मलेरीया और डेंगू से राहत के लिएFor relief from malaria and dengue

अगर आपको
मलेरीया या डेंगू से
राहत चाहिए तो आप
पपीता की पत्ती (Leaf of Papaya)
का ताजा जूस या
रस निकाल कर
5-10ml सुबह व
शाम को ले आपको
इस बुखार से राहत
मिल जायेगी।
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ONLY FOR LADIES

ऐसी बीमारियां भी
दूर करता है ये
एरंड का मामूली
पौधा....
लड़कियों और महीलाओं के
लिए ये मामूली
पौधा बहुत खास
है। एरंड का ये पौधा
लड़कियों और
महिलाओं की हर
तरह की बीमारियों
को दूर करता है।
एरंड का पौधा आठ
से पंद्रह फीट लंबा
होता है।
इसकी पत्तियों के
विशेष आकार के
कारण इसे गन्धर्वहस्त
के नाम से भी जाना
जाता है। चाहे इसके
बीज हों या पत्तियां
और तो और इसकी
जड़ों का भी औषधीय
प्रयोग होता आया है।
आइए इसके कुछ
औषधीय प्रयोगों को
जानें....

-गर्भवती स्त्री को
सुखपूर्वक प्रसव
कराने के लिए आठवें
महीने के बाद पंद्रह
दिनों के अंतर पर
दस मिली लीटर एरंड
का तेल पिलाना
चाहिए और ठीक
प्रसव के समय
पच्चीस से तीस
मिली लीटर केस्टर
आयल को दूध के
साथ देने से शीघ्र
प्रसव होता है।

-एरंड के तेल का
प्रयोग ब्रेस्ट मसाज
आयल के रूप में
स्तनों को उभारने में
भी किया जाता है।
साथ ही स्तन शोथ में
इसके बीजों की गिरी
को सिरके में एक
साथ पीसकर लगाने
से सूजन में लाभ
मिलता है।

-प्रसूता स्त्री में जब
दूध न आ रहा हो या
स्तनों में गाँठ पड़
गयी हो तो आधा
किलो एरंड के पत्तों
को लगभग दस
लीटर पानी में एक
घंटे तक उबालें। अब
इस प्रकार प्राप्त
हल्के गरम पानी को
धार के रूप में
स्तनों पर डालें
तथा लगातार एरंड
तेल की मालिश करें
और शेष बचे
पत्तों की पुलटीश
को गाँठ वाले स्थान
पर बाँध दें।
गांठें कम होना प्रारम्भ
हो जाएंगी तथा स्तनों
से पुन: दूध आने
लगेगा।

-एरंड के पत्तों के 5
मिली रस को और
समान मात्रा में
घृतकुमारी स्वरस
को मिलाकर यकृत
(Liver) व प्लीहा
(Spleen) के रोगों में
लाभ होता है।

- किसी भी प्रकार के
सूजन में इसके
पत्तों को गरम कर
उस स्थान पर बांधने
मात्र से सूजन कम हो
जाती है।

-पांच मिली एरंड की
जड़ के रस को पीने
से पीलिया यानी कामला (जौंडिस) में
लाभ मिलता है।

-फिशर (परिकर्तिका)
के रोग में रोगी को
एरंड के तेल को
पिलाना फायदेमंद
होता है।

-पुराने और ठीक न हो
रहे घाव पर इसके
पत्तों को पीसकर
लगाने से व्रण (घाव)
ठीक हो जाता है।
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रक्तचाप की बीमारी blood pressure disease

