दीपावली (दीवाली) की शुभकामनाएँ - Happy Diwali (Diwali)

 दीपावली (दीवाली) की शुभकामनाएँ 

दीपावली (दीवाली) की शुभकामनाएँ - Happy Diwali (Diwali)

1. दीपावली की शुभकामनाएँ! आपका जीवन खुशियों से भरा हो।

2. इस दीपावली पर आपको समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति हो।

3. दीयों की रोशनी से आपका जीवन जगमगाता रहे।

4. इस दिवाली पर सुख, समृद्धि और शांति आपके साथ हो।

5. दीपावली के इस त्योहार पर आपके सभी सपने सच हों।

6. आपके घर में हमेशा खुशियों का दीप जलता रहे।

7. दीपावली का त्योहार आपके जीवन में प्यार और खुशियाँ लाए।

8. आपके जीवन में समृद्धि और आनंद का संचार हो।

9. इस दिवाली, आपके जीवन में रंग और रौशनी भरी रहे।

10. दीपावली का ये पर्व आपके लिए खुशियों की सौगात लाए।

11. आपके जीवन में प्रेम और शांति का दीप जलता रहे।

12. इस दीपावली पर आपके मन में उमंग और उत्साह हो।

13. दीपों की रोशनी से जीवन में हर मुश्किल आसान हो।

14. इस दिवाली पर हर पल खुशियों से भरा रहे।

15. आपके घर में हमेशा खुशियों की बहार रहे।

16. इस दीपावली पर आपके सभी दुख दूर हों।

17. दीयों की रौशनी आपके जीवन को प्रकाशित करे।

18. दीपावली का त्योहार आपके जीवन में नई उमंग लाए।

19. इस दिवाली, अपने परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाएँ।

20. आपके जीवन में सुख और समृद्धि का वास हो।

21. दीपावली के इस पावन पर्व पर सुख-शांति का आशीर्वाद मिले।

22. आपके जीवन की हर रात दीयों की तरह रोशन हो।

23. इस दीपावली पर आपके चेहरे पर मुस्कान बनी रहे।

24. आपके जीवन में प्यार और स्नेह का संचार हो।

25. दीपावली की मिठास आपके जीवन में भरी रहे।

26. इस दिवाली पर सभी के दिलों में प्रेम और सौहार्द हो।

27. आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो।

28. दीपों की रोशनी से हर अंधेरा मिट जाए।

29. इस दीपावली पर आपके मन में शांति और सुकून हो।

30. हर दिन दीपावली जैसा खुशहाल हो!

31. इस त्योहार पर आपके जीवन में नई खुशियाँ आएँ।

32. दीपावली का यह पर्व आपके लिए खुशियों का पैगाम लाए।

33. आपके जीवन में सुख और समृद्धि की वर्षा हो।

34. इस दीपावली पर आपके मन में सकारात्मकता का दीप जले।

35. हर दिल में प्यार और हर घर में खुशियाँ हो।

36. इस दिवाली पर आपको ढेर सारा प्यार मिले।

37. आपके जीवन में हर दिन नई रौशनी आए।

38. दीपावली पर आपके घर में रौनक बनी रहे।

39. इस पर्व पर आपके सभी सपने सच हों।

40. दीयों की चमक आपके जीवन को जगमगाए।

41. दीपावली का यह त्योहार आपके लिए सुखद हो।

42. इस दिवाली पर सबके दिलों में खुशी की बहार हो।

43. आपके जीवन में खुशियों की कमी न हो।

44. दीपावली का त्योहार आपको नई ऊर्जा प्रदान करे।

45. इस दीपावली पर हर मनोकामना पूरी हो।

46. आपके जीवन में हमेशा खुशियों की गूंज हो।

47. इस दिवाली पर आपके सभी रिश्ते मधुर हों।

48. दीपों की रोशनी से हर दिन नया हो।

49. इस पर्व पर आप सबको सच्ची खुशियाँ मिलें।

50. आपके घर में प्रेम और एकता का वास हो।

51. इस दीपावली पर हर दिशा में सुख और समृद्धि फैले।

52. दीपावली का यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ लाए।

53. हर दिन आपके चेहरे पर मुस्कान हो।

54. इस दिवाली पर आपके मन में शांति का दीप जलता रहे।

55. आपके सभी दुःख इस दीपावली पर दूर हो जाएँ।

56. इस पर्व पर हर दिल में प्यार हो।

57. दीपों की रौशनी से जीवन को रोशन करें।

58. इस दिवाली पर आपके सपने साकार हों।

59. आपके जीवन में खुशियों का दीप जलता रहे।

60. इस पर्व पर आपके सभी रिश्ते और भी मजबूत हों।

61. दीपावली की रोशनी आपके जीवन को जगमगाए।

62. इस दिवाली पर सबके दिलों में खुशी की लहर हो।

63. आपके घर में हमेशा आनंद का माहौल रहे।

64. इस दीपावली पर आपके जीवन में नई खुशियाँ आएँ।

65. हर मनोकामना पूरी हो, यही है मेरी कामना।

66. दीपावली पर आपके जीवन में शांति और प्रेम का वास हो।

67. इस त्योहार पर आपके घर में हमेशा रौनक रहे।

68. आपके जीवन में हर दिन खुशियों का संचार हो।

69. दीपों की रोशनी से हर दुःख मिट जाए।

70. इस दीपावली पर सुख और समृद्धि का संचार हो।

71. आपके जीवन में हमेशा प्यार और हंसी का माहौल रहे।

72. इस दिवाली पर सबकी खुशियाँ बढ़ें।

73. आपके घर में हर दिन दीपावली जैसी खुशियाँ रहें।

74. इस पर्व पर आपके मन में सुकून का एहसास हो।

75. दीपावली की शुभकामनाएँ! आपके जीवन में सुख और समृद्धि आए।

76. इस दिवाली पर हर दिशा में खुशियों का आगमन हो।

77. आपके जीवन में प्रेम और स्नेह का दीप जलता रहे।

78. इस पर्व पर आपके सभी सपने सच हों।

79. दीपों की रौशनी से हर रात रोशन हो।

80. इस दीपावली पर आपके मन में उमंग और उत्साह हो।

81. आपके घर में खुशियों का दीप जलता रहे।

82. इस दिवाली पर सबके दिलों में प्रेम का संचार हो।

83. आपके जीवन में खुशियों की कमी न हो।

84. इस पर्व पर आपके सभी रिश्ते मधुर हों।

85. दीपावली का यह त्योहार आपके लिए सुखद हो।

86. इस दिवाली पर आप सबके दिलों में प्रेम फैलाएँ।

87. आपके घर में हमेशा शांति और समृद्धि का वास हो।

88. दीपों की रोशनी से हर अंधेरा मिट जाए।

89. इस दीपावली पर आपके मन में शांति और सुकून हो।

90. हर दिन दीपावली जैसा खुशहाल हो!

