प्रकृति ने हमें बेशकीमती खजानों से नवाजा है
इतना सब होने के बावजूद भी यदि आप किसी मासूम बेजुबान पशु की लाश खाते हैं तो आपको मनुष्य कहलाने का कोई हक नहीं
मानवता किसी की पीड़ा महसूस करके उसे हर लेने का नाम है, जीभ के स्वाद के लिए किसी मासूम बेजुबान पशु की लाश खाने का नहीं
जय पशुपति नाथ की
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