीं होगा। आइए, जानते हैं ऐसे कुछ अनुभूत नुस्खे के बारे मे जो वक्त पड़ने पर बेहद कारगर सिद्ध हो सकते हैं।

- एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर लगाने या हल्के-हल्के मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।
- अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आये हों, तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिला कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है।

- दही में भूरे जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया मिटता है।
- सिरके के साथ जीरा देने से हिचकी बंद हो जाती है।

- खाना खाने को मन नहीं करता। भरपेट नहीं खा सकते।पचता भी नहीं तो धनिया, छोटी इलायची, कालीमिर्च तीनों एक जैसी मात्रा में लें। इन्हें पीस कर छान लें और शीशी में रखें। चौथाई चम्मच घी तथा आधा चम्मच चीनी में आधा चम्मच इस चूर्ण को डालकर खाएं।
- कमजोरी में रात को पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा धनिया भिगो दें। प्रात: छानकर पी लें। कुछ दिन नियमित करें। कमजोरी दूर होगी।

- भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।
- 5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की ज्योति ठीक रहती है।गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है

- अजवाइन, सौंफ और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं। आराम मिलेगा। पेटदर्द गायब हो जाएगा।
-अजवाइन को गर्म करके पतले कपड़े में पोटली बांधकर सूंघने से जुकाम और सर्दी में लाभ होता है।

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बारिश के मौसम में केला खाने के TOP 7 हेल्दी फायदे

बारिश के मौसम में बाजार में आसानी से मिलने वाला केला एक बेहद स्वादिष्ट मौसमी फल है लेकिन केला न सिर्फ स्वाद में अलग और बेहतरीन होता है बल्कि इसे मौसम में खाने के ढेरों फायदे हैं। एक रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं केला खाने के ऐसे ही कुछ खास फायदों के बारे में......

- केला में कैल्शियम पाया जाता हैं। जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता हैं।केले का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती हैं और गैस्ट्रिक की बीमारी को दूर किया जा सकता हैं। केले में घुलनशील फाइबर पेक्टिन होता हैं।

- केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के रिस्क को कम कर के हार्ट अटैक और हाईपरटेंशन की बीमारी को कंट्रोल करता है। यूएस में किसी अन्य फल के मुकाबले केला खाने को ज्यादा कहा जाता है।


- नियमित दो पके केले को 250 ग्राम दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ता हैं और शरीर को शक्ति मिलती हैं। केला में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। जो शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।एनीमिया और अल्सर से ग्रसित लोगों के लिए केला काफी फायदेमंद होता हैं।


- केला पोटैशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता हैं।केला का सेवन करने से तनाव कम हो जाता हैं और मन को शांति मिलती हैं। केले में पोटैशियम, सोडियम, आयरन, विटामिन ए, बी और विटामिन सी पाया जाता हैं।

- केला पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। गैस्ट्रिक की बीमारी वाले लोंगो के लिये केला बहुत प्रभावशाली उपचार है। वे लोग जो ट्रैवेलिंग की तैयारी कर रहें हैं उन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसको दूर करने के लिये वे केले को अपने साथ ले सकते हैं।


- एक शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वे लोग जो डिप्रेशन की बीमारी से पीडि़त थे, वे केला खाने के बाद अच्छा महसूस करते थे। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि केले में प्रोटीन, ट्रायफोटोपन पाया जाता है, जो कि माइंड को रिलैक्स कर देता है


-केला एथलीट लोगो का फेवरेट होता है क्योंकि यह तुरंत एनर्जी प्रदान करता है। वे लोग जो दिन भर भूखे प्यासे रहते हैं, अगर वह केवल केला ही खा लें तो उन्हें अन्य फल के मुकाबले केले से तुरंत एनर्जी मिलेगी।

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गौ माता की रक्षा

आप सब की थोड़ी सी सतर्कता गौ माता की रक्षा कर सकती है
अगर आपके इलाके में गौ तस्करी हो रही है तो कृपया इन नम्बरों पर तुरन्त सूचना दे
गऊ रक्षा दलो के मो. न. ......
राज्स्थन - .09414245251,
पंजा­ब. - 09814284153,
दिल्ली. - 09711195952,
हरियाना . - 08295312050,
गुजरात - 09805467442,
उत्तर प्रदेश - 09897904111,
मध्यप्रदेश - 07552733777,
महाराष्ट्र - 07552733777,
बुंदेलखं­ड - 09621344698,
कर्नाटक - 09886699957,
पश्चिम बंगाल - 09433118551,
हिमांचल - 09816072246,
आंध्र प्रदेश - 09000214000. . ..
अगर कोई सुचना हो तो सम्पर्क करे !!
 
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डेंगू का उपचार

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.....
डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l


यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.



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Feetured Post

रिश्तों की अहमियत

 मैं घर की नई बहू थी और एक प्राइवेट बैंक में एक अच्छे ओहदे पर काम करती थी। मेरी सास को गुज़रे हुए एक साल हो चुका था। घर में मेरे ससुर और पति...