91. इस त्योहार पर आपके जीवन में नई खुशियाँ आएँ।

92. दीपावली का यह पर्व आपके लिए खुशियों का पैगाम लाए।

93. आपके जीवन में सुख और समृद्धि की वर्षा हो।

94. इस दीपावली पर आपके मन में सकारात्मकता का दीप जले।

95. हर दिल में प्यार और हर घर में खुशियाँ हो।

96. इस दिवाली पर आपको ढेर सारा प्यार मिले।

97. आपके जीवन में हर दिन नई रौशनी आए।

98. दीपावली पर आपके घर में रौनक बनी रहे।

99. इस पर्व पर आपके सभी सपने सच हों।

100. दीयों की चमक आपके जीवन को जगमगाए!


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100 Deepawali (Diwali) wishes and quotes to share the joy and spirit of the festival:

100 Deepawali (Diwali) wishes and quotes to share the joy and spirit of the festival:

Deepawali (Diwali) wishes and quotes to share the joy and spirit of the festival:


1. May your Diwali be filled with light and joy!

2. Wishing you a Diwali that brings happiness and prosperity.

3. Let the festival of lights illuminate your life with joy and peace.

4. May the glow of diyas guide your path to success and happiness.

5. Wishing you a prosperous and joyful Diwali!

6. May the spirit of Diwali fill your home with happiness and peace.

7. Celebrate this Diwali with a heart full of love and happiness.

8. May the divine light of Diwali bring you health, wealth, and happiness.

9. Wishing you a Diwali that sparkles with joy and laughter.

10. May your life be as colorful and vibrant as the Diwali rangoli.

11. Light up your life with the joy of Diwali!

12. Wishing you peace, prosperity, and happiness this Diwali.

13. May your days be filled with joy and your nights with peace.

14. Let’s celebrate the victory of light over darkness this Diwali.

15. May your home be filled with the joy of family and friends.

16. Wishing you a Diwali full of sweet memories and joy.

17. May the festival of lights brighten your life with happiness.

18. Celebrate this Diwali with a heart full of gratitude.

19. May the lights of Diwali bring you endless joy and prosperity.

20. Wishing you a year of abundance and joy this Diwali.

21. Let this Diwali be a celebration of love and togetherness.

22. May your life be filled with joy and your heart with love.

23. Wishing you a Diwali that shines with happiness and prosperity.

24. May the blessings of Diwali bring you peace and joy.

25. Celebrate the triumph of light over darkness this Diwali!

26. May your life be as bright as the Diwali diyas.

27. Wishing you happiness and success in the coming year.

28. Let the festivities of Diwali fill your life with joy!

29. May your Diwali be filled with laughter and happiness.

30. Celebrate love, joy, and harmony this Diwali.

31. Wishing you a Diwali filled with sweet moments and memories.

32. May the warmth of Diwali bring you peace and happiness.

33. Let’s light up the world with joy this Diwali!

34. Wishing you a sparkling Diwali full of joy and prosperity.

35. May the festival of lights illuminate your path to success.

36. Celebrate the beauty of life this Diwali!

37. Wishing you happiness, health, and wealth this Diwali.

38. May your Diwali be blessed with peace and joy.

39. Let’s spread love and happiness this Diwali.

40. Wishing you a Diwali full of love and laughter.

41. May the lights of Diwali bring you joy and success.

42. Celebrate the essence of Diwali with joy in your heart!

43. Wishing you a year filled with prosperity and happiness.

44. May the joy of Diwali fill your home with warmth and love.

45. Let the lights of Diwali guide you to success!

46. Wishing you a beautiful Diwali filled with sweet moments.

47. May the festival of lights bring you happiness and peace.

48. Celebrate this Diwali with joy, laughter, and love.

49. Wishing you a prosperous and joyful year ahead.

50. May your life shine brightly this Diwali!

51. Let’s celebrate the joy of Diwali with our loved ones.

52. Wishing you a Diwali full of blessings and joy.

53. May the lights of Diwali brighten your life.

54. Celebrate the spirit of Diwali with love and joy!

55. Wishing you a happy and prosperous Diwali.

56. May this Diwali bring you peace, joy, and happiness.

57. Let’s spread the light of happiness this Diwali.

58. Wishing you a Diwali filled with sweet memories.

59. May your heart be filled with joy this Diwali.

60. Celebrate the triumph of good over evil this Diwali!

61. Wishing you a year full of joy and prosperity.

62. May the lights of Diwali fill your life with happiness.

63. Let’s make this Diwali a celebration of togetherness.

64. Wishing you a Diwali full of joy and love.

65. May your Diwali be as bright as your smile!

66. Celebrate the festival of lights with joy and happiness.

67. Wishing you peace, prosperity, and love this Diwali.

68. May the joy of Diwali fill your home with warmth.

69. Let’s spread happiness and love this Diwali!

70. Wishing you a beautiful and joyful Diwali.

71. May the blessings of Diwali be with you today and always.

72. Celebrate this Diwali with a heart full of love.

73. Wishing you a Diwali that shines with happiness.

74. May the light of Diwali fill your life with joy.

75. Let’s celebrate the beauty of life and love this Diwali!

76. Wishing you happiness and success this Diwali.

