रिश्ते और वफादारी की कीमत - Value of relationships and loyalty

 रिश्ते और वफादारी की कीमत - Value of relationships and loyalty

रिश्ते और वफादारी की कीमत - Value of relationships and loyalty

रात का समय था, मेरी पत्नी मेरे बगल में गहरी नींद में सो रही थी। दिनभर की थकान उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। अचानक मेरे फोन पर एक नोटिफिकेशन आया—किसी महिला ने मुझे सोशल मीडिया पर जोड़ने के लिए अनुरोध भेजा था। बिना ज्यादा सोचे, मैंने उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और एक सामान्य संदेश भेजा, "क्या हम एक-दूसरे को जानते हैं?"

थोड़ी देर बाद उसका जवाब आया, "मुझे पता चला है कि तुम्हारी शादी हो गई है, लेकिन मैं आज भी तुमसे प्यार करती हूँ।"

वह एक पुरानी दोस्त थी, जो कई साल पहले मेरे जीवन का हिस्सा रह चुकी थी। उसकी प्रोफाइल फोटो में वह बेहद आकर्षक लग रही थी। मैं एक पल के लिए रुका और फिर चैट बंद कर दी। मेरे मन में खयाल आया—क्या यह ठीक है? मैंने अपनी पत्नी की ओर देखा, जो पूरी निश्चिंतता के साथ सो रही थी, जैसे उसे मुझ पर पूरा भरोसा हो। यह भरोसा, यह निश्चिंतता, उसने अपने घर-परिवार से दूर रहकर मुझ पर किया था।

मैं सोचने लगा, वह अपने माता-पिता के घर से इतनी दूर है, जहां उसका परिवार 24 घंटे उसके आस-पास रहता था। जब वह दुखी होती, तो उसकी मां का कंधा हमेशा उसकी आंसुओं का सहारा होता। उसकी बहनें और भाई उसकी उदासी को मिटाने के लिए हमेशा उसके साथ हंसी-ठिठोली करते थे। उसके पिता, जो उसे उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरतें पूरी करते थे, अब उससे दूर थे। और अब, वह मुझ पर पूरा भरोसा करते हुए, एक अजनबी घर में पूरी निश्चिंतता के साथ सो रही थी।

मेरे दिल में एक अजीब सी भावना जाग उठी। मैं अपने फोन की ओर देख रहा था और उस महिला के संदेश को याद कर रहा था, लेकिन फिर मैंने तुरंत फोन उठाया और "ब्लॉक" बटन दबा दिया।

मैंने खुद से कहा, "मैं एक इंसान हूँ, कोई बच्चा नहीं। मैंने अपनी पत्नी से वफादारी की शपथ ली है, और मैं उसे निभाऊंगा। मैं कभी ऐसा कुछ नहीं करूंगा जो उसे धोखा दे या हमारे परिवार को तोड़े।"

मैं फिर अपनी पत्नी की ओर मुड़ा, उसे देखा, और उसकी बगल में लेट गया। मुझे एक अद्भुत शांति महसूस हुई, क्योंकि मैंने सही फैसला लिया था। मैंने अपने भीतर उस व्यक्ति को खोज लिया था, जो न सिर्फ एक अच्छा पति है, बल्कि एक मजबूत इंसान भी है, जो अपने रिश्ते और वफादारी की कीमत जानता है।

अब मैं जानता था कि जीवन में असली प्यार और वफादारी क्या होती है, और मैं हमेशा इसे बनाए रखने के लिए संघर्ष करूंगा।

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विचार परिवर्तन से समाज और राष्ट्र में भी परिवर्तन हो जाता है। Change in thoughts also brings change in society and nation

 विचार परिवर्तन से समाज और राष्ट्र में भी परिवर्तन

विचार परिवर्तन से समाज और राष्ट्र में भी परिवर्तन हो जाता है। Change in thoughts also brings change in society and nation


