लक्ष्मी पूजा - पूजा विधि II Lakshmi Puja - Worship Method
लक्ष्मी पूजा, जिसे दीपावली के अवसर पर विशेष रूप से मनाया जाता है, देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए की जाती है। देवी लक्ष्मी धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मानी जाती हैं। इस दिन विशेष मुहूर्त में पूजा करना और सही विधि से पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आइए, लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त और पूजा विधि को विस्तार से समझते हैं।
लक्ष्मी पूजा का महत्व
लक्ष्मी पूजा का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक है। यह पर्व समृद्धि, सुख और धन की देवी लक्ष्मी के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का अवसर है। दीपावली के दिन, लोग अपने घरों को साफ करते हैं, सजाते हैं और देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। यह दिन केवल धन की देवी के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए भी महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त हर वर्ष बदलता है, लेकिन यह आमतौर पर दीपावली के दिन मनाया जाता है, जो कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा की सामग्री
लक्ष्मी पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
1. **दीपक**: मिट्टी के दीपक या इलेक्ट्रिक दीये।
2. **गुलाब के फूल**: देवी लक्ष्मी को प्रिय होते हैं।
3. **चावल**: अक्षत के रूप में।
4. **कमल का फूल**: देवी का प्रतीक।
5. **दही**: शुद्धता के लिए।
6. **हल्दी, कुमकुम**: पूजा में लगाई जाती है।
7. **शक्कर, फल**: नैवेद्य के लिए।
8. **गंध, अगरबत्ती**: सुगंधित वातावरण के लिए।
9. **पंचामृत**: दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण।
10. **श्रीफल**: नारियल या फल।
11. **नवग्रह के प्रतीक**: यदि संभव हो तो।
लक्ष्मी पूजा की विधि
लक्ष्मी पूजा की विधि निम्नलिखित चरणों में की जाती है:
1. **स्थान की तैयारी**
पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें। इस स्थान को अच्छे से साफ करें और उस पर लाल या पीली रंग का कपड़ा बिछाएं।
पूजा स्थान को सुगंधित करने के लिए अगरबत्ती जलाएं।
2. **दीपक लगाना**
पूजा स्थल पर दीपक रखें और उनमें घी या तेल डालकर उन्हें जलाएं।
चारों ओर दीप जलाकर घर के दरवाजे और खिड़कियों पर रखें, ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत हो सके।
3. **मंडल बनाना**
पूजा स्थल पर चावल से एक मंडल बनाएं। इसे एक चौकोर या गोल आकार में बनाया जा सकता है।
चावल के बीच में देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें।
4. **अवभगति (पवित्रता)**
देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्नान कराएं और फिर उसे शुद्ध जल से धोकर सुखाएं।
फिर उस पर हल्दी, कुमकुम और फूलों की माला चढ़ाएं।
5. **नैवेद्य चढ़ाना**
देवी को फल, मिठाई, और पंचामृत अर्पित करें।
मिठाई के रूप में गुलाब जामुन, लड्डू या काजू कतली का प्रयोग करें।
6. **आरती और मंत्र**
आरती करने से पहले, लक्ष्मी माता के निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
**मंत्र**: "ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः"
इसके बाद माता की आरती करें।
आरती के दौरान दीपक को चारों ओर घुमाएं और सभी उपस्थित लोगों को आरती का लाभ लेने दें।
7. **प्रसाद वितरण**
पूजा के बाद, जो भी सामग्री देवी को अर्पित की गई थी, उसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।
परिवार के सभी सदस्य इस प्रसाद को ग्रहण करें।
8. **संध्या समय पूजा**
संध्या समय फिर से दीप जलाकर लक्ष्मी जी का ध्यान करें और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
इस समय घर के सभी लोग एकत्रित होकर लक्ष्मी माता से आशीर्वाद लें।
लक्ष्मी पूजा के बाद
पूजा के बाद, घर के सभी सदस्य मिलकर अपने घर को रोशनी से भरें। दीप जलाने के बाद, सभी को एक साथ बैठकर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर रंगोली बनाना और फूलों की सजावट करना न भूलें।
विशेष ध्यान
- पूजा के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मकता का संचार करें।
- इस दिन कोई भी नकारात्मक कर्म न करें और संकल्प लें कि आप अपने जीवन में अच्छे कर्म करेंगे।
निष्कर्ष
लक्ष्मी पूजा न केवल देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का साधन है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस पूजा के माध्यम से हम अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं। सही मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करके और विधि का पालन करके हम अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।
इस प्रकार, लक्ष्मी पूजा का आयोजन करते समय सभी बातों का ध्यान रखें और अपने मन में श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी लक्ष्मी का स्वागत करें।
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