77. May the spirit of Diwali bring you peace and joy.

78. Celebrate the festival of lights with a joyful heart.

79. Wishing you a Diwali filled with sweet moments and joy.

80. May the blessings of Diwali fill your life with happiness.

81. Let’s illuminate the world with love and joy this Diwali.

82. Wishing you a prosperous and joyful Diwali.

83. May your heart be filled with the joy of Diwali.

84. Celebrate the triumph of light over darkness this Diwali.

85. Wishing you a Diwali full of blessings and joy.

86. May the lights of Diwali bring you peace and happiness.

87. Let’s make this Diwali a celebration of love and joy!

88. Wishing you a beautiful Diwali filled with sweet moments.

89. May your life be filled with light and joy this Diwali.

90. Celebrate the joy of togetherness this Diwali.

91. Wishing you peace, prosperity, and love this Diwali.

92. May the glow of Diwali diyas bring you happiness.

93. Let’s spread joy and happiness this Diwali!

94. Wishing you a joyful and prosperous Diwali.

95. May the festival of lights bring you endless joy.

96. Celebrate the spirit of Diwali with love in your heart.

97. Wishing you a Diwali that sparkles with happiness.

98. May the joy of Diwali fill your life with warmth.

99. Let’s illuminate the world with the light of love this Diwali.

100. Wishing you a wonderful Diwali full of joy and prosperity!


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गोवर्धन पूजा: पौराणिक कथा और पूजा विधि - Govardhan Puja: Mythology and method of worship

गोवर्धन पूजा: पौराणिक कथा और पूजा विधि - Govardhan Puja: Mythology and method of worship

गोवर्धन पूजा: पौराणिक कथा और पूजा विधि - Govardhan Puja: Mythology and method of worship

गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट भी कहा जाता है, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के कारण मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण अपने घरों में गोवर्धन का चित्र बनाकर उसकी पूजा करते हैं और विशेष भोग अर्पित करते हैं। आइए, गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा और पूजा विधि को विस्तार से समझते हैं।


गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा

गोवर्धन पूजा की कथा भगवान कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ी हुई है। यह कथा हमें भगवान कृष्ण की लीलाओं और उनकी कृपा को दर्शाती है। 


1. **कथा का आरंभ**

गोकुल में भगवान कृष्ण अपने माता-पिता यशोदा और नंद बाबा के साथ रहते थे। गोकुल के लोग हर साल कार्तिक मास में इन्द्र देवता की पूजा करते थे, ताकि उनकी कृपा से अच्छी बारिश हो और फसलें उग सकें। लेकिन भगवान कृष्ण ने देखा कि लोग इन्द्र देवता की पूजा में अधिक ध्यान दे रहे हैं, जबकि गोवर्धन पर्वत, जो गोकुल के लिए जल और आहार का स्रोत है, की अनदेखी कर रहे हैं।


2. **भगवान कृष्ण का निर्णय**

भगवान कृष्ण ने अपने मित्रों से कहा कि हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि यह पर्वत हमारे लिए जीवनदायिनी है। उन्होंने गोकुलवासियों को समझाया कि हमें गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए और इन्द्र देवता को उनकी असली स्थिति बतानी चाहिए। गोकुलवासी कृष्ण की बात मान गए और उन्होंने गोवर्धन पर्वत की पूजा की।


3. **इन्द्र देवता का क्रोध**

इस बात से इन्द्र देवता नाराज हो गए और उन्होंने गोकुल पर बारिश का प्रकोप डालने का निर्णय लिया। इन्द्र देवता ने घनघोर बारिश शुरू कर दी। गोकुलवासी डर गए और भगवान कृष्ण की शरण में पहुंचे।


4. **गोवर्धन पर्वत की रक्षा**

भगवान कृष्ण ने अपनी लीला का प्रदर्शन करते हुए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया और गांव वालों को उस पर्वत के नीचे सुरक्षित किया। इससे गोकुलवासी सुरक्षित रहे और इन्द्र देवता की बारिश का प्रकोप समाप्त हो गया। 


5. **इन्द्र देवता का समर्पण**

जब इन्द्र देवता ने देखा कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठा लिया है और सभी भक्त सुरक्षित हैं, तो उन्होंने भगवान कृष्ण की महिमा को समझा और उनकी पूजा करने का निर्णय लिया। अंततः इन्द्र देवता ने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगी और उनकी कृपा प्राप्त की।


गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा की विधि बहुत सरल है, लेकिन इसे श्रद्धा और भक्ति से करना चाहिए। आइए, जानते हैं गोवर्धन पूजा की विधि:


1. **स्थान का चयन**

- पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान चुनें। इसे अच्छे से साफ करें और वहां एक चौक या मंडल बनाएं।

- मंडल बनाने के लिए गोबर या चावल के आटे का उपयोग कर सकते हैं। इसे गोवर्धन पर्वत के आकार में बनाएं।


2. **गोवर्धन की आकृति बनाना**

- गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसे सुगंधित फूलों से सजाएं।

- आप चावल, दही और हल्दी से गोवर्धन की आकृति बना सकते हैं।


3. **पारंपरिक सामग्री**

पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री एकत्र करें:

- **गाय का गोबर**: गोवर्धन पर्वत का प्रतीक।

- **फूल**: खासकर गुलाब, गेंदे और जूही के फूल।

- **फल**: संतरे, सेब, केला, और अनार।

- **मिठाई**: लड्डू, पेठा, और अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ।

- **दही**: शुद्धता के लिए।

- **घी का दीपक**: आरती के लिए।

- **कुमकुम, हल्दी और अक्षत**: पूजा में अर्पित करने के लिए।


4. **पूजा की तैयारी**

- पूजा के लिए अपने घर में एक पवित्र स्थान का चयन करें। वहां पर एक चौकी पर गोवर्धन की आकृति रखें।

- पूजा स्थल को फूलों से सजाएं और दीयों को जलाकर रखें।


5. **पूजा विधि**

- सबसे पहले अपने इष्ट देवता, भगवान कृष्ण की पूजा करें। 

- फिर गोवर्धन की आकृति पर दही, दूध और घी का अभिषेक करें।

- उस पर हल्दी, कुमकुम, फूल और फल अर्पित करें। 

- फिर इस मंत्र का जाप करें:

