भारत में महिलाओं की आबरू और सामाजिक संस्कृति को बचाने के लिए बॉलीवुड और वेब सीरीज़ का बहिष्कार एक कारगर समाधान हो सकता है। आजकल की फ़िल्में और वेब सीरीज़, विशेषकर ओटीटी प्लेटफार्मों पर, अक्सर अभद्रता, अश्लीलता, और हिंसा को बढ़ावा देती हैं। इन माध्यमों में महिलाओं को वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिससे समाज में उनके प्रति गलत मानसिकता विकसित होती है। यह प्रवृत्ति युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है और उनकी मानसिकता को विकृत कर रही है।
बॉलीवुड में पहले के समय की फ़िल्मों में नैतिकता, पारिवारिक मूल्य और समाज की सकारात्मक छवि को दिखाया जाता था। लेकिन वर्तमान समय में इसका स्वरूप काफी बदल चुका है। अब फ़िल्में और वेब सीरीज़ में ऐसे विषयों पर अधिक जोर दिया जा रहा है जो न सिर्फ अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज की सोच को भी कमजोर बनाते हैं। ऐसे में इनका बहिष्कार करके हम अपने समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए, यह आवश्यक है कि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को महत्व दें। भारतीय संस्कृति हमेशा से महिलाओं को देवी स्वरूप मानकर उनकी पूजा करती आई है। लेकिन आज का मनोरंजन उद्योग भारतीय मूल्यों को दरकिनार कर विदेशी संस्कृति का अंधानुकरण कर रहा है, जो समाज में नैतिक गिरावट का कारण बन रहा है।
बॉलीवुड और वेब सीरीज़ के बहिष्कार से, हम उन लोगों को यह संदेश दे सकते हैं कि भारतीय समाज महिलाओं का सम्मान करता है और उसे किसी भी प्रकार की अभद्रता या अश्लीलता स्वीकार नहीं है। इसके अलावा, हमें अपनी युवा पीढ़ी को सही दिशा दिखाने के लिए अपने पारंपरिक साहित्य, लोककथाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए, जो हमारी सामाजिक संस्कृति को मज़बूत बनाते हैं।
निष्कर्षतः, अगर हम सच में महिलाओं की आबरू और सामाजिक संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं, तो हमें मनोरंजन के इन माध्यमों से दूर रहकर अपने मूल्यों को संजोना होगा। इससे न केवल महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा, बल्कि समाज भी एक सशक्त और संस्कारवान दिशा में आगे बढ़ेगा।
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