उच्च रक्तचाप की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ
आयुर्वेदिक दबाईया है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत
अछि दावा आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में
उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके
आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए ;
अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ
लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के
साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अछि दावा है । और एक
अछि दावा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक ।
दूसरी दावा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक
ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने
दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पि लीजिये और
मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई
BP कम कर देगा, देड से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर
देगा ।
और एक तीसरी दावा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल ।
अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर
में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर,
आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के
बाद इसको चाय की तरह पि ले । ये हाई BP को ठीक करेगा,
कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा,
मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है
तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल ।
डॉक्टर अक्सर ये कहते है न की दिल कमजोर है आपका; अगर
दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हरदिन ,
दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका; आपका ESR ठीक होगा,
ejection fraction भी ठीक हो जायेगा; बहुत अछि दावा है ये
अर्जुन की छाल ।
और एक अछि दावा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप
लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे
पहले ; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच
पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तिन चार कलि मिर्च
पिस के ये सब डाल के पीना .. ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक
करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है ,
कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा, डाईबेटिस में भी काम आता है ।
और एक मुफ्त की दावा है , बेल पत्र की पत्ते - ये उच्च
रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में
पिस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास
पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के
पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पि लीजिये । ये
सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र
आपके सुगर को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप
और सुगर दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अछि दावा है ।
और एक मुफ्त की दावा है हाई BP के लिए - देशी गाय की मूत्र
पीये आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP
को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है , ये हाई BP
को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है -
दोनों में काम आता है और येही गोमूत्र डाईबेटिस को भी ठीक कर
देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर
आप गोमूत्र लगातार पि रहे है तो दमा भी ठीक होता है
अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है ।
इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय सुद्धरूप से
देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो ।
निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए दावा : निम्न रक्तचाप
की बीमारी के लिए सबसे अछि दावा है गुड । ये गुड पानी में
मिलाके, नमक डालके, नीबू का रस मिलाके पि लो । एक ग्लास
पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिलाके दिन में
दो तिन बार पिने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज
अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक
हो जाती है , गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक
कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो BP ठीक
कर देता है , अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP
ठीक कर देता है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है मिसरी और मखन मिलाके
खाओ - ये लो BP की सबसे अछि दावा है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है दूध में घी मिलाके पियो ,
एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय
की घी मिलाके रातको पिने से लो BP बहुत अछे से ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है
नमक का पानी पियो दिन में दो तिन बार , जो गरीब लोग है ये
उनके लिए सबसे अच्छा है ।
आपने पूरी पोस्ट पड़ी इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
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Home Remedies for Gas



For instant relief from
stomach gas trouble drink baking soda with
water. Take 1/4 teaspoon of baking soda (not
baking powder) and stir it in 1 glass of water.
This is one of the conventional home remedies
for gas and it is widely used as an effective
antacid.
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चाय लेंगे आप ??? Will you take tea


हानिकारक समझे जाने वाली यही चाय आपके लिये बेहद
लाभदायक भी हो सकती है। तरीके बदलने से परिणाम भी बदल
जाते हैं। सही तरीके से बनी चाय आपके लिये काफी फायदेमंद
हो सकती है। आइये जाने कि गुणों से भरपूर ऐसी लाभदायक चाय
किस तरह बनती है....
आवश्यक सामग्री:
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर
सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपात 100
ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफशा 25 ग्राम, सौंफ 250
ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250
ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम। सब पदार्थों को एक-एक करके
इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर
सबको मिलाकर किसी बर्नी में भरकर रख लें। बस,
तुलसी की चाय तैयार है।
बनाने की विधि :
आठ प्याले चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) एक
बड़ा चम्मच भर लेना काफी है। आठ प्याला पानी एक तपेली में
डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे
तब तपेली नीचे उतार कर एक चम्मच मिश्रण डालकर फौरन
ढक्कन से ढक दें। थोड़ी देर तक रखे फिर छानकर कप में डाल लें।
इसमें दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए
आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और
गरम होने के लिए रख दें।
फायदे:
ऊपर बताए गए प्रयोग से बनी चाय आपको ताजगी और
स्फूर्ति के साथ ही सेहत का अतिरिक्त लाभ भी दे सकती है।
तुलसी की चाय प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली,
स्फूर्तिदायक, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और शरीर
को ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है।
Photo: चाय लेंगे आप ???
हानिकारक समझे जाने वाली यही चाय आपके लिये बेहद
लाभदायक भी हो सकती है। तरीके बदलने से परिणाम भी बदल
जाते हैं। सही तरीके से बनी चाय आपके लिये काफी फायदेमंद
हो सकती है। आइये जाने कि गुणों से भरपूर ऐसी लाभदायक चाय
किस तरह बनती है....
आवश्यक सामग्री:
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर
सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपात 100
ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफशा 25 ग्राम, सौंफ 250
ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250
ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम। सब पदार्थों को एक-एक करके
इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर
सबको मिलाकर किसी बर्नी में भरकर रख लें। बस,
तुलसी की चाय तैयार है।
बनाने की विधि :
आठ प्याले चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) एक
बड़ा चम्मच भर लेना काफी है। आठ प्याला पानी एक तपेली में
डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे
तब तपेली नीचे उतार कर एक चम्मच मिश्रण डालकर फौरन
ढक्कन से ढक दें। थोड़ी देर तक रखे फिर छानकर कप में डाल लें।
इसमें दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए
आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और
गरम होने के लिए रख दें।
फायदे:
ऊपर बताए गए प्रयोग से बनी चाय आपको ताजगी और
स्फूर्ति के साथ ही सेहत का अतिरिक्त लाभ भी दे सकती है।
तुलसी की चाय प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली,
स्फूर्तिदायक, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और शरीर
को ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है।
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फटी हुई एड़ियों


पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण
बना लीजिए। इस चूर्ण में ग्लिसीरीन मिलाकर दिन
में दो बार फटी हुई एड़ियों में लगाने से बहुत
जल्दी फायदा होता है।
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पेट की वीमारी का इलाज

अगर आपका पेट ख़राब है दस्त हो गया है ,
बार बार आपको टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो इसकी सबसे
अछि दावा है जीरा | अध चम्मच जीरा चबाके खा लो पीछे से
गुनगुना पानी पी लो तो दस्त एकदम बंध हो जाते है एक ही खुराख
में |
अगर बहुत जादा दस्त हो ... हर दो मिनिट में
आपको टॉयलेट
जाना पड़ रहा है तो आधा कप कच्चा दूध ले लो बिना गरम
किया हुआ और उसमे निम्बू डालके जल्दी से पी लो | दूध फटने
से पहले पीना है और बस एक ही खुराक लेना है बस इतने में
ही खतरनाक दस्त ठीक हो जाते है | और एक अछि दावा है ये
जो बेल पत्र के पेड़ पर जो फल होते है
उसका गुदा चबाके खा लो पीछे से थोडा पानी पी लो ये भी दस्त
ठीक कर देता है |
बेल का पाउडर मिलता है बाज़ार में उसका एक चम्मच
गुनगुना पानी के साथ पी लो ये भी दस्त ठीक कर देता है। पेट
अगर आपका साफ़ नही रहता कब्जियत रहती है
तो इसकी सबसे अछि दावा है अजवाईन | इसको गुड में मिलाके
चबाके खाओ और पीछे से गरम पानी पी लो तो पेट तुरंत
साफ़ होता है , रात को खा के सो जाओ सुबह उठते ही पेट साफ
होगा | और एक अछि दावा है पेट साफ करने की वो है
त्रिफला चूर्ण ,
रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले
लो पानी के साथ
पेट साफ हो जायेगा | पेट जुडी दो तिन ख़राब बिमारिय है जैसे
बवासीर,
पाईल्स,हेमोरोइड्स, फिसचुला, फिसर .. ये सब बिमारिओ
अछि दावा है
मुली का रस | एक कप मुली का रस पियो खाना खाने के बाद
दोपहर को या सबेरे पर शाम को मत पीना तो हर तरेह
का बवासीर ठीक हो जाता है , भगंदर ठीक होता है फिसचुला,
फिसर
ठीक होता है .. अनार का रस पियो तो भी ठीक हो जाता है |
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प्याज के फायदे

प्याज के फायदे बहुत होते हैं और यह बहुत ही शानदार घरेलू
नुस्खा है। प्याज खाने को स्वादिष्ट बनाने का काम
तो करता ही है साथ ही यह एक बेहतरीन औषधि भी है। कई
बीमारियों में यह रामबाण दवा के रूप में काम करता है।
प्याज का प्रयोग खाने में बहुत किया जाता है। प्याज सेहत के
लिए बहुत फायदेमंद है। प्याज लू की रामबाण दवा है। आंखों के
लिए यह बेहतरीन औषधि है। प्याज में केलिसिन और
रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
आइए हम आपको बताते हैं कि प्याज आपकी सेहत के लिए
कितना फायदेमंद है।