  - **मंत्र**: "ॐ गोवर्धनाय नमः"


6. **आरती और भोग**

- गोवर्धन पूजा के बाद आरती करें और सभी उपस्थित लोगों को आरती का लाभ लेने दें।

- विशेष भोग अर्पित करें, जैसे लड्डू, मिठाई और फल। 

- भोग लगाने के बाद सबको प्रसाद वितरित करें।


7. **प्रार्थना और संकल्प**

- पूजा के बाद भगवान कृष्ण से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं।

- संकल्प लें कि आप सदैव भगवान कृष्ण की भक्ति करेंगे और दूसरों की भलाई के लिए काम करेंगे।


विशेष बातें

- गोवर्धन पूजा के दिन घर के दरवाजों और खिड़कियों को साफ और सजाना न भूलें।

- इस दिन विशेष रूप से गोधूलि वेला में गायों का पूजन करें और उन्हें हरी घास या चारा दें।

- पूजा के दौरान सभी नकारात्मक विचारों को दूर करें और सकारात्मकता का संचार करें।


निष्कर्ष

गोवर्धन पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें भगवान कृष्ण की लीला और उनकी कृपा का अहसास कराती है। इस दिन की पूजा हमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रति आभार प्रकट करने और अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देती है। इसे श्रद्धा और भक्ति से करने पर अवश्य ही हमें सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव होगा। 

इस प्रकार, गोवर्धन पूजा का आयोजन एक उत्सव है, जिसमें हम अपने परिवार और समाज के साथ मिलकर खुशी और समृद्धि का अनुभव करते हैं।

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लक्ष्मी पूजा - पूजा विधि II Lakshmi Puja - Worship Method

लक्ष्मी पूजा -  पूजा विधि II Lakshmi Puja - Worship Method

लक्ष्मी पूजा -  पूजा विधि II Lakshmi Puja - Worship Method

लक्ष्मी पूजा, जिसे दीपावली के अवसर पर विशेष रूप से मनाया जाता है, देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए की जाती है। देवी लक्ष्मी धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मानी जाती हैं। इस दिन विशेष मुहूर्त में पूजा करना और सही विधि से पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आइए, लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त और पूजा विधि को विस्तार से समझते हैं।


लक्ष्मी पूजा का महत्व

लक्ष्मी पूजा का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक है। यह पर्व समृद्धि, सुख और धन की देवी लक्ष्मी के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का अवसर है। दीपावली के दिन, लोग अपने घरों को साफ करते हैं, सजाते हैं और देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। यह दिन केवल धन की देवी के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए भी महत्वपूर्ण है।

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त हर वर्ष बदलता है, लेकिन यह आमतौर पर दीपावली के दिन मनाया जाता है, जो कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। 

 लक्ष्मी पूजा की सामग्री

लक्ष्मी पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:


1. **दीपक**: मिट्टी के दीपक या इलेक्ट्रिक दीये।

2. **गुलाब के फूल**: देवी लक्ष्मी को प्रिय होते हैं।

3. **चावल**: अक्षत के रूप में।

4. **कमल का फूल**: देवी का प्रतीक।

5. **दही**: शुद्धता के लिए।

6. **हल्दी, कुमकुम**: पूजा में लगाई जाती है।

7. **शक्कर, फल**: नैवेद्य के लिए।

8. **गंध, अगरबत्ती**: सुगंधित वातावरण के लिए।

9. **पंचामृत**: दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण।

10. **श्रीफल**: नारियल या फल।

11. **नवग्रह के प्रतीक**: यदि संभव हो तो।

 लक्ष्मी पूजा की विधि


लक्ष्मी पूजा की विधि निम्नलिखित चरणों में की जाती है:


1. **स्थान की तैयारी**


 पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें। इस स्थान को अच्छे से साफ करें और उस पर लाल या पीली रंग का कपड़ा बिछाएं।

पूजा स्थान को सुगंधित करने के लिए अगरबत्ती जलाएं।


2. **दीपक लगाना**


पूजा स्थल पर दीपक रखें और उनमें घी या तेल डालकर उन्हें जलाएं।

चारों ओर दीप जलाकर घर के दरवाजे और खिड़कियों पर रखें, ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत हो सके।


3. **मंडल बनाना**


पूजा स्थल पर चावल से एक मंडल बनाएं। इसे एक चौकोर या गोल आकार में बनाया जा सकता है।

चावल के बीच में देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें।


 4. **अवभगति (पवित्रता)**


 देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्नान कराएं और फिर उसे शुद्ध जल से धोकर सुखाएं।

फिर उस पर हल्दी, कुमकुम और फूलों की माला चढ़ाएं।


5. **नैवेद्य चढ़ाना**


 देवी को फल, मिठाई, और पंचामृत अर्पित करें।

मिठाई के रूप में गुलाब जामुन, लड्डू या काजू कतली का प्रयोग करें।


6. **आरती और मंत्र**


आरती करने से पहले, लक्ष्मी माता के निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

**मंत्र**: "ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः"

  

इसके बाद माता की आरती करें। 

आरती के दौरान दीपक को चारों ओर घुमाएं और सभी उपस्थित लोगों को आरती का लाभ लेने दें।


7. **प्रसाद वितरण**

पूजा के बाद, जो भी सामग्री देवी को अर्पित की गई थी, उसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।

परिवार के सभी सदस्य इस प्रसाद को ग्रहण करें।


8. **संध्या समय पूजा**

संध्या समय फिर से दीप जलाकर लक्ष्मी जी का ध्यान करें और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।

 इस समय घर के सभी लोग एकत्रित होकर लक्ष्मी माता से आशीर्वाद लें।


लक्ष्मी पूजा के बाद

पूजा के बाद, घर के सभी सदस्य मिलकर अपने घर को रोशनी से भरें। दीप जलाने के बाद, सभी को एक साथ बैठकर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर रंगोली बनाना और फूलों की सजावट करना न भूलें। 


विशेष ध्यान

- पूजा के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मकता का संचार करें।