इस उपलब्ध मानव जीवन में कर्म की गति, कर्म का स्वरूप और निषिद्ध कर्म-इन तीनों को जान लेना जरूरी है। इसके बाद सारी कामनाओं और संकल्पों से मुक्त होकर आगे बढऩा चाहिए ताकि चित्त को शुद्ध बनाया जा सके।

इस उपलब्ध मानव जीवन में कर्म की गति, कर्म का स्वरूप और निषिद्ध कर्म-इन तीनों को जान लेना जरूरी है। इसके बाद सारी कामनाओं और संकल्पों से मुक्त होकर आगे बढऩा चाहिए ताकि चित्त को शुद्ध बनाया जा सके। विचार में परिवर्तन होने से मनुष्य में परिवर्तन हो जाता है, उसका व्यक्तित्व बदलने लगता है। व्यक्तित्व बदलने से समाज और राष्ट्र में भी परिवर्तन हो जाता है। नतीजतन, आप देख सकते हैं कि पूरा विश्व कहीं न कहीं युद्ध के कगार पर खड़ा है। राष्ट्रीय नेताओं और धार्मिक नेताओं के विचारों में कोई सामंजस्य नहीं रह गया है। समाज में अराजकता, अनाचार, अत्याचार और व्यभिचार चरम पर है। आज का मानव कहां भाग रहा है, उसे स्वयं पता नहीं। विचारों की दौड़ में सब एक दूसरे को मात देने में जुटे हैं। नैतिक पतन तेजी से हो रहा है। आपसी प्रेम और भाईचारा घृणा में कभी-कभी बदलता नजर आता है। अपनी आय से परेशान व्यक्ति शांति की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है? परंतु शायद वह विचार ठीक से नहीं कर पाता है कि यह उसे मिलेगी कैसे? शांति है कहां? मनुष्य की बढ़ती कामनाएं, महत्वाकांक्षाएं उसे अशांति की तरफ जबरन ले जा रही हैं। बाहरी दुनिया की चकाचौंध के सामने वह अपने अस्तित्व को भूल गया है, अपने मूल स्नोत से कटकर रह गया है।

इस प्रगतिशील विकासवाद की गोद में मनुष्य की शांति का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। ऐसे में धर्म ही एकमात्र ऐसा मार्ग रह गया है, जो मनुष्य को शांति प्रदान कर सकता है। यदि विश्व के हर राष्ट्र और उसके नागरिक यह भली-भांति समझ लें कि उनका अपने प्रति, समाज के प्रति, राष्ट्र और विश्व के प्रति क्या उत्तरदायित्व है, तो एक बार खुशहाली और प्रसन्नता पुन: वापस आ सकती है। यह समझ तभी आएगी, जब विचारों में परिवर्तन हो। इसलिए यह नितांत आवश्यक है कि हम योग को जीवन में उतारें। योग जीवन जीने की कला है। साथ ही सरल, सहज और सुदृढ़ है। धर्म एक व्यवस्था है, जो संस्कृति और सभ्यता का निर्माण करती है। संस्कृति और सभ्यता से चरित्र का निर्माण होता है, जिसके निर्माण में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग कर्म करने के ढंग, व्यवस्था और कुशलता को बढ़ाता है।

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पति-पत्नी का सच्चा प्यार, Real love of a husband and wife

 पति-पत्नी का सच्चा प्यार, Real love of a husband and wife

पति-पत्नी का सच्चा प्यार, Real love of a husband and wife

एक आदमी ने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से शादी की।

शादी के बाद दोनो की ज़िन्दगी बहुत प्यार से गुजर रही थी।

वह उसे बहुत चाहता था और उसकी खूबसूरती की हमेशा तारीफ़ किया करता था।



लेकिन कुछ महीनों के बाद लड़की चर्मरोग से ग्रसित हो गई और धीरे-धीरे उसकी खूबसूरती जाने लगी।



