चाकलेट ह्रदय, मस्तिष्क, मन व बुद्धि पर विपरीत प्रभाव डालता है | इसका सेवन कई घातक बीमारियों का कारण है | इसमें पाये जानेवाले हानिकारक तत्त्व है :
(१) कैफीन : व्यक्ति को चाकलेट खाने के अधीन करता है | इससे चित्त अधिक विचलित होता है | नींद बिगड़ती है | सिरदर्द व आँतों के विकार उत्पन्न होते है | ह्रदय, रक्त-संचरण, ग्रंथियों से संबंधित तकलीफें, तंत्रिका-विकार, अस्थि-भंगुरता (osteoporosis), महिलाओं में प्रसव-संबंधी तकलीफें तथा अन्य रोग होते हैं|
(२) सीसा ( Lead ) : यह एक अत्यंत हानिकारक खनिज है, जो बोद्धिक विकास रोकता है | इससे बुद्धि -गुणांक ( IQ ) कम होता है | ह्रदय की गति में अतिरिक्त वृद्धी होती है |
(३) थियोब्रोमाइन : असामान्य ग्रंथि-वृद्धि, अवसाद, बेचैनी, अनिंद्रा, पाचनतंत्र के रोग और खुजली जैसे कई रोग होते हैं |
(४) वेसोएक्टिव एमाइन्स : मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को प्रसारित कर सिरदर्द कराते हैं |
(५) सेच्युरेटेड फेट्स व अतिरिक्त शर्करा : कोलेस्ट्राल व ब्लडप्रेशर बढ़ाते हैं | ह्रदय की रक्तवाहिनियों को अवरुद्ध कर ह्रदयरोग उत्पन्न करते हैं | इनसे मोटापा, दाँतों के रोग व कील-मुंहासे होते हैं |
(६) थियोफालीन : पेट की तकलीफें व तंत्रिका-विकार होते हैं |
( ७) टिरपटोंफेन : शुरू में ख़ुशी व स्फूर्ति का एहसास दिलाकर बाद में थकाता है | अत: हानिकारक द्रव्यों से युक्त ऐसे चाकलेट का सेवन करने की अपेक्षा स्वास्थ्य, बुद्धि व बलवर्धक तुलसी-गोलियों का सेवन करें |
(१) कैफीन : व्यक्ति को चाकलेट खाने के अधीन करता है | इससे चित्त अधिक विचलित होता है | नींद बिगड़ती है | सिरदर्द व आँतों के विकार उत्पन्न होते है | ह्रदय, रक्त-संचरण, ग्रंथियों से संबंधित तकलीफें, तंत्रिका-विकार, अस्थि-भंगुरता (osteoporosis), महिलाओं में प्रसव-संबंधी तकलीफें तथा अन्य रोग होते हैं|
(२) सीसा ( Lead ) : यह एक अत्यंत हानिकारक खनिज है, जो बोद्धिक विकास रोकता है | इससे बुद्धि -गुणांक ( IQ ) कम होता है | ह्रदय की गति में अतिरिक्त वृद्धी होती है |
(३) थियोब्रोमाइन : असामान्य ग्रंथि-वृद्धि, अवसाद, बेचैनी, अनिंद्रा, पाचनतंत्र के रोग और खुजली जैसे कई रोग होते हैं |
(४) वेसोएक्टिव एमाइन्स : मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को प्रसारित कर सिरदर्द कराते हैं |
(५) सेच्युरेटेड फेट्स व अतिरिक्त शर्करा : कोलेस्ट्राल व ब्लडप्रेशर बढ़ाते हैं | ह्रदय की रक्तवाहिनियों को अवरुद्ध कर ह्रदयरोग उत्पन्न करते हैं | इनसे मोटापा, दाँतों के रोग व कील-मुंहासे होते हैं |
(६) थियोफालीन : पेट की तकलीफें व तंत्रिका-विकार होते हैं |
( ७) टिरपटोंफेन : शुरू में ख़ुशी व स्फूर्ति का एहसास दिलाकर बाद में थकाता है | अत: हानिकारक द्रव्यों से युक्त ऐसे चाकलेट का सेवन करने की अपेक्षा स्वास्थ्य, बुद्धि व बलवर्धक तुलसी-गोलियों का सेवन करें |
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