- इस दिन कोई भी नकारात्मक कर्म न करें और संकल्प लें कि आप अपने जीवन में अच्छे कर्म करेंगे।


 निष्कर्ष

लक्ष्मी पूजा न केवल देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का साधन है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस पूजा के माध्यम से हम अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं। सही मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करके और विधि का पालन करके हम अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। 

इस प्रकार, लक्ष्मी पूजा का आयोजन करते समय सभी बातों का ध्यान रखें और अपने मन में श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी लक्ष्मी का स्वागत करें।

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नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा - Legend of Narak Chaturdashi - narak chaturdashee kee pauraanik katha

नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा - Legend of Narak Chaturdashi - narak chaturdashee kee pauraanik katha

नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा - Legend of Narak Chaturdashi - narak chaturdashee kee pauraanik katha

नरक चतुर्दशी, जिसे काली चौदस या रूप चौदस भी कहा जाता है, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दीपावली महोत्सव से पहले आता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन का संबंध यमराज और मृत्यु के देवता से है। आइए, इस दिन की पौराणिक कथा को विस्तार से जानते हैं।


कथा का आरंभ

एक समय की बात है, जब धरती पर धर्म और न्याय का शासन था। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता गया, धरती पर अधर्म और अनीति बढ़ने लगी। सभी लोग स्वार्थ में लिप्त हो गए और पाप बढ़ने लगे। इस स्थिति को देखकर भगवान विष्णु ने अपने एक अवतार के रूप में नरसिंह का रूप धारण किया और धरती को पाप से मुक्त करने का निर्णय लिया।


यमराज का प्रकट होना

एक बार, जब सभी प्राणियों ने अपने-अपने कर्म किए, तब यमराज ने एक सभा बुलाई। उन्होंने सभी प्राणियों को यह समझाया कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। इस सभा में उन्होंने नरक की स्थिति और उसके भोग के विषय में बताया। यमराज ने कहा कि नरक का अनुभव केवल उन लोगों को होगा जिन्होंने जीवन में पाप किए हैं। इसलिए, हमें अपने कर्मों को सुधारने की आवश्यकता है।


नरक का दर्शन

यमराज ने नरक के विभिन्न रूपों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि नरक में विभिन्न प्रकार की यंत्रणाएं हैं। जैसे, जिन लोगों ने झूठ बोला है, उन्हें गर्म तवे पर लेटाया जाता है; जो लोग दूसरों को दुख देते हैं, उन्हें विष का सेवन कराया जाता है। यह सुनकर सभी प्राणियों में भय व्याप्त हो गया। यमराज ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस दिन (चतुर्दशी) विशेष पूजा-अर्चना करता है, तो वह नरक के दुख से मुक्त हो सकता है।


नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी के दिन लोग अपने पापों को धोने के लिए स्नान करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दिन विशेष रूप से काली पूजा का आयोजन किया जाता है। लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से तिल का महत्व है, जिसे पवित्र माना जाता है।


पर्व की विधि

नरक चतुर्दशी के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं। इसके बाद वे तिल, गेंदा और अन्य फूलों से सजाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। लोग अपने पापों की क्षमा मांगते हैं और संकल्प लेते हैं कि वे भविष्य में अच्छे कर्म करेंगे। इस दिन विशेष रूप से उपवास रखने का भी महत्व है। शाम को दीप जलाकर और पटाखे फोड़कर दीवाली का स्वागत किया जाता है।


कथा का संदेश

नरक चतुर्दशी की यह कथा हमें यह सिखाती है कि जीवन में किए गए कर्म का फल अवश्य मिलता है। यदि हम अपने कर्मों को सुधारते हैं और अच्छे कार्य करते हैं, तो हमें नरक का भोग नहीं भोगना पड़ेगा। यह दिन हमारे लिए आत्म-विश्लेषण का भी अवसर है, जिसमें हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


निष्कर्ष

नरक चतुर्दशी केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी है। यह हमें अपने कर्मों के प्रति जागरूक करता है और हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन का उत्सव हमें पवित्रता, श्रद्धा और आत्म-विश्लेषण की ओर अग्रसर करता है। अतः, हमें इस पर्व को मनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं और अपने समाज को एक अच्छा स्थान बनाएं।

इस प्रकार, नरक चतुर्दशी का पर्व हमारे जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करता है और हमें सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।


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विजया दशमी - दशहरा - vijaya dashmi - dashahara

विजयादशमी (दशहरा) का पर्व भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्व अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है और इसे मुख्यतः भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेता युग में भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के पुत्र के रूप में राम का अवतार लिया था। रावण, जो लंका का राजा और एक शक्तिशाली राक्षस था, ने सीता का अपहरण किया और उन्हें लंका ले गया। सीता को बचाने के लिए भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण और वानरराज सुग्रीव के साथ मिलकर विशाल सेना का गठन किया। इस सेना में हनुमान की भी विशेष भूमिका रही।

राम ने रावण की सेना के साथ युद्ध किया, जो बहुत कठिन और लंबा चला। अंततः भगवान राम ने रावण का वध किया और सीता को मुक्त करवाया। इस घटना के बाद ही विजयादशमी का पर्व मनाया जाने लगा, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में माना जाता है।

दूसरी ओर, महाभारत में भी इस दिन का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियार एक शमी वृक्ष में छिपा दिए थे। अज्ञातवास की समाप्ति के बाद, उन्होंने विजयादशमी के दिन उन हथियारों को पुनः प्राप्त किया और कौरवों पर विजय प्राप्त की।

विजयादशमी का पर्व पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। कहीं रावण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं, तो कहीं शस्त्र पूजन किया जाता है। यह पर्व यह संदेश देता है कि सत्य की हमेशा विजय होती है और हमें धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
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यह कहानी आपको तो जरूर पढ़नी ही चाहिए !!