प्याज के लाभ –

लू लगने पर – गर्मियों के मौसम में प्याज खाने सू लू
नहीं लगती है। लू लगने पर प्याज के दो चम्मच रस
को पीना चाहिए और सीने पर रस की कुछ बूंदों से मालिश
करने पर फायदा होता है। एक छोटा प्याज साथ में रखने पर
भी लू नहीं लगती है।

बालों के लिए – बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के
लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते हुए बालों के स्थान
पर प्याज का रस रगडने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके
अलावा बालों का लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू हो जाते
हैं।

पेशाब बंद होने पर – अगर पेशाब होना बंद हो जाए तो प्याज
दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर
हलुवा बना लीजिए। इसको गर्म करके पेट पर इसका लेप
लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है। पानी में उबालकर पीने
से भी पेशाब संबंधित समस्या समाप्त हो जाती है।

जुकाम के लिए – प्याज गर्म होती है इसलिए सर्दी के लिए
बहुत फायदेमंद होती है। सर्दी या जुकाम होने पर प्याज खाने
से फायदा होता है।

उम्र के लिए – प्याज खाने से कई शारीरिक
बीमारियां नहीं होती हैं। इसके आलावा प्याज कइ
बीमारियों को दूर भगाता है। इसलिए यह कहा जाता है
कि प्याज खाने से उम्र बढती है, क्योंकि इसके सेवन से कोई
बीमारी नहीं होती और शरीर स्वस्थ्य रहता है।

पथरी के लिए – अगर आपको पथरी की शिकायत है तो प्याज
आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में
मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की से निजात
मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-
आप कटकर प्यास के रास्ते से बाहर निकल जाती है।

गठिया के लिए – गठिया में प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है।
गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश
करें, फायदा होगा।

यौन शक्ति के लिए – प्याज खाने से शरीर की सेक्स
क्षमता बढती है। शारीरिक क्षमता को बढाने के लिए पहले से
ही प्याज का इस्तेमाल होता आया है। प्याज आदमियों के
लिए सेक्स पॉवर बढाने का सबसे अच्छा टॉनिक है।
इसके अलावा प्याज कई अन्य सामान्य शारीरिक समस्याओं
जैसे – मोतियाबिंद, सिर दर्द, कान दर्द और सांप के काटने
पर भी प्रयोग किया जाता है। प्याज का पेस्ट लगाने से
फटी एडियों को राहत मिलती है।
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उडऩे लगे बाल तो hair started flying


आजकल कम उम्र में गंजापन या बहुत अधिक बाल झड़ने की समस्या आम हो चली है। गंजेपन के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र से बड़ा दिखाई देने लगता है और एक बाल उड़ने शुरू हो जाते हैं तो उन्हें रोकना बहुत मुश्किल होता है। वैसे तो बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन अनुवांशिक कारणों के अलावा विकार, किसी विष का सेवन कर लेने, उपदंश, दाद, एक्जिमा आदि के कारण ऐसा हो जाता है। आज हम बताने जा रहे हैं आपको कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में जो गंजेपन की समस्या में रामबाण हैं....

- नमक का अधिक सेवन करने से गंजापन आ जाता है। पिसा हुआ नमक व काली मिर्च एक-एक चम्मच नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं। कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और बाल घने भी होना शुरू हो जाते हैं।

- अगर बालों का गुच्छा किसी स्थान से उड़ जाए तो गंजे के स्थान पर नींबू रगड़ते रहने से बाल दुबारा आने लगते हैं। जहां से बाल उड़ जाएं तो प्याज का रस रगड़ते रहने से बाल आने लगते हैं। बालों में नीम का तेल लगाने से भी राहत मिलती है।

- बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।

- लहसुन का खाने में अधिक प्रयोग करें। उड़द की दाल उबाल कर पीस लें। इसका सोते समय सिर पर गंजेपन की जगह लेप करें। हरे धनिए का लेप करने से भी बाल आने लगते हैं। केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीस लें और लगाएं, इससे लाभ होता है।अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
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आर्थराइटिस का उपचार

१. दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritis और
Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे
जिसका नाम है चुना, वोही चुना जो आप पान मे खाते हो |
गेहूं के दाने के बराबर चुना रोज सुबह खाली पेट एक कप
दही मे मिलाके खाना चाहिए, नही तो दाल मे मिलाके,
नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक,
तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के
समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय
लगेगा | अगर आपके हात या पैर के हड्डी मे खट खट
आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा |
२. दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अछि दावा है
मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच
की गिलास मे गरम पानी लेके उसमे डालना, फिर उसको रात
भर भिगोके रखना | सबेरे उठके पानी सिप सिप करके
पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तिन महीने तक लेने
से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के
समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय
लगेगा |
३. ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़
जुके है, चाल्लिस साल से तकलीफ है या तिस साल से
तकलीफ है, कोई कहेगा बीस साल से तकलीफ है, और
ऐसी हालत हो सकती है के वे दो कदम भी न चल सके, हात
भी नही हिला सकते है, लेटे रहते है बेड पे, करवट
भी नही बदल सकते ऐसी अवस्था हो गयी है .... ऐसे
रोगियों के लिए एक बहुत अछि औषधि है जो इसीके लिए काम
आती है | एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हरसिंगार कहते है,
संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस
पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल
की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुसबू बहुत
आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते
है । इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के
चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के
पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह
खाली पेट पिलाना है जिसको भी बीस तिस चाल्लिस साल
पुराना आर्थराइटिस हो या जोड़ो का दर्द हो | यह उन सबके
लिए अमृत की तरह काम करेगा | इसको तिन महिना लगातार
देना है अगर पूरी तरह ठीक नही हुआ तो फिर 10-15 दिन
का गैप देके फिर से तिन महीने देना है | अधिकतम केसेस मे
जादा से जादा एक से देड महीने मे रोगी ठीक हो जाते है |
इसको हर रोज नया बनाके पीना है | ये
औषधि exclusiveExclusive है और बहुत strong औषधि है
इसलिए अकेली हि देना चाहिये, इसके साथ कोई
भी दूसरी दावा न दे नही तो तकलीफ होगी | ध्यान रहे
पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक
होने मे समय लगेगा |
बुखार का दर्द का उपचार :
डेंगू जैसे बुखार मे शरीर मे बहुत दर्द होता है .. बुखार
चला जाता है पर कई बार दर्द नही जाता | ऐसे केसेस मे
आप हरसिंगार की पत्ते की काड़ा इस्तेमाल करे, 10-15 दिन
मे ठीक हो जायेगा |
घुटने मत बदलिए :
RA Factor जिनका प्रोब्लेमाटिक है और डॉक्टर कहता है
के इसके ठीक होने का कोई चांस नही है | कई बार
कार्टिलेज पूरी तरह से ख़तम हो जाती है और डॉक्टर कहते
है के अब कोई चांस नही है Knee Joints आपको replace
करने हि पड़ेंगे, Hip joints आपको replace करने हि पड़ेंगे |
तो जिनके घुटने निकाल के नया लगाने की नौबत आ गयी हो,
Hip joints निकालके नया लगाना पड़ रहा हो उन सबके लिए
यह औषधि है जिसका नाम है हरसिंगार का काड़ा |

आप कभी भी Knee Joints
को और Hip joints को replace मत कराइए | चाहे
कितना भी अच्छा डॉक्टर आये और कितना भी बड़ा गारंटी दे
पर कभी भी मत करिये | भगवान की जो बनाई हुई है
आपको कोई भी दोबारा बनाके नही दे सकता | आपके पास
जो है उसिको repair करके काम चलाइए | हमारे देश के
प्रधानमंत्री श्री अटलजी ने यह प्रयास किया था, Knee
Joints का replace हुआ अमेरिका के एक बहुत बड़े डॉक्टर
ने किया पर आज उनकी तकलीफ पहले से जादा है | पहले
तो थोडा बहुत चल लेते थे अब चलना बिलकुल बंध हो गया है
कुर्सी पे ले जाना पड़ता है | आप सोचिये जब
प्रधानमंत्री के साथ यह हो सकता है आप तो आम आदमी है
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Feetured Post

रिश्तों की अहमियत

 मैं घर की नई बहू थी और एक प्राइवेट बैंक में एक अच्छे ओहदे पर काम करती थी। मेरी सास को गुज़रे हुए एक साल हो चुका था। घर में मेरे ससुर और पति...