खुद को इस तरह देख उसके मन में डर समाने लगा कि यदि वह बदसूरत हो गई, तो उसका पति उससे नफ़रत करने लगेगा और वह उसकी नफ़रत बर्दाशत नहीं कर पाएगी।

इस बीच एकदिन पति को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा।

काम ख़त्म कर जब वह घर वापस लौट रहा था, उसका हो गया।

में उसने अपनी दोनो आँखें खो दी।

लेकिन इसके बावजूद भी उन दोनो की जिंदगी सामान्य तरीके से आगे बढ़ती रही।

समय गुजरता रहा और अपने चर्मरोग के कारण लड़की ने अपनी खूबसूरती पूरी तरह गंवा दी।

वह बदसूरत हो गई, लेकिन अंधे पति को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था।



इसलिए इसका उनके खुशहाल विवाहित जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

वह उसे उसी तरह प्यार करता रहा।

एकदिन उस लड़की की मौत हो गई।

पति अब अकेला हो गया था। वह बहुत दु:खी था। वह उस शहर को छोड़कर जाना चाहता था।

उसने अंतिम संस्कार की सारी क्रियाविधि पूर्ण की और शहर छोड़कर जाने लगा।

तभी एक आदमी ने पीछे से उसे पुकारा और पास आकर कहा,

“अब तुम बिना सहारे के अकेले कैसे चल पाओगे?

इतने साल तो तुम्हारी पत्नि तुम्हारी मदद किया करती थी।

पति ने जवाब दिया, दोस्त! मैं अंधा नहीं हूँ! मैं बस अंधा होने का नाटक कर रहा था।

क्योंकि यदि मेरी पत्नि को पता चल जाता कि मैं उसकी बदसूरती देख सकता हूँ, तो यह उसे उसके रोग से ज्यादा दर्द देता।

इसलिए मैंने इतने साल अंधे होने का दिखावा किया।

वह बहुत अच्छी पत्नि थी। मैं बस उसे खुश रखना चाहता था।

खुश रहने के लिए हमें भी एक दूसरे की कमियो के प्रति आखे बंद कर लेनी चाहिए..

और उन कमियो को नजरन्दाज कर देना चाहिए...।

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सच्चाई की जीत - victory of truth

 एक समय की बात है, एक धर्मात्मा राजा ने अपने राज्य में एक अनोखी चुनौती रखी। उन्होंने घोषणा की कि जो कोई भी सच्चाई के साथ पूरा जीवन जीता होगा, उसे अपार धन और सम्मान से नवाजा जाएगा। इस घोषणा से पूरे राज्य में हलचल मच गई। हर कोई इस इनाम को पाने के लिए उत्सुक था। उसी राज्य में एक गरीब लेकिन ईमानदार किसान रहता था। उसने अपने जीवन के हर कदम पर सच्चाई को अपनाया था। चाहे वह उसके खेती का काम हो या उसके पड़ोसियों के साथ उसका व्यवहार, वह हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलता रहा।

सच्चाई की जीत - victory of truth

एक दिन, किसान ने सोचा कि वह भी राजा की चुनौती का हिस्सा बनेगा। वह राजा के दरबार में गया और अपनी सादगी और ईमानदारी की कहानियाँ सुनाई। उसने बताया कैसे उसने अपने खेत में सोने की मुद्राएँ पाई थीं, परंतु उसने उन्हें उसके असली मालिक को लौटा दिया। कैसे उसने अपने पड़ोसी की भूलवश भेजी गई अनाज की बोरी उसे वापस कर दी थी।

राजा उसकी कहानियों से प्रभावित हुए। उन्होंने महसूस किया कि किसान ने न केवल शब्दों में, बल्कि कर्मों में भी सच्चाई को अपनाया था। राजा ने उसे इनाम के रूप में सोने के सिक्के, नई भूमि और राज्य में सम्मानित स्थान दिया और आश्वासन दिया कि उसकी सच्चाई और ईमानदारी का राज्य भर में गुणगान किया जाएगा। इस घटना से प्रेरित होकर, अन्य लोगों ने भी सच्चाई के मार्ग को अपनाने का संकल्प लिया।