**कहानी: देशभक्त के कर्तव्य**
भारत का एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम था "प्रयत्नपुर"। वहाँ के लोग सरल, मेहनती और ईमानदार थे। गाँव का वातावरण हमेशा सुखमय और शांति पूर्ण रहता था। परंतु हाल के कुछ वर्षों में स्थिति बदल गई थी। गाँव में बाहरी लोग बसने लगे थे, जो न तो गाँव के रीति-रिवाजों का सम्मान करते थे और न ही कानून का पालन करते थे। इन लोगों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। उनका उद्देश्य केवल गांव में हिंसा फैलाना और लोगों में डर का माहौल बनाना था। 

गाँव के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, वीर सिंह। वीर सिंह बचपन से ही देशभक्ति और नैतिकता के प्रतीक माने जाते थे। उनका जीवन देश की सेवा में समर्पित था, और गाँव के लोग उन्हें अपने नेता के रूप में देखते थे। जब गाँव में अशांति फैलने लगी, तो वीर सिंह से यह सहन नहीं हुआ। उन्होंने अपने कुछ साथियों को बुलाया और कहा, "यह समय है जब हमें मिलकर अपने गाँव को इस उत्पात से बचाना होगा। इन बाहरी लोगों का उद्देश्य हमारे देश और गाँव को कमजोर करना है। हमें इन्हें रोकना होगा।"

वीर सिंह ने गांववासियों से बात की। उन्होंने बताया कि कैसे ये लोग न केवल गांव की शांति भंग कर रहे थे, बल्कि देश विरोधी गतिविधियों को भी प्रोत्साहित कर रहे थे। वीर सिंह ने एक छोटी सभा बुलाई और सभी को एकत्रित करके कहा, "आज हमारा देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें से एक सबसे बड़ी चुनौती है – बढ़ती जनसंख्या। और यह केवल संख्याओं की बात नहीं है, यह उन लोगों की बात भी है, जो हमारे देश की अखंडता को तोड़ने के उद्देश्य से इस जनसंख्या का दुरुपयोग कर रहे हैं। हमें इस समस्या से निपटना होगा।"

सभा में एक युवा था, जिसका नाम था अरुण। अरुण उत्साही था और हमेशा कुछ नया करने की चाह रखता था। उसने वीर सिंह से कहा, "लेकिन वीर भाई, हम इन उत्पाती लोगों को कैसे रोक सकते हैं? वे संख्या में हमसे बहुत अधिक हैं।"

वीर सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, "संख्या महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि हमारी एकजुटता और संकल्प महत्वपूर्ण होते हैं। हमें सबसे पहले अपनी सोच बदलनी होगी। यह सोचना होगा कि हमारी बढ़ती जनसंख्या हमारी जिम्मेदारी है, और यह भी कि इन उत्पातियों को हम नहीं रोकेंगे तो वे हमारे देश का भविष्य अंधकारमय कर देंगे। हमें अपने संसाधनों का सही उपयोग करना होगा, और हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराना होगा।"

वीर सिंह ने अपनी योजना समझाई। गाँव के हर व्यक्ति को अपनी शक्ति और संसाधनों का सही उपयोग करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने परिवार की सीमितता का ध्यान रखना होगा और यह समझना होगा कि हर बच्चा देश की संपत्ति है। उसके पालन-पोषण और शिक्षा की जिम्मेदारी न केवल उसके माता-पिता की, बल्कि पूरे समाज की है। 

अरुण ने इस विचार को बहुत गहराई से समझा। वह गाँव के युवाओं को एकत्रित करने लगा और उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताने लगा। उन्होंने तय किया कि गाँव का हर युवा अपनी शिक्षा पूरी करेगा और देश के विकास में योगदान देगा। उन्होंने गाँव में छोटे-छोटे शिक्षण शिविर आयोजित करने शुरू किए, जहाँ वे सभी को जागरूक करते कि कैसे बढ़ती जनसंख्या और उत्पातियों से निपटना है। 

वीर सिंह और उनके साथियों ने एक नई रणनीति बनाई। उन्होंने तय किया कि गाँव की रक्षा के लिए एक सुरक्षा समिति बनाई जाएगी। इस समिति में गाँव के सभी लोग शामिल होंगे, चाहे वे बूढ़े हों या जवान। वे सब मिलकर गाँव में निगरानी रखेंगे और यदि कोई उत्पाती व्यक्ति गाँव में घुसने की कोशिश करेगा, तो उसे रोकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस और प्रशासन से संपर्क किया और उनकी मदद से गाँव में सुरक्षा बढ़ाई गई।

धीरे-धीरे गाँव में बदलाव दिखने लगे। गाँव के लोग एकजुट होकर उत्पातियों का सामना करने लगे। शिक्षा और जागरूकता के चलते लोगों में आत्मविश्वास आया। बाहरी उत्पातियों को जब यह समझ में आया कि गाँव के लोग अब संगठित हो गए हैं, तो वे खुद ही गाँव छोड़कर भाग गए। 

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। वीर सिंह ने कहा, "हमने अभी सिर्फ शुरुआत की है। हमें अपने देश की रक्षा के लिए और भी जागरूक होना पड़ेगा। हमारी जिम्मेदारी केवल गाँव तक सीमित नहीं है, बल्कि हमें देश के हर कोने में जाकर यह संदेश फैलाना होगा कि बढ़ती जनसंख्या और देश विरोधी तत्वों से कैसे निपटना है।"

अरुण और उसके साथी इस संदेश को लेकर आसपास के गाँवों में गए। उन्होंने वहाँ भी लोगों को संगठित किया और उन्हें आत्मनिर्भरता, जनसंख्या नियंत्रण और देशभक्ति का महत्व समझाया। धीरे-धीरे प्रयत्नपुर की तरह आसपास के गाँव भी संगठित हो गए और वहाँ भी अशांति का अंत हो गया।

इस तरह वीर सिंह और अरुण जैसे देशभक्तों की मेहनत से न केवल उनके गाँव में शांति आई, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी जागरूकता फैलने लगी। यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि यदि हम संगठित हो जाएं, अपने संसाधनों का सही उपयोग करें और देश की रक्षा के प्रति सचेत रहें, तो कोई भी शक्ति हमें कमजोर नहीं कर सकती। 

अंत में, वीर सिंह ने सभी से कहा, "देश की रक्षा सिर्फ सीमा पर खड़े सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है। यह हम सब की जिम्मेदारी है। हमें हर दिन, हर पल अपने कार्यों से यह सुनिश्चित करना है कि हम अपने देश को सुरक्षित और समृद्ध बना रहे हैं।"

और इस तरह प्रयत्नपुर का हर व्यक्ति देश की रक्षा में अपना योगदान देने लगा, यह जानते हुए कि जनसंख्या नियंत्रण और देशभक्ति के साथ ही वह अपने गाँव और देश को सुरक्षित रख सकता है।
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संसार का सबसे मीठे मीठे भजन || Shri Ram Bhajan | New Bhajan ~ Latest Bhajan 2024 || New Bhajan 2024



 

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Story, history, mythological beliefs of Diwali -दिवाली की कथा, इतिहास, पौराणिक मान्यता

दिवाली की कथा, इतिहास, पौराणिक मान्यता, Story, history, mythological beliefs of Diwali

दिवाली यानि रोशनी का त्योहार। हिंदूओं के लिये सबसे अहम दिन। दिवाली सैंकड़ो सालों से मनाई जा रही है। बदला तो बस दिवाली मनाने का तरीका। पहले दीपक जलाकर लोग खुशियां मनाते थे। आजकल पटाखे जलाकर और डीजे लगाकर पार्टी की जाती है। दिवाली के दिन रोशनी के कई मायने हैं। पहला तो शायद सबको पता है कि श्रीराम जी के वापस लौटने की खुशी। दूसरा कारण है रोशनी। रोशनी वो है जो अंधेरे को मारती है। चाहे वो बाहर हो या हमारे अंदर। ये हमें सिखाती है कि जब भी आप पर या किसी और पर अत्याचार हो तो अपने अंदर की रोशनी को जलाकर उसे ज्वाला बना लो। जिस तरह दीपक खुद जलता है, लेकिन जग को रोशन करता है वैसे ही अंदर की ज्वाला भी चारों ओर उजाला कर देती है।  दिवाली कब शुरू हुई और क्यों मनाई जाती है इसके बारे में विस्तार से पढ़िये।

भगवान राम का अयोध्या वापस लौटना

दिवाली की कथा, इतिहास, पौराणिक मान्यता, Story, history, mythological beliefs of Diwali

हिंदू मान्यताओं के मुताबिक रावण का वध करके श्रीराम 14 साल का वनवास खत्म करके इस दिन सीता और लक्ष्मण के साथ वापस अयोध्या लौटे थे। श्रीलंका से अयोध्या लौटते लौटते उन्हें 20 दिन लग गए थे। इसलिये दशहरे के ठीक 20 दिन बाद दिवाली मनाई जाती है। आज के दौर की बात करें तो रावण की लंका का नाम श्रीलंका हो गया है और अयोध्या अब उत्तर प्रदेश राज्य का जिला है। जब श्रीराम जी आए तो अयोध्यावासी बहुत खुश हो गए उन्होंने पूरी नगरी को जगमग दीपों के साथ प्रकाशमान किया। जहां तक नज़र जाती थी बस रोशनी ही रोशनी। ऐसा कोई घर नहीं था जहां दीया नहीं जला हो। इसलिये आज तक दिवाली में रोशनी करके हम खुशी मनाते हैं।

दिवाली की अन्य कथाएं

1 - एक बार एक राजा था। ज्योतिषि ने उनका भविष्य बताते हुए कहा कि अमावस्य की रात को तुम्हारा अभाग्य सांप के रुप में आएगा। इसलिये राजा ने सभी को आदेश दिया कि इस दिन वो सारे शहर को प्रकाशित करें। राजा की पत्नी भी पूरी रात सर्प देवता का गुणगान कर रही थी कि अचानक जहां राजा सोया था वहां का दीपक बुझ गया और सांप ने उसे डंस लिया। राजा की मौके पर ही मृत्यु हो गई। रानी लगातार सर्प देवता का गुणगान कर रही थी, इस पर खुश होकर सर्प देव ने रानी से कोई वर मांगने को कहा। इस पर रानी ने राजा का जीवनदान मांगा। सर्प देवता राजा के

प्राण वापस लाने के लिए यम के पास गए। राजा का जीवनमंत्र पढ़ा गया तो शून्य नंबर दिखाई दिया। जिसका तात्पर्य हुआ कि राजा पृथ्वी पर अपना जीवन समाप्त कर चुका है। लेकिन सांप ने बड़ी चतुराई से आगे सात नंबर डाल दिया। जब यम ने पत्र देखा तो कहा, लगता है कि मृत शरीर को अपने जीवन के 70 साल और देखना है। जल्दी से इसे वापस ले जाओ। सर्प देव राजा की आत्मा को वापस ले आए। राजा के प्राण वापस आने पर पूरी प्रजा ने रोशनी जलाकर खुशी मनाई।


2 -  जब देवताओं और राक्षसो द्वारा समुन्द्र मंथन चल रहा था तब कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी क्षीरसागर(दूध का लौकिक सागर) से ब्रह्माण्ड मे आई थी तभी से माता लक्ष्मी के जन्मदिन की उपलक्ष्य में दीपावली का त्यौहार मनाया गया।


3 - नरकासुर एक पापी राजा था। उसे वर मिला हुआ था कि वो सिर्फ मां भूदेवी के हाथों ही मारा जाएगा। इसलिये नरकासुर ने स्वर्ग लोक पर अत्याचार करना शुरू कर दिये। सभी देवता भगवान कृष्ण के पास गए। भगवान  कृष्ण अपनी पत्नी सत्यभामा जो कि भूदेवी का पुनर्जन्म थीं  उन्हें  रथ में लेकर नरकासुर से युद्ध करने जा पहुंचीं। नरकासुर ने एक तीर मारा जो कि श्रीकृष्ण को लगा। सत्यभामा इससे गुस्से में आ गईं। सत्यभामा ने तीर से नरकासुर का वध कर दिया। असुर के मारे जाने पर सभी लोगों ने खुशियां मनाईं।

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Diwali Greetings - Deepali Greetings

Diwali Greetings - Deepali Greetings  

Diwali Greetings - Deepali Greetings

May the diyas light lead you onto the road of growth and prosperity. Happy Diwali!