यह घटना पूरे राज्य में सच्चाई और ईमानदारी के महत्व को उजागर करने वाली बन गई। लोगों ने समझा कि भले ही सच्चाई का मार्ग कठिन हो, परंतु उसके परिणाम हमेशा शुभ और संतोषजनक होते हैं।

सच्चाई हमेशा जीतती है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चाई का मार्ग चुनना हमेशा फलदायी होता है और अंत में, यही जीत की कुंजी होती है।


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हाई एजुकेटेड बेरोजगार युवक एक बात गांठ बांध लें !! Highly educated unemployed youth should be careful about one thing.

हाई एजुकेटेड बेरोजगार युवक एक बात गांठ बांध लें।


हाई एजुकेटेड बेरोजगार युवक एक बात गांठ बांध लें !! Highly educated unemployed youth should be careful about one thing.

6 महीने में आप बेहतर कुक बन सकते हो।

6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप कार के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप साइकिल के मकैनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप मधुमक्खी पालन सीख सकते हो।

6 महीने में आप दर्जी का काम सिख सकते हो।

6 महीने में आप डेयरी फार्मिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप हलवाई का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर का प्लंबर का कार्य सीख सकते हो।

6 महीने में आप मोबाइल रिपेयरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप जूते बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप दरवाजे बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप वेल्डिंग का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप मिट्टी के बर्तन बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की चिनाई करना सीख सकते हैं।

6 महीने में आप योगासन सीख सकते हो।

6 महीने में आप मशरूम की खेती का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप बाल काटने सीख सकते हो।

6 महीने में आप बहुत से काम ऐसे सीख सकते हो जो आपके परिवार को भूखा नहीं सोने देगा।

आज भारत में सबसे अधिक दुखी वह लोग हैं जो बहुत अधिक पढ़ लिखकर बेरोजगार हैं।

जो शिक्षा आप को रोजगार न दे सके वह शिक्षा किसी काम की नहीं।

रोजगार के लिए आपका अधिक पढ़ा लिखा होना कोई मायने नहीं।

भारत में 90% रोजगार वे लोग कर रहे हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं।

10% रोजगार पाने के लिए पढ़े लिखे लोगों में #आरक्षण और #जनसंख्या बृद्धि के कारण मारामारी है, जिसका समाधान सरकार के नियंत्रण से बाहर है ।।

इसलिए स्वंय विचार करें।

#बेरोजगार


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Tu Itni Door Kyun Hai Maa - Anokha Bandhan


 

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Teri Ungli Pakad Ke Chala Mamta Ke Aanchal Me Pala - Laadla | Anil Kapoor | Udit | Mother's Day Song


Teri Ungli Pakad Ke Chala Mamta Ke Aanchal Teri Ungli Pakad Ke Chala Teri Ungli Pakad Ke Chala Mamta Ke Aanchal Me Pala



 

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ओ माँ तुझे ढूँढूं मैं कहाँ | Mamta Bhare | Sad Song | Mother's Day Song | माँ की परछाई | Maa Song



 

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पैसे का पेड़

पैसे का पेड़

 

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टूट गयी है माला मोती बिखर चले Toot Gayi Hai Mala Moti Bikhar Chale


टूट गयी है माला मोती बिखर चले Toot Gayi Hai Mala Moti Bikhar Chale


 

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Feetured Post

प्रत्येक रिश्ते की अहमियत

 मैं घर की नई बहू थी और एक निजी बैंक में एक अच्छी पद पर काम करती थी। मेरी सास को गुज़रे हुए एक साल हो चुका था। घर में मेरे ससुर, श्री गुप्ता...