 This Diwali illuminates your life with lights and colours. Have a Safe and Green Diwali!!

 May the lamps of Diwali brighten your life and Rangoli add more hues to your life. Have a Happy Diwali!

 Wish you all a very very happy diwali and hope that every person transforms from the darkness to happiness.

 Let's celebrate the festival in the true sense by spreading joy and light up the world of others. Have a happy, safe and blessed Diwali!

 Wishing you a gleam of diyas, echo of holy chants, contentment and happiness today, tomorrow and forever. Have a happy and prosperous Diwali!

 Wishing the goodness of this festive season dwells within you and stays throughout the year. Happy Diwali!

 Let celebrate the festival in the true sense by spreading joy and light up the world of others. Have a happy, safe, and blessed Diwali!

 With the shining of diyas and the echoes of the chants, may prosperity and happiness of this festival of lights fill our lives.

 May the festival of joy become more beautiful for you and family. All your new ventures get success and progress. Happy Diwali!

 Let each diya you light bring a glow of happiness on your face and enlighten your soul. Happy Diwali!

 Wishing the goodness of this festive season dwells within you and stays throughout the year. Happy Diwali!!

 Deepavali ke paavan avsar par aapko aur aapke samast parivar ko dheron shubh kamnayein.

 As Lord Ram returned to Ayodhya on this day bringing back joy, happiness and fervour, here's wishing the same happiness fills your life this day. Happy Deepavali!

 The festival of lights brings happiness and positivity. May the Goddess shower you with everything you need on this auspicious day. Happy Diwali!

 You make my world bright with love on Diwali. I wish that this warmth remains forever and adds serenity to our life. Happy Diwali

 Let's make this Diwali joyous and bright, Let's celebrate in true sense this festival of light. Happy Deepawali

 Let's celebrate the festival in the true sense by spreading joy and light up the world of others. Have a happy, safe and blessed Diwali!

 Happiness is in the air. It's Diwali everywhere. Let's show some love, care and wish everyone out there. Shubh Diwali

 May you get prosperity and fortune on this auspicious and pious occasion of Diwali.

 With all its charms the glow of candles, the warmth of loved one the laughter shared, and moments that are cherished time and again. Diwali ki Shubhkamnaye

 Wishing the goodness of this festive season dwells within you and stays throughout the year. Happy Diwali!

 For this special time family and friends get together for fun. Wishing laughter and fun to cheer your days, in this festive season of diwali and always. Happy Diwali...

 Thank you for the light and prosperity you bring into my life. Have a joyful Diwali!

 A festival full of sweet childhood memories, a sky full of fireworks, a mouth full of sweets, a house full of diyas and a heart full of joy. Wishing you all a very happy Diwali!

 Let each diya you light bring a glow of happiness on your face and enlighten your soul. Happy Diwali!

 Let us keep Diwali holding it close to our hearts for its meaning never ends and its spirit is the warmth and joy of remembering friend

 May the joy, cheer, mirth and merriment of this divine festival surround you forever. May the happiness that this season brings

 Paying respects to the gods and decorating for them the thali. This is what the occasion is all about. This is the spirit of Deepavali

 Shine like sparkles, glow like candles and burn all the negativity like crackles. Wish you all a very lovely & cheerful Diwali

 Deepo se jagmag hai sara sansar, Aaya hai umeedon bhara tyoharon. Diwali ki hardik shubhkamnaen.

 Sukh samridhi se bhar jaaye aap ka sansar, Mubarak ho aapko Diwali ka tyohar. Happy Diwali.

 Prajwalit hain deep hazaar, Diwali Lekar aayi hai Khushiyon Ki Bahar. Prakash ke tyohar ki aapko Hardik shubhkamnaye Diwali. Happy Diwali

 Roshan ho jaye har ghar, har galiyara, Har Sapna Sach Ho Tumhara. Shubh Dipawali

 Jyoti Parv ke jyot aapke man ke tamas ko Dur bhagaen, ls Diwali ishwar Swayam aapke ghar aaye! Happy Diwali

 Muskurakar deep Jalana, Khushiyon ko Gale lagana, Ye Diwali sabke Sath manana. Shubh deepawali

 Aapke Jeevan se har dukh door ho Jaae Dua hai hamari ki aapki har dua Qubool ho Jae.

 Deepavali ka pawan tohar, lekar aayi aapke jeevan mein khushiyan appar. samridhi padhare aapke dwar, Saare spne ho aapke saakar. Wish you a very Happy Diwali !

 Deepo ka tyohar Sath Lekar Aaya Khushiyon Ki saugat, Mubarak ho aapko deepon se saji ye raat. Happy Diwali

 Aaya hai parv khushiyon ka, ujale ka, umeedon ka! Bana rahe aap pr sada aashirvaad maa lakshmi ka. Shubh deepawali

 The festival of lights becomes more beautiful with the diyas around. Wishing you all the best for the new beginnings in your life. Happy Diwali

 May the gleaming diyas and glowing candles bless you with utmost happiness in your life. Happy Diwali.

 May the arrival of diwali bring the arrival of happiness in your life. Thereby taking you towards the path of abundance. Happy Diwali.

 May goddess Saraswati bless you with thorough knowledge of life and its meaning thereby enlightening your heart and soul. Happy Diwali

 May the goodness of the festive season bless your soul and stay with you throughout your life. Shubh Diwali

 Let us celebrate the festival in its true sense by making others smile. Have a safe diwali and spread happiness around. Happy Diwali

 Follow the light of the diyas to find your road towards growth and success. Happy Diwali.

 May the sweets of diwali tie strong bonds of love and trust with your friends and relatives. Sending abundance to you. Happy Diwali.

 Start a new year with positive thoughts and the blessings of the almighty. Wish you a very Happy Diwali.

 May Lord Ganesha take away all your sorrows and bless you with all the bounty. wishing you and your family a joyful diwali.

 May Goddess Lakshmi top up your life with peace, Joy, serenity, felicity and bring utmost rejoice in your life. May you always be blessed. Wish you a jovial Diwali.


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